विख्यात साहित्यकार उमाशंकर जोशी का जीवन परिचय – Umashankar Joshi ka Jivan Parichay

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उमाशंकर जोशी का जीवन परिचय

Umashankar Joshi ka Jivan Parichay (उमाशंकर जोशी का जीवन परिचय): ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित साहित्यकार उमाशंकर जोशी मूलतः गुजराती के साहित्यसर्जक थे किंतु उनकी रचनाएँ हिंदी के अलावा कई भारतीय भाषाओं में पढ़ी जाती हैं। वह साहित्य जगत में एक प्रतिष्ठित लेखक, कवि होने के साथ साथ प्राध्यापक, संपादक, अनुवादक व स्वतंत्रता सेनानी भी थे। उन्होंने ‘महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए ‘अहसयोग आंदोलन में भी भाग लिया था। वह आधुनिक और गांधी युग के साहित्यकारों में अपना अग्रणी स्थान रखते हैं। 

वहीं, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1967 में ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ और वर्ष 1973 में ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। बता दें कि उमाशंकर जोशी की कई रचनाएँ जिनमें ‘छोटा मेरा खेत’, ‘बगुलों के पंख’ (कविता), ‘अभिज्ञा’ (एकांकी), ‘सापनाभारा’, ‘शहीद’ (कहानी) ‘श्रावणी मेणो’, ‘विसामो’ (उपन्यास) आदि को स्कूल के साथ ही बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। 

इसके साथ ही UGC/NET में गुजराती और हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी उमाशंकर जोशी  का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम विख्यात साहित्यकार उमाशंकर जोशी का जीवन परिचय (Umashankar Joshi ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।

मूल नाम उमाशंकर जोशी (Umashankar Joshi)
उपनाम ‘वासुकी’ 
जन्म 21 जुलाई, 1911
जन्म स्थान बामना गांव, साबरकांठा जिला, गुजरात 
पिता का नाम जेठालाल कमलजी 
माता का नाम नवलबाई 
शिक्षा एमए  (मुंबई विश्वविद्यालय) 
पेशा लेखक, कवि, प्राध्यापक, संपादक, अनुवादक व स्वतंत्रता सेनानी 
भाषा गुजराती, हिंदी 
विधाएँ कविता, कहानी, उपन्यास, निबंध, एकांकी 
उपन्यास ‘श्रावणी मेणो’, ‘विसामो’
एकांकी अभिज्ञा 
निबंध ‘पारंकाजण्या’  
संपादन स्वप्नप्रयाण, उघाड़ीबारी आदि। 
पुरस्कार एवं सम्मान ‘ज्ञापनीठ पुरस्कार’, ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘नानालाल काव्य पुरस्कार’ आदि। 
निधन 19 दिसंबर 1988 मुंबई, महाराष्ट्र

गुजरात के साबरकांठा जिले में हुआ था जन्म 

समादृत कवि और साहित्यकार उमाशंकर जोशी का जन्म 21 जुलाई, 1911 को गुजरात के साबरकांठा जिले के बामना नामक गांव में हुआ था। बता दें कि उनका उपनाम ‘वासुकी’ था। उनके पिता का नाम ‘जेठालाल कमलजी’ व माता का नाम ‘नवलबाई’ था। 

मुंबई विश्वविद्यालय से किया एमए  

उमाशंकर जोशी की औपचारिक शिक्षा कई खंडों में पूरी हुई। उन्होंने अर्थशास्त्र और इतिहास विषय में स्नातक की डिग्री प्राप्त करने के बाद ‘मुंबई विश्वविद्यालय’ से गुजराती व संस्कृत विषय में एम.ए की डिग्री प्राप्त की थी। 

स्वतंत्रता संग्राम में लिए भाग 

उमाशंकर जोशी कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रहे थे उसी दौरान वर्ष 1929 में गुजरात कॉलेज के छात्रों द्वारा प्रारंभ की गई 34 दिनों की हड़ताल में उन्होंने भाग लिया था। इसके बाद राष्ट्रपितामहात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए गए ‘अहसयोग आंदोलनमें भी उन्होंने बढ़ चढ़कर भाग लिया। 

जेल यात्रा 

वर्ष 1930 में उमाशंकर जोशी एक सत्याग्रही के रूप में वीरांगम कैंप में भर्ती हो गए थे। लेकिन इसके कुछ समय बाद ही ब्रिटिश हुकूमत द्वारा उन्हें पहले साबरमती जेल व बाद में येरवाडा के टेंट जेल में 14 दिनों के लिए कैद कर लिया। वहीं, इसके बाद उन्हें वर्ष 1931 में साबरमती और विसासपुर जेल में 8 महीनों के लिए कैद किया गया था। 

कई पदों पर रहे कार्यरत 

बता दें कि बीसवीं सदी में गुजराती कविता और साहित्य को नयी भंगिमा व नया स्वर देने में उमाशंकर जोशी का विशेष योगदान था। इसके साथ ही उन्होंने भारत सरकार के कई शिक्षण संस्थानों में अपनी सेवाएं देने का भी कार्य किया हैं, जो कि इस प्रकार हैं:- 

  • गुजरात साहित्य परिषद के अध्यक्ष – 1968 
  • साहित्य अकादमी के अध्यक्ष – 1978-1982 
  • गुजरात विश्वविद्यालय के उप कुलपति – 1970 
  • शांतिनिकेतन के विश्वविद्यालय के कुलपति – 1979
  • राजयसभा के सदस्य भी रहे। 

उमाशंकर जोशी की साहित्यिक रचनाएँ – Umashankar Joshi ki Rachnaye

उमाशंकर जोशी (Umashankar Joshi Ka Jivan Parichay) ने आधुनिक गुजराती साहित्य में कहानी, कविता, निबंध, एकांकी, उपन्यास, अनुवाद व संपादन के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान दिया हैं। यहाँ उमाशंकर जोशी की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

काव्य-ग्रंथ

  • विश्वशांति (6 खंडों में) 
  • गंगोत्री
  • निशीथ 
  • गुलेपोलांड 
  • प्राचीना
  • आतिथ्य और वसंत वर्ष 
  • महाप्रस्थान 

कविता 

  • छोटा मेरा खेत
  • बगुलों के पंख
  • अरमान
  • शब्द
  • दो पूर्णिमाएँ
  • पिता के फूल
  • प्रणयी की रटन
  • होटल में सुख का बिछौना
  • कुतूहल
  • क्षमा-याचना
  • रहनुमा बिना
  • जब नहीं मिली थी
  • नखी सरोवर पर शरत्-पूर्णिमा
  • कल्पना की थी मैंने सखी की
  • फिर भी पी ले, प्यारे!
  • गीत अधूरा
  • आत्मसंतोष
  • मौन
  • देश-निर्वासित-सा
  • जो वर्ष बीते, जो रहे
  • मुख-चमक
  • जठराग्नि
  • मनुष्य-हृदय

कहानी 

  • सापनाभरा
  • शहीद

 उपन्यास 

  • श्रावनी मेणो
  • विसामो

निबंध

  • पारंकाजण्या

संपादन

  • गोष्ठी 
  • उघाड़ीबारी 
  • क्लांतकवि
  • म्हारासॉनेट 
  • स्वप्नप्रयाण

अनुवाद 

  • कालिदास के ‘अभिज्ञानशाकुन्तलम्’ और भवभूति के ‘उत्तमरामचरित’ का गुजराती में अनुवाद किया। 

पुरस्कार एवं सम्मान 

उमाशंकर जोशी (Umashankar Joshi Ka Jivan Parichay) को आधुनिक साहित्य व शिक्षा के क्षेत्र में अतुल्नीय योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • सम्मान रणजितराम सुवर्ण चन्द्रक – वर्ष 1939 
  • महींदा पुरस्कार – वर्ष 1944 
  • नर्मद सुवर्ण चन्द्रक – वर्ष 1945
  • उमा-स्नेह रश्मि पुरस्कार – वर्ष 1966 
  • नानालाल काव्य पुरस्कार – वर्ष 1968
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार – वर्ष 1973 
  • ज्ञानपीठ पुरस्कार – वर्ष 1967

77 वर्ष की आयु में हुआ निधन 

कई दशकों तक गुजराती साहित्य में अनुपम कृतियों का सृजन करने वाले विख्यात साहित्यकार उमाशंकर जोशी का कैंसर की घातक बीमारी के कारण टाटा मेमोरियल अस्पताल में 19 दिसंबर 1988 को निधन हो गया। किंतु आज भी उनकी लोकप्रिय कृतियों के लिए उन्हें याद किया जाता है। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ विख्यात साहित्यकार उमाशंकर जोशी का जीवन परिचय (Umashankar Joshi ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश
सुदर्शनऋतुराजफिराक गोरखपुरी 
मैथिलीशरण गुप्तअशोक वाजपेयीराजगुरु
सुखदेवजाबिर हुसैनविष्णु खरे 

FAQs 

उमाशंकर जोशी का जन्म कहाँ हुआ था?

उनका जन्म 21 जुलाई, 1911 को गुजरात के साबरकांठा जिले के बामना नामक गांव में हुआ था। 

उमाशंकर जोशी का उपनाम क्या था?

उनका उपनाम ‘वासुकी’ था।

उमाशंकर जोशी की माता का क्या नाम था?

उनकी माता का नाम ‘नवलबाई’ था।

उमाशंकर जोशी को ज्ञानपीठ पुरस्कार कब मिला था?

‘निशीथ’ काव्य-संग्रह के लिए उन्हें वर्ष 1967 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

उमाशंकर जोशी की मृत्यु कब और कहां हुई थी?

कैंसर की घातक बीमारी के कारण 19 दिसंबर 1988 को 77 वर्ष की आयु में उनका टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई में  निधन हो गया। 

आशा है कि आपको विख्यात साहित्यकार उमाशंकर जोशी का जीवन परिचय (Umashankar Joshi ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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