76वे गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का समय 2025

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76वे गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का समय

गणतंत्र दिवस, जिसे भारत के संविधान के लागू होने की स्मृति में हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है, हमारे देश के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस 26 जनवरी 2025 के दिन भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस दिन का मुख्य आकर्षण राष्ट्रीय ध्वज का फहराया जाना है। झंडा फहराने का समय और प्रक्रिया हर जगह अलग-अलग हो सकती है, लेकिन इसका महत्व पूरे देश के लिए समान है। आइए जानते हैं 76वे गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का समय और उससे जुड़ी खास जानकारियां।

This Blog Includes:
  1. राष्ट्रीय स्तर पर 76वे गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का समय
  2. राज्यों और जिलों में झंडा फहराने का समय
  3. स्कूलों और संस्थानों में झंडा फहराने का समय
  4. 2025 के गणतंत्र दिवस की खास बात
  5. झंडा फहराने की प्रक्रिया
  6. गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का महत्व
  7. ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में अंतर
  8. गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने के आधिकारिक नियम
    1. 1. झंडा फहराने का समय
    2. 2. झंडे की स्थिति और ऊंचाई
    3. 3. झंडा फहराने की प्रक्रिया
    4. 4. झंडे की दिशा और क्रम
    5. 5. ध्वज संहिता के अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान
    6. 6. सार्वजनिक स्थलों पर झंडा फहराने के नियम
    7. 7. राष्ट्रपति और राज्यों के प्रमुख द्वारा झंडा फहराने का नियम
    8. 8. झंडे के साथ व्यवहार
    9. 9. झंडे के दुरुपयोग पर प्रतिबंध
    10. 10. झंडा उतारने का नियम
  9. झंडा फहराने के नियमों का महत्व
  10. FAQs

राष्ट्रीय स्तर पर 76वे गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का समय

गणतंत्र दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर किया जाता है। यहां भारत के राष्ट्रपति सुबह 8:00 बजे झंडा फहराते हैं। इसके साथ ही 21 तोपों की सलामी दी जाती है और राष्ट्रगान “जन गण मन” गाया जाता है। इस कार्यक्रम की शुरुआत परेड और सांस्कृतिक झांकियों से होती है, जिसमें भारत की विविधता और समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित किया जाता है।

राज्यों और जिलों में झंडा फहराने का समय

राज्यों में, राज्यपाल और मुख्यमंत्री अपने-अपने क्षेत्रों में झंडा फहराते हैं।

  • राज्य स्तरीय कार्यक्रम: सुबह 8:30 बजे से 9:00 बजे के बीच।
  • जिला स्तर: जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारी आमतौर पर सुबह 9:00 बजे झंडा फहराते हैं।

स्कूलों और संस्थानों में झंडा फहराने का समय

गणतंत्र दिवस के मौके पर स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में झंडा फहराने का कार्यक्रम सुबह 7:30 बजे से 8:30 बजे के बीच आयोजित किया जाता है। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, और प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

2025 के गणतंत्र दिवस की खास बात

  • 2025 में भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।
  • इस बार के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबिआंतो होंगे।
  • कर्तव्य पथ पर झांकियों और परेड में विशेष झलकियां पेश की जाएंगी।

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झंडा फहराने की प्रक्रिया

  1. झंडे को रस्सी की मदद से फहराया जाता है।
  2. झंडा खुलते ही फूलों की वर्षा होती है।
  3. राष्ट्रगान “जन गण मन” गाया जाता है।
  4. इसके बाद संबोधन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होती हैं।

गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का महत्व

झंडा फहराना हमारे देश के सम्मान, एकता, और संविधान के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। यह दिन हमें हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाता है। झंडा फहराने का समय चाहे कहीं भी हो, इसका संदेश हर भारतीय के दिल में गर्व और सम्मान की भावना भर देता है। गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का समय न केवल एक कार्यक्रम है, बल्कि यह हमारे लोकतांत्रिक और स्वतंत्र राष्ट्र की ताकत और समर्पण का प्रतीक है।

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ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में अंतर

ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में मुख्य अंतर यह है कि ध्वजारोहण (Hoisting) झंडे को नीचे से ऊपर ले जाकर फहराया जाता है, और यह स्वतंत्रता प्राप्ति का प्रतीक है। यही दूसरी तरह ध्वज फहराना (Unfurling) झंडे को पहले से बंधी स्थिति से खोलकर फहराया जाता है, और यह गणतंत्र का प्रतीक है। अन्य ध्वजारोहण और ध्वज फहराने में अंतर इस प्रकार हैं:

पैरामीटरध्वजारोहण (Hoisting)ध्वज फहराना (Unfurling)
अवसरयह स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर किया जाता है।यह गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के अवसर पर किया जाता है।
ध्वज की स्थितिझंडा नीचे बंधा होता है और उसे ऊपर की ओर खींचकर फहराया जाता है।झंडा पहले से ही ध्वजदंड के शीर्ष पर बंधा होता है और उसे केवल खोला जाता है।
प्रतीकात्मकतायह देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने का प्रतीक है।यह संविधान के लागू होने और भारत के गणतंत्र बनने का प्रतीक है।
फहराने वाला व्यक्तिप्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं।राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।
स्थानलाल किले पर झंडा फहराया जाता है।राजपथ (कर्तव्य पथ) पर झंडा फहराया जाता है।
महत्वयह ब्रिटिश शासन से मुक्ति का जश्न मनाने का प्रतीक है।यह भारत के संविधान और लोकतांत्रिक प्रणाली का जश्न मनाने का प्रतीक है।
ध्वज का क्रमझंडे को नीचे से ऊपर की ओर खींचा जाता है।झंडा पहले से बंधा होता है और केवल खोलने की प्रक्रिया होती है।
कार्यक्रम की शुरुआतझंडा फहराने के बाद प्रधानमंत्री का संबोधन होता है।झंडा फहराने के बाद परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
प्रमुख अंतरयह ऐतिहासिक स्वतंत्रता का प्रतीक है।यह संविधान के लागू होने का प्रतीक है।
पृष्ठभूमि15 अगस्त 1947 को पहली बार ध्वजारोहण किया गया।26 जनवरी 1950 को पहली बार ध्वज फहराया गया।

गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने के आधिकारिक नियम

गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराना एक महत्वपूर्ण और सम्मानजनक प्रक्रिया है। इसे फहराने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) के तहत कुछ आधिकारिक नियम निर्धारित किए हैं। ये नियम हमारे तिरंगे के सम्मान और गरिमा को बनाए रखने के लिए अनिवार्य हैं। आइए जानते हैं गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने के प्रमुख नियम:

1. झंडा फहराने का समय

  • गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने का कार्यक्रम सुबह के समय आयोजित किया जाता है।
  • नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर राष्ट्रपति द्वारा झंडा फहराने का समय सुबह 8:00 बजे होता है।
  • झंडा हमेशा सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले फहराया जाना चाहिए।

2. झंडे की स्थिति और ऊंचाई

  • तिरंगे को हमेशा सम्मानजनक ऊंचाई पर फहराया जाना चाहिए।
  • झंडे को बिना किसी रुकावट के पूरी तरह से फहराया जाना चाहिए।
  • झंडे को जमीन या पानी में गिरने से बचाना अनिवार्य है।

3. झंडा फहराने की प्रक्रिया

  • झंडा फहराने से पहले इसे रस्सी से बांधकर ऊपर की ओर खींचा जाता है।
  • झंडा खुलने के बाद फूलों की वर्षा की जाती है।
  • इसके बाद राष्ट्रगान “जन गण मन” गाया जाता है।

4. झंडे की दिशा और क्रम

  • झंडा हमेशा उत्तर दिशा या पूर्व दिशा की ओर फहराया जाना चाहिए।
  • झंडे का केसरिया रंग हमेशा ऊपर की ओर होना चाहिए।
  • झंडे को फहराने के समय सभी को खड़े होकर सम्मान देना चाहिए।

5. ध्वज संहिता के अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान

  • झंडा कभी फटा या गंदा नहीं होना चाहिए।
  • झंडे का उपयोग वस्त्र, परिधान, कुशन, या किसी भी अन्य सजावटी वस्तु के रूप में नहीं किया जा सकता।
  • झंडे को फहराने के बाद सूरज ढलने से पहले ही इसे सम्मानपूर्वक उतारकर सुरक्षित रखना चाहिए।

6. सार्वजनिक स्थलों पर झंडा फहराने के नियम

  • सार्वजनिक स्थलों पर झंडा फहराने की अनुमति सभी को है, लेकिन ध्वज संहिता का पालन अनिवार्य है।
  • झंडे को झुकाने या उल्टा फहराने की मनाही है।

7. राष्ट्रपति और राज्यों के प्रमुख द्वारा झंडा फहराने का नियम

  • गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर झंडा राष्ट्रपति फहराते हैं।
  • राज्यों में झंडा राज्यपाल फहराते हैं।
  • स्कूलों और संस्थानों में इसे प्रधानाचार्य या वरिष्ठ अधिकारी द्वारा फहराया जाता है।

8. झंडे के साथ व्यवहार

  • झंडे को हमेशा दोनों हाथों से संभालकर उठाया जाए।
  • इसे जमीन पर गिरने, गंदा होने या फटने से बचाना जरूरी है।

9. झंडे के दुरुपयोग पर प्रतिबंध

  • तिरंगे का उपयोग किसी प्रचार सामग्री, विज्ञापन, या व्यापारिक उद्देश्य के लिए नहीं किया जा सकता।
  • झंडे को जलाना, फाड़ना, या किसी भी प्रकार से अपमानित करना कानूनी अपराध है।

10. झंडा उतारने का नियम

  • झंडे को सावधानीपूर्वक और सम्मानपूर्वक उतारकर मोड़ा जाता है।
  • इसे एक निश्चित तरीके से तीन रंगों के क्रम में मोड़कर सुरक्षित रखा जाता है।

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झंडा फहराने के नियमों का महत्व

ये नियम हमारे राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और महत्व को बनाए रखने के लिए बनाए गए हैं। तिरंगे का हर हिस्सा हमारे देश की एकता, विविधता और गौरव का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराते समय इन नियमों का पालन करके हम अपने देश और उसके संविधान का सम्मान करते हैं।

आइए, इस गणतंत्र दिवस पर अपने तिरंगे का सम्मान करें और इन नियमों का पालन करते हुए गर्व से झंडा फहराएं।

FAQs

26 जनवरी को झंडा कौन फहराएगा?

26 जनवरी को झंडा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू फहराएंगी।

26 जनवरी को झंडा कैसे फहराते हैं?

गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्य कार्यक्रम में देश के राष्ट्रपति तिरंगा फहराकर नमन करते हैं

26 जनवरी को झंडा कहाँ फहराया जाता है?

26 जनवरी को झंडा कर्तव्य पथ पर फहराया जाता है।

भारतीय ध्वज के लिए नवीनतम नियम क्या हैं?

भारतीय ध्वज संहिता, 2002 में 30 दिसंबर, 2021 के आदेश के तहत संशोधन किया गया और पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गई। अब, राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते और हाथ से बुने या मशीन से बने, सूती/पॉलिएस्टर/ऊनी/रेशमी/खादी के झंडों से बना होगा।

26 जनवरी को झंडा फहराने का समय क्या है?

गणतंत्र दिवस पर, यानी 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज का फहराने का समय प्रायः सुबह 7:30 से 8:00 बजे के बीच होता है। खासकर दिल्ली में, जहां राष्ट्रपति द्वारा कर्तव्य पथ (राजपथ) पर झंडा फहराया जाता है। यह समय सुनिश्चित किया जाता है ताकि गणतंत्र दिवस समारोह का आरंभ समय पर हो और हर गतिविधि व्यवस्थित तरीके से चल सके।

15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने में क्या अंतर है?

15 अगस्त और 26 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज के फहराने का तरीका और स्थान अलग होते हैं। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज को लाल किले पर फहराते हैं, जबकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति द्वारा कर्तव्य पथ (राजपथ) पर ध्वजारोहण किया जाता है। इस दिन को लेकर समय और कार्यक्रम में भी थोड़ा भेद होता है। इसके अलावा, दोनों अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज की स्थिति भी अलग-अलग होती है, जैसे स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री इसे झंडा फहराते समय संबोधन करते हैं, जबकि गणतंत्र दिवस पर समारोह में विशेष परेड और प्रदर्शन होते हैं।

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम क्या हैं?

राष्ट्रीय ध्वज फहराने के कुछ महत्वपूर्ण नियम होते हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है। सबसे पहले, तिरंगे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता और इसे कभी उल्टा नहीं फहराना चाहिए। इसके अलावा, झंडा कभी भी हाफ-हाफ नहीं फहराया जा सकता है, यानी इसे आधा झुका कर नहीं रखा जा सकता। इसके अलावा, तिरंगे को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद नहीं फहराया जा सकता। इसे हमेशा सम्मान और गरिमा के साथ फहराना चाहिए, और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि झंडा कभी भी नीचे नहीं गिरे।

उल्टा झंडा किसका प्रतीक है?

उल्टा तिरंगा एक विशेष प्रतीक है जो संकट या आपातकालीन स्थिति को दर्शाता है। जब देश या किसी स्थान पर कोई संकट हो, तो यह उल्टा तिरंगा प्रदर्शित किया जाता है। यह एक चेतावनी संकेत है, जो दर्शाता है कि स्थिति गंभीर या खतरनाक हो सकती है और तात्कालिक ध्यान की आवश्यकता है।

तिरंगे में 5 रंग कौन से होते हैं?

भारतीय तिरंगे में कुल तीन प्रमुख रंग होते हैं—केसरिया (ऊपरी पट्टी), सफेद (मध्य पट्टी), और हरा (निचली पट्टी)। सफेद पट्टी के बीच में अशोक चक्र होता है, जो नीले रंग का होता है और इसमें 24 धुरी होती हैं। तिरंगे में केवल तीन रंग होते हैं, लेकिन इसे पांच तत्वों का प्रतीक माना जाता है, जिसमें तिरंगे के साथ अशोक चक्र भी शामिल है।

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