इकोनॉमिक्स मूलतः वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और खपत से जुड़ी प्रतिक्रियाओं के बारे में जानना और समझना है। शिक्षा प्रणाली में कॉमर्स और सोशल साइंस के विद्यार्थियों को इस विषय की बारीकियों एंव समस्याओं का ज्ञान दिया जाता है। MA इकोनॉमिक्स उत्तीर्ण किए छात्र सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर में ही अपना करियर बनानें का प्रयास कर सकतें हैं। सरकारी नौकरी की परीक्षाओं की अगर बात करें तो इकोनॉमिक्स आपको कई परीक्षाओं जैसे सिविल सर्विस के एग्ज़ाम या अन्य सरकारी एग्ज़ाम का हिस्सा मिलेगी। विद्यार्थी जो इकोनॉमिक्स को अपने करियर का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की इच्छा रखते हैं वे MA इकोनॉमिक्स को चुन सकते हैं। मास्टर डिग्री होनें के कारण ये आपको भविष्य में बेहतरीन मौको से अवगत कराती हैं। MA Economics ke baad kya kare जानने के लिए इस ब्लॉग को आखिर तक ज़रूर पढ़ें।
कोर्स का नाम | मास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन इकोनॉमिक्स |
लेवल | पोस्टग्रेजुएशन |
अवधि | 1-2 साल |
फीलड | इकोनॉमिक्स एंड बिज़नेस |
प्रसिद्ध एंट्रेंस एग्ज़ाम | TISSNET, CUCET, TS CPGET, GRE आदि। |
एवरेज फीस (सालाना) | 50,000 INR – 5 लाख (सालाना)(विदेशी विद्यालयों में ये संख्या अधिक पाई जा सकती है) |
एवरेज सैलरी (सालाना) | 6 लाख INR (सालाना) |
रोज़गार की संभावनाएं | डेटा एनालिस्ट , इकोनॉमिस्ट , रिसर्च एनालिस्ट , सीनियर बिज़नेस एनालिस्ट , HR मैनेजर , एनालिस्ट मैनेजर , हाई स्कूल टीचर , बिज़नेस एनालिस्ट , लेक्चरर , स्पीकर आदि। |
This Blog Includes:
- MA इकोनॉमिक्स क्या है?
- MA इकोनॉमिक्स क्यों चुनें?
- एमए इकोनॉमिक्स के लिए स्किल्स
- MA इकोनॉमिक्स में विषय और सिलेबस
- MA इकोनॉमिक्स में कोर्स वेरिएंट्स
- MA इकोनॉमिक्स में डिस्टेंस लर्निंग
- MA Economics के बाद क्या करें?
- टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़
- टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़
- योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- प्रवेश परीक्षाएं
- MA Economics के बाद स्कोप
- रोज़गार क्षेत्र
- टॉप रिक्रूटर्स
- जॉब प्रोफाइल और सैलरी
- FAQ
MA इकोनॉमिक्स क्या है?
MA इकोनॉमिक्स एक 2 साल की पोस्टग्रैजुएशन डिग्री है जिसमें विद्यार्थी आर्थिक विकास की बारीकियों और उससे जुड़ी सभी शाखाओं का विस्तृत रूप से अध्ययन करता है। इस कोर्स में मॉनेटरी इकोनॉमिक्स, ऐलीमेंट्री स्टेटिस्टिक्स और अंतराष्टीय व्यापार से जुड़े विषयों पर ज्ञान दिया जाता है। कोर्स में आगे बढ़ते हुए आने वाले चरणों में छात्रों को चीज़ो की खपत और उत्पादन के साथ साथ मार्किट सप्लाई से जुड़ी सभी एक्टिविटीज़ के बारे में जानकारी दी जाती है। एक प्रोफेशनल MA इकोनॉमिक्स डिग्री होल्डर अपने ज्ञान और डिग्री के आधार पर सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों में ही भविष्य बना सकता है। बैंकिंग, फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन, लेबर मार्केट्स कुछ टॉप वर्किंग एरियाज़ हैं जहाँ एक MA इकोनॉमिक्स के छात्र के लिए नौकरी की संभावना बन सकती है।
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MA इकोनॉमिक्स क्यों चुनें?
इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री के कई फायदे हैं। आज के समय में कई विद्यार्थियों और कंपनियों की प्रेफरेंस में इकोनॉमिक्स शामिल है। जिससे भविष्य में आपका काम का दायरा बढ़ जाता है और आप एक ही फीलड में न बंधकर अपनी पसंद अनुसार फील्ड चुनकर वैराइटी ट्राई कर सकतें है। MA Economics ke baad kya kare जानने के साथ साथ यह जानना ज़रूरी है कि इस कोर्स को क्यों चुनें और MA इकोनॉमिक्स चुनने के क्या फायदे आपको भविष्य में मिल सकते है-
- MA इकोनॉमिक्स में विशेषज्ञताओं की बात करें तो आप अपने पसंद के विषय में मास्टर करने का निर्णय लेकर उसी में बेहतर करियर ऑप्शंस पा सकतें हैं।
- MA इकोनॉमिक्स करने के लिए आपको किसी विशेष सब्जेक्ट से बारहवीं करने की आवश्यकता न होने के कारण आपको एक सही विकल्प चुनने में बाधा नहीं आती। आप अपनी पसंद से इकोनॉमिक्स में किसी भी कोर्स में विस्तार से रिसर्च और आगे की पढ़ाई क्र सकते है।
- MA इकोनॉमिक्स के ब्रॉड नेचर के कारण इसकी लोकप्रियता ज़्यादा है। अगर आप अपनी ग्रेजुएशन इकोनॉमिक्स से ही जुड़े किसी भी कोर्स से पूरी कर चुके हैं जैसे BA Economics या BSc Economics के बाद अपनी फीलड बदलने का भी विचार करते है तो ये विकल्प आपके लिए एक बेहतर फैसला रहेगा। क्योकि MA इकोनॉमिक्स में आपका फील्ड चुनने का दायरा बढ़ जाता है जिसमें आप ज्ञान के साथ साथ दो साल की मास्टर डिग्री और भरमार मौकें पा सकतें हैं।
- जॉब प्रोफाइल की बात की जाए तो आप प्रोजेक्ट मैनेजर, पॉलिसी रिसर्चर, स्ट्रेटजी एनालिस्ट, क्रेडिट ऑफिसर रिटेल, स्टॉक ब्रोकर, पॉलिसी एनालिस्ट, लेक्चरर, रिस्क एनालिस्ट जैसे फैले हुए और बहुमुखी प्रोफाइल्स में नौकरी पा सकते हैं।
एमए इकोनॉमिक्स के लिए स्किल्स
एमए इकोनॉमिक्स के लिए कुछ जरूरी स्किल्स नीचे दी गई हैं:
- एनालिटिकल स्किल्स
- कम्युनिकेशन स्किल्स
- राइटिंग स्किल्स
- क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स
- मैथ्स स्किल्स
- स्ट्रेटेजिक थिंकिंग
- टीम वर्क
MA इकोनॉमिक्स में विषय और सिलेबस
MA इकोनॉमिक्स 2 वर्ष की मास्टर डिग्री है जिसे हमने सेमेस्टर अनुसार बांटकर उसमें आने वाला विषयों और सिलेबस को नीचे दिए गए टेबल में बताया है-
पहला वर्ष
सेमेस्टर 1 | सेमेस्टर 2 |
माइक्रोइकोनॉमिक्स एनालिसिस | क्वांटिटेटिव मेथड्स |
इंटरनैशनल ट्रेड | स्टेटिस्टिक्स एंड कंप्यूटर एप्लीकेंट्स |
एलीमेंट्री स्टेटिस्टिक्स | इंटरनैशनल फाइनेंस |
मॉनेटरी स्टेटिस्टिक्स | थ्योरी ऑफ़ प्रैक्टिसिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन |
इलेक्टिव 1 | ग्रोथ एंड डेवलपमेंट ऑफ़ इकोनॉमिक्स |
इंटरनेशनल फाइनेंस | – |
दूसरा वर्ष
सेमेस्टर 3 | सेमेस्टर 4 |
इकोनॉमिक्स ऑफ़ ग्रोथ | इंट्रोडक्ट्री मैथमेटिकल इकोनॉमिक्स |
पब्लिक इकोनॉमिक्स | सिलेक्टेड प्रोब्लस ऑफ़ द इंडियन इकॉनमी |
इकोनॉमिक्स ऑफ़ इंडस्ट्री | इकोनॉमिक्स ऑफ़ एग्रीकल्चर |
इश्यूज़ इन इंडियन/ फॉरेन इकॉनमी | ग्रोथ मॉडल्स इन इकोनॉमिक्स |
इलेक्टिव-2 | इंटरनैशनल फाइनेंस |
इंडियन पब्लिक फाइनेंस | – |
MA इकोनॉमिक्स में कोर्स वेरिएंट्स
इकोनॉमिक्स में विशेष रूप से काफ़ी वेरिएंट्स उपलब्ध हैं जिनमें से विद्यार्थी एक को चुन सकता है और अपना करियर और आगे की पढ़ाई जारी रख सकता है। इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री के अंदर आने वाले प्रसिद्ध कोर्सेज की लिस्ट नीचे दी गई है-
- Master of Applied Finance and Economics
- Master of International and Development Economics
- Global Pathways for MA Economics
- Master of Finance and Business Economics
- MSc in Financial Economics
- MA Economic Policy
- MSc Economics
- Master of Applied Economics
- Master of Business – Economics
- Master of Science in International Economics and Finance
- Master of Applied Economics and Econometrics
- Master of Arts in Economics and Decision Sciences
MA इकोनॉमिक्स में डिस्टेंस लर्निंग
अभी के पैंडेमिक को देखा जाए तो कई छात्र डिस्टेंस लर्निग का विकल्प चुनते है जिसमें घर बैठे ही आपको आपकी डिग्री मिल सकती है। डिस्टेंस लर्निंग के लिए भी हर कॉलेज का अपना एक मापदंड है जिसके आधार पर वे तय करते है की आप एक विशेष कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते है या नहीं। MA इकोनॉमिक्स में डिस्टेंस लर्निंग करने पर आपको लगभग 2 से 5 साल का समय लग सकता हैं। ऑफलाइन एडमिशन लेने में और डिस्टेंस लर्निंग से कोर्स करने के एडमिशन प्रोसेस में अंतर देखने को मिलता है जिसमें डिस्टेंस लर्निंग में ख़ास तौर पर मेरिट बेस पर एडमिशन लेने को प्राथमिकता दी जाती है। निम्नलिखित यूनिवर्सिटीज़ आपको 2 साल की MA इकोनॉमिक्स प्रोग्राम में डिस्टेंस लर्निंग उपलब्ध कराती हैं-
- IGNOU, नई दिल्ली
- KSOU, कर्नाटका
- मुंबई यूनिवर्सिटी , महाराष्ट्र
- श्री वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी , तिरुपति
MA Economics के बाद क्या करें?
MA इकोनॉमिक्स में करियर चुनने वाले विद्यार्थी अपनी MA की डिग्री के बाद कई कंपनियों में अपना रेज़्युमे देकर एक बेहतरीन नौकरी पा सकते हैं। लेकिन अगर आप इस क्षेत्र में बेहतर विकल्प चाहते हैं तो हायर डिग्री यानी M.Phil और PhD के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इकोनॉमिक्स में मास्टर्स पूरी करने के बाद आप निम्नलिखित डिग्री के लिए अप्लाई कर सकते हैं जो आपको भविष्य में बेहतरीन मौके और अच्छा पैकेज दिलाने में मददगार साबित होगा-
- PhD in Economics
- PhD in Finance
- PhD in Business Economics
- MPhil in Economics
- PhD in Agriculture Economics
टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़
MA इकोनॉमिक्स की पेशकश करने वाली कुछ प्रसिद्ध एंव टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई हैं:
यूनिवर्सिटी | स्थान |
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी | यूएसए |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ ऑक्सफ़ोर्ड | यूके |
लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस | यूके |
न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी | यूएसए |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ एसेक्स | यूके |
बोकोनी यूनिवर्सिटी | इटली |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेलबर्न | ऑस्ट्रेलिया |
यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरोंटो | कनाडा |
द यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेनचेस्टर | यूके |
मोनाश यूनिवर्सिटी | ऑस्ट्रेलिया |
टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़
MA इकोनॉमिक्स करने वाले छात्रों के लिए कुछ प्रसिद्ध भारतीय यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट नीचे दी गई है –
- दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स
- इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टिट्यूट, दिल्ली
- इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ़ डेवलपमेंट रिसर्च, मुंबई
- मद्रास स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स
- सेंटर ऑफ़ डेवलपमेंट स्टडीज़, केरेला
- गोखले इंस्टिट्यूट ऑफ़ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स, पुणे
- हैदराबाद स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स
- जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली
- स्कूल ऑफ़ सोशल साइंसिस, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- लेडी श्री राम कॉलेज, दिल्ली
- फर्गसन कॉलेज, पुणे
- मिरांडा हॉउस, दिल्ली
- मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज, चेन्नई
- लोयोला कॉलेज, चेन्नई
- संत जोसेफ़ कॉलेज, केलिकट
योग्यता
MA Economics ke baad kya kare ये जानने से पहले MA इकोनॉमिक्स और उससे जुड़े प्रकारों में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों का निम्नलिखित योग्यताओं को पूर्ण करना आवश्यक है –
- कैंडिडेट की बारहवीं किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होना आवश्यक है। जिसमें कम से कम 50 % मार्क्स होना अनिवार्य माना गया है।
- MA इकोनॉमिक्स के लिए किसी विशेष स्ट्रीम को प्राथमिकता नहीं दी गई है। आप किसी भी स्ट्रीम से अपनी बारहवीं उत्तीर्ण कर सकते है।
- MA इकोनॉमिक्स एक मास्टर डिग्री होने के कारण कैंडिडेट की बैचलर डिग्री को ख़ास महत्वता दी जाती है। यह बैचलर डिग्री आप इकोनॉमिक्स जैसे BA इकोनॉमिक्स और BSc इकोनॉमिक्स या अन्य प्रासंगिक क्षेत्र में उत्तीर्ण कर सकते हैं।
- एक कॉम्पटेटिव GRE स्कोर या यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित कोई अन्य एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करना आवश्यक।
- विदेश में अपनी मास्टर डिग्री अप्लाई कर रहे छात्रों का इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट का स्कोर माईने रखता है। इसमें IELTS, TOEFL, PTE आदि टेस्ट शामिल हैं।
- विदेश में पढ़ने के इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को SOP और LOR जमा कराना अनिवार्य है।
नोट : यह योग्यताएं MA इकोनॉमिक्स और उससे जुड़े प्रोग्राम्स के लिए एक बेसिक मापदंड है। आपकी चुनी गई यूनिवर्सिटी अनुसार इसमें बदलाव देखने को मिल सकते हैं। पूर्ती के लिए अपनी चुनी गयी यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट को भी विज़िट करें और विस्तार से जानें।
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आवेदन प्रक्रिया
MA इकोनॉमिक्स में एडमिशन के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना आवश्यक है। यह आवेदन प्रक्रिया आपको आपके मन चाहे कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है-
- पहले MA इकोनॉमिक्स से जुड़े सभी कोर्सेज को जानें और अपने लिए एक बेहतर विकल्प चुनें।
- उसके बाद कौन से कॉलेजेस आपका चुना कोर्स उपलब्ध करातें है पता लगाएं।
- ध्यान से कोर्स और कॉलेज के लिए दी गई योग्यता को पढ़ें।
- MA इकोनॉमिक्स में आपके चुनें विकल्प के लिए देने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम्स का पता लगाएं और आपके कॉलेज द्वारा स्वीकार किया जाने योग्य एग्ज़ाम चुनें।
- MA इकोनॉमिक्स प्रोग्राम के लिए एनरोल कर रहे कैंडिडेट का एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना आवश्यक है क्योकि मास्टर डिग्री देने वाली ज़्यादा तर यूनिवर्सिटीज़ और इंस्टिट्यूट्स एंट्रेंस टैस्ट के स्कोर के हिसाब से ही एडमिशन लेते है।
- कई यूनिवर्सिटीस आपके एंट्रेंस एग्ज़ाम रिज़ल्ट अनुसार डायरेक्ट एडमिशन भी देतीं हैं जबकि कुछ उसके बाद भी एडिशनल चीज़ों के मुताबिक़ सेलेक्शन किया करतीं हैं जिसमें ज़्यादातर ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू शामिल होतें हैं।
- रिजल्ट आने के बाद,काउंसिलिंग के लिए रजिस्टर करें और प्रोसेस फॉलो करें।
- अपने चुनें गए कॉलेज और कोर्स को काउंसिलिंग में सेलेक्ट करें।
- रजिस्टर करें और दस्तावेज़ जमा कराएं।
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी आवेदन प्रक्रिया का ख़ास ध्यान रखना होगा, नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यान से पढ़ें-
- कोर्सेज़ और यूनिवर्सिटीज़ को शॉर्टलिस्ट करें: आवेदन प्रक्रिया में पहला स्टेप आपके शैक्षणिक प्रोफ़ाइल के अनुसार कोर्सेज़ और यूनिवर्सिटीज़ को शॉर्टलिस्ट करना है। छात्र AI Course Finder के माध्यम से कोर्स और यूनिवर्सिटी को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं और उन यूनिवर्सिटीज़ की एक लिस्ट तैयार कर सकते हैं, जहां उन्हें अप्लाई करना सही लगता है।
- अपनी समय सीमा जानें: अगला कदम विदेश में उन यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेजों की समय सीमा जानना है, जिनमें आप आवेदन करने का सोच रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को आवेदन प्रक्रिया के लिए काफी पहले (वास्तविक समय सीमा से एक वर्ष से 6 महीने पहले) ध्यान देना होता है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्र कॉलेज की सभी आवश्यकताओं जैसे SOP, सिफारिश के पत्र, फंडिंग / स्कालरशिप का विकल्प और आवास को पूरा कर सकते हैं।
- प्रवेश परीक्षा लें: विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया के तीसरे स्टेप मे छात्रों को IELTS, TOEFL, PTE और यूनिवर्सिटी क्लिनिकल एप्टीट्यूड टेस्ट (UCAT) जैसे टेस्ट देने होते हैं। इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट में एक नया Duolingo टेस्ट है जो छात्रों को अपने घरों से परीक्षा में बैठने की अनुमति देता है और दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है।
- अपने दस्तावेज़ कंप्लीट करें: अगला कदम आवेदन प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ो और स्कोर को पूरा करके एक जगह पर संभल लें। इसका मतलब है कि छात्रों को अपना SOP लिखना शुरू कर देना चाहिए, शिक्षकों और सुपरवाइज़र्स से सिफारिश के पत्र प्राप्त करना चाहिए और अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को अन्य दस्तावेज़ों जैसे टेस्ट स्कोरकार्ड के साथ सिस्टेमैटिक तरह से रखलें। COVID-19 महामारी के साथ, छात्रों को अपना वैक्सीन प्रमाणपत्र डाउनलोड करना होगा।
- अपने आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें: एक बार जब आपके पास सभी दस्तावेज़ मौजूद हों, तो छात्र सीधे या UCAS के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। विदेश की यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन करने वाले छात्र जो सीधे आवेदन स्वीकार करते हैं, वे यूनिवर्सिटी वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करके शुरू कर सकते हैं। उन्हें कोर्सेज़ का चयन करना होगा, आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करनी होगी।
आवश्यक दस्तावेज़
MA Economics ke baad kya kare जानने के साथ साथ उससे जुड़े कोर्स में अप्लाई करने के लिए छात्र को नीचे दिए गए दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी-
- 10वीं और 12वीं उत्तीर्ण की मार्कशीट।
- ग्रेजुएशन उत्तीर्ण की मार्कशीट।
- कॉलेज छोड़ने का सर्टिफिकेट।
- भारतीय नागरिकता का प्रमाण जिसमें जन्म पत्री या पासपोर्ट हो सकता है।
- किसी मान्यता प्राप्त डॉक्टर द्वारा दिया गया ‘फिज़िकल फिटनेस सर्टिफिकेट’
- कैंडिडेट की 5 पासपोर्ट साइज़ फोटो।
- लैंग्वेज टेस्ट स्कोर जैसे- IELTS, TOEFL आदि।
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पज (SOP) जमा कराएं।
- लेटर ऑफ़ रिकमेन्डेशन (LORs) जमा कराएं।
प्रवेश परीक्षाएं
बारहवीं और बैचलर डिग्री के मार्क्स के साथ साथ कई यूनिवर्सिटीज़ एंट्रेंस एग्ज़ाम भी रखती है जिससे कैंडिडेट की काबिलियत का बेहतर अंदाज़ा लगाया जा सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिए की आप इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री में एडमिशन के लिए योग्य है या नहीं प्रवेश परीक्षाएं एक बेहतर मापदंड साबित होता है। हर यूनिवर्सिटी अपने अनुसार एंट्रेंस एग्ज़ाम के पैटर्न का चयन करती है जिसने में से कुछ प्रसिद्ध एंट्रेंस एग्ज़ाम की लिस्ट नीचे दी गई है:
- BHU UET
- JNUEE
- CUEE
- AUCET
- DUET
- MSE Entrance Exam
- GRE
- TS CPGET
- Allahabad PGAT
- GRE
- GMAT
- IELTS
- TOEFL
- DET
- SAT
- LSAT
- PTE
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MA Economics के बाद स्कोप
इकोनॉमिक्स की फीलड को अपना भविष्य चुनने वाले व्यक्ति के कार्य करने और जीवन में नई उचाईयों कि तरफ बढ़ने का दायरा बढ़ जाता है। MA इकोनॉमिक्स करने के बाद विद्यार्थी चाहे तो इकोनॉमिक्स में PhD करने का निर्णय भी ले सकता है और रिसर्च के क्षेत्र में बेहतर ज्ञान अर्जित कर सकता है। सिर्फ ज्ञान ही नहीं ,अपने क्षेत्र की बारीकियां जानने के बाद आपको बेहतर करियर ऑप्शंस मिलने का लाभ भी होता है जिससे भविष्य में बेहतर पैकेज और प्रोफाइल मिलने का स्कोप रहता है। इकोनॉमिक्स में मास्टर्स करने के बाद करने वाले कुछ बेस्ट कोर्सेज की लिस्ट नीचे दी गई है-
- PhD इन इकोनॉमिक्स
- PhD इन फाइनेंस
- PhD इन बिज़नेस इकोनॉमिक्स
- MPhil इन इकोनॉमिक्स
- PhD इन एग्रीकल्चर इकोनॉमिक्स
रोज़गार क्षेत्र
इसी के साथ MA Economics ke baad kya kare के इस ब्लॉग में छात्रों को जॉब के अवसर देने वाले प्रसिद्ध सेक्टर्स की लिस्ट नीचे दी गयी है जिससे आपको ये अंदाज़ा हो पाएगा कि आपके कोर्स के अनुसार कौन सा सेक्टर आपके लिए उपयुक्त है-
- हैल्थकेयर
- टेलीकम्युनिकेशन
- एनवायर्नमेंटल सेक्टर्स
- गवर्नमेंट ऑर्गनाइज़ेशन
- NGOs
- प्राइवेट कंपनीज़
- बैंकिंग एंड फाइनेंस सेक्टर
- इंश्योरेंस सेक्टर
- रिसर्च इंस्टिट्यूट
- अकादमी
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टॉप रिक्रूटर्स
MA इकोनॉमिक्स करने वाले विद्यार्थियों को नौकरी देने वाली कुछ प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर की कंपनियों के नाम निम्नलिखित है-
- Rail India Technical and Economic Services
- Infosys
- Directorate of Economics and Statistics, Manipur
- Zocdoc, Inc.
- Department of Economic Affairs
- Buhler India Pvt Ltd
- Reserve Bank of India
- Dell, Inc.
- Indian Statistical Universities
- Accenture
- Central Bank of India
- HSBC
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जॉब प्रोफाइल और सैलरी
इकोनॉमिक्स की फ़ील्ड में करियर हमेशा से छात्रों के बीच एक प्रसिद्ध विकल्प रहा है। वहीं नौकरी और कंपनियों की बात की जाए तो इकोनॉमिक्स के छात्र की मांग भी अधिक मात्रा में देखने को मिलती है। MA इकोनॉमिक्स किए विद्यार्थी अपने करियर को पब्लिक एंव प्राइवेट दोनों ही सेक्टर में आगे लेकर जा सकते हैं। लेकिन फ़िर भी छात्रों के मन में ये सवाल हमेशा रहता है कि MA Economics ke baad kya kare तो आइए जानते है कुछ मेजर करियर विकल्प जो आप अपनी इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री पाने के बाद चुन सकते हैं-
- रिसर्च एनालिस्ट
- डेटा एनालिस्ट
- इकोनॉमिस्ट
- प्रोजेक्ट मैनेजर
- पॉलिसी रिसर्चर
- स्ट्रेटजी एनालिस्ट
- क्रेडिट ऑफिसर रिटेल
- स्टॉक ब्रोकर
- पॉलिसी एनालिस्ट
- लेक्चरर
- रिस्क एनालिस्ट
- रिस्क मैनेजर
- मार्केटिंग कंसलटेंट
- इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट
- ट्रेड एनालिस्ट
- रिसर्च असोसिएट
- डायरेक्टर ऑफ़ ऑपरेशन्स
MA इकोनॉमिक्स के बाद सैलरी की अगर बात की जाए तो यह कैंडिडेट के तजुर्बे पर निर्भर करती है। शुरुआती समय में इसका स्केल 3-5 लाख सालाना हो सकता है। कैंडिडेट की सैलरी इस बात पर भी निर्भर करती है की आप किस सेक्टर में काम करने का विकल्प चुनते है। समय अनुसार जैसे जैसे कैंडिडेट की स्किल्स और अनुभव बढ़ता जाता है सैलरी में भी तब्दीली का स्कोप बढ़ता है। एक तजुर्बेकार और स्किल्ड एम्प्लॉई की सैलरी 10-25 लाख हो सकती है।
FAQ
बैचलर ऑफ़ आर्ट्स – इकोनॉमिक्स ऑनर्स (बीए-इकोनॉमिक्स) एक ऐसा कोर्स है जिसमें इकोनॉमिक्स के कोर फंडामेंटल्स, थ्योरीज़ और एप्लीकेशन्स के बारे में स्टडी और रिसर्च की जाती है।
अगर आप बोर्ड परीक्षा में अर्थशास्त्र के अंदर अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको शुरू से ही समय सारणी बनाकर नियमित अध्ययन करना होगा। पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए ही तैयारी करें, बहुत अधिक सांकेतिक किताब पढ़ने से आप भ्रमित हो सकते है, इसलिए सिर्फ एनसीईआरटी की अच्छी रेफरेंस किताब ही पढ़ें।
इकनॉमिक्स एक बड़ा सब्जेक्ट है, लेकिन इसे मोटे तौर पर विभिन्न बाजारों के अध्ययन के रूप में समझा जा सकता है। इस विषय में अर्थव्यवस्था शामिल होती है और कैसे बाजारों में खरीददार और विक्रेता अपने संसाधनों का उपयोग करके आगे बढ़ते हैं। पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था कैसे चलती है आदि।
उम्मीद है आपको हमारा MA Economics ke baad kya kare पर ब्लॉग पसंद आया होगा। यदि आप विदेश में MA करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर कांटेक्ट कर आज ही 30 मिनट्स का फ्री सेशन बुक कीजिए।