सिविल इंजीनियरिंग कैसे करें?

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Civil Engineering in Hindi

आज जहाँ नज़र दौड़ाते वहीं बड़ी-बड़ी बिल्डिंग्स, मॉल्स नज़र आते हैं। सिविल इंजीनियरिंग के इस विकास ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। समय बदलने के साथ-साथ सिविल इंजीनियरिंग में हुए क्रांतिकारी बदलाव ने देश के साथ-साथ विदेश में भी सिविल इंजीनियरों की मांग को बढ़ा दिया है। सिविल इंजीनियर बनकर देश की प्रगति में सहयोग करना भी गर्व की बात है। आइए इस ब्लॉग में civil engineering in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं।

The Blog Includes:
  1. सिविल इंजीनियरिंग क्या है?
  2. सिविल इंजीनियरिंग क्यों करें?
  3. B Tech सिविल इंजीनियरिंग vs BE सिविल इंजीनियरिंग
  4. सिविल इंजीनियरिंग की सब-ब्रांचेज
  5. सिविल इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
  6. सिविल इंजीनियरिंग कोर्सेज
  7. मुख्य विषय
  8. दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज
  9. भारत में टॉप सिविल इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटीज
  10. सिविल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
  11. आवेदन प्रक्रिया
    1. भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
    2. विदेश में आवेदन प्रक्रिया
  12. आवश्यक दस्तावेज़
  13. प्रवेश परीक्षाएं
  14. सिविल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट किताबें
  15. सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग का स्कोप
  16. टॉप कंपनियां
  17. सिविल इंजीनियरिंग में जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
  18. सिविल इंजीनियरिंग के बाद क्या करें?
  19. FAQs

सिविल इंजीनियरिंग क्या है?

सिविल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की प्रोफेशनल ब्रांच है। इसमें मूल सुविधाएं यानि बुनियादी सुविधाएं के प्रोजेक्ट्स, डिज़ाइन, निर्माण (कंस्ट्रक्शन) और रखरखाव के बारे में सिखाया जाता है। सैन्य इंजीनियरिंग के बाद सिविल इंजीनियरिंग सबसे पुरानी ब्रांच है।

उदाहरण: किसी खाली प्लाट में घर कितने बड़े चैत्र में बनेगा, उसका डिज़ाइन कैसा होगा, कितने कमरे होंगे, स्नानघर, रसोई और हॉल कहाँ पर होगा ये सभी डिज़ाइन किया जाता है। डिज़ाइन के आधार पर ही सामग्री जैसे ईंट, सीमेंट, रेत, सरिया मंगाया जाता है और इसके निर्माण का काम किया जाता है। इस सब काम को पूरा करने में सिविल इंजीनियरिंग का सबसे महत्वपूर्ण किरदार होता है।

सिविल इंजीनियरिंग क्यों करें?

Civil Engineering in Hindi करने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि इसी कोर्स को और प्रोफेशन क्यों चुनें, जो नीचे बताया गया है-

  1. व्यावहारिक अनुभव: सिविल इंजीनियरिंग डिग्री अक्सर अपने करिकुलम में कार्यस्थल के अध्ययन को शामिल करते हैं, जिससे आपको इंजीनियरिंग में काम करने का अनुभव करने और विषय में व्यावहारिक इनसाइट्स प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इसके अतिरिक्त, आप अपनी कक्षा-आधारित शिक्षा में कई नवीन मॉड्यूल का अध्ययन करेंगे, जो आपको एक सफल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ाने की अनुमति देगा।
  2. अध्ययन क्षेत्रों की विविधता: सिविल इंजीनियरिंग कोर्सेज कई प्रकार के मॉड्यूल प्रदान करते हैं, जो विभिन्न प्रकार के विकल्पों और रास्तों की पेशकश करते हैं जिनका आप भविष्य के करियर में अनुसरण कर सकते हैं। एक विशिष्ट सिविल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में, आपको भूमि सर्वेक्षण, हाइड्रोलिक, इंजीनियरिंग भूविज्ञान, निर्माण परियोजना प्रबंधन, गणित और रसायन विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन करने का मौका मिलेगा।
  3. पोस्टग्रेजुएट अवसर: एक बार जब आपकी पढ़ाई खत्म हो जाएगी, तो आपके पास बहुत सारे विकल्प उपलब्ध होंगे। योग्य इंजीनियर अक्सर चार्टर्ड (CEng) या निगमित (IEng) इंजीनियर का दर्जा हासिल करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण देते हैं। इसके विपरीत, कुछ ग्रेजुएट्स भूकंप इंजीनियरिंग, समुद्री सिविल इंजीनियरिंग या पर्यावरण इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ ज्ञान विकसित करने के लिए आगे बढ़ते हैं।
  4. रोजगार: इंजीनियरिंग की डिग्री में सीखे गए सभी कौशल के साथ, आप नौकरी के बाजार में एक मांग वाले उम्मीदवार बनने की उम्मीद कर सकते हैं। आप किस उद्योग को आगे बढ़ाना चाहते हैं, इस पर निर्भर करते हुए, ग्रेजुएट होने पर आपके पास नौकरी की कई संभावनाएं होने की संभावना है। सिविल इंजीनियरिंग भूमिकाओं को यूके में भी अच्छी तरह से भुगतान किया जाता है, औसत वेतन लगभग £ 31,000 प्रति वर्ष (PayScale 2022)।
  5. नौकरी से संतुष्टि: सिविल इंजीनियरिंग आधुनिक दैनिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। अपने काम के माध्यम से, आप समाज की कार्यक्षमता में योगदान देंगे, जिससे लोग सुरक्षित और कुशलता से अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे। साथ ही, आप विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी के अपने सर्वोत्तम ज्ञान को व्यवहार में लाने में सक्षम होंगे और अपनी रचनाओं को जीवंत होते देखेंगे।
  6. मूल्यवान कौशल: सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई आपको कई ट्रांस्फ़ेरेबल स्किल्स प्रदान करेगी, साथ ही आपको इंजीनियरिंग करियर के लिए तैयार करेगी। साथ ही व्यावहारिक संरचनाओं को डिजाइन करना, बनाना और बनाना सीखना, आप समस्या समाधान के लिए अपने रचनात्मक दृष्टिकोण को बेहतर बनाएंगे और डेटा का विश्लेषण करने की अपनी क्षमता में सुधार करेंगे। संचार और निर्णय लेने का कौशल भी इंजीनियरिंग डिग्री का एक बड़ा हिस्सा है।

B Tech सिविल इंजीनियरिंग vs BE सिविल इंजीनियरिंग

Civil Engineering in Hindi में दोनों के बीच अंतर नीचे दिए गए हैं-

पैरामीटर्सB Tech सिविल इंजीनियरिंगBE सिविल इंजीनियरिंग
अवधि4 साल4 साल
क्षेत्रयह एक थ्योरी बेस्ड कोर्स है और इमारतों, पुलों, सड़कों, बांधों, नहरों आदि जैसी संरचनाओं के अध्ययन से संबंधित है। कोर्स आमतौर पर सार्वजनिक संस्थानों द्वारा पेश किया जाता है।यह एक एप्लिकेशन और कौशल-आधारित कोर्स है जो इमारतों, पुलों, सड़कों, बांधों, नहरों आदि जैसी संरचनाओं के निर्माण के अध्ययन से संबंधित है। यह आमतौर पर विश्वविद्यालयों द्वारा सार्वजनिक और निजी दोनों तरह से पेश किया जाता है।
एडमिशनराज्य या राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा।राज्य या राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा।
योग्यताPCM विषयों के साथ कम से कम 60% कुल स्कोर के साथ 10+2।PCM विषयों के साथ कम से कम 60% कुल स्कोर के साथ 10+2।
जॉब प्रोफाइल्ससिविल इंजीनियर, आर्किटेक्ट, टेक्निकल ऑफिसर, मैनेजर, बिजनेस एनालिस्ट, असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव इंजीनियर आदिसिविल इंजीनियर, परिवहन इंजीनियर, जल संसाधन इंजीनियर, स्ट्रक्चरल इंजीनियर, पर्यावरण इंजीनियर, सिविल इंजीनियरिंग टेक्नीशियन, आदि
सालाना औसत सैलरी (INR)INR 3-9 लाखINR 3-6 लाख

सिविल इंजीनियरिंग की सब-ब्रांचेज

सिविल इंजीनियरिंग की शाखाएं नीचे दी गई हैं-

  1. स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग: स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग में स्ट्रक्चर जैसे कि इमारतों, पुलों, टावरों, फ्लाईओवर, सुरंगों, बांधों, नहरों, गगनचुंबी इमारतों, ट्रस, समुद्री संरचनाओं, और अन्य विशेष संरचना के डिज़ाइन और एनालिसिस के बारे में सिखाया जाता है।  
  2. जल संसाधन इंजीनियरिंग: जल संसाधन इंजीनियरिंग में प्राकृतिक स्रोत से पानी के संग्रह (कलेक्शन) और मैनेजमेंट के बारे में सिखाया जाता हैं। इस ब्रांच में जल संसाधन इंजीनियरिंग के डिज़ाइन और एनालिसिस के बारे में भी पढ़ाया जाता हैं।
  3. पर्यावरणीय इंजीनियरिंग: पर्यावरणीय इंजीनियरिंग (एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग) वेस्ट, थर्मल वेस्ट के रासायनिक ट्रीटमेंट में का जैविक उपचार, जल शोधन और वायु वेस्ट से निपटने के ट्रीटमेंट के बारे में सिखाया जाता हैं।
  4. जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग: जियोटेक्निकल इंजीनियरिंग में मिट्टी और चट्टान के व्यवहार को कैसे समझे ये सिखाया जाता हैं। मिट्टी से संबंधित स्ट्रक्चर जैसे कि भूमिगत संरचनाएं, बांध, नहरें ,आदि के स्ट्रक्चर पर मिट्टी के व्यवहार के बारे में समझाया जाता हैं।
  5. कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग: कंस्ट्रक्शन इंजीनियरिंग में बिल्डिंग की प्लानिंग और कंस्ट्रक्शन का समावेश होता हैं।
  6. भूमि की नाप (सर्वेइंग): सर्वेइंग में धरती की टोपोग्राफी को समझना, पृथ्वी माप और आयाम (डायमेंशन), पृथ्वी की उचाईयों के बारे में सिखाया जाता है।
  7. भूकंप इंजीनियरिंग: भूकंप इंजीनियरिंग में भूकंप-प्रूफ स्ट्रक्चर कैसे बनायें, उसके बारे में सिखाया जाता हैं। स्ट्रक्चर डिज़ाइन के बारे में सिखाया जाता है जिससे भूकंप के समय स्ट्रक्चर गिरे ना।
  8. परिवहन इंजीनियरिंग: परिवहन इंजीनियरिंग में सड़कों, नहरों,हाईवे,रेलवे, हवाईअड्डों और अन्य परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग, डिज़ाइन और कंस्ट्रक्शन के बारे में सिखाया जाता हैं।
  9. अर्बन (शहरी) इंजीनियरिंग: अर्बन इंजीनियरिंग में सड़कों, रास्ते, जल आपूर्ति नेटवर्क, सीवर लाइन, स्ट्रीट लाइटिंग, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सार्वजनिक पार्क की प्लानिंग, डिजाइनिंग और कंस्ट्रक्शन और रखरखाव के बारे में सिखाया जाता है।
  10. भवन निर्माण सामग्री इंजीनियरिंग: भवन निर्माण सामग्री इंजीनियरिंग में कंस्ट्रक्शन सामग्री के बारे में, सामग्री के लाभ और नुकसान, उद्देश्य, और कैसे उपयोग करें उस के बारे में समझाया जाता हैं। 

सिविल इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

सिविल इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है-

  1. बैचलर्स डिग्री हासिल करें: भावी सिविल इंजीनियर को सिविल इंजीनियरिंग या सिविल इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी में चार साल की डिग्री प्राप्त करने की आवश्यकता है। चार वर्षों के दौरान, आप सिविल इंजीनियरिंग के बेसिक्स सीखेंगे और एक कुछ शाखा (ब्रांच) में विशेषज्ञ भी करेंगे। बैचलर्स प्रोग्राम के अंत में, आप इंजीनियरिंग परीक्षा की मूल बातें दे सकते हैं।
  2. जूनियर सिविल इंजीनियर के रूप में व्यावसायिक अनुभव प्राप्त करें: एक इंजीनियर ट्रेनी या सिविल इंजीनियरिंग इंटर्न के रूप में काम करना अनिवार्य है। ऐसा करने में आमतौर पर चार साल लगते हैं। आवश्यक कार्य अनुभव प्राप्त करने के बाद, आप प्रोफेशनल इंजीनियरिंग एग्जाम दे सकते हैं और PE लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  3. मास्टर्स डिग्री हासिल करें: सिविल इंजीनीरियों के लिए मास्टर्स डिग्री ज़रूरी नहीं है, लेकिन यह आपकी नॉलेज और कमाई की संभावना दोनों को बढ़ा सकती है।
  4. सर्टिफिकेशन प्राप्त करें: सिविल इंजीनियरिंग के कार्यों की जटिलता के कारण आपको कई सेकेंडरी आस्पेक्ट्स सीखने चाहिए। जैसे- कंप्यूटर कौशल और पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाएं को डिज़ाइन करने की योग्यता आदि। इस तरह के सर्टिफिकेशन प्राप्त करने से आपको इन आस्पेक्ट्स में अधिक नॉलेज प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

सिविल इंजीनियरिंग कोर्सेज

सिविल इंजीनियरिंग कोर्सेज नीचे इस प्रकार हैं:

डिप्लोमा कोर्सेज

  • Constructional Engineering
  • Structural Engineering
  • Geotechnical Engineering
  • Earthquake Engineering
  • Surveying

अंडरग्रेजुएट कोर्सेज

  • Bachelor in Civil Engineering(Hons)
  • Bachelor in Building Energy
  • Bachelor of Arts in Architectural Technology and Construction Management
  • Bachelor in Civil and Environmental Engineering
  • Bachelor of Engineering in Civil and Constructional Engineering
  • Bachelor of Engineering in Civil and Infrastructure
  • Bachelor of Engineering Technology (Civil)
  • Bachelor of Technology in Civil Engineering Infrastructural Technology

ग्रेजुएट कोर्सेज

  • Master of Science in Sustainable Critical Infrastructure
  • Master of Science in Civil Engineering
  • Master in Civil and Structural Engineering
  • Master in Civil and Environmental Engineering
  • Master in Civil and Geological Engineering
  • Master in Civil and Architectural Engineering
  • Master in Geo-Environmental Engineering
  • Master in Civil and Infrastructure Engineering
  • Master in Civil and Railway Engineering

मुख्य विषय

सिविल इंजीनियरिंग में आने वाले मुख्य विषय इस प्रकार हैं:

  • इस्पात संरचनाओं का डिजाइन
  • IT & CAD एप्लिकेशन
  • मृदा यांत्रिकी और फाउंडेशन इंजीनियरिंग
  • RC संरचनाओं का डिजाइन
  • जल संसाधन इंजीनियरिंग
  • संरचनात्मक विश्लेषण
  • जल और अपशिष्ट जल इंजीनियरिंग
  • सॉलिड मैकेनिक्स
  • हाइड्रोलिक्स
  • परिवहन इंजीनियरिंग
  • गणित
  • बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स
  • इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी
  • मैकेनिक्स
  • फिजिक्स
  • प्रोग्रामिंग और डेटा स्ट्रक्चर
  • इंजीनियरिंग ड्राइंग और ग्राफिक्स
  • मैनुफैक्चरिंग प्रोसेस का परिचय

आप AI Course Finder की मदद से अपने पसंद के कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का चयन कर सकते हैं।

दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज

सिविल इंजीनियरिंग कोर्सेज ऑफर करने वाली दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज के नाम नीचे दिए गए हैं :

आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।

भारत में टॉप सिविल इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटीज

सिविल इंजीनियरिंग कोर्सेज ऑफर करने वाली भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज के नाम नीचे दिए गए हैं :

कॉलेजजगह
IIT मद्रासचेन्नई
IIT दिल्लीदिल्ली
IIT बॉम्बेमुंबई
IIT कानपुरकानपुर
IIT कानपुरकानपुर
IIT कानपुरकानपुर
IIT कानपुरकानपुर
IIT कानपुरकानपुर
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी तिरुचिरापल्लीतिरुचिरापल्ली
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कर्नाटकसूरतकल
वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (VIT)वेल्लोर
IIT इंदौरइंदौर
इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल टेक्नोलॉजीमुंबई

सिविल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता

सिविल इंजीनियरिंग में कोर्स के लिए नीचे योग्यता दी गई है-

  • डिप्लोमा/सर्टिफिकेट कोर्स: किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से 10+2 की औपचारिक शिक्षा उत्तीर्ण की होनी ज़रूरी है।
  • UG कोर्स: किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से 10+2 की औपचारिक शिक्षा (साइंस स्ट्रीम) के साथ उत्तीर्ण की होनी ज़रूरी है। सिविल इंजीनियरिंग के लिए छात्रों को JEE मेन , JEE एडवांस्ड , MHT CET, OJEE, BCECE जैसी प्रवेश परीक्षाएं क्रैक करनी होंगी। विदेश में बैचलर्स डिग्री कोर्सेज के लिए SAT या ACT परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। 
  • PG कोर्स: न्यूनतम आवश्यक GPA के साथ सिविल इंजीनियरिंग में BE या BTech  जैसी UG डिग्री होनी ज़रूरी है। विदेश में कुछ यूनिवर्सिटीज मास्टर्स डिग्री के लिए 2 वर्ष के कार्य अनुभव की भी मांग करती है, जिसका समय यूनिवर्सिटीज के लिए अलग-अलग भी हो सकता है ।
  • विदेशों में कुछ यूनिवर्सिटीज सिविल इंजीनियरिंग में UG/PG लेवल कोर्सेज के लिए GMAT/GRE परीक्षा के अंकों की मांग करती हैं।
  • IELTS, TOEFL या किसी अन्य इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी परीक्षा में एक अच्छा स्कोर होना अत्यंत आवश्यक है।
  • LOR और SOP भी ज़रूरी हैं।

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आवेदन प्रक्रिया

प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कोर्सेज के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–

भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है। 
  • कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की पात्रता मानदंड के बारे में रिसर्च करें। 
  • आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
  • यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
  • ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें। 
  • इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजाएजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।

एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लिकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं। 

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई है–

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प्रवेश परीक्षाएं

Civil Engineering in Hindi को और अच्छे से समझने के लिए इसकी प्रवेश परीक्षाएं जानना भी आवश्यक हैं, जो इस प्रकार हैं:

सिविल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट किताबें

Civil Engineering in Hindi की तैयारी करने के लिए नीचे बेस्ट किताबों के नाम दिए गए हैं-

किताब का नामयहां से खरीदें
Structures: Or Why Things Don’t Fall Down (Paperback)यहां से खरीदें
Structural Analysis (Hardcover)यहां से खरीदें
Civil Booster (Handbook of Civil Engineering) & Rocket Chart & Civil Capsuleयहां से खरीदें
The Civil Engineering Handbook: 23 (New Directions in Civil Engineering)यहां से खरीदें
Why Buildings Fall Down: Why Structures Fail (Paperback)यहां से खरीदें

सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग का स्कोप

सिविल इंजीनियरिंग में काफी करियर स्कोप है क्योंकि BE/BTech सिविल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर दोनों क्षेत्रों में आशाजनक अवसर तलाश सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग की अपार संभावनाएं हैं। आइए जानते हैं इन सरकारी कंपनियों के नाम-

  • ONGC
  • PWD
  • Electricity Board
  • Armed Forces
  • NHAI
  • Indian Railways
  • IOC
  • Town Planning
  • BHEL

इन पब्लिक सेक्टर के आर्गेनाइजेशन में भारतीय रेलवे, ONGC, PWD और BHEL में कई रिक्त पद उपलब्ध हैं और भारत में सिविल इंजीनियरिंग का सबसे अधिक स्कोप प्रदान करती हैं!

टॉप कंपनियां

सिविल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद नौकरी देने वाली दुनिया की टॉप कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं:

विदेशी कंपनियां

  • Arup
  • Atkins
  • Vinci
  • Mott McDonald
  • Stantec
  • Balfour Beatty
  • Bechtel
  • Skanska
  • Laing O’Rourke
  • Arcadis

भारतीय कंपनियां

  • Punj Lloyd, Gurugram
  • Akme Projects Ltd, New Delhi
  • Bridge & Roof Co (India) Limited, Kolkata
  • DLF Limited, Haryana
  • Coastal Projects Pvt Ltd (CPPL), Hyderabad
  • CQRA, Mumbai
  • Gammon Infrastructure Projects Limited (GIPL) , Mumbai
  • Stewarts & Lloyds of India Ltd, Kolkata
  • Arun Excello Group of Companies, Tamil Nadu
  • Conart Engineers Ltd, Mumbai
  • Essar Group, Mumbai

सिविल इंजीनियरिंग में जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी

Civil engineering in Hindi जानने के बाद अब बारी आती है सैलरी के बारे में जानने की। Payscale.com के अनुसार यूके में सिविल इंजीनियर की औसत सालाना सैलरी GBP 31,832 (INR 31.83 लाख) और अमेरिका में USD 68,500 (INR 51.87 लाख) तक होती है। सिविल इंजीनियरिंग करने के बाद भारत में ऑफर की जाने वाली सैलरी इस प्रकार हैं:

जॉब प्रोफाइल्ससालाना औसत सैलरी (INR)
इंजीनियरिंग टेक्निशन4-5 लाख
एनवायरनमेंट इंजीनियर5-6 लाख
रीजनल एंड अर्बन प्लानर4-5 लाख
कंस्ट्रक्शन इंजीनियर4-5 लाख
परिवहन इंजीनियर6-7 लाख
बिल्डिंग कंट्रोल सर्वेयर6-7 लाख
क्वांटिटी सर्वेयर3-4 लाख
साइट इंजीनियर4-5 लाख
स्ट्रक्चरल इंजीनियर5-6 लाख
वाटर इंजीनियर4-5 लाख
इंजीनियरिंग जियोलॉजिस्ट3-5 लाख
बिल्डिंग सर्विसेज सर्वेयर4-5 लाख
फायर रिस्क असिस्टेंट4-5 लाख
CAD टेक्निशन5-6 लाख
सस्टेनेबिलिटी कंसलटेंट3-4 लाख
असिस्टेंट प्रोजेक्ट मैनेजर5-6 लाख
असिस्टेंट सिविल मैनेजर5-6 लाख
परचेज और क्वालिटी कण्ट्रोल एग्जीक्यूटिव7-8 लाख
प्लानिंग और डिज़ाइन एग्जीक्यूटिव3-4 लाख
प्रोजेक्ट मैनेजर9-10 लाख
सर्वे इंजीनियर7-8 लाख

सिविल इंजीनियरिंग के बाद क्या करें?

Civil Engineering in Hindi करने के बाद इसमें आगे और क्या किया जा सकता है, यह इस प्रकार है:

  • सिविल इंजीनियरिंग के बाद आगे इसमें मास्टर्स या पीएचडी कोर्सेज के लिए जाया जा सकता है।
  • कोर्सेज के अलावा इसमें इंटर्नशिप करके अपने करियर को शुरू किया जा सकता है।

FAQs

सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स कोर्स कितने साल का होता है?

सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स कोर्स 4 साल का होता है।

सिविल इंजीनियर की भारत में सैलरी कितनी होती है?

प्राइवेट सेक्टर में किसी सिविल इंजीनियर को शुरूआती दौर में INR 25,000-35,000 महीना तक की सैलरी मिल सकती है। कुछ सालो का अनुभव हो जाने के बाद उस आधार पर 3-4 साल में 1 लाख INR महीना तक की कमाई कर सकते है। वहीं यूके में सिविल इंजीनियर की सालाना औसत सैलरी GBP 37,053 (INR 37.05 लाख) होती है।

सिविल इंजीनियरिंग में क्या पढ़ाया जाता है?

सिविल इंजीनियरिंग एक प्रोफेशनल ब्रांच है जिसमें बुनियादी सुविधाएं यानी इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं की प्लानिंग, डिज़ाइन, कंस्ट्रक्शन और रखरखाव के बारे में सिखाया जाता है।

इंजीनियरिंग में कौन कौन से कोर्स होते हैं?

इंजीनियरिंग के मुख्य कोर्सेज इस प्रकार हैं:
1. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
2. सिविल इंजीनियरिंग
3. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
4. पैकेजिंग टेक्नोलॉजी
5. इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
6. इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
7. एप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन
8. कंप्यूटर इंजीनियरिंग
9. इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी
10. माइनिंग इंजीनियरिंग
11. मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग

आशा है, इस ब्लॉग से आपको Civil Engineering in Hindi की जानकारी मिल गई होगी। यदि आप विदेश में Civil Engineering करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर कॉल करके आज ही 30 मिनट्स का फ्री सेशन बुक कीजिए।

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