इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी में क्या हैं करियर के के बेस्ट विकल्प

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Industrial psychology in Hindi

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी इंडस्ट्री के काम से जुड़ी साइकोलॉजी है। इसमें मुख्यत: किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के व्यवहार के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्यस्थलों की स्तिथि और संगठनो के सिद्धांतों से जुड़े संस्था के सदस्यों पर, वैज्ञानिक अध्ययन करने वाले विषय इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के बारें में जानेंगे। Industrial psychology in Hindi के बारें में गहराई से जानने के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

फील्ड साइकोलॉजी
विषयइंडस्ट्रियल साइकोलॉजी
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी किसकी शाखा है?बिहेवियरल साइकोलॉजी
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के प्रमुख क्षेत्र-आर्गेनाइजेशनल
-इंडस्ट्रियल 
-ह्यूमन फैक्टर
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का जनकविल्हेम वुंट
This Blog Includes:
  1. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी क्या है?
  2. क्यों करें इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी?
  3. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के लिए स्किल्स
  4. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए बेस्ट कोर्सेज़ 
  5. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज
  6. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए टॉप भारतीय कॉलेजेस 
  7. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए योग्यताएं 
  8. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए आवेदन प्रक्रिया
  9. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए आवश्यक दस्तावेज
  10. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए प्रवेश परीक्षाएं
  11. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए बेस्ट बुक्स
  12. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद करियर स्कोप
  13. इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी
  14. FAQS 

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी क्या है?

किसी भी संस्था की सफलता को बिना इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के नहीं आँका जाना चाहिए, क्योंकि इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी किसी भी संस्था या संगठन से जुड़े लोगों के व्यवहार और उनके दृष्टिकोण का अध्ययन करवाती है। जिसके बाद इंडस्ट्रियल साइकोलॉजिस्ट एक बेहतर नीति बनाने का काम करता है, जिससे संस्था या संगठन को एक बेहतर वातावरण मिलता है। 

क्यों करें इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी?

Industrial psychology in Hindi के अनुसार किसी भी संस्था या संगठन के वातावरण को सबके लिए अनुकूल बनाने के लिए और कर्मचारियों व संगठन की बेहतरी के लिए इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी की प्रकृति का अध्ययन करना बेहद अनिवार्य होता है जिसे हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझेंगे;

  • यदि आप इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी की प्रकृति को समझना चाहते है तो उसके लिए आपको इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का अध्ययन करना पड़ेगा।
  • किसी भी संस्था या संगठन के वातावरण को अनुकूलित करने व सबके लिए स्वस्थ माहौल बनाने के लिए इंडस्ट्रियल साइकोलॉजिस्ट की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी कोर्स किया जाता है।
  • इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद आप कर्मचारियों के व्यवहार और दृश्टिकोण को समझने के लिए सक्षम हो जाते है और इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं होती हैं।
  • इस कोर्स को करने के बाद आप सरकारी और गैरसरकारी क्षेत्र में भी रोजगार पा सकते हैं।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के लिए स्किल्स

Industrial psychology in Hindi के लिए आप में निम्नलिखित स्किल्स का होना बेहद जरूरी है;

  • कम्युनिकेशन
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग
  • रिसर्च
  • एंपैथी
  • पेशेंस
  • एथिक्स
  • ऑब्जर्वेशन
  • इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन
  • क्रिटिकल थिंकिंग 
  • एनालिटिकल स्किल
  • टाइम मैनेजमेंट
  • सोशल स्किल्स
  • इमोशनल इंटेलिजेंस
  • सेल्फ अवेयरनेस
  • फ्रेंडली इंड्रस्ट्रियल बिहेवियर आदि।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए बेस्ट कोर्सेज़ 

Industrial psychology in Hindi के लिए बेस्ट कोर्सेज़ की लिस्ट निम्नलिखित हैं;

  • Diploma in Industrial Psychology
  • Bachelors in in Industrial Psychology
  • Masters in Industrial Psychology
  • PhD in Industrial Psychology

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज

Industrial psychology in Hindi के लिए विदेश की कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज नीचे दी गई हैं;

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए टॉप भारतीय कॉलेजेस 

भारत की कुछ बेस्ट कॉलेजेस नीचे दी गई है जो Industrial psychology in Hindi में पढ़ाई करवाती है:

  • जैन यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
  • भरतहियर यूनिवर्सिटी, कोयम्बत्तूर 
  • जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी 
  • महात्मा गाँधी विद्यामंदिर इंस्टिट्यूट
  • एमएस यूनिवर्सिटी, बड़ौदा 
  • फर्गूसन कॉलेज, पुणे
  • एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
  • उत्कल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर 
  • अवदेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, रेवाड़ी 

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए योग्यताएं 

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए आवेदन से पहले आपकी योग्यताएं निम्नलिखित रूप से होनी चाहिए;

  • सबसे पहले तो आपके पास मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारवीं में पास होने की मार्कशीट होनी चाहिए।
  • फिर आपको साइकोलॉजी या आर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी में प्रमुख रूप से बैचलर्स की डिग्री करने की आवश्यकता है।
  • अपनी बैचलर्स की पढ़ाई पूरी करने पर आप बिज़नेस मैनेजमेंट, ह्यूमन रिसोर्सेस और मार्केटिंग जैसे विभिन्न संगठनों में इंटर्नशिप या शुरुआती स्तर की भूमिकाओं के लिए अपना योगदान दें सकते हैं।
  • इसके बाद जो छात्र प्रतिष्ठित निजी और सरकारी संगठनों में इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का अभ्यास करना चाहते हैं, उनके पास ऑर्गेनाइजेशनल/इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ मास्टर डिग्री होना आवश्यक है।
  • आप इसके साथ ही मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) या मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) की डिग्री का विकल्प भी चुन सकते हैं, जिसमें आपको एक थीसिस को पूरा करने की आवश्यकता होगी जो कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बाद आप या तो करियर की संभावनाओं का पता लगा सकते हैं या विकल्प चुन सकते हैं।
  • पीएचडी कार्यक्रमों को चुनकर रिसर्च और डेवलोपमेन्ट डोमेन या फिर इसके अलावा, एमबीए करना, यह एक पूरक डिग्री के रूप में कारगर साबित होगा। जिससे छात्रों को अर्थशास्त्र और मैनेजमेंट पहलुओं से संबंधित ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है।
  • यदि आप रिसर्च या शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको डॉक्टरेट की डिग्री पूरी करनी होगी। जिस भी कोर्स में आप रुचि रखते है, उसके आधार पर डॉक्टरेट पाठ्यक्रम पूरा होने में लगभग 4-5 वर्ष लगते ही हैं।
  • यदि आप औद्योगिक साइक्लोजी का अभ्यास करना चाहते हैं, तो इंटर्नशिप के रूप में काफी मात्रा में कार्य अनुभव के साथ पीएचडी या डॉक्टरेट की डिग्री के साथ स्नातक होने पर आपको लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
  • आपको लाइसेंस प्राप्त करने के लिए इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के क्षेत्र से संबंधित राज्य या राष्ट्रीय स्तर के बोर्डों तक पहुंचना पड़ सकता है आदि।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए आवेदन प्रक्रिया

नीचे दिए गए बिंदुओं के आधार पर ही आप इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए आवेदन कर सकते हैं;

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित हैं:

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए आवश्यक दस्तावेज

Industrial psychology in Hindi के माध्यम से आप यह जान पाएंगे कि इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए किन दस्तावेज़ों का होना आवश्यक है, जो कि निम्नलिखित हैं;

  • सभी प्रकार की आवश्यक तथा संबंधित आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट और मार्कशीट
  • स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
  • पोर्टफोलियो (आवश्यक होने पर)
  • अपडेट किया गया सीवी/ रिज्यूमे
  • एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा  
  • IELTS या TOEFL आदि आवश्यक टेस्ट स्कोर 
  • प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
  • SOP 
  • निबंध (आवश्यक होने पर)
  • बैंक विवरण आदि।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए प्रवेश परीक्षाएं

Industrial psychology in Hindi के माध्यम से यह जान पाएंगे कि इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए कौन सी मुख्य प्रवेश परीक्षाएं हैं जो कि निम्नलिखित हैं;

  • MU-OET
  • DUET
  • BHU PET
  • CUCET
  • JUET
  • जामिया प्रवेश परीक्षा

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए बेस्ट बुक्स

नीचे दी गई बेस्ट बुक्स आपकी सहायता करेगी जो कि Industrial psychology in Hindi के इस ब्लॉग से आप देख सकते हैं;

किताब का नाम लेखक का नाम लिंक
Industrial and Organizational Psychology Paul E.Spectorयहाँ से देखें 
Industrial PsychologyDhamejaयहाँ से देखें 
Industrial Psychology : Its Theoretical And Social FoundationsBLUM M.L.यहाँ से देखें 
Industrial PsychologyA. Negiयहाँ से देखें 
INDUSTRIAL PSYCHOLOGY: THEORY AND PRACTICEBhattacharyaयहाँ से देखें 

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद करियर स्कोप

Industrial psychology in Hindi के अनुसार इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद आप अपना करियर नीचे दिए गए क्षेत्रों में भी बना सकते हैं;

  • ह्यूमन रिसोर्सेस ऑर्गेनाइज़ेशनल डेवलोपमेन्ट मैनेजर 
  • बिहेवियर एनालिस्ट  
  • टैलेंट मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट
  • रिसर्च एनालिस्ट
  • युनिवर्सिटी प्रोफेसर
  • कंसल्टैंट 
  • टीम डेवलोपमेन्ट मैनेजर
  • ह्यूमन रिसोर्सेस प्रैक्टिस मैनेजर
  • ऑर्गेनाइजेशनल  डेवलोपमेन्ट साइक्लोजिस्ट
  • कंज्यूमर साइक्लोजिस्ट
  • पर्सनल  एनालिस्ट
  • इंस्ट्रक्शनल डिज़ाइनर

उपरोक्त करियर की संभावनाओं के साथ आप सरकारी और गैरसरकारी इंडस्ट्री, कार्यालय और स्कूलों में भी रोजगार पा सकते हैं।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी

Industrial psychology in Hindi के अनुसार इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद मिलने वाली कुछ जॉब्स और उनसे मिलने वाली औसतन सालाना सैलरी निम्नलिखित हैं;

जॉब्स औसतन सालाना सैलरी
इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट₹15-20 लाख 
लीड-इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स₹12-15 लाख 
साइकोमेट्रिक रिसर्चर₹6-8 लाख
डीजीएम – ह्यूमन रिसोर्सेस एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन्स₹23.5-25 लाख
मैनेजर/सीनियर मैनेजर- इंटरनेशनल ह्यूमन रिसोर्सेज ऑपरेशन्स एंड प्रोजेक्ट्स- स्ट्रक्चर्ड इंटर व्यूइंग (टैलेंट एक्वीजीशन)₹17.5-20 लाख

नोट: उपरोक्त सैलरी अनुमानित औसतन सालाना सैलरी है क्योंकि वास्तविक सैलरी का निर्धारण आपके अनुभव और कौशल के आधार पर तथा कंपनी की पॉलिसी के आधार पर किया जाता है।

FAQS 

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी किसे कहते हैं?

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी व्यावहारिक साइकोलॉजी की एक शाखा है जो कि किसी संसथान या संगठन में कर्मचारियों के व्यवहार और दृष्टिकोण का अध्ययन करती है और साथ ही एक बेहतर नीति से संस्था या सगठन को उन्नति के मार्ग पर ले जाती है।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का जनक किसे माना जाता है?

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का जनक विल्हेम वुंट को माना जाता है।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के मुख्य सिद्धांत क्या हैं?

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के मुख्य सिद्धांत क्रमशः ऑर्गेनाइजेशनल  साइक्लोजी की विशेषता भर्ती, चयन और नियुक्ति, प्रशिक्षण और विकास, प्रदर्शन माप, कार्यस्थल प्रेरणा और इनाम प्रणाली, कार्य जीवन की गुणवत्ता, कार्य की संरचना और मानव कारक, ऑर्गेनाइजेशनल  डेवलोपमेन्ट और उपभोक्ता व्यवहार के मुद्दों को संबोधित करना आदि हैं।

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के प्रमुख क्षेत्र कौन से हैं?

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के मुख्यतः 3 क्षेत्र होते हैं;
-आर्गेनाइजेशनल 
-इंडस्ट्रियल 
-ह्यूमन फैक्टर

आशा हैंं कि आपको Industrial psychology in Hindi पर आधारित यह ब्लॉग जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर आप औद्योगिक साइक्लोजी की प्रकृति का अध्ययन विदेश में करना चाहते हैं तो आज ही Leverage Edu एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर कॉल करके 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें और अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई वीडियो को भी देख सकते हैं।

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