राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की शान होता है। यह उस देश की अस्मिता की निशानी होता है। राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की जनता का प्रतिनिधित्व करता है। चाहे खेला का मैदान हो या युद्धभूमि हर जगह झंडे को ही देश को प्रस्तुत करने के लिए प्रतीक चिन्ह लिए आगे किया जाता है। पासपोर्ट से लेकर सरकारी दस्तावेज़ों तक हर जगह देश का झंडा ही देश की पहचान के रूप में जाना जाता है। भारत का झंडा तिरंगे के रूप में जाना जाता है। यह विश्व के सबसे सुन्दर झंडों में से एक माना जाता है। इसका अद्भुत डिज़ाइन पहली बार में ही देखने वाले का मन मोह लेता है। इसके तीन रंगों के कारण इसे तिरंगा कहा जाता है। कई बार परीक्षाओं में सामान्य ज्ञान के पेपर में यह प्रश्न पूछ लिया जाता है कि तिरंगा किसने बनाया? यहाँ इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
कौन थे भारतीय ध्वज तिरंगे को डिज़ाइन करने वाले
वर्ष 1921 में आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया ने देश की एकता का प्रदर्शन करते हुए भारत का तिरंगा झंडा तैयार किया था। उन्होंने बहुत ही सूझबूझ के साथ इसमें रंगों का समावेश किया। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग होता है। यह शौर्य का प्रतीक है। बीच में सफ़ेद रंग होता है जो कि शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे हरा रंग होता है जो कि हरियाली और सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके बीच में दर्शाया गया अशोक चक्र सारनाथ स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है। यह कर्तव्य का प्रतीक है।
पिंगली वेंकैया के बारे में
पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त 1876 को हुआ था। वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे। वे ब्रिटिश इंडियन आर्मी का भी हिस्सा रहे थे। 19 साल की उम्र में वेंकैया में उन्हें अंग्रेजों द्वारा युद्ध लड़ने के लिए अफ्रीका में तैनात किया गया था। युद्ध के दौरान उन्हें ब्रिटिश झंडे को सलामी देनी थी। यह बात उन्हें गुलामी की निशानी लगी। उन्हें एहसास हुआ कि भारत के पास एक राष्ट्र की पहचान के रूप में उसका खुद का झंडा होना चहिए। जब वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए तो उनके अंदर भारत के लिए झंडा डिज़ाइन करने की इच्छा जागृत हुई।
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