23 मार्च शहीद दिवस पर भाषण:शहीद दिवस पर 100 200 और 300 शब्दों में भाषण 

1 minute read
23 मार्च शहीद दिवस पर भाषण

23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगत सिंह ने अपने अन्य दो साथियों सुखदेव और राजगुरु के साथ देश के लिए कुर्बानी दी थी। 23 मार्च के दिन ही अंग्रेजों ने भारत के तीनों क्रांतिकारी सपूतों भगत सिंह राजगुरु और सुखदेव के साथ फांसी की सजा दी थी। भारत के इन वीर क्रांतिकारियों की याद में ही शहीद दिवस मनाया जाता है। यहाँ शहीद दिवस पर 100 200 और 300 शब्दों में निबंध दिए जा रहे हैं।  

शहीद दिवस पर 100 शब्दों में भाषण 

यहाँ शहीद दिवस पर 100 शब्दों में भाषण दिया जा रहा है : 

आदरणीय गुरुजन एवं मेरे प्यारे साथियों, 

आज का दिन शीद दिवस है। इस दिन हम अपने वीर सपूतों को याद करते हैं। इस दिन हम अपने वीर सपूतों को याद करते हैं, जिन्होंने देश के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया। 

इन वीर शहीदों में भगत सिंह,राजगुरु और सुखदेव का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। ये तीन वीर क्रांतिकारी देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए। इन वीरों के बलिदान के कारण ही आज हम एक स्वतंत्र देश में रह रहे हैं। 

आओ हम इन वीरों को श्रद्धांजली दें और उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प लें। 

यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमें अपने देश के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और कभी भी अन्याय और अत्याचार के विरूद्ध आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटना चाहिए। 

जय हिन्द 

यह भी पढ़ें : भगत सिंह के विचार

शहीद दिवस पर 200 शब्दों में भाषण

यहाँ शहीद दिवस पर 200 शब्दों में भाषण दिया जा रहा है : 

आदरणीय शिक्षक गण, माननीय अतिथि, और मेरे प्यारे साथियों,

आज हम शहीद दिवस मना रहे हैं, जो उन वीरों को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने देश की आजादी और प्रगति के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। 23 मार्च, 1931 को, भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए फांसी दी गई थी। इन वीरों ने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया। 

आज हमारे देश के सामने कई चुनौतियां हैं। हमें इन चुनौतियों का सामना करने के लिए एकजुट होकर काम करना होगा।

23 मार्च, भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जो शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन वीरों को याद करने के लिए समर्पित है जो अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। इस दिन की महत्ता उनके बलिदान को स्मरण करने के लिए है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने सर्वोच्च परिपूरक के रूप में उभरे।

यह दिन भारतीयों को उन वीरों का श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एक अवसर प्रदान करता है, जो अपने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन को बलिदान किया। इस दिन को समर्पित करने से हम उनकी वीरता, समर्पण और पराक्रम को स्मरण करते हैं, और उनके साहसिक कार्यों को सराहते हैं। यह एक उत्कृष्ट अवसर है जब हम स्वतंत्रता संग्राम के वीर सपूतों को सलामी अर्पित करते हैं और उनके योगदान को सम्मानित करते हैं।

इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाने के माध्यम से, हम नए पीढ़ियों को इस देश के वीर संतानों के साथ उनके अदम्य साहस और बलिदान के प्रति समर्पित करते हैं, जिससे उनका योगदान किया गया है। यह एक समाज को सशक्त और संघर्षशील बनाने का संकेत है, जो अपने देश की रक्षा और सुरक्षा में पूरी तरह से समर्पित है।

इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाने के माध्यम से, हम नए पीढ़ियों को इस देश के वीर संतानों के साथ उनके अदम्य साहस और बलिदान के प्रति समर्पित करते हैं, जिससे उनका योगदान किया गया है। यह एक समाज को सशक्त और संघर्षशील बनाने का संकेत है, जो अपने देश की रक्षा और सुरक्षा में पूरी तरह से समर्पित है।

आइए हम शहीदों के बलिदान को याद करते हुए, देश के विकास और समृद्धि के लिए अपना योगदान दें।

जय हिंद!

शहीद दिवस पर 300 शब्दों में भाषण

यहाँ शहीद दिवस पर 300 शब्दों में भाषण दिया जा रहा है : 

प्रिय साथियों,

आज हम सभी यहाँ एक महत्वपूर्ण और गौरवशाली अवसर पर इकट्ठे हुए हैं – 23 मार्च, शहीद दिवस के रूप में। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी आज़ादी के लिए कितने लोगों ने अपने जीवन का बलिदान किया। यह एक दिवस है जिसमें हम उन वीरों को समर्पित करते हैं जिन्होंने हमें स्वतंत्रता की इस अनमोल उपहार को दिया।

शहीद दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारी स्वतंत्रता के लिए जब कोई भी आवाज उठती है, हमें उसे समर्थन देना चाहिए। हमें समझना चाहिए कि स्वतंत्रता का मूल्य क्या है और हमें उसे किस प्रकार से प्राप्त किया जाता है। हमें इस शहीद दिवस को एक अवसर के रूप में नहीं, बल्कि एक संकेत के रूप में देखना चाहिए, जो हमें हमारे वीर शहीदों के त्याग की महत्ता को समझाता है।

इस दिन, हमें यह भी सोचना चाहिए कि क्या हमने अपने देश के लिए कुछ किया है, क्या हमने उन वीरों के समर्थन में कुछ किया है जिन्होंने हमें यह स्वतंत्रता दी है। हमें उनका समर्थन करना चाहिए, उनके सपनों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए और हमें अपने देश के प्रति अपनी निष्ठा को पुनः साबित करना चाहिए।

आज, हम उन वीरों को याद करते हैं जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान कर हमें एक स्वतंत्र, सुरक्षित और समृद्ध देश में जीने का मौका दिया। हम उनके त्याग, समर्पण और पराक्रम को सम्मानित करते हैं और उनके सपनों को पूरा करने का प्रतिबद्ध रहते हैं।

शहीद दिवस हमें उन अदम्य व्यक्तियों को याद दिलाता है जो अपने देश के लिए जीवन की कुर्बानी देते हैं। उन्होंने न केवल अपने जीवन की आहुति दी, बल्कि हमें भी एक स्वतंत्र और समृद्ध भारत के लिए प्रेरित किया। उनका त्याग हमें अपने कर्तव्यों के प्रति समर्थ बनाता है।

शहीद दिवस हमें याद दिलाता है कि हमें अपने वीरों के बलिदान का सम्मान करना चाहिए और उनके साहस, समर्पण, और पराक्रम को सराहना करना चाहिए। यह भी एक अवसर है कि हम समृद्ध और समर्थ भारत के लिए प्रतिबद्ध रहें।

आज, हम उन वीरों को याद करते हैं जो हमें इस महान देश की स्वतंत्रता का अद्वितीय उपहार देने के लिए अपने जीवन की आहुति दी।

आइए हम शहीदों के बलिदान को याद करते हुए, देश के विकास और समृद्धि के लिए अपना योगदान दें।

जय हिंद!

FAQs 

शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?

23 मार्च को क्रांतिकारी भगत सिंह और उनके साथियों को देश के लिए स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने के लिए अंग्रेजों के द्वारा फांसी दी गई थी। उन्हें वीर शहीदों की स्मृति में 23 मार्च को शहीद दिवस मनाया जाता है।  

भगत सिंह को फांसी की सजा क्यों दी गई?

भगत सिंह पर ब्रिटिश शासन के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में मुकदमा चलाया गया था. उन्हें राजगुरु और सुखदेव के साथ 19 मार्च 1931 को फांसी दे दी गई थी. भगत सिंह को पहले अंग्रेजों ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी, लेकिन बाद में एक ‘मनगढ़ंत मामले’ में आरोपी बनाते हुए फांसी की सुना दी। 

किसकी मृत्यु के बाद से शहीद दिवस मनाया जाता है?

भगत सिंह और उनके साथियों सुखदेव और गुरुदत्त की शहादत की याद में शहीद दिवस मनाया जाता है। 

आशा है कि आपको 23 मार्च शहीद दिवस पर भाषण  की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*