क्या आप जानते हैं कि 1921 में भारत का तिरंगा किसने बनाया था?

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तिरंगा किसने बनाया

भारत का राष्ट्रीय ध्वज, जिसे हम “तिरंगा” कहते हैं, हमारे देश की आज़ादी, गर्व और एकता का प्रतीक है। यह तीन रंगों से मिलकर बना है, जो हमारे देश की विविधता और मूल्यों को दर्शाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 1921 में भारत का तिरंगा किसने बनाया था? तिरंगे में शामिल तीन रंगो का ध्वज न केवल हमारी सांस्कृतिक विविधता को दर्शाता है, बल्कि यह उस संघर्ष की भी कहानी सुनाता है जिसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने लड़ा। आइए, इस ब्लॉग में हम तिरंगे की उत्पत्ति और उसके डिजाइन के बारे में जानेंगे।

कौन थे भारतीय ध्वज तिरंगे को डिज़ाइन करने वाले?

वर्ष 1921 में आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया ने देश की एकता को प्रदर्शित करते हुए भारत का तिरंगा झंडा तैयार किया था। उन्होंने बहुत ही सूझबूझ के साथ इसमें रंगों का समावेश किया। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग होता है। यह शौर्य का प्रतीक है। बीच में सफ़ेद रंग होता है जो कि शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे हरा रंग होता है जो कि हरियाली और सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके बीच में दर्शाया गया अशोक चक्र सारनाथ स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है, जो की कर्तव्य का प्रतीक है।

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पिंगली वेंकैया के बारे में

पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को हुआ था। वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे और ब्रिटिश इंडियन आर्मी का हिस्सा भी रहे थे। 19 साल की उम्र में वेंकैया में उन्हें अंग्रेजों द्वारा युद्ध लड़ने के लिए अफ्रीका में तैनात किया गया था। युद्ध के दौरान उन्हें ब्रिटिश झंडे को सलामी देनी थी। यह बात उन्हें गुलामी की निशानी लगी। उन्हें एहसास हुआ कि भारत के पास एक राष्ट्र की पहचान के रूप में उसका खुद का झंडा होना चहिए। जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए तो उनके अंदर भारत के लिए झंडा डिज़ाइन करने की इच्छा जागृत हुई। जब उन्होंने तिरंगे का निर्माण किया तो पिंगली वेंकैया की उम्र 45 साल थी।

तिरंगे का इतिहास

भारत का राष्ट्रीय ध्वज 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, लेकिन इसका मूल डिज़ाइन कई बदलावों और विचारों के बाद तैयार हुआ था। बता दें कि तिरंगे का निर्माण भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुआ, जब हमें एक ऐसे ध्वज की आवश्यकता महसूस हुई जो हमारी स्वतंत्रता और पहचान का प्रतीक बने।

आधुनिक तिरंगे में बदलाव

वर्ष 1947 में जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब तिरंगे में कुछ बदलाव किए गए। चरखे की जगह अशोक चक्र को शामिल किया गया, जो सम्राट अशोक के धर्म चक्र का प्रतीक है। अशोक चक्र नीले रंग का है और इसमें 24 तीलियां हैं, जो प्रगति और निरंतरता का प्रतीक हैं। राष्ट्रीय ध्वज के मध्य में सुसज्जित अशोक चक्र हमें निरंतर प्रयास करने और परिश्रम करने की प्रेरणा देता है।

तिरंगे के तीन रंगों का महत्व

राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ में शामिल तीन रंगों का अपना विशेष महत्व होता है। बता दें कि तिरंगे में शामिल केसरिया रंग साहस और त्याग का प्रतीक है। तो वही सफेद रंग शांति और सच्चाई का प्रतीक और हरा रंग हरियाली और समृद्धि का प्रतीक है।

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FAQs

1921 में भारत का तिरंगा किसने बनाया था?

1921 में भारत का तिरंगा पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था। उन्होंने इसे महात्मा गांधी के सुझाव पर तैयार किया था।

पिंगली वेंकैया कौन थे?

पिंगली वेंकैया एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक थे। वे भारत के राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर के रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने भारत के लिए कई ध्वज डिजाइन किए, जिनमें से एक 1921 का तिरंगा था।

1921 के तिरंगे का वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज से क्या अंतर है?

1921 के तिरंगे में केवल दो रंग (लाल और हरा) थे, जबकि वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग (केसरिया, सफेद और हरा) हैं। 1921 के तिरंगे में चरखा था, जबकि वर्तमान ध्वज में अशोक चक्र है।

महात्मा गांधी का 1921 के तिरंगे में क्या योगदान था?

महात्मा गांधी ने पिंगली वेंकैया को तिरंगे में सफेद रंग और चरखा जोड़ने का सुझाव दिया। सफेद रंग शांति और अन्य समुदायों का प्रतीक था, और चरखा आत्मनिर्भरता और स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक था।

भारत का वर्तमान तिरंगा कब अपनाया गया?

भारत का वर्तमान तिरंगा 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था। इसे पिंगली वेंकैया के 1921 के डिजाइन पर आधारित किया गया था।

पिंगली वेंकैया को कब सम्मानित किया गया?

पिंगली वेंकैया को उनके योगदान के लिए वर्ष 2009 में भारतीय डाक विभाग द्वारा डाक टिकट जारी करके सम्मानित किया गया। वर्ष 2022 में उनकी 146वीं जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी सराहना की।

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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको तिरंगा किसने बनाया से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

 

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