Mahatma Gandhi Books in Hindi: महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए

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महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम

महात्मा गांधी ने 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं। गांधी जी की पुस्तकें उनके दर्शन, उनके राजनीतिक विचार और उनके व्यक्तिगत जीवन सहित विभिन्न विषयों को कवर करती हैं। ये पुस्तकें आज भी लोगों को प्रेरित और शिक्षित करती हैं। इनमें से कुछ सबसे प्रसिद्ध पुस्तकें निम्नलिखित हैं। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानिए महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम  (Mahatma Gandhi Books in Hindi) के बारे में विस्तार से। 

Mahatma Gandhi Books in Hindi

सत्य के प्रयोग (1927)
हिंद स्वराज (1909)
मेरे सपनों का भारत (1942)
दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (1920)
गीता बोध (1929)

महात्मा गांधी की किताबें : सत्य के प्रयोग (1927)

Mahatma Gandhi Books in Hindi

महात्मा गांधी की “सत्य के प्रयोग” (The Story of My Experiments with Truth) पुस्तक उनकी आत्मकथा है और यह उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं, विचारों, और सत्याग्रह के सिद्धांतों का वर्णन करती है। यह पुस्तक उनके आत्मकथा और उनके विचारों का सफलता, संघर्ष और सत्य की खोज का सफर है।

“सत्य के प्रयोग” के माध्यम से, गांधीजी अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं को विवरणित करते हैं, जैसे कि उनका बचपन, विद्या, वकीली कार्य, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह, और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका। उन्होंने अपने जीवन के विभिन्न मोमेंट्स के माध्यम से सत्य के प्रयोग के महत्व को समझाने का प्रयास किया और यह दिखाने का कोशिश किया कि व्यक्तिगत और सामाजिक परिवर्तन केवल सत्य के प्रयोग से ही संभव है।

“सत्य के प्रयोग” गांधीजी के विचारों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और यह उनकी सोच और सत्याग्रह के सिद्धांतों को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। इस पुस्तक को गांधीजी की आत्मकथा के रूप में भी जाना जाता है, जो उनके जीवन और विचारों का एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण प्रस्तावना है।

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महात्मा गांधी की किताबें: हिंद स्वराज (1909)

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महात्मा गांधी की पुस्तक “हिन्द स्वराज” (Hind Swaraj) उनके विचारों का महत्वपूर्ण प्रस्तावना है और एक महत्वपूर्ण सामाजिक और राजनीतिक प्रश्न पर उनके दृष्टिकोण को प्रकट करती है। यह पुस्तक 1909 में लिखी गई थी और विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक, और आर्थिक पहलुओं पर गांधीजी के विचारों को प्रस्तुत करती है।

“हिन्द स्वराज” में गांधीजी ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सिद्धांतों को और भारतीय समाज के सामाजिक सुधार के माध्यमों को व्यक्त किया। उन्होंने यह बताया कि स्वतंत्रता केवल ब्रिटिश शासन से मुक्त होने के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह भी आवश्यक है कि भारतीय समाज अपने आत्मा के स्वराज की ओर बढ़ें।

गांधीजी ने “हिन्द स्वराज” में और भी कई मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण प्रस्तुत किए, जैसे कि तंत्रिकता, औद्योगिकीकरण, धर्म, और समाज के सुधार के माध्यमों के बारे में। इस पुस्तक का प्रधान संदेश था कि स्वराज केवल राजनीतिक विमर्श का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह एक आदर्श जीवनशैली और समाजिक सुधार का भी प्रश्न है।

“हिन्द स्वराज” गांधीजी के विचारों का महत्वपूर्ण रूप से प्रस्तुत करती है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके दृष्टिकोण को समझने के लिए महत्वपूर्ण एक स्रोत है।

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महात्मा गांधी की किताबें: मेरे सपनों का भारत (1942)

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महात्मा गांधी की “मेरे सपनों का भारत” (India of My Dreams) पुस्तक एक छोटी सी पैम्फ्लेट के रूप में है, जिसमें वे अपने स्वप्न और आकांक्षाओं को साझा करते हैं, जो उनके भारत के प्रति थे। यह पुस्तक गांधीजी के दृष्टिकोण और उनके विचारों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जिसमें वे भारतीय समाज के सुधार के लिए अपनी आकांक्षाओं को व्यक्त करते हैं।

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“मेरे सपनों का भारत” में गांधीजी ने एक आदर्श भारत की छवि को चित्रित किया, जिसमें सभी वर्गों के लोगों के बीच सामाजिक और आर्थिक समानता हो, और विविधता और सामाजिक न्याय का पालन हो। उन्होंने इसे एक सशक्त, स्वतंत्र, और समृद्ध भारत की ओर का मार्गदर्शन के रूप में देखा।

गांधीजी ने इस पुस्तक में भारत के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक सुधार के लिए अपने सुझाव और सोच को साझा किया और यहाँ तक कहा कि उनका आदर्श भारत उस समय भी संभावना है जब उन्होंने इसे लिखा था। यह पुस्तक गांधीजी के दृष्टिकोण और उनकी आकांक्षाओं के प्रति हमारे जागरूक होने के लिए महत्वपूर्ण है और वे उस भारत के निर्माण के लिए अपने सभी साथी नागरिकों की सहयोग की आग्रह करते थे।

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दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह (1920)

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महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में अपने प्रथम सत्याग्रह के अनुभव किए थे, जिन्होंने उनके जीवन में सत्याग्रह के सिद्धांतों का नींव रखा।

1893 में, मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका के नाटल प्रांत के दुर्बन शहर में एक न्यायिक वकील के रूप में आए थे। वहां उन्हें भारतीय व्यक्तिओं के अधिकारों का उल्लंघन और उनके सामाजिक असमानता का सामना करना पड़ा। उन्होंने कुछ महीनों तक दुर्भाग्यपूर्ण अनुभव किए और इसके परिणामस्वरूप, उन्होंने सत्याग्रह का प्रारंभ किया।

गांधीजी का पहला सत्याग्रह उन्होंने 1894 में एक भारतीय नरी के लिए किया, जिन्हें ट्रेन में यात्रा करने में अपमानित किया गया था। उन्होंने ट्रेन कंपनी से इस असमानता का विरोध किया और इसे सफलतापूर्वक खत्म किया।

इसके बाद, गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका के भारतीय समुदाय के अधिकारों की संरक्षण के लिए सत्याग्रह का प्रयोग किया। उन्होंने भारतीय समुदाय को साथ जोड़ने के लिए अपने आदर्शों को जीवन में लागू किया और सत्याग्रह के माध्यम से उन्होंने अपने अधिकारों की रक्षा की। इस प्रकार, गांधीजी ने दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह के माध्यम से अपने संघर्ष के सिद्धांतों का प्रमुख प्रसार किया और इसका अभ्यास किया, जो फिर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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गीता बोध (1929)

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महात्मा गांधी ने “गीता बोध” (The Bhagavad Gita According to Gandhi) नामक पुस्तक लिखी थी, जिसमें उन्होंने भगवद गीता के सिद्धांतों और उनके स्वतंत्रता संग्राम में किए गए योगदान को समझाया। यह पुस्तक महात्मा गांधी के भारतीय धार्मिक और राजनीतिक विचारों का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और वे भगवद गीता के सांस्कृतिक और धार्मिक सन्देश को अपने जीवन में कैसे अपनाते थे।

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महात्मा गांधी ने गीता बोध में अपने स्वयं के अनुभवों के साथ भगवद गीता के श्लोकों का विवेचन किया और उनके सांस्कृतिक संदेश को स्वधर्म, आत्मा की शुद्धता, और सेवा के माध्यम से कैसे समझते थे। गांधीजी का कहना था कि भगवद गीता उनके जीवन के महत्वपूर्ण निर्देशक बनी और उन्होंने इसके सिद्धांतों का पालन किया।

गीता बोध में, गांधीजी ने अहिंसा, सत्य, सहिष्णुता, और सर्वोदय के महत्व को बताया और यह सिद्धांत उनके सत्याग्रह आंदोलनों के मूल सिद्धांत थे। उन्होंने गीता के माध्यम से यह भी साबित किया कि धर्म का मतलब सिर्फ रिट्याल और आचारधर्म का पालन नहीं होता, बल्कि अधिक महत्वपूर्ण भूमिका उतारना और सेवा में योगदान करना भी होता है।

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कुछ अन्य महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम

महात्मा गाँधी ने अपने जीवन में कई किताबें लिखीं। आईये जानते हैं कुछ अन्य महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम। 

  • अहिंसा के प्रथम चरण (1910)
  • व्यक्तिगत सत्याग्रह (1920)
  • हरिजन (1933)
  • सामाजिक परिवर्तन के लिए धर्म (1936)
  • स्वराज्य की ओर (1937)
  • आत्मनिर्भरता (1940)
  • भारत के लिए संविधान (1942)
  • अंतिम संदेश (1948)

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FAQs

महात्मा गांधी का जन्म कब हुआ था?

महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था।

महात्मा गांधी के कितने बेटे थे?

महात्मा गांधी की बेटी नहीं थी, उनके चार बेटे थे।

गांधी का पहला पुत्र कौन है?

गांधी जी के पहले पुत्र हीरालाल थे।

महात्मा गांधी का विवाह किससे हुआ था?

महात्मा गांधी का विवाह कस्तूरबा से हुआ था।

महात्मा गांधी का पूरा नाम क्या है?

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है।

महात्मा गांधी का सत्याग्रह क्या होता है?

सत्याग्रह, जिसे “सत्य की पथ” या “अहिंसात्मक सत्याग्रह” भी कहा जाता है, महात्मा गांधी द्वारा विकसित किया गया एक अद्वितीय प्रकार का आंदोलन था। इसमें लोग अपने मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अहिंसा, सत्य, और आपसी समझ के साथ सड़क पर उतरते थे।

महात्मा गांधी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएँ और उनके कार्यक्षेत्र क्या थे?

महात्मा गांधी के जीवन में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जैसे कि दांडी मार्च, सोल्ट सत्याग्रह, खिलाफत आंदोलन, चंपारण आंदोलन, और बरादोली सत्याग्रह। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के लिए अपने जीवन की कई बड़ी प्रक्रियाएँ आयोजित की।

कुछ सबसे प्रसिद्द महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम क्या हैं?

सत्य के प्रयोग, हिन्द स्वराज, मेरे सपनों का भारत, दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह, गीता बोध आदि कुछ सबसे प्रसिद्द महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम हैं। 

आशा है कि इस ब्लाॅग महात्मा गांधी की पुस्तकों के नाम (Mahatma Gandhi Books in Hindi) में आपको गांधी जी के परिवार के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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