सेल्स मैनेजर कैसे बनें?

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सेल्स मैनेजर

किसी भी कंपनी के सेल्स विभाग को बढ़ाने की ज़िम्मेदारी सेल्स मैनेजर की होती है। सेल्स मैनेजर कंपनी के प्रोडक्ट्स और सेवाओं के फ्लो को डायरेक्ट करते हैं। सेल्स मैनेजर कंपनी के लिए सेल्स स्ट्रेटेजी से लेकर ार्केटिंग आवश्यकता स्ट्रेटेजी तक सब तैयार करते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं सेल्स मैनेजर के बारे में।

सेल्स मैनेजर कौन होते हैं?

सेल्स मैनेजर सेल्सपर्सन्स की टीम को लीड और कोचिंग देने का काम करते हैं। एक सेल्स मैनेजर के कार्यों में अक्सर सेल्स क्षेत्रों, कोटा सेट करना, डेटा एनालाइज, सेल्स टीम के सदस्यों को मेंटर करना, सेल्स ट्रेनिंग देना, सेल्स प्लान बनाना और सेल्सपर्सन्स काम पर रखना आदि होता है।

सेल्स मैनेजर के प्रकार

सेल्स मैनेजर के प्रकार नीचे दिए गए हैं-

एडमिनिस्ट्रेटिव सेल्स मैनेजर

सेल्स आर्गेनाइजेशन में अक्सर एडमिनिस्ट्रेटिव सेल्स मैनेजर पद होता है। उसे सेल्स आर्गेनाइजेशन का स्ट्रक्चर डेवलप करना होता है। कई सब-डिवीज़न में सेल्स आर्गेनाइजेशन डिवाइडेड होता है। एक एडमिनिस्ट्रेटिव सेल्स मैनेजर या डिप्टी सेल्स मैनेजर हर डिपार्टमेंट का हेड होता है। सेल्स मैनेजर, सेल्स आर्गेनाइजेशन का एडमिनिस्ट्रेटिव हेड होता है जिसे जनरल सेल्स मैनेजर भी कहा जाता है। सभी सब-डिवीज़न पर उसका प्रभावी नियंत्रण होता है।

ऑपरेशन्स सेल्स मैनेजर

ऑपरेटिंग मैनेजर एडमिनिस्ट्रेटिव सेल्स मैनेजर के अंतर्गत काम करता है। वह जनरल सेल्स मैनेजर की डायरेक्शन, गाइडेंस और सुपरविज़न के अंतर्गत काम करता है। वह उन प्रोजेक्ट्स का असली एग्जीक्यूटर होता है जो जनरल सेल्स मैनेजर द्वारा तैयार की जाती हैं। ऑपरेटिंग मैनेजर प्रोजेक्ट्स को इम्प्लीमेंट्स करके काम पूरा करते हैं। सेल्स पर्सनेल केमैनेजमेंट और डेवलपमेंट के काम को operating manager ही देखते हैं। उनका काम सेल्स पर्सनेल के sales एफ्फोर्ट्स को डायरेक्ट और नियंत्रण करना है।

एडमिनिस्ट्रेटिव-कम-ऑपरेशन्स सेल्स मैनेजर

एक छोटे संगठन में, इस प्रकार के मैनेजर सेल्स ऑफिस में सेल्समेन और असिस्टेंट की सहायता से सभी कार्य करते हैं। वह एडमिनिस्ट्रेटिव-कम-ऑपरेशन्स सेल्स मैनेजर की ड्यूटीज़ और ज़िम्मेदारियां को पूरा करते हैं। कम शब्दों में ऑपरेटिंग सेल्स मैनेजर एक एडमिनिस्ट्रेटर और एक ऑपरेटर दोनों होता है।

स्किल्स

एक सेल्स मैनेजर के पास क्या-क्या स्किल्स होनी चाहिए, नीचे इस प्रकार हैं:

  • अच्छी कम्युनिकेशन/लोगों का कौशल
  • टीम लीडर
  • विस्तार पर ध्यान
  • संघर्ष प्रबंधन कौशल
  • दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता
  • ग्राहक सेवा कौशल

रोज़ाना के कार्य

सेल्स मैनेजर के लिए रोज़ काम आने वाली ड्यूटीज इस प्रकार हैं: 

  • सेल्स रेप्रेज़ेंटेटिव को ट्रेनिंग देना।
  • सेल्स रेप्रेज़ेंटेटिव कोडेलीगेशन कार्य देना।
  • सेल्स रणनीतियों की योजना बनाना और विकसित करना।
  • सेल्स के आंकड़ों का संकलन और विश्लेषण करना।
  • ट्रेनिंग प्रोग्राम्स की योजना बनाना और उनका आयोजन करना।
  • टीम के प्रदर्शन की निगरानी करना।
  • सीनियर मैनेजर्स को रिपोर्ट करना और उन्हें अपने कार्यों के बारे में सूचित करना।

सेल्स मैनेजर के प्रकार

सेल्स मैनेजर के प्रकार नीचे दिए गए हैं-

  • बिज़नेस-टू-बिज़नेस सेल्स मैनेजर: यह सेल्स मैनेजर एक बिज़नेस से दूसरे बिज़नेस में सेल्स की देखरेख करते हैं। ये मैनेजर ठोककर्ता को बेचने वाले मैन्युफैक्चरर या रिटेलर को बेचने वाले ठोककर्ता के लिए काम कर सकते हैं।
  • बिज़नेस-टू-कंस्यूमर सेल्स मैनेजर: ये सेल्स मैनेजर बिज़नेस और इंडिविजुअल कंस्यूमर्स के बीच डायरेक्ट सेल्स की देखरेख करते हैं। ये मैनेजर्स आमतौर पर िटेल क्षेत्र में काम करते हैं।

सेल्स मैनेजर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

सेल्स मैनेजर बनने के लिए डिटेल में स्टेप बाय स्टेप गाइड इस प्रकार है:

  • स्टेप 1: बैचलर्स डिग्री पूरी करें: एक सेल्स करियर शुरू करते समय, ज्यादातर एम्प्लॉयर्स ऐसे कैंडिडेट्स को प्रेफर करते हैं जो संबंधित क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री रखते हैं। कुछ क्षेत्रों को आप कंसीडर कर सकते हैं जिनमें मार्केटिंग, एकाउंटिंग, इकोनॉमिक्स और फाइनेंस शामिल हैं। बैचलर्स डिग्री पूरी करने में आमतौर पर चार साल लगते हैं और इस अवधि के दौरान आप एंट्री लेवल सेल्स रोल्स की ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए आवश्यक स्किल्स और नॉलेज डेवलप कर सकते हैं।
  • स्टेप 2: अनुभव प्राप्त करें: एक छात्र के रूप में, आप मूल्यवान प्रैक्टिकल सेल्स अनुभव प्राप्त करने के लिए पार्ट टाइम जॉब या इंटर्नशिप अवसरों को सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपको कस्टमर सेवा स्किल्स विकसित करने के लिए रिटेल सेल्स एसोसिएट के रूप में एम्प्लॉयमेंट मिल सकता है या कंपनी की सेल्स टीम में समर इंटर्नशिप मिल सकती है। ये अनुभव आपको एंट्री-लेवल सेल्स रोल्स के लिए तैयार कर सकते हैं और इंडस्ट्री में इंटरेस्ट का असेसमेंट करने में आपकी सहायता कर सकते हैं।
  • स्टेप 3: एंट्री-लेवल रोल्स के लिए अप्लाई: सेल्स मैनेजमेंट की पोस्ट एक एंट्री-लेवल रोल नहीं होती है और इसके लिए आमतौर पर वर्षों के अनुभव की आवश्यकता होती है। बैचलर्स डिग्री हासिल करने के बाद, आप अपना करियर बनाना शुरू करने के लिए एंट्री-लेवल की सेल्स जॉब्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव या पर्चेसिंग एजेंट के रूप में शुरुआत कर सकते हैं। इन रोल्स में, आप सीखते हैं कि सेल्स जॉब्स की दिन-प्रतिदिन की ज़िम्मेदारियां को कैसे पूरा किया जाए और संभावित रूप से सेल्स मैनेजर के रूप में टीम को लीड करने का एक्सपीरियंस। शुरूआती स्टेज में कार्य अनुभव प्राप्त करने से आप सेल्स क्षेत्र की बारीकियों को भी अच्छे से समझने लगते हैं।
  • स्टेप 4: मास्टर्स डिग्री करने पर विचार: एम्प्लॉयर्स को हमेशा सेल्स मैनेजर कैंडिडेट्स से मास्टर्स की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन यह आपको अन्य आवेदकों से अलग करने में मदद कर सकता है। एक Master of Business Administration (MBA) की डिग्री को पूरा होने में आमतौर पर दो साल लगते हैं, और आप ऑनलाइन या इन-पर्सन प्रोग्राम भी ढूंढ सकते हैं। MBA प्रोग्राम्स का कोर्सवर्कआपको कई बिज़नेस से संबंधित विषयों, जैसे कम्युनिकेशन, मैनेजमेंट, स्ट्रेटेजिक सोच और उद्यमियता के बारे में सिखाता है। आप इस नॉलेज का इस्तेमाल अपनी सेल्स और मैनेजमेंट स्किल्स विकसित करने के लिए कर सकते हैं।
  • स्टेप 5: प्रोफेशनल सर्टीफिकेशन्स करें: आप अपनी क्वॉलिफिकेशन्स को डेमोंस्ट्रेट करने के लिए प्रोफेशनल सर्टीफिकेशन्स प्राप्त करने के लिए कंसीडर कर सकते हैं। ये सर्टीफिकेशन्स आपको सेल्स मैनेजर्स के लिए ख़ास स्किल्स बनाने में मदद कर सकते हैं, जैसे लीडरशिप तकनीकों या सेल्स स्ट्रेटेजीज। एम्प्लॉयर्स को आमतौर पर कैंडिडेट्स के सर्टीफिकेशन्स की ज़रूरत नहीं होती है, लेकिन सर्टीफिकेशन्स आपको बाकी कैंडिडेट्स से अलग स्टैंडआउट करने में मदद कर सकते हैं। आप यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी इंडस्ट्री या इंटरेस्ट के लिए रेलेवेंट सर्टिफिकेट्स की रिसर्च कर सकते हैं कि आपकी ज़रूरतों, स्केड्यूल और बजट को सबसे अच्छा क्या पूरा करता है।

कोर्सेज

सेल्स मैनेजर बनने के लिए कोर्सेज इस प्रकार हैं:

कोर्सेज के नामअवधि
Diploma in Sales and Marketing Management1 साल
Professional Certificate Program in Marketing and Sales Management1 साल
Certified Marketing and Sales Analytics Professional1 साल
BBA in Sales & Marketing3 साल
BCom Accountancy3 साल
BCom Economics3 साल
MBA in Sales & Marketing2 साल
PG Diploma in Sales & Marketing2 साल

आप AI Course Finder की मदद से भी अपने इंटरेस्ट के अनुसार अपनी पसंद के कोर्सेज और यूनिवर्सिटीज का चयन कर सकते हैं।

दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज

सेल्स मैनेजर बनने के लिए दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज के नाम इस प्रकार हैं:

यूनिवर्सिटीजसालाना ट्यूशन फीस
कार्डिफ मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटीGBP 13,000 (INR 12.98 लाख)
मनुकाउ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजीNZ$ 21,700 (INR 11.26 लाख)
सिनसिनाटी विश्वविद्यालयUSD 28,972 (INR 21.52 लाख)
फांशावे कॉलेजCAD 16,886 (INR 9.92 लाख)
सेंटेनियल कॉलेजCAD 15,385 (INR 9.03 लाख)
सरे विश्वविद्यालयGBP 20,200 (INR 20.17 लाख)
डगलस कॉलेजCAD 18,360 (INR 10.78 लाख)
ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटीUSD 28,880 (INR 21.39 लाख)
लॉ विश्वविद्यालयGBP 16,000 (INR 15.98 लाख)
टेम्पल विश्वविद्यालयUSD 16,488 (INR 12.24 लाख)

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टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज

सेल्स मैनेजर बनने के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज के नाम इस प्रकार हैं:

यूनिवर्सिटीजसालाना ट्यूशन फीस (INR)
राधा कृष्ण टेक्नोलॉजी और मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट11,250
इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी1.27 लाख
RIMT विश्वविद्यालय1.41 लाख
मेरठ इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी63,000
क्राइस्ट विश्वविद्यालय75,000
NLSIU2.19 लाख
सेंट जेवियर्स कॉलेज48,000
एमिटी विश्वविद्यालय1.42 लाख
इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज1.99 लाख

योग्यता

सेल्स मैनेजर बनने के लिए योग्यता की लिस्ट इस प्रकार है:

  • किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 12वीं (कॉमर्स स्ट्रीम) उत्तीर्ण की होनी ज़रूरी है।
  • किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से BCom/BBA में डिग्री होनी ज़रूरी है।
  • कैंडिडेट के पास सेल्स और मार्केटिंग में MBA डिग्री होनी ज़रूरी है।
  • सेल्स में एडिशनल सर्टिफिकेट्स और डिप्लोमा किया होना प्रेफेरेबल माना जाता है।
  • विदेश में पढ़ाई करने के लिए IELTS, TOEFL के अंक अनिवार्य हैं
  • SOP
  • LOR

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आवेदन प्रक्रिया

विदेश और भारत की यूनिवर्सिटीज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है-

विदेशी विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया

कैंडिडेट को विदेशी विश्वविद्यालय में आवदेन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को पूरा करना होगा-

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • हमारे एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे हमारे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTSTOEFLSATACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTSTOEFLPTEGMATGRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।

भारतीय विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया

भारतीय यूनिवर्सिटीज द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर संपर्क करें

आवश्यक दस्तावेज़

विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट होने आवश्यक है:

छात्र वीज़ा पाने के लिए भी Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।

जॉब सेक्टर्स

हर एक सेक्टर में सेल्स डिपार्टमेंट होता है। सेल्स डिवीज़न में सेल्स मैनेजर नीचे दिए गए सेक्टर्स में जॉब पा सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

  • एक्सपोर्ट फर्म्स
  • मार्केट रिसर्च
  • रिटेलिंग
  • एडवरटाइजिंग
  • IT फर्म्स
  • कंसल्टेंसी
  • सरकारी वाणिज्यिक उद्यम
  • होस्पिटलिटीज़

टॉप विदेशी रिक्रूटर्स

टॉप रिक्रूटर्स जो सेल्स मैनेजर को हायर करते हैं, इस प्रकार हैं:

  • LinkedIn
  • Dell
  • Cisco
  • Hyatt
  • IBM
  • ADP Amazon
  • SAP
  • CoralTree Hospitality Group

टॉप भारतीय रिक्रूटर्स

टॉप भारतीय रिक्रूटर्स जो सेल्स मैनेजर को हायर करते हैं, इस प्रकार हैं:

  • Vodafone
  • Bharti Airtel
  • Cadbury
  • Coca-Cola India
  • PepsiCo
  • Nestle
  • Tata Motors
  • LIC

जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी

सेल्स मैनेजर की यूके में सालाना औसत सैलरी GBP 47,515 (INR 48.94 लाख) होती है वहीं यूएसए में इनकी सालाना औसत सैलरी USD 71,987 (INR 53.99 लाख) होती है। नीचे भारत में सेल्स मैनेजर्स की सैलरी दी गई है- 

इंडस्ट्रीज़सालाना औसत सैलरी (INR)
फाइनेंस और इंश्योरेंस20-22 लाख
मैन्युफैक्चरिंग25-27 लाख
होलसेल ट्रेड25-27 लाख
रिटेल ट्रेड22-24 लाख

FAQs

सेल्स मैनेजर का क्या काम होता है?

सेल्स मैनेजर कंपनी की सेल्स बढ़ा कर उसका रेवेन्यू बढ़ाते हैं। कंपनी के प्रोडक्ट्स और कमोडिटीज़ को एन्ड-टू- एन्ड प्रमोट करना भी सेल्स मैनेजर का काम होता है।

सेल्स मैनेजर की सैलरी कितनी होती है?

सेल्स मैनेजर की सालाना औसत सैलरी USD 71,987 (INR 53.99 लाख) होती है वहीं भारत में इनकी सालाना औसत सैलरी INR 20-25 लाख होती है।

सेल्स मैनेजर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होनी चाहिए?

सेल्स मैनेजर बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता इस प्रकार है:
1. Diploma in sales
2. BBA/ B.Com की डिग्री
3. सेल्स और मार्केटिंग में MBA डिग्री

आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आपको सेल्स मैनेजर कैसे बनें इसकी जानकारी मिली होगी। यदि आप विदेश में सेल्स मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर कॉल करके आज ही 30 मिनट्स का फ्री सेशन बुक कीजिए।

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