Lakshmi Sahgal: कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल महान स्वतंत्रता सेनानी और ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस’ द्वारा गठित ‘आजाद हिंद फौज’ की अधिकारी थीं। वह आजाद हिंद फौज में महिला मामलों की मंत्री भी रही हैं। पेशे से डॉक्टर होने के साथ ही उन्होंने फौज में महिलाओं को भर्ती करने का सराहनीय काम किया था। उस समय उन्होंने लगभग 500 महिलाओं की फौज तैयार की थी। वहीं आजादी के बाद भी उन्होंने डॉक्टर, समाजसेविका और राजयसभा सांसद के रूप में अपनी सेवाएँ दी। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान और लोककल्याण कार्यों के लिए उन्हें वर्ष 1998 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ‘के.आर नारायणन’ द्वारा देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। आइए अब हम महान स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल का जीवन परिचय (Lakshmi Sahgal Biography in Hindi) और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | डॉ. लक्ष्मी सहगल (Lakshmi Sahgal) |
जन्म | 24 अक्टूबर, 1914 |
जन्म स्थान | चेन्नई, तमिलनाडु |
शिक्षा | MBBS |
पेशा | स्वतंत्रता सेनानी, डॉक्टर, समाजसेविका, सांसद |
पिता का नाम | डॉ. एस. स्वामीनाथन |
माता का नाम | अम्मू स्वामीनाथन |
पति का नाम | प्रेम सहगल |
संगठन | आजाद हिंद फौज |
राजनीतिक पार्टी | भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) |
पुरस्कार एवं सम्मान | पद्म विभूषण |
निधन | 23 जुलाई, 2012 कानपुर, उत्तर प्रदेश |
This Blog Includes:
- चेन्नई में हुआ था जन्म – Lakshmi Sahgal Biography in Hindi
- ‘मद्रास मेडिकल कॉलेज’ में लिया प्रवेश
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस से मुलाकात
- आजाद हिंद फौज में शामिल
- एपीजे अब्दुल कलाम के खिलाफ लड़ा राष्ट्रपति चुनाव
- “पद्म विभूषण” पुरस्कार से सम्मानित
- कानपुर में हुआ निधन
- पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
- FAQs
चेन्नई में हुआ था जन्म – Lakshmi Sahgal Biography in Hindi
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सहयोगी रहीं कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल का जन्म 24 अक्टूबर 1914 को तत्कालीन मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम ‘लक्ष्मी स्वामीनाथन’ (Lakshmi Swaminathan) था लेकिन विवाह के बाद उन्हें लक्ष्मी सहगल के नाम से जाना गया। उनके पिता ‘डॉ. एस स्वामीनाथन’, मद्रास हाई कोर्ट में एक प्रतिष्ठित वकील थे। जबकि उनकी माता ‘अम्मू स्वामीनाथन’ एक समाजसेविका थीं।
‘मद्रास मेडिकल कॉलेज’ में लिया प्रवेश
बताया जाता है कि लक्ष्मी सहगल की प्रारंभिक और उच्च शिक्षा चेन्नई में ही हुई थी। वर्ष 1932 में उन्होंने विज्ञान में स्नातक की परीक्षा पास की। इसके बाद वर्ष 1938 में ‘मद्रास मेडिकल कॉलेज’, चेन्नई से MBBS की डिग्री हासिल की और इसके एक वर्ष बाद स्त्री रोग और प्रसूति में डिप्लोमा किया। शिक्षा के उपरांत कुछ समय तक उन्होंने चेन्नई में स्थापित ‘कस्तूरबा गाँधी हॉस्पिटल फॉर विमेन एंड चिल्ड्र्न’ में काम किया। फिर वह वर्ष 1940 में सिंगापुर चली गई।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस से मुलाकात
लक्ष्मी सहगल ने यहाँ आकर अप्रवासी मजदूरों के लिए नि:शुल्क चिकित्सालय खोला। इसके साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान घायल युद्धबंदियों के लिए भी काफी काम किया। इसी दौरान वर्ष 1943 में भारत की स्वतंत्रता की मशाल लिए जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस सिंगापुर आए तो वह उनके विचारों से बहुत प्रभावित हुई। वहीं नेताजी से मुलाकात के बाद उन्होंने भी आजादी की लड़ाई में भाग लेने का निर्णय लिया।
बताया जाता है कि स्वतंत्रता के प्रति लक्ष्मी सहगल का हौसला देखकर नेताजी ने रानी लक्ष्मीबाई रेजीमेंट बनाने की घोषणा की। फिर 22 अक्टूबर, 1943 को लक्ष्मी सहगल ने ‘रानी झांसी रेजीमेंट’ में कैप्टन का पदभार संभाला। आपको बता दें कि वे आजाद हिंद सरकार की कैबिनेट में पहली महिला सदस्य बनीं। जबकि नेताजी राज्य के प्रमुख, प्रधानमंत्री और युद्ध मंत्री थे।
आजाद हिंद फौज में शामिल
लक्ष्मी सहगल ने आजाद हिंद फौज में शामिल होने के कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने न केवल महिलाओं में आजादी की अलख जगाई बल्कि उन्हें रानी झांसी रेजीमेंट में भर्ती भी किया। लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के जापान की हार के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने आजाद हिंद फौज के सैनिकों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। वहीं सिंगापुर में पकड़े गए सैनिकों में एक कैप्टन लक्ष्मी सहगल भी थीं। उन्हें वर्ष 1946 में भारत लाए जाने के बाद रिहा कर दिया गया। लक्ष्मी सहगल ने वर्ष 1947 में लाहौर के कर्नल प्रेम सहगल से विवाह कर लिया और वह कानपुर जाकर बस गई।
एपीजे अब्दुल कलाम के खिलाफ लड़ा राष्ट्रपति चुनाव
लक्ष्मी सहगल बाद में सक्रिय राजनीति में भी आयी और वर्ष 1971 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) से राजयसभा सांसद भी बनीं। फिर वर्ष 2002 में राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम’ के खिलाफ चुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। किंतु उनकी प्रतिष्ठा पर कोई आंच नहीं आई।
“पद्म विभूषण” पुरस्कार से सम्मानित
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान और लोक कल्याण कार्यों के लिए उन्हें वर्ष 1998 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ‘के.आर नारायणन’ द्वारा देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कानपुर में हुआ निधन
कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल ने स्वतंत्रता के बाद भी एक डॉक्टर, समाजसेविका और सांसद के रूप में जनकल्याण के लिए अहम कार्य किए थे। किंतु वृद्वावस्था में पहले दिल का दौरा पड़ने और बाद में ब्रेन हैमरेज होने से कोमा में जाने के कारण उनका 23 जुलाई, 2012 को 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। लक्ष्मी जी को स्वतंत्रता सेनानी, डॉक्टर, सांसद, समाजसेवी के रूप में आज भी याद किया जाता हैं।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल का जीवन परिचय (Lakshmi Sahgal Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका पूरा नाम लक्ष्मी स्वामीनाथन था।
कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल का जन्म 24 अक्टूबर 1914 को तत्कालीन मद्रास (वर्तमान चेन्नई) में हुआ था।
उनके पिता का नाम डॉ. एस. स्वामीनाथन जबकि माता का नाम अम्मू स्वामीनाथन था।
कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल आजाद हिंद फौज की पहली कैप्टन थीं।
उन्हें वर्ष 1998 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ‘के.आर नारायणन’ द्वारा “पद्म विभूषण” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
23 जुलाई, 2012 को 98 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था।
आशा है कि आपको कैप्टन डॉ. लक्ष्मी सहगल का जीवन परिचय (Lakshmi Sahgal Biography in Hindi) पर यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।