भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है और इस साल यह भारत का 75वां गणतंत्र दिवस होगा। इस दिन को पूरे देश में देशभक्ति के जोश के साथ मनाया जाता है। इस दिन को यादगार बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित होती है, जिसकी शुरुआत ध्वजारोहण समारोह से होती है। जिसको फहराने के नियम के बारे में देश के हर एक व्यक्ति को पता होना चाहिए और खासकर स्टूडेंट्स को तो पूरी जानकारी होनी चाहिए क्योंकि इससे जुड़े सवाल लगभग सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में हम तिरंगा फहराने के नियम के बारे में जानेंगे।
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तिरंगा फहराने के नियम
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम यहां दिए गए है :
- तिरंगा कभी भी गंदा प्रदर्शित नहीं करना चाहिए, तिरंगे को हमेशा सम्मान के साथ रखें।
- झंडे को उल्टा करके, नीचे केसरिया रंग की पट्टी के साथ प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।
- किसी अन्य झंडे को तिरंगे के ऊपर, उससे ऊंचा नहीं रखना चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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- झंडे को जमीन पर न गिरने दे।
- तिरंगा कमर से नीचे पहने जाने वाले कपड़ों या वर्दी का हिस्सा नहीं होना चाहिए।
- ध्वज का उपयोग वाहनों या किसी भी चीज को ढंकने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- ध्वज को ऐसी जगह फहराएं जहाँ से वो सबको दिखे।
- तिरंगा फहराने के नियम में झंडे को रखने के लिए उसे हाथ पर रख कर ले जाना चाहिए।
- तिरंगे को कभी भी झुका कर नहीं फहराना चाहिए।
- सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं।
- नए कोड की धारा 2 सभी निजी नागरिकों को अपने परिसर में तिरंगा फहराने के अधिकार को स्वीकार करती है।
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- सार्वजनिक, निजी संगठन या शैक्षणिक संस्थान का कोई सदस्य तिरंगे की गरिमा और सम्मान के अनुरूप सभी दिनों और अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है या प्रदर्शित कर सकता है।
- राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय उसके महत्व को पहचानते हुए सम्मान और गरिमा की भावना से फहराएं।
- झंडे में कोई नारा, शब्द या डिजाइन जोड़कर उसे प्रस्तुत न करें।
- झंडे को रात में तब तक फहराया या प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए, जब तक कि उस पर रोशनी न हो।
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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको तिरंगा फहराने के नियम, राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।