भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमारे संविधान के लागू होने और देश को गणराज्य बनने का प्रतीक है। इस वर्ष भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर झंडा फहराने की परंपरा बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस अवसर पर देश की राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराया जाता है। बता दें कि इस दिन स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में तिरंगा झंडा फहराया जाता है और रंगारंग कार्यक्रम किए जाते हैं। इस लेख में आपको इस सवाल का जवाब मिलेगा कि 26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है और इसका महत्व क्या है? तो आइए, इसे सरल और रोचक तरीके से समझते हैं।
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गणतंत्र दिवस पर ध्वजारोहण कौन करता है?
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। अक्सर छात्रों और पाठकों के मन में यह प्रश्न आता है कि 26 जनवरी को झंडा को झंडा कौन फहराता है? तो आपको बता दें कि 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा झंडा फेहराया जाता है। भारत में राष्ट्रपति ही देश के सर्वोच्च संवैधानिक प्रमुख के रूप में अपनी सेवाएं देते हैं, तभी उनकी उपस्थिति में झंडा फहराने का कार्य राष्ट्रीय एकता और गणतंत्र के प्रति सम्मान का प्रतीक होता है। राष्ट्रपति झंडा फहराने के बाद पूरे गर्व से राष्ट्रगान “जन गण मन” गाते हैं। इसके बाद 21 तोपों की सलामी दी जाती है, जो देश के वीर शहीदों और गणतंत्र दिवस के महत्व को दर्शाती है।
26 जनवरी के दिन कहाँ फहराया जाता है झंडा?
15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं, तो वहीं 26 जनवरी यानि कि गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा कर्तव्य पथ पर झंडा फहराया जाता है, कर्तव्यपथ वही जिसे पहले राजपथ के नाम से भी जाना जाता था।
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26 जनवरी का महत्व
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ और देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना। इस दिन को खास बनाने के लिए हर साल राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस परेड में देश की सैन्य ताकत, सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन किया जाता है।
अन्य सरकारी स्थानों पर झंडा कौन फहराता है?
गणतंत्र दिवस पर राज्य स्तर पर, राज्य की राजधानी में मुख्यमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है। इसी के साथ जिला स्तर पर जिलाधिकारी या कलेक्टर ही झंडा फहराते हैं, तो वहीं स्कूल और कॉलेज में प्रधानाचार्य या मुख्य अतिथि द्वारा झंडा फहराया जाता है।
झंडा फहराने का तरीका
26 जनवरी को झंडा फहराने की प्रक्रिया 15 अगस्त से थोड़ी अलग होती है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री द्वारा झंडा नीचे से ऊपर खींचकर फहराया जाता है, क्योंकि यह स्वतंत्रता का प्रतीक है। तो वहीं, 26 जनवरी को झंडा पहले से बंधा रहता है जिसे राष्ट्रपति द्वारा खोलकर फहराया जाता है, जो गणराज्य बनने का प्रतीक है।
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FAQs
15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री लाल किले पर झंडा फहराते हैं। जबकि 26 जनवरी को राष्ट्रपति द्वारा कर्तव्य पथ पर ध्वजारोहण किया जाता है।
लाल किले पर प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं।
राजेंद्र प्रसाद देश के संवैधानिक प्रमुख थे। ऐसे में उन्होंने गणतंत्र दिवस के मौके पर झंडा फहराया था। तब से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं। यह आयोजन हर साल दिल्ली के कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर होता है।
गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने की परंपरा 26 जनवरी 1950 से शुरू हुई, जब भारत का संविधान लागू हुआ और भारत एक गणराज्य बना।
उम्मीद है, अब आप जीके में आने वाले इस सवाल जो है कि भारतीय संविधान 26 जनवरी को झंडा कौन फहराता है? का जवाब जान गए हैं। इसी तरह के जीके और ट्रेंडिंग इवेंट्स से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।