महान समाजसेवी बाबा आमटे का जीवन परिचय – Baba Amte Biography in Hindi

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Baba Amte Biography in Hindi

Baba Amte Biography in Hindi: भारत में बहुत से समाजसेवियों ने अपने अभूतपूर्व योगदान से देश-दुनिया में अमिट छाप छोड़ी है। इनमें से एक नाम ‘मुरलीधर देवीदास आमटे’ का भी है जिन्हें हम ‘बाबा आमटे’ के नाम से जानते हैं। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन कुष्ठ रोगियों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया था। इसके अलावा वह ‘पर्यावरण संरक्षण आंदोलन’ और ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ का भी हिस्सा रहे थे। 

वहीं बाबा आमटे को उनके कल्याणकारी कार्यों के लिए वर्ष 1985 में एशिया के सर्वोच्च सम्मान “रेमन मैगसेसे पुरस्कार” (Ramon Magsaysay Award) से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1971 “पद्मश्री” व वर्ष 1986 में “पद्म विभूषण” से नवाजा जा चुका हैं। आइए अब हम भारत के महान समाजसेवी बाबा आमटे का जीवन परिचय (Baba Amte Biography in Hindi) और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मूल नाम मुरलीधर देवीदास आमटे
उपनाम बाबा आमटे
जन्म 26 दिसंबर 1914
जन्म स्थान हिंगनघाट गांव, वर्धा जिला, महाराष्ट्र 
शिक्षा एम.ए, एलएलबी 
पिता का नाम देवीदास हरबाजी आमटे
माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे
पत्नी का नाम साधना गुलशास्त्री 
पेशा सामाजिक कार्यकर्ता 
पुरस्कार एवं सम्मान “रेमन मैगसेसे पुरस्कार”, “पद्मश्री”, “गांधी पीस अवॉर्ड” आदि। 
निधन 09 फरवरी 2008 

महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हुआ था जन्म – Baba Amte Information in Hindi

महान समाजसेवी बाबा आमटे का जन्म 26 दिसंबर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हिंगनघाट गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम ‘मुरलीधर देवीदास आमटे’ था किंतु अपने समाजसेवी कार्यों के लिए ‘बाबा आमटे’ नाम से विख्यात हुए। बाबा आमटे के पिता का नाम ‘देवीदास हरबाजी आमटे’ था जो ब्रिटिश भारत के प्रशासन में प्रमुख अधिकारी थे और अपने जिले के धनी जमीदारों में से एक थे। वहीं उनकी माता का नाम ‘लक्ष्मीबाई आमटे’ था जो कि एक गृहणी थीं। 

वकालत की पढ़ाई की 

जमीदार परिवार के होने के नाते बाबा आमटे का बचपन बिल्कुल राजकुमारों की तरह बीता। उनकी प्रारंभिक शिक्षा नागपुर के ‘क्रिश्चियन मिशन स्कूल’ में हुई। इसके बाद उन्होंने ‘नागपुर विश्वविद्यालय’ से लॉ की डिग्री हासिल की और कुछ समय तक वकालत भी की। इस दौरान उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग ले रहे स्वतंत्रता सेनानियों के बचाव के वकील के तौर पर काम किया। बता दें कि उनका वर्ष 1946 में 14 वर्ष की अल्प आयु में ‘साधना गुलशास्त्री’ से विवाह हुआ। जिन्होंने बाबा आमटे के साथ मिलकर जन कलयाण के कार्य में अपना अहम योगदान दिया।  

महात्मा गांधी और विनोबा भावे से थे प्रभावित 

ये वो दौर था जब संपूर्ण भारत में स्वत्रंत्रता के लिए ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आंदोलन चल रहे थे। वहीं बाबा आमटे राष्ट्रपितामहात्मा गांधीऔर समाज सुधारक ‘आचार्य विनोबा भावे’ के विचारों से बहुत प्रभावित थे। इसलिए उन्होंने अहिंसा का रास्ता चुनते हुए समाजसेवा के लिए कार्य किया। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन का कुछ समय महात्मा गांधी के सेवाश्रम में भी बिताया जिसके बाद वह गांधी जी अनुयायी बन गए। क्या आप जानते हैं कि गांधी जी ने उन्हें अभय साधक नाम दिया था।

समाजसेवा के लिए समर्पित किया जीवन 

बता दें कि 35 वर्ष की आयु में बाबा आमटे ने वकालत को छोड़कर अपना जीवन कुष्ठ रोगियों और जन कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था। उन्होंने कुष्ठ रोग से पीड़ित व्यक्तियों के लिए ‘आनंनद भवन आश्रम’ की स्थापना की जहाँ उनका निःशुल्क इलाज किया जाता है। वहीं जो रोगी इस बीमारी के कारण समाज से पृथक होकर दयनीय जीवन व्यतीत करने को मजबूर थे उन्हें सर उठाकर जीना व उनके उत्थान के लिए बाबा आमटे ने अपना अभूतपूर्व योगदान दिया।  

समाज सुधार के लिए मिले कई पुरस्कार 

यहाँ महान समाजसेवी बाबा आमटे का जीवन परिचय (Baba Amte Biography in Hindi) के साथ ही उन्हें मिले कुछ प्रमुख पुरस्कारों व सम्मान के बारे में बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • पद्मश्री – वर्ष 1971 
  • राष्‍ट्रीय भूषण – वर्ष 1978  
  • रेमन मैगसेसे पुरस्कार – वर्ष 1985 
  • पद्म विभूषण – वर्ष 1986 
  • गांधी शांति पुरस्कार 
  • भारत सरकार ने बाबा आमटे के सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया था। 

93 वर्ष की आयु में हुआ निधन 

बाबा आमटे ने अपना संपूर्ण जीवन जन कल्याण और कुष्ठ रोगियों की सेवा के लिए समर्पित किया था। इसके साथ ही वह नर्मदा बचाव आंदोलन और पर्यावरण संरक्षण आंदोलन का भी हिस्सा रहे थे। जीवन के अंतिम वर्ष भी उनके समाज सेवा में ही गुजरे और 09 फरवरी 2008 को 93 की आयु में उनका निधन हो गया। लेकिन उनके अभुतपूर्व कार्यो के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है। वर्ष 2025 में बाबा आमटे की 111वीं जयंती मनाई जाएगी। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ महान समाजसेवी बाबा आमटे का जीवन परिचय (Baba Amte Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेनामवर सिंह सरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा

FAQs 

बाबा आमटे का मूल नाम क्या था?

उनका मूल नाम मुरलीधर देवीदास आमटे था। 

बाबा आमटे का जन्म कहाँ हुआ था?

उनका जन्म 26 दिसंबर 1914 को महाराष्ट्र के वर्धा जिले में हिंगनघाट गाँव में हुआ था। 

बाबा आमटे ने कहाँ से शिक्षा प्राप्त की थी?

बाबा आमटे ने नागपुर विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री हासिल की थी। 

बाबा आमटे ने किस आश्रम की स्थापना की थी?

बता दें कि बाबा आमटे ने कुष्ठ रोगियों के लिए ‘आनंनद भवन आश्रम’ की स्थापना की। 

बाबा आमटे का निधन कब हुआ था?

उनका 09 फरवरी 2008 को 93 की आयु में उनका निधन हो गया था। 

बाबा आमटे ने कौन सा आंदोलन शुरू किया था?

बाबा आमटे एक महान समाजसेवी और गांधीवादी नेता थे, जिन्हें खासकर कुष्ठ रोगियों के लिए किए गए कामों के लिए जाना जाता है। वे भारतीय समाज के सबसे बड़े मानवाधिकार रक्षकों में से एक थे। 

बाबा आमटे ने कौन सा आंदोलन शुरू किया था?

बाबा आमटे (Baba Amte) ‘पर्यावरण संरक्षण आंदोलन’ और ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ का हिस्सा रहे थे।

बाबा आमटे को किस वर्ष पद्म श्री से सम्मानित किया गया था?

वर्ष 1971 में बाबा आमटे को भारत सरकार द्वारा प्रतिष्ठित “पद्म श्री” पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

आनंद वन के संस्थापक कौन थे?

इसकी स्थापना 1949 में प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बाबा आमटे ने की थी।

आशा है कि आपको महान समाजसेवी बाबा आमटे का जीवन परिचय (Baba Amte Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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