इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग दुनिया में सबसे पसंदीदा कोर्सेज में से एक है। विशेष रूप से रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के युग में इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग का एक सर्वव्यापी क्षेत्र बन गया है। इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियर अनिवार्य रूप से सिस्टम को डिजाइन करने, विकसित करने, स्थापित करने, प्रबंधित करने और बनाए रखते हैं ताकि प्रक्रियाओं का नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके। लगभग सभी उद्योगों जैसे विमानन, ऑटोमोबाइल, पेट्रोकेमिकल, बिजली और रक्षा में अलग-अलग उपकरण विभाग हैं, जहां इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर काम करते हैं। आइए इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग के बारे में विस्तार से जानते हैं।
कोर्स का नाम | इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग |
डिग्री | बैचलर |
कोर्स का स्तर | अंडरग्रेजुएट |
कोर्स की अवधि | 4 वर्ष ( 8 सेमस्टर) |
योग्यता | गणित, भौतिकी विज्ञान और रसायन विज्ञान के साथ 12 वीं कक्षा में न्यूनतम 50% |
प्रवेश का मानदंड | प्रवेश परीक्षा |
प्रासंगिक फ़ील्ड | इंजीनियरिंग |
सेक्टर/उद्योग | -इंस्ट्रुमेंटेशन विशेषज्ञ -डिजाइन इंजीनियर –मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर -सलाहकार -साइट सिविल इंजीनियर |
औसत वार्षिक वेतन (INR) | 2-10 लाख |
This Blog Includes:
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग क्या है?
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग व बीटेक इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में अंतर
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए स्किल्स
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर के कार्य
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग का महत्व
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के विषय
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए विदेशी विश्वविद्यालय
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए भारतीय यूनिवर्सिटीज
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
- विदेशी विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम
- इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स
- करियर स्कोप
- जॉब प्रोफाइल्स व सैलरी
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग क्या है?
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग 4 साल का यूजी डिग्री कोर्स है जिसमें 8 सेमस्टर होते हैं। इसमें छात्रों को उत्पादन प्रक्रिया, व्यवसाय स्किल्स, उद्योग-विशिष्ट समस्या-विशिष्ट स्किल्स आदि के बारे में शिक्षित और प्रशिक्षण देने पर केंद्रित है। यह कोर्स छात्रों को एसी इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स, सुरक्षा अनुप्रयोगों, डिजिटल सिस्टम और आदि के बारे में व्यापक ज्ञान प्रदान करता है। इसके विषयों में इंजीनियरिंग भौतिकी, एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक सर्किट, इंजीनियरिंग सामग्री का रसायन विज्ञान आदि शामिल हैं। यह कोर्स स्वचालित प्रणालियों के डिजाइन और नियंत्रण को समझने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस कोर्स के दौरान, छात्र समस्या-समाधान, नेतृत्व और अच्छे निर्णय लेने की कला का अध्ययन करते हैं।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग व बीटेक इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में अंतर
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग कोर्स और बी.टेक इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग के बीच तुलना नीचे दी गई है-
अंतर | इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग | बी.टेक इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग |
ओवरव्यू | यह कोर्स छात्रों को उत्पादन प्रक्रिया, व्यावसायिक कौशल, उद्योग-विशिष्ट समस्या-विशिष्ट कौशल आदि के बारे में शिक्षित और प्रशिक्षित करने पर केंद्रित है। | यह कोर्स कई निर्माण एजेंसियों में उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के स्वचालित सिस्टम और रखरखाव पर केंद्रित है। |
जॉब पोजीशन | इसमें डिज़ाइन इंजीनियर, तकनीकी सहायता इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर, नियंत्रण इंजीनियर आदि से संबंधित जॉब ऑप्शन हैं। | तकनीकी सलाहकार, इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियर, नियंत्रण और इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियर आदि से संबंधित जॉब ऑप्शन हैं। |
फेमस कम्पनियां | O&G Skills, HCL Technologies, Tecnimont ICB, Larsen and Toubro, RJ Corp और कई अन्य कंपनियों में आप जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं। | GAIL, SAIL, BHEL, GE आदिकंपनियों में आप जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं। |
औसत सालाना सैलरी (INR) | 2-10 लाख लगभग | 3-5 लाख लगभग |
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए स्किल्स
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग का मुख्य फोकस छात्रों को तकनीकी रूप से उद्योगों के लिए उपयुक्त बनाना है और तकनीकी शिक्षा के लिए रणनीतियों में करियर और रोजगार की अच्छी संभावनाएं भी हैं, आइए एक नज़र डालें कि इस लगातार बढ़ते तकनीकी क्षेत्र में एक सफल करियर बनाने के लिए प्रमुख स्किल्स क्या चाहिए-
- विश्लेषणात्मक स्किल्स
- समस्या समाधान करने का हुनर
- क्रिएटिविटी
- गणित की अच्छी समझ
- एल्गोरिथम मॉडल की अच्छी समझ
- महत्वपूर्ण विचार करने की स्किल्स हो
- तकनीकी स्किल्स होनी ज़रूरी
- कंप्यूटिंग की बुनियादी जानकारी
- कम से कम एक अद्वितीय उपकरण में कार्य अनुभव
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर के कार्य
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर का काम इंस्ट्रूमेंटेशन और नियंत्रण का होता है। अर्थात किसी भी मशीन को कैसे काम करवाना है, यह काम इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर का होता है। इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर मशीन का पूरा सिस्टम कण्ट्रोल करते हैं। एक इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर रोबोट के अंदर उसका कार्य फीड करता है। लगभग सभी उद्योगों जैसे विमानन, ऑटोमोबाइल, पेट्रोकेमिकल, बिजली और रक्षा में अलग-अलग उपकरण विभाग हैं, जहां इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर काम करते हैं।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग का महत्व
हाल के वर्षों में छात्रों ने इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग के क्षेत्र में गहरी रुचि दिखाई है। नीचे इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग कोर्स की पढ़ाई करने के कुछ फायदे दिए गए हैं-
- इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग प्रोडक्शन प्रक्रिया, बिज़नेस स्किल्स, उद्योग-विशिष्ट समस्या-विशिष्ट स्किल्स आदि से संबंधित अध्ययनों पर केंद्रित है।
- यह कोर्स छात्रों को एसी इलेक्ट्रॉनिक्स और फोटोनिक्स, सुरक्षा अनुप्रयोगों, डिजाइन ड्राफ्टिंग माइक्रोकंट्रोलर, डिजिटल सिस्टम आदि के बारे में गहन ज्ञान प्रदान करता है।
- इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग कोर्स के सफल समापन पर, छात्रों को डिजाइन इंजीनियर, तकनीकी सहायता इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर, नियंत्रण अभियंता आदि जैसे विशिष्ट क्षेत्र से संबंधित आकर्षक रोजगार के अवसर मिलते हैं।
- एक इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग का औसत शुरूआती वेतन ₹2-10 लाख (लगभग) होता है, जो अनुभव और विशेषज्ञता में वृद्धि के साथ और बढ़ सकता है।
आप AI Course Finder की मदद से अपने पसंद के कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का चयन कर सकते हैं।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के विषय
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में शामिल कुछ विषय हैं-
- इंजीनियरिंग मैथ्स
- इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक मेजरमेंट
- कंट्रोल सिस्टम और प्रोसेस कंट्रोल
- एनालिटिकल, ऑप्टिकल और बायोमेडिकल इंस्ट्रुमेंटेशन
- सर्किट और मापन प्रणाली की मूल बातें
- ट्रांसड्यूसर, मैकेनिकल मापन और औद्योगिक इंस्ट्रुमेंटेशन
- एनालॉग इलेक्ट्रॉनिक
- डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए विदेशी विश्वविद्यालय
नीचे दी गई टेबल पर एक नज़र डालें जो इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग और इसके वेरिएंट की पेशकश करने वाले शीर्ष विश्वविद्यालयों को स्पष्ट करती है।
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय
- डलहौजी विश्वविद्यालय
- स्टैफोर्डशायर विश्वविद्यालय
- अल्बर्टा विश्वविद्यालय
- ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय
- टोरंटो विश्वविद्यालय
- टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ़ म्यूनिख
- ग्रीनविच विश्वविद्यालय
- एचएएन यूनिवर्सिटी ऑफ़ अप्लाइड साइंस
आप Leverage Finance की मदद से विदेश में पढ़ाई करने के लिए अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के अनुसार एजुकेशन लोन भी पा सकते हैं।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए भारतीय यूनिवर्सिटीज
नीचे उन शीर्ष भारतीय विश्वविद्यालय की सूची दी गई है जो अपने छात्रों को इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग कोर्सेज प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध हैं-
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी बॉम्बे
- एस. आर. एम. इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी मद्रास
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी दिल्ली
- दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी
- आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी
- गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, खड़गपुर
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रुड़की
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, चेन्नई
- नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, मैंगलोर
- इंजीनियरिंग कॉलेज, पुणे
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद
आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
यदि आप इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित सभी पात्रता आवश्यकताओं के लिए क्वालिफिकेशन प्राप्त करने की आवश्यकता है। वास्तविक कोर्स विश्वविद्यालय के अनुसार अलग हो सकता हैं, यहाँ बुनियादी योग्यता दी गई हैं जिन्हें आपको इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए आवेदन करने से पहले ध्यान में रखना होगा:
- उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10+2 (भौतिकी, रसायन विज्ञान, गणित) से बेसिक स्कूली शिक्षा पूरी करनी होगी।
- आवेदक का इंटरमीडिट मे परिणाम 50% से अधिक होना अनिवार्य हैं।
- यदि आप विदेशी विश्वविद्यालय में इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं, तो विश्वविद्यालय को आपको SAT स्कोर के साथ-साथ IELTS/TOEFL इत्यादि जैसे अंग्रेजी भाषा प्रवीणता स्कोर जमा करने की भी आवश्यकता होगी। इसके साथ, आपको एक SOP और वैकल्पिक LOR प्रदान करना होगा।
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विदेशी विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया
कैंडिडेट को आवदेन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को पूरा करना होगा:
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- हमारे एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे हमारे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति /छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर संपर्क करें।
भारत के लिए आवेदन प्रक्रिया
भारत के लिए आवेदन प्रक्रिया नीचे दी गई है-
- स्टेप 1: सबसे पहले आवेदक को 12 साल की बेसिक शिक्षा पूरी करनी होगी और 12वीं में साइंस स्ट्रीम होनी आवश्यक है।
- स्टेप 2: इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियर बनने के लिए आपको सबसे पहले एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन करना होगा। छात्र को राष्ट्रीय स्तर की एग्जाम जैसे JEE Main या राज्य स्तर के एग्जाम जैसे KCET या यूनिवर्सिटी स्तर के एग्जाम जैसे SRMJEEE, VITEEE आदि के लिए आवेदन कर सकते हैं।
- स्टेप 3: आपको अपने एग्जाम के तरीके ऑनलाइन या ऑफलाइन के आधार पर एग्जाम देना होगा।
- स्टेप 4: एंट्रेंस एग्जाम प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों का आंकलन किया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए छात्रों की एक मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
- स्टेप 5: शॉर्टलिस्ट किए गए छात्रों को यूनिवर्सिटी द्वारा काउंसलिंग के लिए बुलाया जाता है, जिसके बाद छात्रों का एडमिशन सुनिश्चित होता है।
आवश्यक दस्तावेज़
विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेज होने आवश्यक हैं-
- सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट और ग्रेड कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटोकॉपी
- वीजा
- अपडेट किया गया रिज्यूमे
- अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
- सिफारिश पत्र या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस
छात्र वीजा पाने के लिए भी हमारे Leverage Edu विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस एग्जाम
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए आयोजित लोकप्रिय प्रवेश परीक्षाओं की लिस्ट नीचे दी गई है-
- JEE: JEE मेन्स और एडवांस परीक्षाएं पूरे देश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान द्वारा विभिन्न इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए छात्रों का चयन करने के लिए उनकी योग्यता के आधार पर आयोजित की जाती हैं।
- UPSEE: UPSEE परीक्षा इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग सहित विभिन्न इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है, जो अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लखनऊ के तहत विभिन्न कॉलेजों और संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाते हैं।
- WBJEE: पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा के रूप में भी जाना जाता है, यह बंगाल के विभिन्न निजी और सरकारी कॉलेजों द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न बैचलर कोर्सेज में विभिन्न छात्रों को प्रवेश की अनुमति देने के लिए एक राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा है।
- MHTCET: इसे आमतौर पर महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट के रूप में जाना जाता है, जो महाराष्ट्र राज्य में कई विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदान किए जाने वाले विभिन्न बैचलर कोर्सेज में प्रवेश के लिए राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा के रूप में आयोजित किया जाता है।
इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग के लिए कुछ बेस्ट्स बुक नीचे दी गई हैं-
बुक का नाम | लेखक का नाम |
Measurement and Control Basics | Thomas A. Hughes |
Understanding Smart Sensors | Randy Frank |
Electrical and Electronic Measurements and Instrumentations | A.K. Sawhney |
Industrial Instrumentation | D.P. Eckman |
करियर स्कोप
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग भविष्य के लिए विविध रास्ते प्रदान करता है। अक्सर, नौकरियों में भारी मात्रा में डिजाइनिंग और परीक्षण, डेटा का विश्लेषण, अनुपालन सुनिश्चित करना तथा विशेष डिजाइन और संचालन इंजीनियरों के साथ काम करना आदि शामिल होता है। इसलिए इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग में करियर की संभावनाएं अधिक हैं। यहां कुछ शीर्ष नौकरी प्रोफाइल हैं जिनमें आप काम कर सकते हैं-
- इंस्ट्रुमेंटेशन स्पेशलिस्ट
- डिजाइन इंजीनियर
- मेक्ट्रोनिक्स इंजीनियर
- सलाहकार
- साइट सिविल इंजीनियर
- फाउंडेशन इंजीनियर
- साइट इंजीनियर
- बिज़नेस ऑपरेशन्स मैनेजर
जॉब प्रोफाइल्स व सैलरी
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियर की अमेरिका में औसत सालाना सैलरी USD 96,391 (INR 72.29 लाख) और यूके में GBP 51,000 (INR 51 लाख) होती है। भारत में भी इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग के पास रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं। Payscale के अनुसार उनका औसत वार्षिक वेतन नीचे दिया गया है-
जॉब प्रोफाइल | सालाना सैलरी (INR) |
कंट्रोल इंजीनियर | ₹2-3 लाख |
एनवायर्नमेंटल इंजीनियर | ₹4-5 लाख |
बिल्डिंग मैनेजर | ₹10-11 लाख |
बिज़नेस ऑपरेशन्स मैनेजर | ₹9-10 लाख |
सिविल इंजीनियर | ₹3-4 लाख |
साइट सिविल इंजीनियर | ₹4-5 लाख |
बिज़नेस एनालिस्ट | ₹9-10 लाख |
FAQs
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग में मूल रूप से उत्पादन प्रक्रिया, व्यावसायिक स्किल्स, उद्योग-विशिष्ट समस्या-विशिष्ट स्किल्स आदि विषय केंद्रित है।
आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
जिसके बाद आप हमारे Leverage Edu के विशेषज्ञ से सम्पर्क कर सकते हैं।
इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग उम्मीदवारों को 10 + 2 स्तर पर न्यूनतम 50% अंक प्राप्त करने चाहिए और अनिवार्य रूप से भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के विषयों का अध्ययन करना चाहिए।
भारत में इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियर का सालाना सालाना औसत प्रारंभिक वेतन ₹2-10 लाख के बीच है।
हम आशा करते हैं कि अब आप जान गए होंगे कि इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग क्या है और इससे संबंधी सारी जानकारी आपको इस ब्लॉग में मिल गई होंगी। अगर आप विदेश में इंस्ट्रुमेंटेशन इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और साथ ही एक उचित मार्गदर्शन चाहते हैं तो आज ही 1800572000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक कीजिए।