पर्यावरण प्रबंधन में करियर कैसे बनायें?

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यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, पर्यावरण प्रबंधन से संबंधित व्यवसायों की औसत वृद्धि दर 2018-2028 के बीच 8% बढ़ने की संभावना है। भूमि प्रबंधन, जल प्रबंधन, अधिक जनसंख्या का प्रभाव, जैव विविधता का नुकसान, प्रदूषण और प्रदूषक, वनों की कटाई का प्रभाव, लुप्तप्राय प्रजातियों का अध्ययन, पारिस्थितिकी तंत्र अध्ययन आदि के बारे में जानने और इस क्षेत्र में करियर बनाने में रुचि रखते हैं तो पर्यावरण प्रबंधन में करियर ऑप्शंस कई हैं जिन्हें आप अपना सकते हैं। पर्यावरण प्रबंधन में करियर से जुड़ी जानकारियां जानने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

पर्यावरण प्रबंधन कोर्सेज लेवलडिप्लोमा, बैचलर्स, मास्टर्स, डॉक्टरेट 
सामान्य योग्यता मानदंडडिप्लोमा/बैचलर्स : 10+2
मास्टर्स : ग्रेजुएशन की डिग्री
डॉक्टरेट कोर्स : मास्टर्स की डिग्री
टॉप जॉब प्रोफ़ाइलपॉल्यूशन कंट्रोल मैनेजर, एनवायरमेंट कंसलटेंट, प्रोजेक्ट मैनेजर, रिसर्चर, इको टूरिज्म मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन एंड पब्लिक अवेयरनेस ऑफिसर, वाइल्ड लाइफ मैनेजरएनवायरमेंट मैनेजर आदि। 
कार्य क्षेत्रNGOs, गवर्नमेंट और लोकल अथॉरिटीज, प्राइवेट कंपनीज़ व मैन्युफैक्चर्स, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन्स और पब्लिक सेक्टर कंपनीज़ आदि। 

पर्यावरण प्रबंधन क्या है? 

पर्यावरण प्रबंधन एक गतिशील और उभरती हुई अवधारणा है, जो किसी व्यवसाय के अपने प्राकृतिक परिवेश पर पड़ने वाले प्रभाव की निगरानी से संबंधित है। इसका उद्देश्य मानव कृत्यों के कारण होने वाले क्षरण को कम करने के साथ-साथ मानव लाभों को अधिकतम करने के भविष्य के प्रयासों की भविष्यवाणी करते हुए, संबंधित वातावरण में परिवर्तनों का निरीक्षण करना और उन्हें नोट करना है।

पर्यावरण प्रबंधन में करियर क्यों बनाएं?

 पर्यावरण प्रबंधन में करियर क्यों बनाएं यह जानने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स को पढ़ें:

  • इसमें सतत संसाधन विकास, पारिस्थितिक स्थिरता से लेकर पर्यावरणीय स्वास्थ्य और प्रबंधन आदि विषयों के बारे में जानने को मिलता है।
  • यदि आप पर्यावरण प्रबंधन में करियर बनाते हैं तो आपको संसाधनों की कमी और गिरावट, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों को समझने का मौका मिलेगा।
  • पर्यावरण प्रबंधन में ग्रेजुएट्स दुनिया में कहीं भी काम कर सकते हैं।
  • इसमें पेश की जाने वाली करियर की संभावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है। आप पॉल्यूशन कंट्रोल मैनेजर, एनवायरमेंट कंसलटेंट, प्रोजेक्ट मैनेजर, रिसर्चर, इको टूरिज्म मैनेजमेंट आदि के तौर पर काम कर सकते हैं।
  • पर्यावरण प्रबंधन में कोई बैचलर या मास्टर्स डिग्री कोर्स करने के बाद आप NGOs, गवर्नमेंट और लोकल अथॉरिटीज, प्राइवेट कंपनीज़ व मैन्युफैक्चर्स, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन्स और पब्लिक सेक्टर कंपनीज़ आदि क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।

स्किल्स

पर्यावरण प्रबंधन में करियर बनाने के लिए कुछ स्किल्स का होना जरूरी है,जिनमें से कुछ यहां दी गई हैं:

  • रिमोट वर्क स्किल्स
  • कार्बन मैनेजमेंट
  • मार्केटिंग स्किल्स
  • डिसीजन मेकिंग स्किल्स
  • कम्युनिकेशन स्किल्स
  • टीम वर्क
  • एनालिटिकल स्किल्स
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
  • राइटिंग स्किल्स

पर्यावरण प्रबंधन कोर्सेज

दुनिया भर में कई विश्वविद्यालयों और कॉलेजों द्वारा विभिन्न पर्यावरण प्रबंधन (ईएम) कोर्सेज पेश किए जाते हैं। पारिस्थितिकी और पर्यावरण में कुछ लोकप्रिय कोर्सेज की सूची नीचे दी गई है जो विभिन्न लेवल्स पर उपलब्ध हैं:

  • Bachelor of Environmental Management
  • B.Sc in EM
  • BA in EM
  • Bachelor of Environmental Management-Natural Sciences
  • Post Graduate Diploma in EM
  • Diploma in EMS
  • Master of Environmental Management
  • MA in EM
  • M.Sc in EM
  • MBA in Environmental Management
  • PhD in EM

सब्जेक्ट्स

यहां कुछ महत्वपूर्ण विषय दिए गए हैं जिन्हें आमतौर पर पर्यावरण प्रबंधन में एक एकेडमिक प्रोग्राम के तहत शामिल किया जाता है:

  • बेसिक ऑफ़ एनवायरमेंट और उसका मैनेजमेंट
  • एनवायरमेंटल बायोलॉजी
  • एनवायरमेंटल केमिस्ट्री एंड पॉल्यूशन
  • एनवायरमेंटल अर्थ साइंस 
  • एनवायरमेंटल सेंपलिंग एंड डाटा एनालिसिस
  • मैनेजमेंट प्रोसेस और ऑर्गेनाइजेशनल बिहेवियर
  • एनवायरमेंटल लॉ एंड मैनेजमेंट
  • एनर्जी एंड एनवायरमेंट
  • एनवायरमेंटल मॉडलिंग
  • एयर पॉल्यूशन मैनेजमेंट
  • वॉटर पॉल्यूशन मैनेजमेंट

विदेश की टॉप यूनिवर्सिटीज़

पर्यावरण प्रबंधन कोर्स करने के लिए सही यूनिवर्सिटी का चुनाव आवश्यक है, यहां कुछ बेस्ट यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट दी गई है:

भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़

भारत की कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है:

  • GGSIPU दिल्ली – गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी
  • गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद
  • शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
  • माउंट कार्मेल कॉलेज, बैंगलोर
  • केरल यूनिवर्सिटी ऑफ़ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज, कोच्चि
  • छत्रपति शाहू इंस्टीट्यूट ऑफ़ बिजनेस एजुकेशन एंड रिसर्च, कोल्हापुर
  • JSS एकेडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च, मैसूर
  • सिंहानिया यूनिवर्सिटी, झुंझुनू
  • BU झांसी – बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी
  • भारतीदासन यूनिवर्सिटी, तिरुचिरापल्ली

योग्यता 

किसी कोर्स में एडमिशन के लिए सामान्य योग्यता मानदंड इस प्रकार है: 

  • बैचलर्स के लिए 10+2 न्यूनतम अंकों के साथ किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से पूरी होना जरूरी है। 
  • यदि आप मास्टर्स करना चाहते हैं तो आवश्यक अंकों के साथ संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री होना जरूरी है। 
  • PhD के लिए संबंधित क्षेत्र में मास्टर्स की डिग्री आवश्यक है, अनुभव की मांग भी की जा सकती हालांकि अनिवार्य नहीं है। 
  • इंग्लिश लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी टेस्ट जैसे : IELTS/TOEFL/PTE के स्कोर
  • किसी यूनिवर्सिटी में बैचलर्स के लिए SAT/ACT की मांग भी की जा सकती है। 
  • मास्टर्स के लिए GRE व मैनेजमेंट कोर्स के लिए GMAT स्कोर की मांग भी की जा सकती है।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़ 

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

प्रवेश परीक्षाएं 

पर्यावरण प्रबंधन कोर्सेज के लिए कई यूनिवर्सिटीज़ प्रवेश परीक्षा का आयोजन करतीं हैं, यहाँ कुछ प्रवेश परीक्षाएं दी गई हैं:

  • JEE Main
  • GAT-B
  • NEST
  • JAM
  • CUET PG
  • CMI एंट्रेंस एग्जाम
  • EFLU 
  • HSEE
  • TISS BAT
  • APPGCET
  • MAH AAC CET
  • GMAT/GRE (विदेश के लिए) 
  • SAT/ACT (विदेश के लिए)
  • IELTS, TOEFL, PTE (विदेश के लिए)

बुक्स

पर्यावरण प्रबंधन की कुछ बुक्स इस प्रकार हैं:

करियर स्कोप

पर्यावरण प्रबंधन सतत विकास में अध्ययन के उभरते क्षेत्रों में से एक है और इसमें पेश की जाने वाली करियर की संभावनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला है। इस क्षेत्र में डिप्लोमा या डिग्री पूरी करने के बाद ग्रेजुएट्स NGOs, गवर्नमेंट और लोकल अथॉरिटीज, प्राइवेट कंपनीज़ व मैन्युफैक्चर्स, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन्स और पब्लिक सेक्टर कंपनीज़ आदि में जॉब प्रोफाइल के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस क्षेत्र में उपलब्ध कुछ प्रमुख करियर प्रोफाइल की सूची यहां दी गई है:

  • पॉल्यूशन कंट्रोल मैनेजर
  • एनवायरमेंट कंसलटेंट
  • प्रोजेक्ट मैनेजर
  • रिसर्चर
  • इको टूरिज्म मैनेजमेंट
  • कम्युनिकेशन एंड पब्लिक अवेयरनेस ऑफिसर
  • वाइल्ड लाइफ मैनेजर
  • एनवायरमेंट मैनेजर

जॉब प्रोफ़ाइल और सैलरी

पर्यावरण प्रबंधन ग्रेजुएट्स के लिए कुछ टॉप जॉब प्रोफ़ाइल और Payscale के अनुसार उनकी सैलरी नीचे दी गई है:

जॉब प्रोफ़ाइलअनुमानित सालाना सैलरी
एनवायरमेंटल मैनेजरINR 3.58 लाख-20 लाख
एनवायरमेंटल हेल्थ & सेफ्टी (EHS) मैनेजरINR 4.19 लाख-20 लाख
एनवायरमेंटल कंसलटेंटINR 1.81 लाख-10 लाख
एनवायरमेंटल स्पेशलिस्टINR 3.97 लाख-30 लाख

FAQs

पर्यावरण प्रबंधन क्या है? 

पर्यावरण प्रबंधन एक गतिशील और उभरती हुई अवधारणा है, जो किसी व्यवसाय के अपने प्राकृतिक परिवेश पर पड़ने वाले प्रभाव की निगरानी से संबंधित है। इसका उद्देश्य मानव कृत्यों के कारण होने वाले क्षरण को कम करने के साथ-साथ मानव लाभों को अधिकतम करने के भविष्य के प्रयासों की भविष्यवाणी करते हुए, संबंधित वातावरण में परिवर्तनों का निरीक्षण करना और उन्हें नोट करना है।

पर्यावरण प्रबंधन में टॉप करियर प्रोफाइल कौनसी हैं? 

इस क्षेत्र में उपलब्ध कुछ प्रमुख करियर प्रोफाइल की सूची यहां दी गई है:
1.पॉल्यूशन कंट्रोल मैनेजर
2. एनवायरमेंट कंसलटेंट
3. प्रोजेक्ट मैनेजर
4. रिसर्चर
5. इको टूरिज्म मैनेजमेंट
6. कम्युनिकेशन एंड पब्लिक अवेयरनेस ऑफिसर
7. वाइल्ड लाइफ मैनेजर
8. एनवायरमेंट मैनेजर

पर्यावरण प्रबंधन ग्रेजुएट्स कहाँ काम कर सकते हैं? 

इस क्षेत्र में डिप्लोमा या डिग्री पूरी करने के बाद ग्रेजुएट्स NGOs, गवर्नमेंट और लोकल अथॉरिटीज, प्राइवेट कंपनीज़ व मैन्युफैक्चर्स, रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन्स और पब्लिक सेक्टर कंपनीज़ आदि में जॉब प्रोफाइल के लिए आवेदन कर सकते हैं।

पर्यावरण का क्या अर्थ है?

पर्यावरण शब्द परि + आवरण से मिलकर बना है परि का अर्थ है चारों ओर और आवरण का अर्थ है घिरा हुआ। अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ है चारों ओर से घिरा हुआ। 

उम्मीद है, पर्यावरण प्रबंधन में करियर कैसे बनाएं आपको इस ब्लॉग में पता चल गया होगा। यदि आप विदेश में पर्यावरण प्रबंधन कोर्स करना चाहते हैं तो 1800 572 000 पर कॉल करके Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें और बेहतर गाइडेंस पाएं। 

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