Vinod Kumar Shukla Ka Jivan Parichay : विनोद कुमार शुक्ल आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित कवि, उपन्यासकार, लघुकथाकार एवं निबंधकार हैं। शुक्ल जी वर्ष 1994 से 1996 तक निराला सृजनपीठ में अतिथि साहित्यकार रहे हैं। वहीं उनकी कई रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। साहित्य के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें ‘राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’ उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘हिंदी गौरव सम्मान’ व ‘रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार’ आदि से नवाजा जा चुका हैं। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय साहित्य में उपलब्धि के लिए उन्हें वर्ष 2023 में ‘PEN/नाबोकोव पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।
बता दें कि विनोद कुमार शुक्ल के साहित्य पर बहुत से शोधार्थियों ने पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी विनोद कुमार शुक्ल का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब प्रख्यात कवि एवं कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का जीवन परिचय (Vinod Kumar Shukla Ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla) |
जन्म | 1 जनवरी, 1937 |
जन्म स्थान | राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ |
पिता का नाम | शिवगोपाल शुक्ल |
माता का नाम | रुक्मणि देवी |
पत्नी का नाम | सुधा |
शिक्षा | एम.एससी. एग्रीकल्चर, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय |
पेशा | कवि. कथाकार, शिक्षक |
भाषा | हिंदी |
विधाएँ | कविता, कहानी व उपन्यास |
प्रमुख रचनाएँ | ‘नौकर की क़मीज़’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ (उपन्यास) ‘पेड़ पर कमरा’ तथा ‘महाविद्यालय’ (कहानी-संग्रह) |
पुरस्कार एवं सम्मान | साहित्य अकादमी पुरस्कार, ‘राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’ व , ‘रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार’ आदि। |
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छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था जन्म – Vinod Kumar Shukla Ka Jivan Parichay
विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी, 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में हुआ था। शुक्ल जी के पिता का नाम ‘शिवगोपाल शुक्ल’ था जबकि माता का नाम ‘रुक्मणि देवी’ था। बता दें कि राजनांदगांव जिला पूरे छतीसगढ़ में अपनी सांस्कृतिक, राजनैतिक, साहित्यिक और सामाजिक चेतना के लिए विख्यात है। इस नगर को ‘डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र’, ‘पन्नालाल बख्शी’ व ‘गजानन माधव मुक्तिबोध’ जैसे रचनाकरों ने अपनी कर्मभूमि बनाया था।
कृषि में किया एमएससी
विनोद कुमार शुक्ल ने जबलपुर में ‘जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय’ (JNKVV) से कृषि में एमएससी किया था, जिसके बाद वे कृषि महाविद्यालय रायपुर में व्याख्याता के रूप में नौकरी करने लगे। बताया जाता है कि उच्च शिक्षा के दौरान ही उनका साहित्य के क्षेत्र में पर्दापण हो गया था। वे ‘इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय’, छत्तीसगढ़ से कृषि-विस्तार के सह-प्राध्यापक पद से वर्ष 1996 में सेवानिवृत्त हुए। वर्ष 1994 से 1996 तक ‘निराला सृजन पीठ’ में अतिथि साहित्यकार रहे। इसके बाद वह स्वतंत्र रूप से साहित्य सृजन में जुट गए।
रचनाओं पर बनी फिल्म
विनोद कुमार शुक्ल के बहुचर्चित उपन्यास ‘नौकर की कमीज’ (Naukar Ki Kameez) पर भारतीय फ़िल्म निर्देशक ‘मणि कौल’ ने वर्ष 1999 में इसी शीर्षक से फिल्म बनाई थी। वहीं उनकी लोकप्रिय कहानी ‘आदमी की औरत’ पर ‘अमित दत्ता’ के निर्देशन में बनी फ़िल्म को वेनिस फिल्म फेस्टिवल के 66वें समारोह (2009) में स्पेशल इवेंट पुरस्कार मिला था। ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ उपन्यास के लिए शुक्ल जी को सर्वश्रेष्ठ हिंदी कृति के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ मिला था। इस उपन्यास पर भारतीय रंगमंच निर्देशक ‘मोहन महर्षि’ ने एक मंचीय नाटक भी बनाया है।
विनोद कुमार शुक्ल की साहित्यिक रचनाएँ – Vinod Kumar Shukla Ki Rachnaye
विनोद कुमार शुक्ल ने हिंदी साहित्य की गद्य और पद्य विधा में श्रेष्ठ कृतियों का सृजन किया हैं। यहाँ उनकी संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया हैं:-
कविता-संग्रह
कविता-संग्रह | प्रकाशन |
लगभग जयहिंद | वर्ष 1971 |
वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह | वर्ष 1981 |
सब कुछ होना बचा रहेगा | वर्ष 1992 |
अतिरिक्त नहीं | वर्ष 2000 |
कविता से लंबी कविता | वर्ष 2001 |
आकाश धरती को खटखटाता है | वर्ष 2006 |
उपन्यास
उपन्यास | प्रकाशन |
खिलेगा तो देखेंगे | वर्ष 1996 |
नौकर की कमीज | वर्ष 1979 |
दीवार में एक खिड़की रहती थी | वर्ष 1997 |
हरी घास की छप्पर वाली झोंपड़ी और बौना पहाड़ | वर्ष 2011 |
कहानी-संग्रह
कहानी-संग्रह | प्रकाशन |
पेड़ पर कमरा | वर्ष 1988 |
महाविद्यालय | वर्ष 1996 |
पुरस्कार एवं सम्मान
विनोद कुमार शुक्ल (Vinod Kumar Shukla Ka Jivan Parichay) को हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं :-
- मध्य प्रदेश शासन की ‘गजानन माधव मुक्तिबोध फ़ेलोशिप’ – वर्ष 1975
- राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान – वर्ष 1995
- मध्य प्रदेश शासन द्वारा ‘शिखर सम्मान – वर्ष 1994
- उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा ‘हिंदी गौरव सम्मान’
- रज़ा पुरस्कार – वर्ष 1981
- दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान – वर्ष 1997
- रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार
- विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 1999 में ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ उपन्यास के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
- ओडिशा की वर्णमाला संस्था द्वारा ‘सृजन भारती सम्मान’ – वर्ष 1992
- छत्तीसगढ़ राज्य का सुंदरलाल शर्मा सम्मान – वर्ष 2001
- PEN/नाबोकोव पुरस्कार – वर्ष 2023
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ हिंदी के प्रख्यात कवि एवं कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का जीवन परिचय (Vinod Kumar Shukla Ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं :-
FAQs
उनका जन्म 1 जनवरी, 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में हुआ था।
उनकी माता का नाम रुक्मणि देवी जबकि पिता का नाम शिवगोपाल शुक्ल था।
शुक्ल जी के प्रथम कविता संग्रह का नाम ‘लगभग जयहिंद’ है जिसका प्रकाशन वर्ष 1971 में हुआ था।
वर्ष 1999 में ‘दीवार में एक खिड़की रहती थी’ उपन्यास के लिए उन्हें ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
‘नौकर की कमीज’, विनोद कुमार शुक्ल का लोकप्रिय उपन्यास है।
आशा है कि आपको हिंदी के प्रख्यात कवि एवं कथाकार विनोद कुमार शुक्ल का जीवन परिचय (Vinod Kumar Shukla Ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।