Homeopath कैसे बनें जानिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

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Homeopath

होम्योपैथी एक करियर के रूप में काफी प्रसिद्ध है और अधिकांश छात्र एक homeopath बनना चाहते हैं। यह अपनी साइड-इफ़ेक्ट मुक्त दवाओं और हार्मलेस मेथड्स के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है, जिसने होम्योपैथ को करियर के लिए एक पसंदीदा विकल्प बना दिया है। इस ब्लॉग में होम्योपैथ क्या है, होम्योपैथ कैसे बनें, करियर और वेतन आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है।

प्रोफाइलHomeopath 
क्षेत्र होमियोपैथी 
योग्यताबीएचएमएस कोर्स+ इंटर्नशिप
स्किल्सकम्युनिकेशन स्किल्स, समस्या को सुलझाने का कौशल, लीडरशिप, सहानुभूति।
आवश्यक कोर्सेज़Bachelor of Homoeopathic Medicine and Surgery (BHMS), Doctor of Medicine in Homeopathy-Practise of Medicine
सैलरी INR 6 लाख से 8 लाख/वर्ष 
This Blog Includes:
  1. होमियोपैथी क्या है?
  2. होमियोपैथ किसे कहते हैं?
  3. क्यों चुनें होमियोपैथ के रूप में करियर?
  4. होमियोपैथ के काम
  5. होमियोपैथ बनने के लिए ज़रूरी स्किल्स 
  6. होमियोपैथ कैसे बनें जानिए स्टेप बाय स्टेप गाइड के द्वारा
    1. स्टेप–1 MBBS की डिग्री हासिल करें।
    2. स्टेप–2 मास्टर्स की डिग्री हासिल करें।
    3. स्टेप–3 कार्य–अनुभव प्राप्त करें।
    4. स्टेप–4 सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
  7. होमियोपैथ बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज़
  8. होमियोपैथी के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़
  9. होमियोपैथी के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़
  10. होमियोपैथी कोर्सेज़ के लिए योग्यता
  11. होमियोपैथी कोर्सेज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया
    1. भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
    2. विदेश में आवेदन प्रक्रिया
    3. आवश्यक दस्तावेज़
  12. होमियोपैथ के रूप में करियर
  13. होमियोपैथ की सैलरी
  14. FAQs

होमियोपैथी क्या है?

होम्योपैथी वैकल्पिक दवाओं की प्रणाली है। इसके अंतर्गत मानव शरीर की नेचुरल हीलिंग पॉवर को बढ़ाकर रोगियों की देखभाल की जाती है। होम्योपैथी इस कॉन्सेप्ट पर कार्य करती है कि शरीर अपनी स्वयं की हीलिंग पॉवर के कारण खुद को फिर से ठीक करता है। हमें केवल नेचुरल हीलिंग पॉवर को बढ़ाकर इसकी मदद करने की आवश्यकता है। एलोपैथिक और आयुर्वेदिक प्रणाली के बाद होम्योपैथी भारत में तीसरी लोकप्रिय दवा प्रणाली है। इस प्रणाली के अनुसार भावनाएँ, मन और शरीर आपस में जुड़े हुए हैं और उन पर प्रभाव डालने वाले उपचार रोगी के लिए उपयुक्त होते हैं। रोगी को उनके शारीरिक लक्षणों, भावनात्मक समस्याओं और उनकी जीवन शैली के अनुसार होम्योपैथिक दवाएं दी जाती हैं। और इस दवा प्रणाली का सबसे अच्छा फायदा यह है कि इन दवाओं से शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है।

होमियोपैथ किसे कहते हैं?

एक होमियोपैथ एक प्रकार का डॉक्टर है जो रोगों के इलाज के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग करता है। इस उपचार की प्रमुख मान्यता यह है कि कोई पदार्थ जो रोग पैदा करने में सक्षम है, वह रोग ठीक करने में भी सक्षम है। Homoeopath की जांच और उपचार में कोई एग्रेसिव प्रोसीजर शामिल नहीं होता है। होमियोपैथ द्वारा किए गए उपचार बीमारी की उत्पत्ति को दूर करते हुए शरीर के डिफेंस सिस्टम को बढ़ाने में भी महत्व देते हैं।

 होम्योपैथिक अभ्यास कभी भी एक प्रकार की बीमारी या सेगमेंट तक सीमित नहीं होता है। उदाहरण के लिए, एलोपैथी में, एक डर्मेटोलॉजिस्ट केवल त्वचा की बीमारियों का इलाज करता है और गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट  केवल उन रोगियों को देखता है जिनके पाचन तंत्र में समस्याएं होती हैं। लेकिन वहीं एक होम्योपैथ को कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जैसे कि साइनसाइटिस और एलर्जी, खांसी जैसी सामान्य समस्याओं से लेकर रुमेटीइड गठिया, सोरायसिस और यहां तक ​​कि कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों तक। सही मायनों में homeopaths मल्टी स्पेशलिस्ट होते हैं।

क्यों चुनें होमियोपैथ के रूप में करियर?

होमियोपैथ के रूप में करियर के कई लाभ हो सकते हैं, जो इस प्रकार है-

  • एक होम्योपैथ के रूप में आप सभी जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं। इससे आपको अपने जीवन के हर दिनों में किसी की मदद करने की खुशी महसूस होगी।
  • होम्योपैथ बनना एक रोमांचक करियर हो सकता है और हर दिन एक अलग अनुभव प्रदान कर सकता है। आप एक ही दिन में विभिन्न प्रकार की विभिन्न बीमारियों और चोटों का इलाज करेंगे और आपके पास प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के कौशल और उपचारों का उपयोग करने का अवसर हो सकता है।
  • होम्योपैथ दैनिक आधार पर अन्य डॉक्टरों नर्सों, अर्दली, प्रशासकों, अन्य विशेषज्ञों और फार्मासिस्टों के साथ काम कर सकते हैं। इससे आपको दूसरों से सीखने और चिकित्सा चुनौतियों के सहयोगी समाधान खोजने का अवसर मिलता है।
  • यह एक आकर्षक करियर विकल्प है, जिसमें सम्मान के साथ साथ आपको वेतन पैकेज भी काफ़ी अच्छे मिलेंगे।

होमियोपैथ के काम

होमियोपैथ की जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:

  • रोगी में रोग की पूरी हिस्ट्री के आधार पर डायग्नोसिस करना। अपने रोगियों से उनकी स्वास्थ्य समस्याओं, लाइफ स्टाइल, मेडिकल हिस्ट्री, आहार और व्यक्तित्व के बारे में गहन प्रश्न पूछकर उनका आकलन करना।
  • कई प्रकार की चिकित्सा स्थितियों के इलाज के लिए होम्योपैथिक उपचार का वर्णन करना। 
  • सर्दी या गले में खराश जैसी तीव्र बीमारियों से लेकर गठिया और अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियाँ और यहाँ तक कि मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित बीमारियाँ, जैसे फोबिया और अवसाद का निदान करना। साथ ही इन रोगों के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक उपचार समझना।
  • रोगियों के ठीक होने की प्रक्रिया की निगरानी करना। एलोपैथी के विपरीत, होम्योपैथी तत्काल इलाज की पेशकश नहीं करती है। इसके बजाय, यह समस्या के मूल कारण का उपचार करती है। आपको कॉल और अपॉइंटमेंट के माध्यम से रोगियों के साथ नियमित रूप से फॉलो-अप करना चाहिए। 
  • आपको मरीजों के विस्तृत रिकॉर्ड बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए।
  • होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए समूहों, समुदायों और स्वास्थ्य चिकित्सकों के लिए सेमिनार और प्रस्तुतियाँ चलाना। 
  • होम्योपैथी, दवा का एक वैकल्पिक रूप है। साथी चिकित्सकों को शिक्षित करने के साथ-साथ उपचार के नए, नवीन तरीकों के बारे में उनसे जानकारी प्राप्त करना।

होमियोपैथ बनने के लिए ज़रूरी स्किल्स 

होमियोपैथ बनने के लिए ज़रूरी स्किल्स इस प्रकार हैं-

  1. कम्युनिकेशन : एक होम्योपैथ को साधारण भाषा में जटिल बीमारियों और उपचारों का स्पष्ट रूप से वर्णन करने में सक्षम होना चाहिए जिन्हें रोगी समझ सकें। उन्हें नर्सों और अन्य कर्मचारियों के साथ भी अच्छे से कम्युनिकेट करने आना चाहिए। एक कुशल homeopath में एक बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बहुत ही आवश्यक है।
  2. सहानुभूति : होम्योपैथ को यह समझने में सक्षम होना चाहिए कि उनके मरीज क्या अनुभव करते हैं। उन्हें अपने मरीजों के साथ सहानुभूति की भावना रखनी चाहिए।
  3. समस्या समाधान करने की कुशलता : होम्योपैथ को मरीजों के लक्षणों का आकलन करना चाहिए, चलाने के लिए उपयुक्त इलाज चुनना चाहिए, उन इलाजो के प्रोसीजर की व्याख्या करनी चाहिए। 
  4. नेतृत्व : होम्योपैथ चिकित्सा कर्मचारियों की एक टीम का नेतृत्व करते हैं और कई प्रकार के डिसीजन में योगदान करते हैं। अतः एक विशेष लीडरशिप गुण उनमें होना चाहिए।

होमियोपैथ कैसे बनें जानिए स्टेप बाय स्टेप गाइड के द्वारा

होमियोपैथी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके होमियोपैथ बन सकते हैं–

स्टेप–1 MBBS की डिग्री हासिल करें।

होमियोपैथ बनने के इच्छुक छात्रों के लिए पहला स्टेप MBBS या BHMS की डिग्री हासिल करना है। यह साढ़े 5 साल (इंटर्नशिप सहित) का कोर्स होता है। भारत में इन कोर्स के लिए NEET की परीक्षा क्लियर करना ज़रुरी है। विदेश में मेडिकल प्रवेश परीक्षा जैसे MCAT, UKCAT, BMAT, GAMSAT क्लियर करके इन मेडिकल कोर्स का चयन कर सकते हैं। 

स्टेप–2 मास्टर्स की डिग्री हासिल करें।

अगला स्टेप होमियोपैथी में MD, MS, DNB और MCh जैसे पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज़ को पूरा करना है जो आमतौर पर 3 से 4 वर्षों के होते हैं। MD या MS के बाद DNB या MCh के लिए विचार करना चाहिए। इन सब कोर्सेज़ में 1 या 2 वर्षों की इंटर्नशिप शामिल होती हैं।

स्टेप–3 कार्य–अनुभव प्राप्त करें।

आपको एक अनुभवी डॉक्टर की गाइडेंस में दो से तीन साल बिताने होंगे। यदि आप भारत में होमियोपैथ बनने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपनी आवश्यक शिक्षा प्राप्त करने के बाद सर्टिफिकेट प्राप्त करके अस्पतालों में काम कर सकते हैं। 

स्टेप–4 सर्टिफिकेट प्राप्त करें।

सबसे आखरी स्टेप में छात्रों को अपने देश के मेडिकल सर्टिफिकेट बोर्ड के लिए संबंधित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। उदाहरण के लिए, अमेरिका में USMLE के बाद आप एक प्रमाणित होमियोपैथ बन सकते हैं। भारत में छात्र मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा होमियोपैथ के रूप में सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं। सर्टिफिकेशन के बाद आप अपनी रुचि और आपकी प्रोफाइल से मैच करते किसी भी सर्टिफाइड हॉस्पिटल में नौकरी कर सकते हैं या फिर अपने स्वयं के क्लिनिक की भी शुरुआत कर सकते हैं।

होमियोपैथ बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज़

होमियोपैथी में अपना करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए कुछ टॉप होमियोपैथी कोर्सेज़ की लिस्ट नीचे दी गई है–

बैचलर्स कोर्सेज़1. Bachelor of Homoeopathic Medicine and Surgery (BHMS)
मास्टर्स कोर्सेज़1. Doctor of Medicine in Homeopathy-Practise of Medicine
2. M.D. in Homeopathic (Materia Medica)
3. MD in Doctor of Medicine in Homeopathy

आप AI Course Finder की मदद से भी अपनी रुचि के अनुसार कोर्सेज़ का चयन कर सकते हैं।

होमियोपैथी के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़

होमियोपैथी के लिए विश्व की कुछ टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट नीचे दी गई है-

होमियोपैथी के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़

होमियोपैथी कोर्सेज़ के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है–

  • AIIMS दिल्ली
  • क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज
  • कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज
  • मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज
  • सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज
  • आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज
  • ग्रांट मेडिकल कॉलेज
  • इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
  • MS रमैया मेडिकल कॉलेज
  • जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च

होमियोपैथी कोर्सेज़ के लिए योग्यता

होमियोपैथी कोर्सेज़ के लिए सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कुछ सामान्य आवश्यकताएं होती हैं जिन्हें पूरा करके ही छात्रों अपने चुने हुए कोर्स के लिए एलिजिबल होते हैं। कोर्सेज़ के आधार पर कुछ सामान्य आवश्यकताएं इस प्रकार हैं–

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज़ के लिए पात्रता

होमियोपैथी में बैचलर्स डिग्री के रूप में छात्रों के पास बीएचएमएस की डिग्री जरूरी है, जिसके लिए योग्यताएं इस प्रकार हैं-

  • बीएचएमएस के लिए ज़रुरी है कि छात्र ने अपनी 12th की पढ़ाई PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) से पूरी की हो।
  • छात्र ने 12वीं कक्षा अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी या कॉलेज द्वारा प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक के साथ पास की हो।
  • भारत में बीएचएमएस कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को NEET UG की परीक्षा क्लियर करने की ज़रूरत होती है। कई विश्वविद्यालय या कॉलेज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जिनमें आवश्यक अंकों को प्राप्त करके ही छात्रों उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में बीएचएमएस कोर्स करने के लिए सक्षम होंगे।
  • विदेश में बीएचएमएस के लिए प्रवेश परीक्षा जैसे NEET, MCAT (ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा के लिए), UKCAT, BMAT, GAMSAT (UK के लिए) आदि के स्कोर जरूरी होते हैं।
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए IELTS/ TOEFL/ PTE टेस्ट अंक ज़रूरी होते हैं। 
  • विदेश विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR और CV/Resume जैसे दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है।

पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज़ के लिए पात्रता

होमियोपैथी में पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज़ की लिस्ट नीचे दी गई है।

  • होमियोपैथी में MS / MD / और PG कोर्सेज़ के लिए  इच्छुक छात्रों के पास बीएचएमएस या एमबीबीएस की डिग्री होनी चाहिए। 
  • छात्र ने अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी या कॉलेज द्वारा प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक के साथ पास किया हो।
  • साथ ही उन्हें PG लेवल की प्रवेश परीक्षाओं को अच्छे अंकों के साथ क्लियर करने की ज़रूरत होती है।
  • कुछ भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों में किसी मान्यता प्राप्त अस्पताल में एक साल की इंटर्नशिप के साथ बीएचएमएस के बाद दो साल के कार्य अनुभव की भी मांग की जाती हैं। 
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए IELTS/ TOEFL/ PTE टेस्ट स्कोर्स ज़रूरी होते हैं। 
  • विदेश विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR और CV/Resume जैसे दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है।

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होमियोपैथी कोर्सेज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया

विभिन्न होमियोपैथी कोर्सेज़ के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–

भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  1. UK विश्वविद्यालयों को छोड़कर, किसी भी देश की यूनिवर्सिटी में अप्लाई करने के लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करें। UK में अंडरग्रेजुएट कोर्सेस लिए UCAS में आवेदन करना होगा, वहीं ग्रेजुएट कोर्सेज़ के लिए यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में पंजीकरण करने के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता,NEET, MCAT, UKCAT, BMAT, GAMSAT, IELTS, TOEFL आदि जैसे जरूरी टेस्ट अंक और SOP, LOR, CV/Resume के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

आप Leverage Finance की मदद से विदेश में पढ़ाई करने के लिए अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के अनुसार एजुकेशन लोन भी पा सकते हैं।

होमियोपैथ के रूप में करियर

पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र में चल रहे रिसर्च के कारण होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावशीलता कई गुना बढ़ गई है। इससे छात्रों को पेश किए जाने वाले करियर के अवसरों में भी वृद्धि हुई है।

इस क्षेत्र में भारत और विदेशों दोनों में उज्ज्वल नौकरी के अवसर हैं क्योंकि आजकल लोग ऐसी चिकित्सा देखभाल की तलाश कर रहे हैं जो साइड-इफेक्ट्स के साथ नहीं आती है। एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुभवी homeopath विभिन्न निजी और सरकारी होम्योपैथिक अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम कर सकता है।

होमियोपैथ की सैलरी

एक होमियोपैथ का वेतन कई कारकों जैसे हॉस्पिटल, प्रोफेशनल और एजुकेशनल एक्सपीरियंस, रचनात्मक ज्ञान, आवश्यक स्किल्स, स्थान आदि से निर्धारित होता है। अपनी सैलरी के अलावा, वे सरकारी आवास और अन्य लाभ भी उन्हें मिलते हैं। हालांकि, कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करने वाले अनुभवी होमियोपैथ की सैलरी काफी ज्यादा होती हैं। वहीं निजी चिकित्सक अपने स्वयं के क्लीनिक में काम करके बहुत पैसा कमा सकते हैं।

Payscale के अनुसार देशों के आधार पर होमियोपैथ का औसत वेतन इस प्रकार है–

जॉब लेवल भारत में वेतन/वर्ष (INR में)
प्रारंभिक6-8 लाख
मिड लेवल8-12 लाख
सीनियर लेवल12-20 लाख

FAQs

होमियोपैथ किसे कहते हैं?

एक होमियोपैथ एक प्रकार का डॉक्टर है जो रोगों के इलाज के लिए प्राकृतिक चिकित्सा का उपयोग करता है। इस उपचार की प्रमुख मान्यता यह है कि कोई पदार्थ जो रोग पैदा करने में सक्षम है, वह रोग ठीक करने में भी सक्षम है। Homoeopath की जांच और उपचार में कोई एग्रेसिव प्रोसीजर शामिल नहीं होता है। होमियोपैथ द्वारा किए गए उपचार बीमारी की उत्पत्ति को दूर करते हुए शरीर के डिफेंस सिस्टम को बढ़ाने में भी महत्व देते हैं।

होमियोपैथ कैसे बनें?

होमियोपैथ बनने के लिए आपको इस क्षेत्र में आवश्यक शिक्षा ग्रहण करना आवश्यक है। अपना 10+2 पूरा करने के बाद आपको बीएचएमएस कोर्स करना होगा। इसके बाद विशेषज्ञता के लिए होमियोपैथी में MS या MD कोर्स करना होगा। इसके बाद आप अपने जहां काम करना चाहते हैं वहां के मेडिकल बोर्ड से आवश्यक सर्टिफिकेट प्राप्त करके एक स्वतंत्र होमियोपैथ के रूप में कार्य कर सकते हैं।

होमियोपैथ की क्या–क्या जिम्मेदारियां हैं?

 एक होम्योपैथ के रूप में आप सभी जरूरतमंद लोगों की मदद कर सकते हैं। इससे आपको अपने जीवन के हर दिनों में किसी की मदद करने की खुशी महसूस होगी। होम्योपैथ बनना एक रोमांचक करियर हो सकता है और हर दिन एक अलग अनुभव प्रदान कर सकता है। आप एक ही दिन में विभिन्न प्रकार की विभिन्न बीमारियों और चोटों का इलाज करेंगे और आपके पास प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के कौशल और उपचारों का उपयोग करने का अवसर हो सकता है।

क्या होमियोपैथ एक अच्छा करियर विकल्प है?

पिछले कुछ वर्षों में, इस क्षेत्र में चल रहे रिसर्च के कारण होम्योपैथिक दवाओं की प्रभावशीलता कई गुना बढ़ गई है। इससे छात्रों को पेश किए जाने वाले करियर के अवसरों में भी वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में भारत और विदेशों दोनों में उज्ज्वल नौकरी के अवसर हैं क्योंकि आजकल लोग ऐसी चिकित्सा देखभाल की तलाश कर रहे हैं जो साइड-इफेक्ट्स के साथ नहीं आती है। एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित और अनुभवी homeopath विभिन्न निजी और सरकारी होम्योपैथिक अस्पतालों में चिकित्सा अधिकारी के रूप में काम कर सकता है।

हम आशा करते हैं कि आपको homeopath संबंधित सारी जानकारी इस ब्लॉग में मिली होगी। यदि आप होमियोपैथी की पढ़ाई विदेश से करना चाहते हैं तो आप आज ही हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकते हैं, वे आपको एक उचित मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करने के लिए हमें 1800572000 पर कॉल करें।

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