वर्तमान में माइक्रोब्स के कारण होने वाली बीमारियों की बढ़ती जटिलता के कारण माइक्रोबायोलॉजी एक लोकप्रिय करियर विकल्प के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। कोरोना काल के चलते माइक्रोब्स पर होने वाले रिसर्च में भी बढ़ोतरी देखी गई है। इस प्रकार scope of Microbiology in Hindi काफी बड़ा है। छोटे लैब से लेकर बड़े–बड़े रिसर्च सेंटर्स तक में माइक्रोबायोलॉजी ग्रेजुएट्स की मांग है। यदि आप भी इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं तो scope of Microbiology in Hindi के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।
This Blog Includes:
- माइक्रोबायोलॉजी क्या है?
- माइक्रोबायोलॉजी की ब्रांच
- स्कोप ऑफ़ माइक्रोबायोलॉजी इन हिंदी
- टॉप माइक्रोबायोलॉजी कोर्सेज
- लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन
- माइक्रोबायोलॉजी के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज
- माइक्रोबायोलॉजी के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज
- योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- माइक्रोबायोलॉजी में नौकरी के अवसर और सैलरी
- FAQs
माइक्रोबायोलॉजी क्या है?
माइक्रोबायोलॉजी, बायोलॉजिकल साइंस की एक ब्रांच है, जिसके अंतर्गत माइक्रोऑर्गैनिस्मस की पढ़ाई की जाती है, जो माइक्रोस्कोपिक सूक्ष्म एककोशिकीय या सेल ऑर्गेनेल और संक्रामक एजेंट हो सकते हैं। अब तक मइक्रोबॉयोलॉजिस्ट द्वारा अध्ययन किए गए विभिन्न प्रकार के माइक्रोब्स में बैक्टीरिया, आर्किया, वायरस, यूकेरियोट्स, कवक, प्रियन, प्रोटोजोआ और शैवाल शामिल हैं। ये माइक्रोब्स आकर और प्रकृति के मामले में भिन्न हो सकते हैं।
नकारात्मक प्रभाव के अलावा भी कुछ माइक्रोब्स के कई लाभ होते हैं। उदाहरण के लिए, माइक्रोऑर्गैनिस्म इंडस्ट्रियल फर्मेंटेशन (जिसका उपयोग शराब, सिरका और डेयरी उत्पाद जैसे उपयोगी चीज़ों को बनाने के लिए किया जाता है।) और एंटीबायोटिक प्रोडक्शन जैसी प्रक्रिया को कम करता है। वे पौधों और जानवरों जैसे काम्प्लेक्स ऑर्गनिज़मस में DNA को मूव करने के लिए न्यूक्लियर व्हीकल्स के रूप में भी कार्य करते हैं। माइक्रोबायोलॉजी एक ब्रॉड डिसिप्लिन है और मइक्रोबॉयोलॉजिस्ट, सेलुलर लेवल और कम्युनिटी लेवल पर माइक्रोब्स का अध्ययन करते हैं।
सामान्य शब्दों में समझे तो यह बायोलॉजी की एक ब्रांच है जिसमें प्रोटोजोआ, ऐल्गी, बैक्टीरिया, वायरस जैसे माइक्रोऑर्गेनिज्म का अध्ययन किया जाता है। इसमें माइक्रोबायोलॉजिस्ट इन माइक्रोब्स के इंसानों, पौधों और जानवरों पर पड़ने वाले पॉजिटिव और निगेटिव दोनों प्रभावों को जानने की कोशिश करते हैं।
माइक्रोबायोलॉजी की ब्रांच
माइक्रोबायोलॉजी में विभिन्न स्पेशलाइजेशन शामिल हैं जो इस क्षेत्र के अलग पहलु को कवर करती हैं। नीचे माइक्रोबायोलॉजी की सबसे लोकप्रिय ब्रांच के बारे में बताया गया है–
ब्रांच | यह क्या अध्ययन करता है? |
बैक्टीरियोफेज | जीवाणु |
माइकोलॉजी | कवक |
प्रोटो जूलॉजी | प्रोटोजोआ |
फाइकोलॉजी | शैवाल |
पैरासाइटोलॉजी | परजीवी |
इम्मुनोलॉजी | प्रतिरक्षा तंत्र |
वाइरालजी | वायरस |
इसके अलावा, एप्लीकेशन के अनुसार माइक्रोबायोलॉजी की मुख्य ब्रांच नीचे दी गई हैं–
- सॉइल माइक्रोबायोलॉजी
- फूड माइक्रोबायोलॉजी
- मिल्क माइक्रोबायोलॉजी
- इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी
- मेडिकल माइक्रोबायोलॉजी
- बायोटेक्नोलॉजी
- जेम माइक्रोबायोलॉजी
स्कोप ऑफ़ माइक्रोबायोलॉजी इन हिंदी
Scope of Microbiology in Hindi काफी ब्रॉड विषय है। जीवन के लगभग हर क्षेत्र में माइक्रोबायोलॉजी का उपयोग होता है। माइक्रोबायोलॉजी में ग्रेजुएट्स हुए लोगों की इस क्षेत्र में काफ़ी ज्यादा मांग है। आइए नीचे कुछ scope of Microbiology in Hindi के बारे में जानते हैं–
- फूड माइक्रोबायोलॉजी
- पर्यावरण विज्ञान
- स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा
- जेनेटिक इंजीनियरिंग
- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
- विश्वविद्यालयों
- रिसर्च सेंटर
फूड माइक्रोबायोलॉजी
फ़ूड इंडस्ट्री में माइक्रोऑर्गैनिस्म का उपयोग अचार, पनीर, सिरका, शराब, ब्रेड, हरे जैतून आदि जैसे विभिन्न अन्य फ़ूड प्रोडक्ट को तैयार करने में किया जाता है।
पर्यावरण विज्ञान
इस क्षेत्र में scope of Microbiology in Hindi बहुत बड़ा है। माइक्रोब्स और बायोरेमेडिएशन से लेकर पेस्ट कण्ट्रोल समझने और उपयोग करने तक माइक्रोबायोलॉजी ग्रेजुएट्स की मांग है।
हेल्थकेयर सेक्टर
बैक्टीरिया और अन्य माइक्रोब्स का उपयोग विभिन्न एंटीबायोटिक्स बनाने और शरीर के लिए आवश्यक विटामिन को सिंथेसाइज करने के लिए किया जाता है। आपने पेनिसिलिन नामक एंटीबायोटिक के बारे में सुना ही होगा। इसे एक प्रकार के फंगस पेनिसिलिन से प्राप्त किया जाता है। माइक्रोऑर्गैनिस्म का उपयोग जेनेटिक बिमारियों के इलाज में जीन थेरेपी के लिए भी किया जाता है। यही कारण है कि इस क्षेत्र में माइक्रोबायोलॉजी ग्रेजुएट्स की मांग बढ़ी है साथ ही इस क्षेत्र में scope of Microbiology in Hindi बढ़ता ही जा रहा है।
जेनेटिक इंजीनियरिंग
इस क्षेत्र की बढ़ती लोकप्रियता के कारण इसमें scope of Microbiology in Hindi बढ़ता जा रहा है। हार्मोन, एंजाइम आदि जैसे उपयोगी और मूल्यवान प्रोडक्ट का उत्पादन करने के लिए माइक्रोब्स का जीन मैनीपुलेशन किया जाता है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
वर्तमान में, ‘बायोरेमेडिएशन’ के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया में प्रदुषण कम करने के लिए माइक्रोब्स का उपयोग किया जाता है। बायोरेमेडिएशन में प्रदुषण के गैर विषैले पदार्थ में जैविक गिरावट के माध्यम से प्रदुषण को कम करने के लिए माइक्रोऑर्गनिज़मस का उपयोग किया जाता है। बढ़ते प्रदुषण के साथ इस क्षेत्र में scope of Microbiology in Hindi में भी बढ़त देखी जा सकती है।
विश्वविद्यालयों
माइक्रोबायोलॉजी क्षेत्र में बढ़ते स्कोप के चलते माइक्रोबायोलॉजी अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। यूनिवर्सिटीज या कॉलेज में छात्रों को पढ़ाने और माइक्रोबियल प्रैक्टिकल्स के लिए एक कुशल लेक्चरर की आवश्यकता होती है।
रिसर्च सेंटर
माइक्रोब्स से होने वाली बीमारियों में बढ़ोतरी के कारण उन पर होने वाले रिसर्च कार्यों की संख्या भी बढ़ी है। रिसर्च में पता लगाया जाता है कि आखिर किस तरह ये लिविंग ऑर्गनिज़मस को प्रभावित करते हैं और इनसे कैसे बचा जाए। रिसर्च सेंटर में भी माइक्रोबायोलॉजी ग्रेजुएट्स की भारी मांग है।
टॉप माइक्रोबायोलॉजी कोर्सेज
माइक्रोबायोलॉजी के अंतर्गत विभिन्न बैचलर्स, मास्टर्स और पीएचडी स्तर के कोर्स उपलब्ध हैं। माइक्रोबायोलॉजी के लोकप्रिय कोर्सेज की लिस्ट दी गई है –
बैचलर्स स्तर
- BSc Hons Biology (Microbiology)
- BSc Microbiology
- BSc in Applied Microbiology
- BSc in Industrial Microbiology
- BSc in Food Microbiology
- BSc in Clinical Microbiology
- BSc in Cell & Molecular Biology
मास्टर्स स्तर
- Master of Applied Science (Microbiology)
- Master’s in Drug Delivery and Microbiology (Research)
- MSc in Clinical Microbiology
- MSc in Medical Microbiology
- Master’s in Molecular Biology & Biotechnology
- Master’s in Microbiology
- MSc in Microbial Genetics and Bioinformatics
डाक्टरल स्तर
- PhD in Microbiology
- DMed in Medical Microbiology
- PhD in Drug Delivery and Microbiology (Research)
- PhD in Microbiology & Immunology
लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन
माइक्रोबायोलॉजी के अंतर्गत लोकप्रिय स्पेशलाइजेशन की लिस्ट नीचे दी गई है–
- एग्रीकल्चर माइक्रोबायोलॉजी
- इंडस्ट्रियल माइक्रोबायोलॉजी
- इवोल्यूशनरी माइक्रोबायोलॉजी
- नैनो माइक्रोबायोलॉजी
- सेलुलर माइक्रोबायोलॉजी
- सॉइल माइक्रोबायोलॉजी
- वेटरनरी माइक्रोबायोलॉजी
- जनरेशन माइक्रोबायोलॉजी
- माइक्रो ऑर्गेनिज्म
- वाटर माइक्रोबायोलॉजी
- फार्मास्युटिकल माइक्रोबायोलॉजी
- माइक्रोबियल जेनेटिक्स
- एनवायर्नमेंटल माइक्रोबायोलॉजी
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माइक्रोबायोलॉजी के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज
विश्व में कुछ ऐसी यूनिवर्सिटी है, जो माइक्रोबायोलॉजी में एक सहायक पर्यावरण और क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करने के साथ, अपने वर्ल्ड क्लास एजुकेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रसिद्ध हैं। उन टॉप यूनिवर्सिटीज की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय
- इंपीरियल कॉलेज लंदन
- टोक्यो विश्वविद्यालय
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले
- येल विश्वविद्यालय
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय
- क्वींसलैंड विश्वविद्यालय
- मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- हांगकांग विश्वविद्यालय
- मैकगिल विश्वविद्यालय
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
- कोपेनहेगन विश्वविद्यालय
- सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी
- लीड्स विश्वविद्यालय
- हेरियट-वाट विश्वविद्यालय
- मिशिगन स्टेट विश्वविद्यालय
- तस्मानिया विश्वविद्यालय
- यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन
- क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन
- शेफ़ील्ड हॉलम विश्वविद्यालय
- ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन
- लीसेस्टर विश्वविद्यालय
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ मलाया
- अल्बर्टा विश्वविद्यालय
- मैनचेस्टर विश्वविद्यालय
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माइक्रोबायोलॉजी के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज
माइक्रोबायोलॉजी के लिए भारत के टॉप यूनिवर्सिटीज और कॉलेज की लिस्ट नीचे दी गई है–
- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज – [एमसीसी]
- प्रेसीडेंसी कॉलेज
- बाल विश्वविद्यालय
- जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय
- फर्ग्यूसन कॉलेज
- सेंट जेवियर्स कॉलेज
- रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शताब्दी कॉलेज
- Ramkrishna Mission Vidyamandir
- माउंट कार्मेल कॉलेज
- गार्गी कॉलेज
- पीडी पटेल इंस्टिट्यूट ऑफ एप्लाइड साइंसेज
- रामनारायण रुइया ऑटोनॉमस कॉलेज
- जय हिंद कॉलेज
- किशनचंद चेलाराम कॉलेज
- ऑक्सफोर्ड कॉलेज ऑफ साइंस
योग्यता
माइक्रोबायोलॉजी कोर्सेज के लिए कुछ सामान्य योग्यता के बारे में नीचे दिया गया है–
- माइक्रोबायोलॉजी में बैचलर डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि आवेदक ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCB (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स) से 10+2 अच्छे अंकों से पास किया हो। विदेश में इस कोर्स के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकता को पूरा करना जरुरी है, जो हर अलग–अलग हो सकती है।
- भारत में कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं। वहीं अब्रॉड में बैचलर्स प्रोग्राम के लिए SAT और ACT स्कोर की मांग की जाती है।
- माइक्रोबायोलॉजी में पीजी प्रोग्राम के लिए संबंधित क्षेत्र में अच्छे अंकों के साथ बैचलर्स डिग्री का होना आवाश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम के आधार पर भी एडमिशन देती हैं। वहीं विदेश में आवश्यक अच्छे ग्रैड के साथ GRE स्कोर की आवश्यकता होती है।
- विदेश की यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL स्कोर ज़रूरी होते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने होंगे।
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आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई है–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
छात्र वीजा पाने के लिए भी Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।
माइक्रोबायोलॉजी में नौकरी के अवसर और सैलरी
माइक्रोबायोलॉजी, सूक्ष्मजीवों के गुणों और मानव शरीर पर उनके प्रभाव के बारे में शिक्षा प्रदान करता है। इसके अध्ययन के ज़रिए छात्रों के पास सूक्ष्मजीवों की ग्रोथ और उनके प्रभाव से संबंधित रिसर्च में करियर बनाने का सुनहरा अवसर मौजूद है। नीचे कुछ लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल और Payscale के अनुसार उनकी औसत सालाना सैलरी दी गई है।
नौकरी प्रोफ़ाइल | औसत वार्षिक वेतन (INR) |
माइक्रोबायोलॉजिस्ट | 4-8 लाख |
फार्माकोलॉजिस्ट | 3-8 लाख |
बायो | 2-7 लाख |
वायरोलॉजिस्ट | 2-5 लाख |
माइकोलॉजिस्ट | 3-6 लाख |
QA टेक्नोलॉजिस्ट | 2-4 लाख |
रिसर्च असिस्टेंट | 3-5 लाख |
मेडिकल केमिस्ट | 3-5 लाख |
बायोमेडिकल साइंटिस्ट | 2-5 लाख |
लीगल रिसर्च सेंटर | 2-7 लाख |
कॉस्मेटोलॉजिस्ट | 3-9 लाख |
फूड टेक्नोलॉजिस्ट/ वैज्ञानिक | 2-8 लाख |
साइंस लैब टेक्नीशियन | 3-7 लाख |
मेडिकल असिस्टेंट | 2-5 लाख |
रिसर्च साइंटिस्ट | 3-6 लाख |
वाटर क्वालिटी लैब टेक्नीशियन | 2-7 लाख |
लेक्चरर | 2-6 लाख |
FAQs
माइक्रोबायोलॉजी के क्षेत्र-
1. बैक्टीरियोलॉजी
2. इम्यूनोलॉजी
3. माइकोलॉजी
4. नेमाटोलॉजी
5. पैरासिटोलॉजी
6. फाइकोलॉजी
7. प्रोटोजूलॉजी
8. वायरोलॉजी
माइक्रोबायोलॉजी के अंतर्गत विभिन्न नौकरी के अवसर अच्छी सैलरी के साथ उपलब्ध हैं जैसे–
1. माइक्रोबायोलॉजिस्ट
2. फार्माकोलॉजिस्ट
3. जैव प्रौद्योगिकीविद्
4. वायरोलॉजिस्ट
5. माइकोलॉजिस्ट
6. गुणवत्ता आश्वासन प्रौद्योगिकीविद्
7. अनुसंधान सहायक
8. मेडिकल केमिस्ट
9. बायोमेडिकल साइंटिस्ट
10. नैदानिक अनुसंधान सहयोगी
11. कॉस्मेटोलॉजिस्ट
इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार औसतन हर साल माइक्रोबायोलॉजिस्ट के लिए लगभग 2,000 नए पदों के एमेर्जेंस की उम्मीद है।
माइक्रोबायोलॉजी में मुख्य बैचलर्स डिग्री कोर्स–
1. BSc Hons Biology (Microbiology)
2. BSc Microbiology
3. BSc in Applied Microbiology
4. BSc in Industrial Microbiology
5. BSc in Food Microbiology
6. BSc in Clinical Microbiology
7. BSc in Cell & Molecular Biology
हम आशा करते हैं कि आपको scope of Microbiology in Hindi की सारी जानकारी मिल गई होंगी। यदि आप माइक्रोबायोलॉजी की पढ़ाई विदेश में करना चाहते हैं तो आज ही 1800 572 000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।