Tsunami in Hindi: जब भूकंप और ज्वालामुखी से महासागरीय धरातल में अचानक हलचल पैदा होती है और महासागरीय जल का अचानक विस्थापन होता है। तब ऊर्ध्वाधर ऊंची तरंगें उत्पन्न होती हैं जिन्हें सुनामी (Tsunami) या भूकंपीय समुंद्री लहरें कहा जाता है। वहीं सुनामी के कारण हर साल दुनियाभर में काफी जान-माल का नुकसान होता है। इसलिए इस प्राकृतिक आपदा के बारे में हम सभी को जानकारी होनी चाहिए ताकि हम स्वयं और अपने आसपास के लोगों की रक्षा कर सकें।
इसके अतिरिक्त स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्राकृतिक आपदाओं से संबधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में सुनामी क्या है और सुनामी कैसे आती है (Tsunami Aane Ke Karan Kya Hai) के बारे में बताया गया है।
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सुनामी क्या है? – Tsunami in Hindi
Tsunami Kya Hai: क्या आप जानते हैं कि ‘सुनामी’ एक जापानी शब्द है जो वास्तव में दो शब्दों ‘सू’ अर्थात ‘बंदरगाह ‘ और ‘नामी’ अर्थात ‘विनाशकारी लहरें’ से मिलकर बना है। इसका अर्थ हुआ ‘ऐसी समुद्री लहरें जो अत्यंत व्यापक नुकसान करती हैं’। यदि परिभाषा की बात करें तो वह इस प्रकार दी जा सकती है- सुनामी एक बड़ी समुद्री लहर होती है जो समुद्र के नीचे अचानक हुई हलचल (जैसे भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन) के कारण उत्पन्न होती है। आसान भाषा में कहें तो जब धरती हिलती है तो भूकंप आता है और जब यही भूकंप समुद्र में आता है तो सुनामी बन जाता है।
बताना चाहेंगे सुनामी की लहरों की गति अपने उत्पत्ति स्थान पर अत्यधिक होती है किंतु ऊंचाई अधिक नहीं होती। लेकिन जैसे-जैसे ये तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ती हैं, इनकी ऊँचाई बढ़ती जाती है और गति कम होती जाती है। वहीं अपनी अधिक ऊँचाई व गति के कारण ही ये तटीय भागों में व्यापक हानि पहुंचाती हैं।
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टेलीसुनामी क्या होती है?
जब सुनामी लहरों का प्रसार व प्रभाव इतना अधिक व्यापक हो कि वे अपनी उत्पत्ति वाले समुद्री क्षेत्र को भी पार करते हुए हज़ारों मील दूर स्थित क्षेत्र तक पहुँच जाए तब वह टेलीसुनामी (Teletsunami) कहलाती है। इसका एक उदाहरण 2004 की हिंद महासागर सुनामी थी जो इंडोनेशिया के पास भूकंप से शुरू हुई थी, लेकिन उसकी लहरें भारत, श्रीलंका, थाईलैंड व अफ्रीका तक पहुंची थी।
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सुनामी के कारण और प्रभाव – Tsunami kaise Aati Hai
इस प्राकृतिक आपदा के कई कारण हो सकते हैं किंतु इन सभी की परिणिति समुद्री तल पर आने वाले तीव्र भूकंप के रूप में ही होती है। आपको बता दें कि महासागर में जल तरंग की गति जल की गहराई पर निर्भर करती है। इसकी गति उथले समुद्र में ज़्यादा और गहरे समुद्र में कम होती है। परिणामस्वरूप महासागरों के अंदरुनी भाग इससे कम प्रभावित होते हैं। तटीय क्षेत्रों में ये तरंगे ज़्यादा प्रभावी होती हैं और व्यापक नुकसान पहुँचाती हैं।
सुनामी आमतौर पर प्रशांत महासागरीय तट पर, जिसमें अलास्का, जापान, फिलिपाइन, दक्षिण-पूर्व एशिया के दूसरे द्वीप, इंडोनेशिया और मलेशिया तथा हिंद महासगर में म्यांमार, श्रीलंका और भारत के तटीय भागों में आती है।
सुनामी से बचाव हेतु उपाय
सुनामी से बचाव हेतु निम्नलिखित उपाए किए जाने चाहिए:-
- समुद्री क्षेत्रों के पास रहने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
- समुद्र तटीय क्षेत्रों में मैंग्रोव वनस्पति (Mangrove Vegetation) को लगाया जाना चाहिए।
- समुद्र तटीय क्षेत्रों में सुनामी का पूर्वानुमान यंत्र के सहारे पहले ही प्रशासन और लोगों को सूचित किया जाना चाहिए।
- समुद्र तटीय क्षेत्रों में कंक्रीट के तटबंध का निर्माण किया जाना चाहिए।
- सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) की सहायता से लोगों को जागरूक करने का कार्य करना चाहिए।
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सुनामी में क्या करें?
सुनामी के आने के बाद निम्नलिखित बिंदुओं का पालन करें:-
- आधिकारिक चेतावनियों का ध्यान रखें।
- समुद्र के किनारे से तुरंत दूर हट जाए।
- शीघ्र ऊँचाई वाले स्थान पर जाएं।
- शांत रहें, रेडियो/टी.वी. को चालू करें तथा इस पर आने वाली हिदायतों का पालन करें।
- पानी, गैस तथा बिजली के स्विचों को बंद कर दें।
- सुनामी की चेतावनी के कम से कम 24 घंटे के बाद तक तटीय पानी, ज्वारीय मुहानों और नदियों तथा धाराओं से दूर रहें।
- सुनामी से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचें क्योंकि आप बचाव तथा सुनामी बाढ़ के अवशिष्ट प्रभावों से और अधिक जोखिम में पड़ सकते हैं।
- किसी भी आपात स्थिति के बाद, नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन सेवाओं की सलाह लें और ऐसा कोई कदम न उठाएं जो आपकी सुरक्षा को खतरे में डालता है या आपकी संपत्ति को अधिक नुकसान पहुंचाता है।
FAQs
सुनामी (Tsunami) आने का मुख्य कारण समुद्र के नीचे अचानक हुई भूकंपीय हलचल या ज्वालामुखी विस्फोट होता है।
सुनामी तेज धार के साथ शक्तिशाली लहरों की एक श्रृंखला होती है। इसका कारण भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट,भूस्खलन या किसी उल्कापिंड का टकराना भी हो सकता है।
महासागरों के आंतरिक पृष्ठीय भागों में उत्पन्न कंपन को सुनामी कहते हैं। यह एक प्राकृतिक आपदा है।
जब कभी तेज भूकंप के कारण समुद्र की ऊपरी परत अचानक खिसक कर आगे बढ़ जाती है तो समुद्र अपनी समांतर स्थिति में ऊपर की तरफ बढ़ने लगता है, जो लहरें उस वक़्त बनती हैं वो सूनामी लहरें होती हैं।
सुनामी की लहरें सामान्य लहरों से अधिक लंबी, शक्तिशाली और तेज़ होती हैं। ये समुद्र की गहराई में बहुत तेज़ी से यात्रा करती हैं और तट पर पहुँचते समय खतरनाक रूप ले सकती हैं।
प्रशांत महासागर रिंग ऑफ फायर जैसे भूकंपीय क्षेत्रों, जापान, इंडोनेशिया, भारत के पूर्वी तट, श्रीलंका और पश्चिमी अमेरिका जैसे क्षेत्रों में सुनामी का खतरा अधिक होता है।
आशा है कि आपको इस लेख में सुनामी क्या है और सुनामी कैसे आती है (Tsunami in Hindi, Tsunami Kya Hai) से संबंधित संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC और सामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।