Satyajit Ray in Hindi: सत्यजित रे भारतीय सिनेमा के दिग्गज फिल्म निर्देशक और निर्माता थे जिन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से लोगों की सोच को बदल कर रख दिया था। वहीं, उस जमाने में सत्यजित रे एकलौते ऐसे कलाकार थे जिनकी फिल्मों का डंका देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बजता था। क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजी हास्य अभिनेता और फिल्म निर्देशक ‘चार्ली चैप्लिन’ के बाद सत्यजित रे सिनेमा जगत से जुड़े अकेले ऐसे शख्स थे जिन्हें ‘आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय’ द्वारा ‘डॉक्टरेट’ की मानद उपाधि से अलंकृत किया था। इसके साथ ही भारत सरकार द्वारा ‘भारत रत्न’ पुरस्कार से सम्मानित होने वाले वे एकमात्र फिल्म निर्देशक हैं।
बता दें कि सत्यजित रे फिल्म निर्देशक व निर्माता होने के साथ ही प्रतिष्ठित लेखक, चित्रकार, विज़ुअलाइज़र, कॉस्ट्यूम डिजाइनर, गीतकार और फिल्म समीक्षक भी थे। आइए अब हम भारतीय सिनेमा जगत के मशहूर फिल्म निर्देशक सत्यजित रे का जीवन परिचय (Satyajit Ray Ka Jivan Parichay) और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | सत्यजित रे |
जन्म | 02 मई, 1921 |
जन्म स्थान | कलकत्ता, बंगाल प्रेसीडेंसी, ब्रिटिश इंडिया (वर्तमान भारत) |
पिता का नाम | सुकुमार रे |
माता का नाम | सुप्रभा रे |
पत्नी का नाम | बिजोया रे |
शिक्षा | कलकत्ता विश्वविद्यालय |
पेशा | फिल्म निर्देशक, निर्माता, लेखक, चित्रकार, |
फिल्म | पाथेर पांचाली, दयामोई, चारूलता, आगुंतक. शतरंज के खिलाड़ी आदि। |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘भारत रत्न’, ‘ऑनरेरी अकादमी पुरस्कार’, ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ |
निधन | 23 अप्रैल, 1992 |
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कलकत्ता में हुआ था जन्म – Satyajit Ray in Hindi
सत्यजित रे का जन्म 02 मई, 1921 को कलकत्ता की बंगाल प्रेसीडेंसी में तत्कालीन ब्रिटिश इंडिया में हुआ था। उनके पिता का ‘सुकुमार रे’ था जो बंगला साहित्य के इतिहास में एक प्रतिष्ठित कवि और लेखक थे। उनकी माता का नाम ‘सुप्रभा रे’ था जो कि एक गृहणी थीं। वहीं, जब वे मात्र 03 वर्ष के थे उसी दौरान उनके पिता का आकस्मिक निधन हो गया जिसके बाद उनकी माता ने अकेले ही उनका पालन-पोषण किया।
विश्व-भारती विश्वविद्यालय में लिया दाखिला
उनकी प्रारंभिक शिक्षा कलकत्ता में ही हुई थी। इसके बाद पांच वर्ष की आयु में वे अपनी माता के साथ भवानीपुर में नाना के घर रहने चले गए थे। वर्ष 1936 में बालीगंज गवर्नमेंट हाई स्कूल से उन्होंने मैट्रिक पास किया था। बाद में उन्होंने ‘कलकत्ता विश्वविद्यालय’ से विज्ञान और अर्थशास्त्र में डिग्री प्राप्त की। फिर उच्च अध्ययन के लिए ‘रबीन्द्रनाथ टैगोर’ के ‘विश्व भारती विश्वविद्यालय’ में दाखिला लिया।
ग्राफिक डिजाइनर के रूप में की करियर की शुरुआत
बताया जाता हैं कि सत्यजित रे ने अपने करियर की शुरुआत बतौर ग्राफिक डिजाइनर के रूप में की थी। वहीं, बहुत कम लोग ये जानते हैं कि उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहर लाल नेहरु’ द्वारा लिखित किताब ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ व अन्य कई लोकप्रिय किताबों का कवर डिजाइन किया था। बता दें कि भारतीय सिनेमा जगत के प्रति उनका आकर्षण वर्ष 1950 में इंग्लैंड की यात्रा के बाद आया था। उस समय वे एक विदेशी विज्ञापन कंपनी के लिए काम किया करते थे। यहाँ रहते हुए उन्होंने 100 से भी अधिक फिल्में देखी और तय किया कि वे भारत आकर फिल्म बनाएंगे।
पहली फिल्म को मिले ग्यारह इंटरनेशनल अवार्ड्स
सत्यजित रे द्वारा निर्देशित पहली फिल्म ‘पाथेर पांचाली’ (Pather Panchali) वर्ष 1955 में रिलीज हुई थी। उनकी फिल्म को दर्शकों ने काफी पसंद किया और इसे ग्यारह इंटरनेशनल अवार्ड्स भी मिले। इसके बाद उन्होंने लगभग 37 फिल्मों का निर्देशन किया जिसमें फीचर फिल्में, डॉक्यूमेंट्री और कुछ शॉर्ट फिल्में शामिल थी।
एक कुशल लेखक
एक मशहूर फिल्म निर्देशक और निर्माता होने के साथ साथ वे एक प्रतिष्ठित लेखक भी थे। बता दें कि उन्होंने 15 से अधिक किताबें लिखी थी इसमें उन्होंने बच्चो के लिए विशेष तौर पर पुस्तकें लिखी। उनकी पुस्तकों में ‘सोने का किला’, ‘जहाँगीर की स्वर्ण मुद्रा’, ‘प्रोफेसर शंकू के कारनामे’, ‘बादशाही अँगूठी’, ‘अटैची रहस्य’, ‘विषय चलचित्र’, ‘नयन रहस्य’ आदि के नाम लिए जा सकते हैं। वहीं कथा साहित्य के अलावा उन्होंने फिल्मों की समीक्षाएं भी लिखी हैं। उनके आर्टिकल्स का कलेक्शन ‘Our Films Their Films’ और ‘Deep Focus: Reflection On Indian Cinema’ जैसी किताबों में मिलता है।
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पुरस्कार एवं सम्मान
भारतीय सिनेमा में लगभग तीन दर्जन से अधिक फिल्मों के लिए सत्यजित रे को 32 बार ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। वहीं अपनी पहली फिल्म के लिए कई इंटरनेशनल अवार्ड्स के अलावा उन्हें वर्ष 1956 के ‘कान्स फिल्म फेस्टिवल’ (Cannes Film Festival) में ‘बेस्ट ह्यूमॅन डॉक्यूमेंट अवॉर्ड’ भी मिला था। ‘पाथेर पांचाली’, (1955) ‘अपराजितो’, (1956) ‘अपुर संसार’ (1959), ‘चारूलता’ (1964), ‘शतरंज के खिलाड़ी’ (1977) उनके करियर की बेस्ट फिल्में रही हैं। अपने निर्देशन के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा “पद्मश्री”, “पद्म विभूषण”, “दादासाहेब फाल्के पुरस्कार” और देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से नवाजा गया था। वर्ष 1992 में उन्हें ‘Honorary Academy Award’ से भी सम्मानित किया जा चुका हैं।
निधन
Satyajit Ray in Hindi: सत्यजित रे ने अपनी फिल्मों के माध्यम से न केवल लोगों की सोच को बदला बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन किया। वहीं ‘पाथेर पांचाली’ से शुरू हुआ फिल्मी सफर ‘आगंतुक’ फिल्म पर समाप्त हुआ। उनका निधन 23 अप्रैल 1992 को 70 वर्ष की आयु में कोलकाता में हुआ था। किंतु आज भी उनके चाहने वाले उनकी फिल्मों को देखना पसंद करते है।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ मशहूर फिल्म निर्देशक सत्यजित रे का जीवन परिचय (Satyajit Ray in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
उनका जन्म 02 मई, 1921 को कलकत्ता की बंगाल प्रेसीडेंसी में तत्कालीन ब्रिटिश इंडिया में हुआ था।
उनके पिता का नाम सुकुमार रे था।
वर्ष 1992 में उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था।
उनकी पहली फिल्म पाथेर पांचाली थी जो वर्ष 1955 में रिलीज हुई थी।
उनका निधन 23 अप्रैल 1992 को 70 वर्ष की आयु में कोलकाता में हुआ था।
आशा है कि आपको मशहूर फिल्म निर्देशक सत्यजित रे का जीवन परिचय (Satyajit Ray in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।