Leeladhar Jagudi Ka Jivan Parichay : लीलाधर जगूड़ी एक शिक्षक, संपादक और हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि हैं। जगूड़ी ने 1960 के दशक में हिंदी कविता को एक नई पहचान दी है। ‘जितने लोग उतने प्रेम’ 21वीं सदी की नई काव्य-भाषा का ही प्रतिफल है। इस काव्य संग्रह के लिए उन्हें वर्ष 2018 में प्रतिष्ठित व्यास सम्मान से सम्मानित किया गया था। वहीं ‘अनुभव के आकाश में चाँद’ काव्य-संग्रह को वर्ष 1997 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ प्रदान किया गया था। बता दें कि उन्होंने अनुपम काव्य कृतियों का सृजन करने के साथ ही कई पत्रिकाओं का संपादन भी किया है। उनकी कविताओं के अनेक देशी और विदेशी भाषाओं में अनुवाद हुए हैं।
लीलाधर जगूड़ी को हिंदी साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में पद्म श्री पुरस्कार से अलंकृत किया गया था। आपको बता दें कि लीलाधर जगूड़ी की रचनाओं को बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं, बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी लीलाधर जगूड़ी का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी का जीवन परिचय (Leeladhar Jagudi Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | लीलाधर जगूड़ी (Leeladhar Jagudi) |
जन्म | 1 जुलाई, 1940 |
जन्म स्थान | धंगण गाँव, टिहरी, उत्तराखंड |
शिक्षा | एम.ए हिंदी |
पेशा | कवि, लेखक, प्रशासनिक अधिकारी |
भाषा | हिंदी |
साहित्य काल | आधुनिक काल |
विधाएँ | कविता, साक्षात्कार |
मुख्य रचनाएँ | ‘अनुभव के आकाश में चाँद’, ‘जितने लोग, उतने प्रेम’, ‘घबराए हुए शब्द’ व ‘शंखमुखी शिखरों पर’ |
पुरस्कार एवं सम्मान | पद्म श्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान व रघुवीर सहाय सम्मान आदि। |
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उत्तराखंड के टिहरी जिले में हुआ था जन्म – Leeladhar Jagudi Ka Jivan Parichay
हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी का जन्म 1 जुलाई, 1940 को उत्तराखंड के टिहरी जिले में धंगण नामक गाँव में हुआ था। बताया जाता है कि लीलाधर जगूड़ी ने राजस्थान और उत्तर प्रदेश के अलावा अनेक प्रान्तों और शहरों में कई प्रकार की जीविकाएँ करते हुए शालाग्रस्त शिक्षा के अनियमित क्रम के बाद हिंदी साहित्य में एम.ए किया था।
विस्तृत रहा कार्यक्षेत्र
लीलाधर जगूड़ी ने शिक्षा के उपरांत भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल में सिपाही की नौकरी की थी। लेकिन लिखने-पढ़ने की उत्कट चाह के कारण उन्होंने फौज की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। लेकिन परिवार की ख़राब आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें सरकारी जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक की नौकरी करनी पड़ी। इसके बाद पब्लिक सर्विस कमीशन, उत्तर प्रदेश से चयनोपरान्त उत्तर प्रदेश की सूचना सेवा में उच्च अधिकारी बने। यहाँ से सेवानिवृत होने के बाद उन्होंने नए राज्य उत्तराखंड में सूचना सलाहकार के रूप में कार्य किया। वे उत्तराखंड के संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के प्रथम उपाध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा वह ‘उत्तरांचल दर्शन’ के प्रथम संपादक भी रहे।
लीलाधर जगूड़ी ने ‘उत्तर प्रदेश’ मासिक और राजस्थान के शिक्षक-कवियों के कविता-संग्रह ‘लगभग जीवन’ का संपादन किया। साथ ही प्रौढ़ शिक्षा के लिए ‘हमारे आखर’ तथा ‘कहानी के आखर’ के लिए लेखन कार्य किया।
लीलाधर जगूड़ी की रचनाएँ – Leeladhar Jagudi ki Rachnaye
लीलाधर जगूड़ी ने आधुनिक हिंदी कविता को एक नया रूप प्रदान किया है। उन्होंने हिंदी साहित्य में मुख्यतः काव्य सृजन किया है लेकिन उनकी कुछ गद्य रचनाएँ भी मिलती हैं। यहाँ लीलाधर जगूड़ी की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। जो कि इस प्रकार हैं :-
काव्य-संग्रह
- शंखमुखी शिखरों पर
- नाटक जारी है
- इस यात्रा में
- रात अब भी मौजूद है
- अनुभव के आकाश में चाँद
- महाकाव्य के बिना
- ईश्वर की अध्यक्षता में
- बची हुई पृथ्वी
- घबराए हुए शब्द
- भय भी शक्ति देता है
- ख़बर का मुँह विज्ञापन से ढका है
- जितने लोग
- उतने प्रेम
- कविता का अमरफल
साक्षात्कार
- मेरे साक्षात्कार
- प्रश्न व्यूह में प्रज्ञा
पुरस्कार एवं सम्मान
लीलाधर जगूड़ी (Leeladhar Jagudi Ka Jivan Parichay) को हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं :-
- लीलाधर जगूड़ी को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2004 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म श्री’ (Padma Shri) से सम्मानित किया गया था।
- ‘अनुभव के आकाश में चाँद’ कविता-संग्रह के लिए लीलाधर जगूड़ी को वर्ष 1997 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ (Sahitya Akademi Award) प्रदान किया गया था।
- लीलाधर जगूड़ी को ‘जितने लोग उतने प्रेम’ कविता-संग्रह के लिए वर्ष 2018 में प्रतिष्ठित ‘व्यास सम्मान’ से नवाजा गया था।
- रघुवीर सहाय सम्मान
- भारतीय भाषा परिषद, कलकत्ता का सम्मान
लीलाधर जगूड़ी की कविताएँ – Leeladhar Jagudi Poems
यहाँ लीलाधर जगूड़ी की कुछ लोकप्रिय कविताएँ इस प्रकार हैं :-
पहले एक चाँद जरुरी है
एक आकाश पहाड़ की चोटी पर
एक गड्ढे में
आकाश दोनों हैं
फर्क चाँद सितारों का है
पहली बार यहाँ तलैया थी
दो चाँद दिखे थे
प्लेट और परात में भी
दिख सकता है चाँद
अगर पानी हो
पानी हो और चाँद न हो तो?
चाँद दो भी हो सकते हैं और दस भी
पर अनुभव के आकाश में
पहले एक चाँद जरूरी है
तभी दिखेगा कोई चाँद
अनुभव के पाताल में भी
कहीं एक चाँद जरूरी है
चार चाँद लगाने के लिए
क्योंकि जो छोटा हो और बड़ा हो जाय
बड़ा हो जाने पर भी छोटा हो जाय
जो होते हुए भी गायब रह सके
और गायब रहकर भी चमक जाय
अनुभव के पाताल के लिए भी
अनुभव के आकाश में
पहले एक चाँद जरूरी है।
– लीलाधर जगूड़ी
कई बार
एक जीना जग जाहिर
एक जीना चुपचाप
दो-दो प्रकार से जीना पड़ता है एक जीवन
कई बार
अकस्मात एक दिन खत्म होने से पहले
अंजुली भर पानी में
सिकुड़ते आकाश की तड़प की तरह
जीना और समाना पड़ता है कई बार
रिसना पड़ता है उड़ जाना पड़ता है
छीजना पड़ता है कई बार
मिट्टी के गुण का शिकार
हवा के गुण का शिकार
पानी के गुण का शिकार
जीवन में जीवन का शिकार होना पड़ता है
– लीलाधर जगूड़ी
अपने अंदर से बाहर आ जाओ
हर चीज यहाँ किसी न किसी के अंदर है
हर भीतर जैसे बाहर के अंदर है
फैल कर भी सारा का सारा बाहर
ब्रह्मांड के अंदर है
बाहर सुंदर है क्योंकि वह किसी के अंदर है
मैं सारे अंदर बाहर का एक छोटा सा मॉडल हूँ
दिखते-अदिखते प्रतिबिंबों से बना
अबिंबित जिसमें
किसी नए बिंब की संभावना-सा ज्यादा सुंदर है
भीतर से यादा बाहर सुंदर है
क्योंकि वह ब्रह्मांड के अंदर है
भविष्य के भीतर हूँ मैं जिसका प्रसार बाहर है
बाहर देखने की मेरी इच्छा की यह बड़ी इच्छा है
कि जो भी बाहर है वह किसी के अंदर है
तभी वह सँभला हुआ तभी वह सुंदर है
तुम अपने बाहर को अंदर जान कर
अपने अंदर से बाहर आ जाओ।
– लीलाधर जगूड़ी
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ हिंदी के प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी का जीवन परिचय (Leeladhar Jagudi Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं :-
FAQs
उनका जन्म 1 जुलाई, 1940 को उत्तराखंड के टिहरी जिले में धंगण नामक गाँव में हुआ था।
उन्हें ‘जितने लोग उतने प्रेम’ कविता-संग्रह के लिए वर्ष 2018 में प्रतिष्ठित ‘व्यास सम्मान’ से नवाजा गया था।
घबराए हुए शब्द, लीलाधर जगूड़ी का लोकप्रिय कविता संग्रह है।
यह लीलाधर जगूड़ी का बहुचर्चित कविता संग्रह है।
आशा है कि आपको हिंदी के प्रसिद्ध कवि लीलाधर जगूड़ी का जीवन परिचय (Leeladhar Jagudi Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।