भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जीवन परिचय और उनका राजनीतिक योगदान

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मोरारजी देसाई का जीवन परिचय

मोरारजी देसाई भारत के दिग्गज राजनेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अभूतपूर्व योगदान दिया। इस दौरान उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। वर्ष 1952 में वे बंबई राज्य के मुख्यमंत्री बने। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में केंद्रीय वित्त मंत्री, उप प्रधानमंत्री और भारत के चौथे प्रधानमंत्री (1977–79) जैसे महत्वपूर्ण पदों को भी सुशोभित किया।

अपने सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें वर्ष 1991 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे भारत के एकमात्र पूर्व प्रधानमंत्री हैं जिन्हें 19 मई, 1990 में पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए–पाकिस्तान’ से सम्मानित किया गया। इस लेख में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जीवन परिचय और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया है।

नाम मोरारजी देसाई
जन्म 29 फरवरी, 1896
जन्म स्थान भदेली गाँव, बुलसर जिला, गुजरात 
शिक्षा स्नातक 
पेशा राजनीतिज्ञ, स्वतंत्रता सेनानी  
पत्नी का नाम श्रीमती  गुजराबेन
पद भारत के चौथे प्रधानमंत्री (1977-79)
राजनीतिक पार्टी जनता पार्टी
सम्मान ‘भारत रत्न’, ‘निशान-ए–पाकिस्तान’
निधन 10 अप्रैल, 1995
समाधि स्थल अभय घाट, अहमदाबाद, गुजरात

गुजरात के बुलसर जिले में हुआ था जन्म 

महान स्वतंत्रता सेनानी और राजनीतिज्ञ मोराजी देसाई का जन्म 29 फरवरी, 1896 को गुजरात के बुलसर जिले के भदेली गाँव में हुआ था। उनके पिता एक स्कूल शिक्षक थे और माता गृहणी थीं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा ‘सेंट बुसर हाई स्कूल’ से प्राप्त की थी। इसके बाद तत्कालीन बंबई प्रांत के ‘विल्सन सिविल सेवा’ से वर्ष 1918 में स्नातक की डिग्री हासिल करने बाद उन्होंने 12 वर्षों तक डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्य किया।

सरकारी नौकरी से दिया त्यागपत्र 

ये वो दौर था जब राष्ट्रपिता ‘महात्मा गांधी’ के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन के लिए शुरू किया गया ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ अपने मध्य में था। उस दौरान ब्रिटिश हुकूमत की न्याय व्यवस्था के खिलाफ मोरारजी देसाई का विश्वास उठ चुका था। इसलिए उन्होंने अपनी नौकरी से त्यागपत्र देकर पूर्ण रूप से आजादी की लड़ाई में भाग लेने का फैसला किया। वहीं स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के कारण उन्हें कई बार जेल भी जाना पड़ा। 

मोरारजी देसाई का राजनीति में प्रवेश  

आजादी के संग्राम में मोरारजी देसाई वर्ष 1931 में ‘अखिल भारतीय कांग्रेस समिति’ के सदस्य बने और वर्ष 1937 तक ‘गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी’ के सेक्रेटरी का पद संभाला। इसके बाद जब पहली कांग्रेस सरकार ने वर्ष 1937 में कार्यभार संभाला तब मोरारजी देसाई राजस्व, कृषि, वन एवं सहकारिता मंत्रालय के मंत्री बने।

इसके बाद महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए ‘सत्याग्रह आंदोलन’ में अन्य नेताओ के साथ मोरारजी को भी ब्रिटिश हुकूमत द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया। वर्ष 1941 में जेल से रिहाई के बाद उन्हें वर्ष 1942 में ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में भाग लेने के लिए दोबारा गिरफ्तार कर लिया। वर्ष 1945 में जेल से रिहा होने के बाद वह वर्ष 1946 में राज्य विधानसभा के चुनावों के बाद मुंबई में गृह एवं राजस्व मंत्री बने। वहीं इसके बाद वे वर्ष 1952 में बंबई के मुख्यमंत्री बने।

उप-प्रधानमंत्री पद से दिया इस्तीफा

वर्ष 1967 में भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में मोरारजी देसाई उप-प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्रालय के प्रभारी मंत्री के रूप में शामिल हुए। किंतु वैचारिक मतभेद होने के कारण उन्होंने वर्ष 1969 में  भारत के उप-प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 

आपातकाल के दौरान हुए गिरफ्तार 

वर्ष 1975 में आपातकाल के खिलाफ जब अन्‍य विरोधी पार्टियां लामबंद हुईं तो इनसे बनी ‘जनता पार्टी’ (Janata Party) का मोरारजी देसाई ने समर्थन किया। लेकिन आपातकाल घोषित होने के समय 26 जून 1975 को उन्हें हिरासत में ले लिया गया। जिसके कारण उन्हें कुछ वर्ष जेल में रहना पड़ा किंतु वर्ष 1977 में रिहा होने के बाद उन्होंने देश भर में अभियान चलाया और छठी लोकसभा के लिए आयोजित आम चुनाव में जनता पार्टी ने जबरदस्‍त जीत हासिल की। 

भारत के चौथे प्रधानमंत्री बने 

इस आम चुनाव में मोरारजी देसाई गुजरात के सूरत निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद उन्हें सर्वसम्मति से संसद में जनता पार्टी के नेता के रूप में चुना गया एवं 24 मार्च 1977 को उन्होंने भारत के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

99 वर्ष की आयु में हुआ निधन 

मोरारजी देसाई को उनके अभूतपूर्व कार्यों के लिए भारत और पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्‍न’ और ‘निशान-ए–पाकिस्तान’ से सम्मानित किया गया था। 10 अप्रैल, 1995 को 99 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया किंतु उनके सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। बताना चाहेंगे वर्ष 2026 में 10 अप्रैल को गुरुवार के दिन मोरारजी देसाई की 31वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी।

FAQs 

मोरारजी देसाई का जन्म कहाँ हुआ था?

मोरारजी देसाई ने 29 फरवरी 1896 को गुजरात के बुलसर जिले के भदेली गांव में जन्म लिया था।

मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री कब बने?

24 मार्च 1977 को मोरारजी देसाई ने भारत के चौथे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

मोरारजी देसाई की पत्नी का नाम क्या था?

उनकी पत्नी का नाम श्रीमती गुजराबेन है।

किस प्रधानमंत्री का जन्मदिन 4 साल में एक बार आता है?

भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जन्मदिन चार वर्ष में एक बार 29 फरवरी को आता है। 

मोरारजी देसाई का निधन कब हुआ था?

मोरारजी देसाई का 10 अप्रैल 1995 को 99 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया था। 

मोरारजी देसाई के बाद भारत का प्रधानमंत्री कौन बना? 

मोरारजी देसाई के बाद ‘चौधरी चरण सिंह’ भारत के प्रधानमंत्री बने थे। 

मोरारजी देसाई किस पार्टी से थे

मोरारजी देसाई “जनता पार्टी” (Janata Party) से थे। 

आशा है कि आपको भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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