क्या आप जानते हैं कि दुनिया की सबसे ऊँची प्रतिमा भारतीय राज्य गुजरात के नर्मदा जिले में स्थित है। जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) के नाम से जाना जाता है, बता दें कि इस विशाल मूर्ति का निर्माण ‘लार्सन एंड टूब्रो’ (Larsen & Toubro (L&T) कंपनी ने किया है। वहीं इस मूर्ति को बनाने में अनुमानित 3000 करोड़ रूपये का खर्च आया था।
वहीं सरदार पटेल की मूर्ति ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) के निर्माण में मुख्यत 4 धातुओं का उपयोग किया गया है जिसमें वर्षों तक जंग नहीं लगेगी। इस वर्ष ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल’ की 147वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है।
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के बारे में
दुनिया की सबसे विशाल प्रतिमा गुजरात राज्य के नर्मदा जिले में केवड़िया में ‘सरदार सरोवर बांध’ के निकट स्थापित की गई है। जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) के नाम से जाना जाता है इसकी कुल लंबाई ‘182 मीटर’ (597 फीट) हैं। वहीं इसके बाद विश्व की दूसरी सबसे ऊँची प्रतिमा चीन में ‘स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध’ की है, जिसकी कुल ऊंचाई 153 मीटर (502 फीट) हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का कुल वजन 1700 टन है। जिसमें पैर की ऊंचाई 80 फीट, हाथ की 70 फीट, कंधे की 140 फीट और चेहरे की ऊंचाई 70 फीट है। वहीं इस भव्य मूर्ति के भीतर एक लाइब्रेरी भी है, जहां पर ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल’ से जुड़े हुए इतिहास को दर्शाया गया है।
कब रखी गई आधारशिला
बता दें कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) की आधारशिला वर्ष 2014 में भारत के ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल’ के जन्म दिवस की 138वीं वर्षगांठ पर रखी गई थी। उस समय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति का शिलान्यास किया था। बता दें कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के निर्माण में 4 वर्ष यानी तकरीबन 44 महीनों का समय लगा था।
इतना है ‘सरदार पटेल’ की मूर्ति का खर्च?
वहीं इस मूर्ति को बनाने में लगभग तीन हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस विशाल मूर्ति को तय समय में बनाने के लिए करीबन 4500 से अधिक मजदूरों ने दो शिफ्ट में काम किया था। इसके साथ ही सरदार पटेल की मूर्ति के निर्माण में अनुमानित दो हजार मैट्रिक टन ब्रॉन्ज, 5700 मैट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील, मिलियन टन सीमेंट और 18500 मैट्रिक टन रिइनफोर्समेंट बार्स का भी इस्तेमाल किया गया हैं।
बता दें कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) का उद्घाटन वर्ष 2018 में सरदार पटेल की 142वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’ के द्वारा किया गया था। इसके बाद से ही यह स्थल दुनिया में पर्टयन का विशेष केंद्र बना हुआ है।
इस कंपनी ने बनाई है दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति
दुनिया की सबसे विशाल प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) का निर्माण कार्य बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘लार्सन एंड टूब्रो’ (Larsen & Toubro (L&T) ने किया है। वहीं इस मूर्ति को रिकॉर्ड समय में बनाया गया है, बता दें कि इस मूर्ति को बनाने में महज 4 वर्ष का ही समय लगा है जो दुनिया की अन्य बड़ी मूर्तियों के निर्माण में लगने वाले समय से बहुत कम है।
राम वी. सुतार की देखरेख में हुआ निर्माण
क्या आप जानते हैं कि ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण कार्य भारत के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार ‘राम वी. सुतार’ (Ram V. Sutar) की देखरेख में हुआ था। वहीं भारतीय ऐतिहासिक धरोहरों को पुनर्स्थापित करने में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही हैं।
‘राम वी. सुतार’ के अतुल्नीय योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार की ओर से वर्ष 1999 में “पद्मश्री” और वर्ष 2016 में “पद्म भूषण” से सम्मानित किया गया हैं। इसके अलावा उन्हें ‘बॉम्बे आर्ट सोसाइटी’ (Bombay Art Society) की ओर से ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ समेत अन्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका हैं।
आशा है कि आपको ‘सरदार पटेल’ की मूर्ति का खर्च? पर हमारा यह लेख पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य ज्ञानवर्धक लेख और प्रसिद्ध व्यक्तियों के जीवन परिचय के बारे पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।