सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट क्या है?

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software development

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट विभिन्न सॉफ्टवेयर को डिजाइन करने, बनाने, परीक्षण करने और बनाए रखने की प्रक्रिया है। इसमें कंप्यूटर साइंस, इंजीनियरिंग और मैथमेटिकल एनालिसिस के विभिन्न सिद्धांतों और तकनीकों का अनुप्रयोग शामिल है। सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट का उद्देश्य साॅफ्टवेयरों को कुशल, विश्वसनीय और उपयोग में आसान बनाना है। साॅफ्टवेयर डेवलपर बनकर नई टेक्नोलाॅजी पर काम करना हमें इंटरनेट की दुनिया में काफी आगे ले जाता है। इस ब्लाॅग में हम software development के बारे में विस्तार से जानेंगे।

This Blog Includes:
  1. साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट क्यों महत्वपूर्ण है?
  2. साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के प्रकार
    1. एप्लीकेशन डेवलपमेंट
    2. वीडियो गेम डेवलपमेंट
    3. डेस्कटाॅप साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट
    4. वियरावेल्स साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट
    5. क्लाॅउड डेवलपमेंट
    6. एम्बेडेड सिस्टम डेवलपमेंट
  3. साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए भाषाएं
  4. सॉफ्टवेयर डेवलपर्स कौन होते हैं?
  5. सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
  6. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए कोर्स?
  7. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़
  8. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़
  9. सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए योग्यता
  10. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए आवेदन प्रक्रिया
    1. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए आवश्यक दस्तावेज
  11. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए प्रवेश परीक्षाएं
  12. साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए स्टडी मटीरियल
  13. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए टॉप रिक्रूटर्स
  14. सैलरी 
  15. FAQs

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट क्यों महत्वपूर्ण है?

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट (software development) आईटी और टेक्नोलाॅजी की फील्ड के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।  डिजिटल डिवाइस जैसे- स्मार्टफोन, स्मार्टटीवी, कंप्यूटर आदि में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का बड़ा योगदान है, क्योंकि ये डिवाइस सॉफ्टवेयर की वजह से ही अच्छे से काम करती हैं और कंपनी या बिजनेस की ब्रांड वैल्यू को आगे बढ़ाने में मदद करती हैं।

बिजनेस के लिए भी साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट बहुपयोगी है, क्योंकि यह उन्हें दूसरे लोगों से कुछ अलग करने में मदद करता है। सूचना का डिजिटाइजेशन और इसे ऑनलाइन स्टोर करने से जगह की बचत होगी। अपने डाटा को बाहरी लोगों से सुरक्षित रखना आसान है। जब बिजनेस डेवलप होता है तो डाटा का पूल बढ़ता है तो इसके लिए डिजिटली अपग्रेड होना पड़ता है।

डेटा एनालिसिस के लिए भी सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट आवश्यक है। रोजाना के कार्यों से एकत्र किए गए डाटा को जब सही सॉफ्टवेयर के साथ जोड़ा जाता है तो कंपनी और बिजनेसमैन अपने ग्राहकों के बीच रुझानों का रिकॉर्ड रखने के लिए इसका उपयोग करते हैं।

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के प्रकार

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के तहत विभिन्न साॅफ्टवेयरों को डेवलेप किया जाता है। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर घटकों (कंपोनेंट्स) के निर्माण, रखरखाव में कंप्यूटर विज्ञान (कंप्यूटर प्रोग्रामिंग) का अनुप्रयोग है। हम नीचे प्वाइंट्स में जानेंगे कि software development कितने प्रकार के होते हैं-

  • एप्लीकेशन डेवलपमेंट
  • वीडियो गेम डेवलपमेंट
  • डेस्कटाॅप साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट
  • वियरावेल्स साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट
  • क्लाॅउड डेवलपमेंट
  • इम्बेडेड सिस्टम्स डेवलपमेंट

एप्लीकेशन डेवलपमेंट

वेब एप्लिकेशन (वेब एप्स) स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, डेस्कटॉप या किसी अन्य प्रकार के इंटरनेट-फ्रेंडली डिवाइस पर इंटरनेट ब्राउज़र के माध्यम से एक्सेस किए जाने वाले एप हैं। वेब ऐप्स को ब्राउजर और इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है, लेकिन यूजर द्वारा एक्सेस किए जाने के लिए इसे डाउनलोड या अपडेट करने की आवश्यकता नहीं होती है। एप्लिकेशन डेवलपमेंट व्यावसायिक आवश्यकताओं को एकत्र करने, डिजाइनिंग, प्रोटोटाइपिंग, कोडिंग, परीक्षण और सॉफ्टवेयर के चल रहे सुधार की प्रक्रिया है। C और C, Java Script, Python, Ruby, Scala जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता है। 

वीडियो गेम डेवलपमेंट

डिजिटल दुनिया में गेमिंग इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ रही है। रोजाना नए-नए गेम हमारे सामने आते हैं। लोगों को वीडियो गेम्स काफी पंसद आ रहे हैं। इन वीडियो गेम्स को बनाने के लिए वीडियो गेम डेवलपमेंट का उपयोग किया जाता है। इसमें Java, Python C++ जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रयोग कर वीडियो गेम्स डेवलप किए जाते हैं।

डेस्कटाॅप साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट

डेस्कटॉप एप ऐसे सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम हैं, जो वेब-आधारित या मोबाइल एप के बजाय ऑपरेटिंग सिस्टम से इंटरैक्ट करते हैं। जब तक वे साॅफ्टवेयर कंप्यूटर पर चलते हैं और इनपुट और आउटपुट के लिए यूजर इंटरफेस प्रदान करते हैं, तब तक वे कोई भी प्रोग्राम हो सकते हैं। डेस्कटॉप एप्लिकेशन एक ही स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इसमें “सिस्टम ट्रे” आइकन हो सकता है, जो स्क्रीन पर दिखाई देता है। कुछ डेस्कटॉप एप्लिकेशन, जैसे वर्ड प्रोसेसिंग और मीडिया प्लेयर अलग-अलग कार्य करने की अनुमति देते हैं। इसमें C, Java, C++, JavaScript, HTMLऔर CSS जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज शामिल हैं। 

वियरावेल्स साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट

वियरावेल्स साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट वे हैं, जो वियरावेल्स डिवाइसेज से डाटा प्राप्त करते हैं। इस प्रकार के एप्स की डिवाइस के हार्डवेयर और ऑपरेशन सिस्टम तक पहुंच होती है। ये सेंसर डाटा एकत्र करते हैं और इसे प्रोग्राम किए गए एप में ट्रांसफर कर देते हैं। 

क्लाॅउड डेवलपमेंट

क्लाॅउड डेवलपमेंट एक ऐसी तकनीक है, जिसकी मदद से हम अपने डाटा को इंटरनेट पर स्टोर करते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग पर आधारित प्रोग्राम को डेवलप करना क्लाॅउड डेवलपमेंट कहलाता है। क्लाॅउड डेवलपमेंट में Python, Java, Ruby, Golang जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता है।

एम्बेडेड सिस्टम डेवलपमेंट

एम्बेडेड सिस्टम ऐसे सिस्टम होते हैं, जिनमें हार्डवेयर के साथ साॅफ्टवेयर एम्बेडेड रहता है। इसमें C, C++, Python, MicroPython आदि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का प्रयोग किया जाता है।

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए भाषाएं

किसी भी साॅफ्टवेयर को डेवलप करने के लिए काफी प्रोग्रामिंग लैंंग्वेज को प्रयोग में लाया जाता है। साॅफ्टवेयर की डिजाइन, उपयोग और उसकी सफलता प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के ऊपर ही निर्भर है। नीचे प्वाइंट्स में जानेंगे कि software development के लिए कौन सी प्रमुख भाषाएं प्रयोग की जा रही हैं-

  • Java
  • Python
  • Ruby
  • Java Script
  • C
  • C++
  • MicroPython
  • Ruby
  • Golang 
  • Scala
  • PHP
  • Go

सॉफ्टवेयर डेवलपर्स कौन होते हैं?

सॉफ्टवेयर डेवलपर (software development) वह व्यक्ति होता है जो सॉफ्टवेयर बनाने के साथ उसे डेवलप करता है। साॅफ्टवेयर डेवलपर का कार्य साॅफ्टवेयर को डिजाइन करने या लिखने से अधिक परियोजना का प्रबंधन करना होता है। 

अधिकांश सॉफ्टवेयर डेवलपर्स का नेतृत्व अभी भी एक लीड प्रोग्रामर द्वारा किया जाता है। कई बार यह साॅफ्टवेयर डेवलप करने वाली टीम को संभालते हैं और साॅफ्टवेयर का मेंटिनेंस और उसके अपग्रडेशन पर भी ध्यान रखते हैं। साॅफ्टवेयर डेवलपर्स के नीचे प्रोग्रामर भी काम करते हैं, जो किसी भी साॅफ्टेवयर को डिजाइन करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है-

  • स्टेप1- कैंडिडेट्स को सबस पहले मान्यता प्राप्त बोर्ड से साइंस स्ट्रीम में 10+2 उत्तीर्ण करना होगा। 
  • स्टेप2- 12वीं के बाद कैंडिडेट्स को किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन करना होगा। या किसी मान्यता प्राप्त संस्थान/यूनिवर्सिटी से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करना होगा। 
  • स्टेप3- कैंडिडेट्स को डिप्लोमा कोर्स करने के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में BE/B.Tech/ME/M.Tech डिग्री लेनी होगी। 
  • स्टेप4- इंजीनियरिंग कोर्स के लास्ट ईयर में इंटर्नशिप करने के साथ ही जाॅब्स के लिए अप्लाई करना होगा। 
  • स्टेप5- कोर्स के बाद कैंडिडेट्स को किसी कंपनी में फ्रेशर के तौर पर काम करना होगा और सॉफ्टवेयर बनाने एवं डेवलप करने का प्रयास करना होगा। 

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए कोर्स?

सॉफ्टवेयर डेवलपिंग (software development) से संबंधित विभिन्न प्रकार के कोर्सज इस प्रकार है-

  • BSc computer science/BCA
  • MSc computer science/MCA
  • BTech in Software Engineering
  • Computer science (अन्य कोर्स )
  • Java, HTML, CSS, C++, Python आदि लैंग्वेज कोर्सेज

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़

सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने या software development में कोर्सेज करने के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज इस प्रकार हैं-

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़

साॅफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए टाॅप भारतीय यूनिवर्सिटीज इस प्रकार हैं-

  • दिल्ली यूनिवर्सिटी
  • बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, बनारस
  • बीएमएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बैंगलोर
  • जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता
  • बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा
  • गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
  • गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज
  • देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर
  • मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज, चेन्नई
  • गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • ऑक्सफोर्ड कॉलेज ऑफ साइंस बैंगलोर
  • सभी IITs

सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए योग्यता

सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए योग्यता नीचे प्वाइंट्स में दी गई है-

  • छात्र को 12वीं 50 प्रतिशत के साथ साइंस स्ट्रीम से पास करना होगा।
  • सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए छात्रों को  JEE Main, JEE Advanced, MHT CET, OJEE, BCECE जैसे एंट्रेंस एग्जाम पास करने होंगे। विदेश में बैचलर्स कोर्स के लिए SAT या ACT एग्जाम पास करना होगा। 
  • यदि आप सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए मास्टर डिग्री करना चाहते हैं तो बैचलर डिग्री जरूरी है।
  • विदेश में सॉफ्टवेयर डेवलपर में मास्टर डिग्री प्रोग्राम में एडमिशन लेने के लिए छात्रों के पास एक अच्छा GRE स्कोर होना चाहिए। 
  • विदेश में सॉफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए एक अच्छा IELTS/ TOEFL स्कोर इंग्लिश लैंग्वेज की दक्षता के रूप में में होना आवश्यक है। 
  • विदेश में कुछ यूनिवर्सिटीज कुछ स्पेसिफिक कोर्सेज के लिए के लिए 2 वर्ष का एक्सपीरियंस की मांग भी करती हैं।

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए आवेदन प्रक्रिया

विदेश की यूनिवर्सिटीज में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारतीय यूनिवर्सिटीज में प्रवेश के लिए आवेदन की प्रक्रिया इस प्रकार है-

  • अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए आवश्यक दस्तावेज

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए प्रवेश परीक्षाएं

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट (software development) कोर्स में एडमिशन के लिए एंट्रेंस एग्जाम की लिस्ट नीचे प्वाइंट्स में दी गई है- 

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए स्टडी मटीरियल

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट (software development) के कोर्स करने के दौरान कुछ टाॅपिक्स को सही से समझने में आप नीचे दी गईं बुक्स की मदद ले सकते हैं-

बुक्सराइटर-पब्लिशरलिंक
Clean Code Robert C Martinयहां से खरीदें
The Pragmatic Programmer: From Journeyman to MasterAndrew Hunt यहां से खरीदें
The Web Application Hacker’s Handbook: Finding and Exploiting Security FlawsDafydd Stuttard यहां से खरीदें
Code: The Hidden Language of Computer Hardware and SoftwarePetzold Charles यहां से खरीदें
The C Programming Language | Second Edition |Brian W. Kernighan / Dennis Ritchie यहां से खरीदें
C++ Programming Language| Fourth EditionBjarne Stroustrupयहां से खरीदें
Let Us C : Authentic guide to C programming language (18th Edition)Yashavant Kanetkarयहां से खरीदें
Python Programming |A modular approach | First Edition |Taneja Sheetal यहां से खरीदें

सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कोर्सेज के लिए टॉप रिक्रूटर्स

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट (software development) कोर्सज करने के बाद आपको कई बड़ी कंपनियों के जाॅब आफर आते हैं। यह नए दौर की बेस्ट जाॅब मानी जा रही है। टॉप रिक्रूटिंग कंपनियों की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • HCL
  • Google
  • Flipkart
  • Accenture
  • Mahindra Tech
  • IBM
  • Oracle
  • Infosys
  • Cognizant
  • Microsoft
  • Symantec

सैलरी 

एक साॅफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर शुरुआत में आपको एनुअली 4 लाख से 8 लाख रुपये मिल जाते हैं। विदेश में साॅफ्टवेयर डेवलपर की पोस्ट के लिए आकर्षक सैलरी आफर की जाती है, इसकी रेंज सलाना 12 लाख से 30 लाख तक हो सकती है। अनुभव और स्किल्स के आधार पर सैलरी बढ़ती रहती है।

FAQs

सॉफ्टवेयर डेवलपर का क्या काम होता है?

साॅफ्टवेयर डेवलपर का काम साॅफ्टवेयर बनाने, मैनेज करने, डिजाइन करने के अलावा अपग्रेडशन पर ध्यान देने का है।

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के कोर्सेज कौन-कौन से हैं?

साॅफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए BSc computer science/BCA, MSc computer science/MCA, B.tech in software engineering और Java, HTML, CSS, C++, Python आदि लैंग्वेज कोर्सेज हैं।

सॉफ्टवेयर डेवलपर के लिए किन कंपनियों में जाॅब्स होती हैं?

साॅफ्टवेयर डेवलपर पोस्ट के लिए Flipkart, Accenture, Mahindra Tech, HCL, TCS, Wipro, IBM आदि कंपनियां अच्छे सैलरी पैकेज पर रिक्रूटमेंट करती हैं।

क्या साॅफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए डिग्री की आवश्यकता है?

साॅफ्टवेयर डेवलपर बनने के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री की आवश्यकता होती है।

उम्मीद है कि इस ब्लॉग ने आपको software development के बारे में सभी जानकारी मिल गई होगी। यदि आप विदेश में सॉफ्टवेयर डेवलपर की पढ़ाई करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन 1800 572 000 पर कॉल कर बुक करें।

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    1. निशांत जी, आपका धन्यवाद। ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बनें रहें।

    1. निशांत जी, आपका धन्यवाद। ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बनें रहें।