Lal Krishna Advani Ka Jivan Parichay : भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। लालकृष्ण आडवाणी को वर्ष 2024 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया है। उन्हें संसद के सदस्य के रूप में 8 बार चुना गया था। इसके साथ ही वह लंबे समय तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी हैं, जिसमें ‘माई कंट्री माई पीपुल’ (आत्मकथा), ‘नजरबंद लोकतंत्र’, ‘अ प्रिज़नर्स स्क्रैपबुक’ और ‘ऐज आई सी इट’ प्रमुख हैं। आइए अब इस लेख में लालकृष्ण आडवाणी का जीवन परिचय (Lal Krishna Advani Ka Jivan Parichay) और उनके कार्यों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) |
जन्म | 8 नवंबर, 1927 |
जन्म स्थान | सिंध प्रांत, पाकिस्तान |
शिक्षा | मुंबई विश्वविद्यालय |
पिता का नाम | किशन चंद आडवाणी |
माता का नाम | ज्ञानी देवी आडवाणी |
पत्नी का नाम | कमला आडवाणी |
संतान | प्रतिभा (पुत्री), जयंत (पुत्र) |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) |
धारित पद | पूर्व गृह मंत्री व पूर्व उप-प्रधानमंत्री (1999-2004) |
पुस्तकें | ‘माई कंट्री माई पीपुल’ (आत्मकथा), ‘नजरबंद लोकतंत्र’, ‘अ प्रिज़नर्स स्क्रैपबुक’ व ‘ऐज आई सी इट’ आदि। |
पुरस्कार एवं सम्मान | पद्म विभूषण (वर्ष 2015), भारत रत्न (वर्ष 2024) |
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पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था जन्म – Lal Krishna Advani Ka Jivan Parichay
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को ब्रिटिश भारत के सिंध प्रांत (वर्तमान सिंध प्रांत, कराची, पाकिस्तान) में हुआ था। इनके पिता का नाम किशन चंद आडवाणी और माता का नाम ज्ञानी देवी आडवाणी था। लालकृष्ण आडवाणी की प्रारंभिक शिक्षा कराची के मशहूर सेंट पैट्रिक स्कूल में हुई थी। किंतु वर्ष 1947 में विभाजन के बाद आडवाणी जी 12 सितंबर, 1947 को अपना घर छोड़कर साथी स्वंयसेवकों के साथ दिल्ली आ गए। इसके बाद उनका परिवार मुंबई आकर बस गया।
लालकृष्ण आडवाणी ने मुंबई के ‘गवर्नमेंट लॉ कॉलेज’ से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की थी। लालकृष्ण आडवाणी ने 25 फरवरी, 1965 को ‘कमला आडवाणी’ से विवाह किया था। उनका एक बेटा ‘जयंत आडवाणी’ और बेटी ‘प्रतिभा आडवाणी’ है, जो एक भारतीय प्रस्तोता और एक टेलीविजन निर्माता हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े
लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) के सामाजिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1947 से मानी जाती है। वह छात्र जीवन से ही ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) से जुड़ गए थे। वहीं विभाजन के बाद भारत आकर उन्होंने वर्ष 1947 से 1951 तक राजस्थान में अलवर, भरतपुर, कोटा, बुंडी और झालावार में आरएसएस को संगठित करने का काम किया था। लेकिन वर्ष 1957 के आम चुनाव के बाद ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय’ के अनुरोध पर लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली शिफ्ट हो गए और पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने का काम करने लगे।
‘ऑर्गनाइजर’ पत्रिका का किया संपादन
वर्ष 1958 से 1963 तक लालकृष्ण आडवाणी ने दिल्ली प्रदेश जनसंघ में सचिव का पदभार संभाला था। आडवाणी जी ने इस दौरान बतौर पत्रकार के रूप में भी कार्य किया था। बता दें कि वर्ष 1960 में उन्होंने ‘ऑर्गनाइजर’ (हिंदी साप्ताहिक पत्रिका) में सहायक संपादक का पदभार ग्रहण किया था। ऑर्गनाइजर में उन्होंने लगभग सात वर्षों तक कार्य किया था।
केंद्रीय गृह मंत्री और उप-प्रधानमंत्री भी रहे
भारतीय जनता पार्टी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले लालकृष्ण आडवाणी ने लगभग तीन दशकों का संसदीय करियर देखा है। वह वर्ष 1970 से 1976 तक दिल्ली से राज्यसभा के सदस्य रहे। इसी दौरान उन्हें ‘भारतीय जन संघ’ का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। इसके पश्चात वे वर्ष 1976 से 1982 तक लगातार गुजरात से राज्यसभा सदस्य बने रहे।
वर्ष 1977 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ‘मोराजी देसाई’ के मंत्रिमंडल में उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री का कार्यभार संभाला। इसके बाद वे वर्ष 1980 से 1988 तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहे। वर्ष 1998 में बीजेपी-शासित एनडीए की सरकार में वह केंद्रीय गृह मंत्री बने। वहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री ‘अटल बिहारी वाजपेयी’ की सरकार में उन्होंने उप-प्रधानमंत्री का कार्यभार भी संभाला था।
‘भारत रत्न’ से किया गया सम्मानित
लालकृष्ण आडवाणी का जीवन परिचय में अब हम उन्हें मिले सम्मान के बारे में जानते हैं। बता दें कि वर्ष 2024 में लालकृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया है। राष्ट्रपति ‘द्रौपदी मुर्मू’ ने उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था। वहीं वर्ष 2015 में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया गया था।
लालकृष्ण आडवाणी की पुस्तकें – Lal Krishna Advani Books in Hindi
यहाँ लालकृष्ण आडवाणी का जीवन परिचय (Lal Krishna Advani Ka Jivan Parichay) के साथ ही उनके द्वारा लिखी कुछ प्रमुख पुस्तकों की जानकारी दी जा रही हैं:-
- माई कंट्री माई पीपुल – (आत्मकथा)
- नजरबंद लोकतंत्र
- अ प्रिज़नर्स स्क्रैपबुक
- ऐज आई सी इट
- हनुमान गाथा
- न्यू अप्प्रोचेस टू सिक्योरिटी एंड डेवलपमेंट
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ भारत रत्न से सम्मानित लालकृष्ण आडवाणी का जीवन परिचय (Lal Krishna Advani Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं :-
FAQs
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को सिंध प्रांत (पाकिस्तान) में हुआ था।
लालकृष्ण आडवाणी की दो संतान हैं, बेटा (जयंत आडवाणी) और बेटी (प्रतिभा आडवाणी)।
वर्तमान में लालकृष्ण आडवाणी की उम्र 96 वर्ष है।
लालकृष्ण आडवाणी की बेटी का नाम ‘प्रतिभा आडवाणी’ है।
वर्ष 2024 में लालकृष्ण आडवाणी को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया है।
आशा है कि आपको लालकृष्ण आडवाणी का जीवन परिचय (Lal Krishna Advani Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।