Latitudes and Longitudes in Hindi: अक्षांश (Latitude) और देशांतर (Longitude) पृथ्वी पर किसी भी स्थान की स्थिति बताने के लिए उपयोग किए जाने वाले निर्देशांक (coordinates) हैं। ये दो विशेष रेखाएँ होती हैं जो पृथ्वी को आभासी रूप से विभाजित करती हैं। बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सामाजिक विज्ञान विषय से संबधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में सामाजिक विज्ञान के एक महत्वपूर्ण विषय अक्षांश और देशांतर क्या है? (Latitudes and Longitudes in Hindi) के बारे में बताया गया है।
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अक्षांश समांतर किसे कहते हैं? – What is Latitudes?
अक्षांश समांतर (Latitude Parallels) वे आभासी रेखाएँ होती हैं जो पृथ्वी पर भूमध्य रेखा (Equator) के समानांतर खींची जाती हैं। इन्हें “समांतर रेखाएँ” इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये एक-दूसरे के समांतर (parallel) होती हैं और कभी नहीं मिलतीं। यह विषुवत वृत्त के उत्तर या दक्षिण में स्थित किसी बिंदु की कोणीय दूरी को डिग्री, मिनट तथा सेकेंड में व्यक्त करती है। अक्षांश रेखाओं को प्रायः समांतर रेखाएँ भी कहा जाता है।
अक्षांशों के पांच प्रमुख समानांतर – Five Major Parallel Of Latitudes
अक्षांशों के पांच प्रमुख समानांतर इस प्रकार हैं:-
- भूमध्य रेखा (Equator) – 0 डिग्री
- कर्क रेखा (Tropic of Cancer) – उत्तरी गोलार्ध में 23 डिग्री
- मकर रेखा (Tropic of Capricorn) – दक्षिणी गोलार्ध में 23¼ डिग्री
- अंटार्कटिक वृत्त (Antarctic Circle) – दक्षिणी गोलार्ध में 66 डिग्री
- आर्कटिक सर्कल (Arctic Circle)- उत्तरी गोलार्ध में 66 डिग्री
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देशांतर याम्योत्तर किसे कहते हैं? – What is Longitudes?
देशांतर याम्योत्तर (Longitude Meridians) वे आभासी रेखाएँ होती हैं जो पृथ्वी पर उत्तर ध्रुव से दक्षिण ध्रुव तक खिंची होती हैं। इन्हें याम्योत्तर रेखाएँ या मेरिडियन (Meridian) भी कहा जाता है। यह प्रधान याम्योत्तर (ग्रीनविच) के पूर्व या पश्चिम में स्थित किसी बिंदु की कोणीय स्थिति को डिग्री, मिनट एवं सेकेंड में व्यक्त करती है। देशांतर रेखाओं को प्रायः याम्योत्तर कहा जाता है।
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अक्षांश और देशांतर में अंतर
अक्षांश एवं देशांतर रेखाओं को सामान्यतः भौगोलिक निर्देशांक (Coordinate) कहा जाता है, क्योंकि ये रेखाओं के जाल का एक तंत्र बनाती हैं, जिसपर हम धरातल के विभिन्न लक्षणों की स्थिति को प्रदर्शित कर सकते हैं। इन निर्देशांको की सहायता से विभिन्न बिंदुओं की अवस्थिति, दूरी तथा दिशा को आसानी से निर्धारित किया जा सकता है।
यद्यपि ग्लोब पर अनंत समांतर एवं याम्योत्तर रेखाएँ खींची जा सकती हैं, उनमें से कुछ चुनी हुई रेखाएँ ही मानचित्र पर खींची जाती हैं। अक्षांशों एवं देशांतरों को डिग्री या अंश (°) में मापते हैं, क्योंकि ये कोणीय दूरी को प्रदर्शित करते हैं। प्रत्येक डिग्री को 60 मिनट (‘) में एवं प्रत्येक मिनट को 60 सेकेंड (“) में विभाजित किया जाता है। नीचे तालिका में अक्षांश और देशांतर में अंतर (Latitudes and Longitudes in Hindi) बताया गया हैं:-
अक्षांश समांतर | देशांतर याम्योत्तर |
अक्षांश, विषुवत वृत्त के उत्तर या दक्षिण में स्थित किसी बिंदु की कोणीय दूरी है, जिसे डिग्री में मापा जाता है। | देशांतर, विषुवत वृत्त के साथ बनी वह कोणीय दूरी है, जिसे डिग्री में मापा जाता है। इसे ग्रिनिच के पूर्व या पश्चिम 0° से 180° तक मापा जाता है। |
ग्लोब पर अक्षांश समांतर वृत्त के समान प्रतीत होते हैं। | सभी याम्योत्तर वृत्त के समान प्रतीत होते हैं, जो ध्रुवों से गुजरते हैं। |
सभी अक्षांश विषुवत वृत्त के समांतर होते हैं। | देशांतर के सभी याम्योत्तर ध्रुवों पर मिलते हैं। |
0° अक्षांश को विषुवत वृत्त एवं 90° को ध्रुव कहा जाता है। | देशांतर 360° के होते हैं, जो प्रमुख याम्योत्तर से पूर्व एवं पश्चिम दोनों ओर 180° में बँटे होते हैं। |
दो अक्षांशों के बीच की दूरी लगभग 111 किलोमीटर होती है। | याम्योत्तरों के बीच की दूरी विषुवत वृत्त पर अधिकतम (111.3 किलोमीटर): तथा ध्रुवों पर न्यूनतम (० किलोमीटर) होती है। मध्य में अर्थात् 45° अक्षांश पर यह 79 किलोमीटर होती है। |
परस्पर समानांतर वृत्त बनाती हैं। | सभी रेखाएँ ध्रुवों पर मिलती हैं। |
समय निर्धारण में उपयोग नहीं होती है। | समय क्षेत्र (Time Zones) निर्धारित करने में उपयोग होती है। |
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अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा क्या है?
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line – IDL) पृथ्वी की सतह पर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है जो दो क्रमागत कैलेंडर दिनों को अलग करती है। यह रेखा प्रशांत महासागर के बीच से होकर लगभग 180° देशांतर के साथ उत्तर से दक्षिण ध्रुव तक खींची गई है। यह रेखा उस स्थान को दर्शाती है जहाँ से गुजरते ही दिन और तारीख बदल जाती है। उदाहरण के लिए, मंगलवार को पूर्व दिशा में जाने वाले व्यक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार कर लेने पर बुधवार का दिन हो जाएगा। इसी प्रकार, उसी दिन अपनी यात्रा शुरू करने वाले, लेकिन पश्चिम दिशा में जाने वाले व्यक्ति के लिए अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा पार कर लेने के बाद सोमवार का दिन हो जाएगा।
FAQs
देशांतर और अक्षांश ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज रूप से स्थित रेखाएँ हैं जिनका उपयोग हम भौगोलिक निर्देशांक स्थापित करने के लिए करते हैं। देशांतर का उपयोग विशेष रूप से पृथ्वी की सतह पर पूर्व और पश्चिम बिंदुओं को निर्धारित करने के लिए किया जाता है।
पृथ्वी पर भूमध्य रेखा सहित 181 अक्षांश हैं और उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में 90 अक्षांश हैं।
पृथ्वी पर कुल 360 देशांतर रेखाएँ (Longitudes) होती हैं।
अक्षांश (Latitude) वे आभासी रेखाएँ होती हैं जो पृथ्वी को पूर्व से पश्चिम दिशा में काटती हैं और भूमध्य रेखा (Equator) के समानांतर होती हैं। ये रेखाएँ पृथ्वी पर किसी स्थान की उत्तर या दक्षिण स्थिति को दर्शाती हैं।
देशांतर (Longitude) वे आभासी (काल्पनिक) रेखाएँ होती हैं जो पृथ्वी को उत्तर ध्रुव से दक्षिण ध्रुव तक जोड़ती हैं और किसी स्थान की पूर्व या पश्चिम स्थिति को दर्शाती हैं।
पृथ्वी पर कुल 181 अक्षांश रेखाएँ (Latitude lines) होती हैं।
180° देशांतर को विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा (International Date Line – IDL) कहा जाता है।
आशा है कि आपको इस लेख में अक्षांश और देशांतर क्या है? (Latitudes and Longitudes in Hindi) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और ट्रेंडिंग इवेंट्स से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।