Aparimey Sankhya Kise Kahate Hain: प्रिय विद्यार्थियों गणित एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह न केवल हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी होता है, बल्कि यह हमें तर्कशक्ति, समस्या समाधान और सोचने के तरीके को भी विकसित करने में मदद करता है। गणित का उपयोग खरीददारी, बजट बनाना, समय प्रबंधन, विज्ञान व तकनीक के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में होता है। बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में गणित विषय से संबंधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में विद्यार्थियों को अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? (Irrational Numbers in Hindi) उदाहरण सहित बताया गया है।
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अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? – What is Irrational Number
अपरिमेय संख्या (Irrational Number) वह संख्या होती है जिसे भिन्न (p/q के रूप में) नहीं लिखा जा सकता, जहाँ p और q पूर्णांक हों और q ≠ 0 = 0 हो। इसका मतलब है कि इन संख्याओं का दशमलव प्रसार न तो समाप्त होता है और न ही आवर्ती (repeating) होता है। ध्यान दें कि अपरिमेय संख्याओं को सटीक रूप से भिन्न के रूप में नहीं लिखा जा सकता है। उदाहरण के लिए 2 का वर्गमूल, और पाई अपरिमेय संख्याएँ हैं।
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अपरिमेय संख्या का उदारहण
नीचे अपरिमेय संख्या के उदारहण दिए गए हैं:-
उदाहरण 1: π (पाई)
- इसका मूल्य लगभग 3.141592653…3.141592653
- यह गणित में वृत्त की परिधि और व्यास के अनुपात में आता है।
- दशमलव रूप अनंत और बिना दोहराव के है।
- इसे भी भिन्न के रूप में नहीं लिखा जा सकता।
- इसलिए π भी एक अपरिमेय संख्या है।
उदाहरण 2: √2
- इसका मूल्य = 1.4142135
- यह दशमलव रूप में अनंत और गैर-आवर्ती है।
- इसे किसी दो पूर्णांकों के अनुपात में नहीं लिखा जा सकता।
- इसलिए यह एक अपरिमेय संख्या है।
उदाहरण 3: √3, 5, √7 आदि
- जब किसी पूर्ण वर्ग संख्या (जैसे 4, 9, 16) को छोड़कर किसी और संख्या का वर्गमूल लिया जाता है, तो वह सामान्यतः अपरिमेय होता है।
- जैसे √3= 1.7320508…, यह भी अनंत और आवृत्ति रहित है।
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अपरिमेय संख्या की विशेषता
अपरिमेय संख्या की विशेषता इस प्रकार हैं:-
- अनंत और अनावर्ती दशमलव प्रसार: जब आप एक अपरिमेय संख्या को दशमलव रूप में लिखते हैं, तो दशमलव के बाद के अंक कभी समाप्त नहीं होते हैं और न ही वे किसी निश्चित पैटर्न में दोहराते हैं।
- भिन्न के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता: इन्हें दो पूर्णांकों के अनुपात के रूप में सटीक रूप से नहीं लिखा जा सकता है।
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परिमेय और अपरिमेय में अंतर
यहाँ परिमेय और अपरिमेय में अंतर (Irrational Numbers Examples) बताया गया हैं:-
विशेषता | परिमेय संख्या | अपरिमेय संख्या |
परिभाषा | 𝑝/𝑞 रूप में लिखी जा सकती है। | 𝑝/𝑞 रूप में नहीं लिखी जा सकती है। |
दशमलव रूप | समाप्त होता है या आवर्ती होता है। | अनंत और गैर-आवर्ती होता है। |
उदाहरण | 2/1,0.75,2.333… | π,√2,e |
FAQs
अपरिमेय संख्या वह संख्या होती है जिसे भिन्न के रूप में या दो पूर्णांकों के अनुपात के रूप में नहीं लिखा जा सकता। अपरिमेय संख्या का सबसे आम उदाहरण π (पाई) है।
हाँ, √5 एक अपरिमेय संख्या है।
0.7777777 एक आवर्ती दशमलव वाली परिमेय संख्या है।
वास्तविक संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 अपरिमेय संख्याएँ कहलाती हैं।
नहीं। अगर दशमलव अनंत लेकिन आवर्ती है (जैसे 0.333…, 2.142142…), तो वह परिमेय होती है। लेकिन अनंत और गैर-आवर्ती दशमलव संख्या ही अपरिमेय होती है।
यह ज़रूरी नहीं। दो अपरिमेय संख्याओं का योग परिमेय या अपरिमेय दोनों हो सकता है।
आशा है कि आपको इस लेख में अपरिमेय संख्या किसे कहते हैं? (What is Irrational Number) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसी ही सामान्य ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।