Clinical Psychologist उन सिद्धांतों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए लागू करता है जिन सिद्धांतों का अध्ययन करने के लिए एक मनोवैज्ञानिक, मानसिक व्यवहार और प्रक्रियाओं को समझता है। आसान शब्दों में कहा जाये तो Clinical Psychologist मानसिक रोगियों में सकारत्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। आज आप इस ब्लॉग के माध्यम से यह बात जानेंगे कि Clinical Psychologist की समाज में क्या भूमिका होती हैं, कैसे Clinical Psychologist काम करते हैं और इस क्षेत्र में करियर के क्या स्कोप है।
पोस्ट | Clinical Psychologist |
कोर्स का नाम | क्लिनिकल साइकोलॉजी |
योग्यताएं | फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी विषय से अध्ययन |
फील्ड | चिकित्सा/चिकित्सा विज्ञान |
औसतन सालाना सैलरी | 2-12 लाख (अनुमानित) |
This Blog Includes:
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट किन्हें कहते हैं?
- क्यों बने क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट?
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट की जिम्मेदारियां
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक कोर्सेस
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए विदेशी विश्वविद्यालय
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए भारतीय विश्वविद्यालय
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए योग्यताएं
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवेदन प्रक्रिया
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए प्रवेश परीक्षाएं
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए बेस्ट बुक्स
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के लिए करियर स्कोप
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट की सैलरी
- टॉप क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के नाम
- FAQs
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट किन्हें कहते हैं?
क्लिनिकल साइकोलॉजी एक मनोवैज्ञानिक विशेषता है जिसमें Clinical Psychologist मानसिक रूप से अपने रोगियों के विचार और व्यवहार में एक सकरात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया में Clinical Psychologist पहले अपने रोगियों के विचारों को सुनकर उनके व्यवहार को समझने का प्रयास करता है। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो Clinical Psychologist लोगों की मनोचिकित्सीय कठिनाइयों को दूर करके उन्हें एक पॉजिटिव माहौल देने का काम करता है।
क्यों बने क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट?
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट लोगों में सकारत्मकता का संचार करता है, यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें आप किसी व्यक्ति की सारी व्यथा, सारी समस्याओं को सुनने के बाद उन्हें सुकून देने में या समस्याओं का समाधान देने में और चिंतामुक्त करने में सक्षम होते हैं। यदि आप में लोगों की समस्याओं को सुनकर उनके प्रति संवेदना व्यक्त करने की, अच्छे कम्युनिकेशन के ज़रिये उनकी मानसिक समस्याओं को हल करने की या उन्हें साकारात्मक रहने के लिए समझाने और विश्वास में लेने की कला है तो इस क्षेत्र में आप तरक्की कर सकते हैं और आपको यही क्षेत्र चुनना चाहिए।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट को एक बेहतर स्किल्स वाला व्यक्ति या मनोचिकित्सक माना जाता है क्योंकि यह अपने हर संभव प्रयास से लोगों को साकारात्मक रहने के लिए प्रेरित करते है और समाज में एक सम्मानित पद को प्राप्त करते हैं क्योंकि लोगों को परेशानियों से दूर रखकर उन्हें खुशियों के करीब ले जाना यह हर किसी के बस में नहीं होता, क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स निम्नलिखित है;
- क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के तौर पर आपकी पहचान समस्याओं पर बात करने वाले व्यक्ति के रूप में नहीं बल्कि समाधान को खोजने वाले के रूप में होनी चाहिए।
- आपको लोगो को अच्छे और बड़े गंभीर रूप से सुनना आना चाहिए।
- आप में धीरज के साथ एक सदृण संवाद स्थापित करने की क्षमता होनी चाहिए आदि।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट की जिम्मेदारियां
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के रूप में आप पर कई प्रकार की जिम्मेदारियां आ जाती हैं जो कि निम्नलिखित हैं;
- मनोविज्ञानिक और मनोचिकित्सक द्वारा दिए गये सिद्धांतों को लोगों पर लागूं करना।
- मानसिक रूप से प्रताड़ित रोगियों के विचारों को सुनकर उनके व्यवहार को ध्यान से समझना।
- लोगों से एक स्वस्थ संवांद स्थापित करना।
- अपने रोगियों में साकारात्मकता का संचार करना।
- समाज को चिंतामुक्त और खुशहाली वाला माहौल देना आदि।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक कोर्सेस
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आपको निम्नलिखित कोर्सेस करना अनिवार्य है;
- साइकोपैथोलॉजी कोर्स
- मनोचिकित्सा कोर्स
- रोगी मूल्यांकन कोर्सअनुभूति और व्यवहार कोर्स
- क्लीनिकल साइकोलॉजी में अनुसंधान और सांख्यिकी कोर्स
- क्लीनिकल साइकोलॉजी पर सांस्कृतिक विचार कोर्स
अन्य लोकप्रिय क्लीनिकल साइकोलॉजी कोर्स भी है जो आप अपनी डिग्री को पूरा करने के बाद कर सकते हैं।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए विदेशी विश्वविद्यालय
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन कर सकते हैं;
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
- कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- येल यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कले
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ टोरंटो
- यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन
- इंपीरियल कॉलेज लंदन
- लंदन मेट्रोलोपियन यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ डर्बी
- यूनिवर्सिटी ऑफ केंट
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए भारतीय विश्वविद्यालय
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन कर सकते हैं;
- एसआरएम इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- डॉ. एमजीआर एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट
- जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च
- सीएमसी, वेल्लोर
- केएमसी, मैंगलोर
- डेक्कन कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज
- बी जे मेडिकल कॉलेज
- आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी
- सेंट्रल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइकियट्री
- रांची इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरो साइकियाट्री एंड एलाइड साइंसेज
- महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टिट्यूट, महाराष्ट्र
- AIIMS, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज
- मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए योग्यताएं
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आपमें निम्नलिखित योग्यताओं का होना अनिवार्य है;
- किसी मान्यता प्राप्त भारतीय बोर्ड से अनिवार्य विषयों में से एक के रूप में जीव विज्ञान (biology) के साथ विज्ञान स्ट्रीम में अपनी कक्षा 12वीं की शिक्षा पूरी करनी होगी।
- उम्मीदवारों को एक एमबीबीएस और फिर MD पूरा करना होगा या उसकी गुणवत्ता पूरी करनी होगी।
- कुछ कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा भी आयोजित करते हैं। विदेश में बैचलर्स के लिए SAT या ACT स्कोर्स की मांग की जाती है।
- मास्टर्स कोर्सेस के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
- मास्टर्स कोर्सेस में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेस के लिए पात्र हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स के लिए GRE स्कोर की अवश्यकता होती है।
- साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
- विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने होंगे।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवेदन प्रक्रिया
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित आवेदन प्रक्रिया को अपना सकते हैं;
भारतीय यूनिवर्सिटीज द्वारा आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
विदेशी विश्वविद्यालय के लिए आवेदन प्रक्रिया
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- हमारे एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे हमारे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आपके पास निम्नलिखित दस्तावेजों का होना आवश्यक हैं;
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटोकॉपी
- सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- सीवी/रिज्यूमे
- अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
- सिफारिश पत्र या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस
- बैंक विवरण
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए प्रवेश परीक्षाएं
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आपको निम्नलिखित प्रकार से परीक्षाएं देनी होंगी;
- बैचलर्स के लिए क्रमशः GSAT, BHU UET, SAAT आदि प्रवेश परीक्षाएं देनी होती है।
- मास्टर्स के लिए क्रमशः TISSNET, JMI Entrance Exam, MRNAT, CUCET आदि प्रवेश परीक्षाएं देनी होती हैं।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए बेस्ट बुक्स
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आप निम्नलिखित बुक्स को चुन सकते हैं, जो कि आपके लिए सहायक साबित होंगी;
किताब का नाम | लेखक का नाम | यहाँ से खरीदें |
Clinical Handbook of Psychological Disorders: A Step-by-Step Treatment Manual | David H. Barlow | यहाँ से खरीदें |
Becoming a Clinical Psychologist: Everything You Need to Know | Steven Mayers and Amanda Mwale | यहाँ से खरीदें |
Handbook of Clinical Psychopharmacology for Psychologists | M. Muse | यहाँ से खरीदें |
The Clinical Psychologist’s Handbook of Epilepsy: Assessment and Management | Christine Cull (Editor), Laura H. Goldstein (Editor) | यहाँ से खरीदें |
COMPARATIVE PSYCHOLOGY FOR CLINICAL PSYCHOLOGISTS AND THERAPISTS: What Animal Behavior Can Tell Us about Human Psychology | Daniel C. Marston, Terry L. Maple | यहाँ से खरीदें |
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के लिए करियर स्कोप
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट बनने के लिए आपके पास एक बेहतर करियर स्कोप है जो कि निम्नलिखित हैं हालाँकि कई बार देखा गया है कि क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट अपने खुद के क्लिनिक चलाते है;
- आप क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के रूप में अपना क्लिक भी चला सकते है।
- सरकारी और गैरसरकारी अस्पतालों में भी आप अपनी सेवाएं दें सकते है।
- बच्चों, कैंसर पीड़ितों और खिलाड़ियों की देखरेख और बेहतर इलाज के लिए क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट की आवश्यकता पड़ती हैं।
- फरेंसिक साइकॉलजिस्ट, अस्पताल में सीनियर साइकॉलजिस्ट, डोमेस्टिक वायलेंस साइकॉलजिस्ट, चाइल्ड अब्यूज साइकॉलजिस्ट, हेल्थ साइकॉलजिस्ट, मिलिट्री साइकॉलजिस्ट, प्रिजन साइकॉलजिस्ट, सब्सटेंस अब्यूज साइकॉलजिस्ट, मूड डिस्ऑर्डर साइकॉलिजस्ट, स्पोर्ट्स साइकॉलजिस्ट, रिसर्च साइकॉलजिस्ट, प्रफेसर ऑफ साइकॉलजी आदि के रूप में भी आप अपना करियर बना सकते हैं।
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट की सैलरी
क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट की सैलरी निम्नलिखित है जिससे आप इस क्षेत्र का अंदाज़ा लगा सकते हैं ;
रोजगार के अवसर | औसत वार्षिक वेतन (INR) |
बाल और किशोर साइकेट्रिस्ट | 10-12 लाख |
रिहैबिलिटेशन साइकेट्रिस्ट | 8-10 लाख |
फोरेंसिक साइकेट्रिस्ट | 8-10 लाख |
जनरल एडल्ट साइकेट्रिस्ट | 6-7 लाख |
स्टाफ साइकेट्रिस्ट | 5-9 लाख |
क्लीनिक साइकेट्रिस्ट | 4-5 लाख |
नोट: उपरोक्त सैलरी अनुमानित हैं क्योंकि वास्तविक सैलरी आपके अनुभव के आधार पर ही निर्धारित होती हैं।
टॉप क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के नाम
देश-विदेश के कुछ टॉप क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट के नाम निम्नलिखित है;
- बी.एफ.स्किनर
- अल्फ्रेड किन्से
- निशा खन्ना
- शैलजा पोखरियाल
- विशाखा भल्ला
- रीमा गुप्ता
- मर्था बर्नल
- मैडेलिन लेविन
- कार्ल रोजर्स
FAQs
Clinical Psychologist मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक का वह रूप है जो अपने रोगियों को ध्यान पूर्वक परखकर और समझकर साकारात्मकता का संचार करता है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी आदि हैं।
अन्य डॉक्टर्स के पास भी एमबीबीएस की डिग्री होती है हालाँकि Clinical Psychologist की विशेषता मानसिक स्तिथि को समझने की होती है।
Clinical Psychologistबनने के लिए आपके पास बारवीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी जैसे विषय होने आवश्यक है।
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