Union Budget in Hindi : केंद्रीय बजट क्या है और इसका क्या महत्व है?

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Union Budget in Hindi

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार देश में प्रत्योक वर्ष के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है। केंद्रीय बजट 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के वित्त का लेखा-जोखा रखता है। केंद्रीय बजट में दो प्रमुख घटक पूंजी बजट और राजस्व बजट शामिल होते हैं जो कि UPSC के एग्जाम के अलावा अन्य परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए केंद्रीय बजट के बारे में जानने के लिए इस ब्लाॅग Union Budget in Hindi को अंत तक पढ़ें।

केंद्रीय बजट के बारे में

केंद्रीय बजट भारत का वार्षिक बजट है। इसे आम तौर पर हर वर्ष 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। बजट के माध्यम से गवर्मेंट फाइनेंशियल ईयर के लिए कमाई और खर्च का लेखा-जोखा पेश करती है। देश में हर वर्ष 1 अप्रैल से अगले वर्ष की 31 मार्च को वित्त वर्ष माना जाता है और केंद्रीय बजट इसी समय के लिए पेश किया जाता है। यूनियन बजट को दो भागों (पूंजीगत बजट और राजस्व बजट) में डिवाइड किया गया है।

पूंजीगत बजट

पूंजीगत बजट में सरकार के भुगतान शामिल होते हैं। सरकार, विदेशी सरकारों और आरबीआई से मिले ऋण सरकार की पूंजी प्राप्तियों का एक बड़ा हिस्सा है। पूंजीगत व्यय को मशीनरी, उपकरण, भवन, स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा आदि के विकास पर खर्च के रूप में परिभाषित किया गया है। जब सरकार का पूरा व्यय उसके कुल राजस्व से अधिक हो जाता है तो राजकोषीय घाटा पैदा होता है। 

राजस्व बजट

राजस्व बजट में वे वस्तुएं शामिल होती हैं जो सरकार की संपत्तियों को प्रभावित नहीं करती हैं। राजस्व बजट सरकार के राजस्व और खर्च का विवरण देता है। कर आय और गैर-कर राजस्व दो प्रकार की राजस्व प्राप्तियां (revenue receipts) हैं। जब राजस्व व्यय राजस्व संग्रह से अधिक हो जाता है तो सरकार को राजस्व घाटा होता है।

अंतरिम बजट

अंतरिम बजट एक अल्पकालिक उपाय है जो वित्तीय वर्ष के शुरुआती महीनों को कवर करता है। यह सरकार की आय और व्यय पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे उसे चुनाव के बाद नई सरकार के कार्यभार संभालने तक खर्चों का प्रबंधन करने की अनुमति मिलती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को अंतरिम बजट 2024-2025 पेश करेंगी।

डिटेल के अनुसार, अंतरिम बजट 2024-2025 1 फरवरी 2024 को सुबह 11 बजे पेश किया जाएगा। संसद का बजट 2024 सत्र जनवरी के आखिरी सप्ताह में शुरू होने वाला है और अप्रैल में समाप्त होने वाला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आधिकारिक तौर पर बजट सत्र की शुरुआत करेंगी। पहले दिन वह संसद के दोनों सदनों को संबोधित करेंगी।

वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त होता है, और सरकार का परिवर्तन मई के अंत या जून में होता है, अंतरिम बजट अंतरिम अवधि के दौरान वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है।

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केंद्रीय बजट का इतिहास क्या है?

बजट शब्द की उत्पत्ति मध्य अंग्रेजी शब्द बोगेट से हुई है, जो मध्य फ्रांसीसी बौगेट से आया है जिसका अर्थ है चमड़े का थैला। भारतीय बजट राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित तिथि पर संसद में प्रस्तुत किया जाता है। वित्त मंत्री के बजट भाषण में आम तौर पर दो भाग होते हैं। भाग ए देश के सामान्य आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित है जबकि भाग बी कराधान प्रस्तावों से संबंधित है।

भारत में बजट पहली बार 7 अप्रैल 1860 को ईस्ट-इंडिया कंपनी से लेकर ब्रिटिश क्राउन तक पेश किया गया था। पहला भारतीय बजट 18 फरवरी 1869 को जेम्स विल्सन द्वारा प्रस्तुत किया गया था। विल्सन भारतीय वायसराय को सलाह देने वाली भारतीय परिषद के वित्त सदस्य थे। वह एक स्कॉटिश व्यवसायी, अर्थशास्त्री और उदार राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने द इकोनॉमिस्ट और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की स्थापना की।

पहले वित्त मंत्री का पद उद्योगपति, कोचीन राज्य के पूर्व दीवान और चैंबर ऑफ प्रिंसेस के संवैधानिक सलाहकार सर आरके शनमुखम चेट्टी को मिला था। वह ब्रिटिश समर्थक जस्टिस पार्टी के सदस्य रहे थे। स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को चेट्टी द्वारा प्रस्तुत किया गया था। हालांकि इसमें केवल देश के अर्थव्यवस्था की समीक्षा की गई थी।

1949-50 में मथाई ने सबसे स्पष्ट बजट भाषण दिया था क्योंकि उन्होंने सदस्यों को यह बताते हुए सभी विवरण नहीं पढ़ने का फैसला किया था। इसके बाद उन्होंने मुद्रास्फीति और आर्थिक नीति पर एक छोटा सा व्याख्यान दिया। यह वास्तव में अखंड भारत का पहला बजट था, क्योंकि इसमें पूर्व रियासतों के वित्तीय विवरण शामिल थे और जहां सबसे बड़ी खबर योजना आयोग के गठन और पंचवर्षीय योजनाओं की आवश्यकता की खबर थी।

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केंद्रीय बजट क्यों पेश किया जाता है?

केंद्रीय बजट (Union Budget in Hindi) सरकार की वित्तीय रणनीति, प्राथमिकताओं और विकास की योजनाओं को रेखांकित करता है। कर सुधार, बुनियादी ढांचा निवेश और सामाजिक कल्याण आवंटन केंद्र में और देश की अर्थव्यवस्था का आकलन भी इसी से होता है। इसके अलावा इसे पेश करने का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन और नागरिकों की भोजन, आश्रय, कपड़े, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा की जरूरतों को पूरा करने और रोजगार के अवसर पैदा करने का प्रयास करना है।

केंद्रीय बजट कब पेश किया जाता है?

केंद्रीय बजट (Union Budget in Hindi) कई वर्षों से फरवरी के पहले दिन पेश किया जा रहा है, लेकिन पहले बजट की प्रस्तुति 28 फरवरी (या लीप वर्ष में 29 फरवरी) के आसपास की जाती थी। कैंडिडेट्स को बता दें कि पहले रेल मंत्री आम बजट से एक दिन पहले रेल बजट को संसद में पेश करते थे, लेकिन भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 92 साल पुरानी प्रथा को खत्म करते हुए 2017 से रेलवे बजट की घोषणाएं आम बजट में ही शुरू कर दी थीं। भारत का पहला रेल बजट ब्रिटिश शासन के समय 1924 में प्रस्तुत किया गया था और स्वतंत्र भारत के लिए पहला रेल बजट जॉन मथाई ने नवंबर 1947 में पेश किया था।

केंद्रीय बजट को कौन पेश करता है?

संसद में प्रत्येक वर्ष को फरवरी के पहले दिन भारत के वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट (Union Budget in Hindi) प्रस्तुत किया जाता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करेंगी। 

केंद्रीय बजट कैसे पेश किया जाता है?

Union Budget in Hindi कैसे पेश किया जाता है के बारे में यहां बताया जा रहा हैः

  • वित्त मंत्रालय बजट बनाने की प्रक्रिया के शुरुआती चरण में सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और स्वायत्त संस्थाओं को परिपत्र जारी करता है। इन परिपत्रों में मंत्रालयों द्वारा अपनी आवश्यकताओं और मांगों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
  • ये मंत्रालय अनुमान पेश करने के अलावा पिछले वर्ष की अपनी कमाई और खर्चों के बारे में भी जानकारी देते हैं। बाद में शीर्ष सरकारी अधिकारी उनका मूल्यांकन करते हैं और मंत्रालयों और व्यय विभाग के साथ चर्चा करते हैं।
  • इन्फाॅर्मेशन वेरिफाई होने के बाद, वित्त मंत्रालय कई प्रभागों को उनके लिए राजस्व आवंटित करता है। धन के बंटवारे पर किसी भी असहमति की स्थिति में वित्त मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल या प्रधान मंत्री के साथ विचार-विमर्श करता है।
  • वित्त मंत्रालय बजट-पूर्व बैठकें भी आयोजित करता है। सभी अनुरोधों पर विचार करने के बाद प्रधानमंत्री के साथ चर्चा की जाती है।
  • बजट की घोषणा से कुछ दिन पहले सरकार की ओर से हलवा समारोह आयोजित करने की वार्षिक परंपरा है। यह समारोह बजट दस्तावेज़ मुद्रण की शुरुआत की शुरुआत करता है।
  • संसद में बजट पेश करना बजट निर्माण प्रक्रिया का अंतिम चरण है। बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री प्रेजेंटेशन का संचालन करते हैं। प्रस्तुति के बाद बजट को चर्चा के लिए संसद के दोनों सदनों के सामने रखा जाता है। दोनों सदनों द्वारा स्वीकृति के बाद बजट को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है।
  • भारत में वित्त मंत्री का बजट भाषण सामान्यतः दो भागों में होता है। भाग ‘क’ देश के सामान्य आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में है जबकि भाग ‘ख’ कराधान प्रस्तावों से संबंधित है। 
  • पूर्व में सामान्य बजट फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को अपराह्न 5 बजे प्रस्तुत किया जाता था, लेकिन 1999 से सामान्य बजट फरवरी के अंतिम कार्य दिवस को पूर्वाह्न 11 बजे प्रस्तुत किया जा रहा है।
  • लोकसभा में सामान्य बजट वित्त मंत्री द्वारा प्रस्तुत किया जाता है। वह बजट को प्रस्तुत करते हुए भाषण देता है और अपने भाषण के अंतिम भाग में ही उनके द्वारा नए कराधान के प्रस्तावों या मौजूदा करों में परिवर्तनों के बारे में बताया जाता है। 
  • लोकसभा में वित्त मंत्री के भाषण की समाप्ति पर ‘वार्षिक वित्तीय विवरण’ राज्य सभा के पटल पर रखा जाता है।
  • वार्षिक वित्तीय विवरण के साथ-साथ सरकार दस्तावेज प्रस्तुत करती है जिसमें चालू वर्ष और अगले वर्ष के दौरान प्राप्तियों और व्यय की प्रकृति स्पष्ट की जाती है। 
  • लेखानुदान प्रस्तुत होने के बाद बजट पर चर्चा शुरू होती है। एक लोकतांत्रिक ढांचे में सरकार संसद को बजटीय प्रावधानों और कराधान के लिए विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा करने का पूर्ण अवसर देने के लिए उत्सुक रहती है। 
  • लेखानुदान की स्वीकृति दो माह के लिए ली जाती है, लेकिन यदि किसी निर्वाचन वर्ष में, या जब यह पूर्वानुमान हो कि मुख्य अनुदानों और विनियोग विधेयक को पारित करने में दो महीने से अधिक समय लगेगा तो लेखानुदान की स्वीकृति दो महीने से अधिक अवधि के लिए ली जा सकती है।
  • लोकसभा में बजट पर चर्चा दो चरणों में की जाती है। सबसे पहले पूर्ण बजट पर सामान्य चर्चा होती है और यह 4 से 5 दिनों तक चलती है। इस चरण में बजट की व्यापक रूपरेखा और इसमें सिद्धांतों और नीतियों पर ही चर्चा की जाती है।
  • कैंडिडेट्स को बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का पहला पेपरलेस बजट पेश किया है, बता दें कि कोविड संकट के कारण 2021 के बजट पेश करने में बदलाव हुआ और यह देश का पहला पेपरलेस बजट था। इसके बाद 2022 और 2023 का बजट भी पेपरलेस था। 
  • बजट से जुड़े डाक्यूमेंट्स ले जाने के लिए ब्रीफकेस का उपयोग भी बंद कर दिया गया और अब वर्तमान में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बही-खाता जैसी दिखने वाली बैग में बजट से जुड़े डाॅक्यूमेंट्स के साथ दिखती हैं।

केंद्रीय बजट का महत्व क्या है?

Union Budget in Hindi का महत्व इस प्रकार हैः

  • एक बजट वित्तीय स्थिरता बनाने में मदद करता है।
  • खर्चों पर नजर रखने और योजनाओं का पालन करने के लिए बजट महत्वपूर्ण है।
  • बजट व्यक्ति को दिन-प्रतिदिन और लंबी अवधि दोनों के लिए मजबूत वित्तीय स्थिति में रखता है।
  • देश में संसाधनों को सही से आवंटित करना।
  • बेरोजगारी और गरीबी को कम करना।
  • पैसे की असमानताओं को संबोधित करना।
  • कीमतों को नियंत्रित करना और कर संरचना को आकार देना।
  • केंद्रीय बजट प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में बदलाव के लिए निर्देश देता है और इनमें आयकर दरों और कर ब्रैकेट में बदलाव भी शामिल किए गए हैं। 

केंद्रीय बजट के बारे में रोचक तथ्य

Union Budget in Hindi के बारे में रोचक तथ्य इस प्रकार हैंः

  • पहला भारतीय बजट 160 साल पहले 1860 में जेम्स विल्सन नाम के एक स्कॉटिश अर्थशास्त्री ने पेश किया था।
  • आजादी के बाद पहला भारतीय बजट 26 नवंबर 1947 को तत्कालीन वित्त मंत्री आरके शनमुखम चेट्टी द्वारा पेश किया गया था। 
  • भारत के पहले बजट में भारत की अर्थव्यवस्था का एक बुनियादी अवलोकन शामिल था और इसमें कोई बदलाव या प्रस्ताव नहीं किया गया था।
  • अच्छे काम की शुरुआत से पहले कुछ मीठा खाने की भारतीय परंपरा है। बजट प्रस्तुतियों के मामले में भी इस परंपरा का पालन किया जाता है। बजट पेश होने से 10 दिन पहले वित्त मंत्रालय में ‘हलवा’ समारोह आयोजित किया जाता है। 
  • आप में से बहुत से लोग यह नहीं जानते होंगे, लेकिन प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस केंद्रीय बजट अवधारणा के पीछे के व्यक्ति थे।
  • भारत में आधुनिक सांख्यिकी के जनक माने जाने वाले पीसी महालनोबिस स्वतंत्र भारत के बजट को डिजाइन करने में प्रभावशाली थे।
  • हालांकि वित्त मंत्री को हर साल बजट पेश करने का काम सौंपा जाता है, लेकिन ऐसे भी उदाहरण हैं जब प्रधान मंत्री ने यह कार्यभार संभाला है।
  • 1958 में पंडित जवाहरलाल लाल नेहरू बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे जब वित्त मंत्री टीटी कृष्णामाचारी ने इस्तीफा दे दिया था। 
  • 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बजट पेश किया जब वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने इस्तीफा दे दिया था।
  • इसी प्रकार 1987-88 में तत्कालीन प्रधा मंत्री राजीव गांधी ने बजट पेश किया जब वित्त मंत्री वीपी सिंह ने इस्तीफा दे दिया था।
  • मोरारजी देसाई के नाम अपने कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड है। उन्होंने कुल 10 बजट पेश किए थे। 
  • पी. चिदम्बरम और प्रणब मुखर्जी ने 9 और 8 बजट पेश किया था।

FAQs

भारत में केंद्रीय बजट का निर्माण कौन करता है?

भारत में वित्त मंत्री द्वारा बजट प्रस्तुत किया जाता है।

भारत में बजट कब लागू हुआ?

26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट वित्त मंत्री सर आरके शनमुघम चेट्टी ने पेश किया था।

केंद्रीय बजट कब पेश किया जाता है?

केंद्रीय बजट फरवरी के महीने में पेश किया जाता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Union Budget in Hindi (केंद्रीय बजट) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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