Shakeel Badayuni: मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी का जीवन परिचय 

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Shakeel Badayuni Biography in Hindi

Shakeel Badayuni Biography in Hindi: हिंदी फिल्मों के लोकप्रिय गीतकार और शायर शकील बदायुनी को उनके सदाबहार गीतों के लिए आज भी याद किया जाता है। उन्होंने हिंदी सिनेमा जगत को ‘चौदहवीं का चांद’, ‘तू गंगा की मौज मैं जमुना का धारा’, ‘न जाओ सैंया छुड़ा के बैयां कसम तुम्हारी’, ‘हुस्नवाले तेरा जवाब नहीं’, ‘सुहानी रात ढल चुकी’ और ‘ओ दुनिया के रखवाले’ आदि बेहतरीन गीत दिए हैं, जिन्हें लोग आज भी गुनगुनाना पसंद करते हैं। माना जाता है कि उन्होंने अपने फ़िल्मी सफर में लगभग 89 फिल्मों के लिए गीत लिखें थे। आइए अब मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी का जीवन परिचय और उनकी उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मूल नाम शकील अहमद
उपनाम शकील बदायूंनी (Shakeel Badayuni)
जन्म 3 अगस्त, 1916 
जन्म स्थान बदायूं जिला, उत्तर प्रदेश 
पिता का नाममोहम्मद जमाल अहमद कादरी
पेशा शायर और गीतकार 
भाषा उर्दू, हिंदी 
पुरस्कार एवं सम्मान फिल्मफेयर अवार्ड 
निधन 20, अप्रैल 1970 मुंबई

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ था जन्म – Shakeel Badayuni Biography in Hindi

प्रसिद्ध गीतकार एवं शायर शकील बदायुनी का जन्म 3 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ था। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 13वीं सदी के सूफी ‘संत निजामुद्दीन औलिया’ का जन्म भी यहीं हुआ था। इसके अलावा बदायूं ने हिंदी सिनेमा और साहित्य जगत को बहुत से लोकप्रिय कवि और साहित्यकार दिए हैं, जिनमें इस्मत चुगताई, ‘जीलानी बानो’, ‘बेखुद बदायूंनी’, ‘अदा जाफ़री’,और ‘फ़ानी बदायुनी’ का नाम लिया जा सकता हैं।

शकील बदायुनी के पिता का नाम ‘मोहम्मद जमाल अहमद कादरी’ था। बताया जाता है कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई थीं जहाँ उन्हें उर्दू, अरबी, फ़ारसी और हिंदी की तालीम दी गई। इसके बाद वह वर्ष 1936 में ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ गए जहाँ से उन्होंने बी.ए की डिग्री हासिल की। माना जाता है कि इसी दौरान उन्होंने शेरों-शायरी शुरू कर दी थी और मुशायरों में भी जाने लगे थे। 

आपूर्ति अधिकारी के रूप में की पहली नौकरी 

शिक्षा पूर्ण होने के बाद वर्ष 1940 में शकील बदायुनी का विवाह ‘सलमा’ के साथ हो गया। इसके बाद वह वर्ष 1942 में दिल्ली आ गए और आपूर्ति विभाग में आपूर्ति अधिकारी के रूप में कार्य करने लगे। किंतु इस दौरान भी उनकी शेरों-शायरी जारी रही और वह मुशायरों में भी हिस्सा लेते रहे जिससे उन्हें पूरे देश में शोहरत हासिल हुई। 

फिल्मी दुनिया का सफर 

Shakeel Badayuni Biography in Hindi: इसके बाद शकील बदायुनी ने अपनी शेरों शायरी की दिन-प्रतिदिन बढ़ती लोकप्रियता से उत्साहित होकर लगभग चार साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया। वर्ष 1946 में उन्होंने बबंई (वर्तमान मुंबई) का रुख किया जहाँ एक सुनहरा भविष्य उनका इंतजार कर रहा था। यहाँ आकर उन्होंने उस दौर के मशहूर फिल्म निर्माता ‘अब्दुर रशीद करदार’ और दिग्गज संगीतकार ‘नौशाद’ से मुलाकात की। लेकिन जब नौशाद ने शकील बदायुनी से एक लाइन में उनका काव्य कौशल बताने को कहा तो उन्होंने यह कहा, “हम दर्द का अफसाना दुनिया को सुना देंगे, हर दिल में मोहब्बत की आग लगा देंगे”। यह गीत नौशाद को बहुत पसंद आया और उन्हें गीतकार के रूप में साइन कर लिया गया। 

इसके बाद नौशाद और शकील बदायुनी की जोड़ी ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया और सिनेमा जगत को बहुत से सदाबहार गीत दिए। वहीं, शकील ने बाद में रवि वर्मा, मोहम्मद रफी और हेमंत कुमार के साथ भी काम किया। बता दें कि वर्ष 1961 में उन्हें  फिल्म ‘चौदहवीं का चाँद’ (Chaudhvin Ka Chand) के गीत “चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो, जो भी हो तुम खुदा की कसम लाजवाब हो” के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ मिला था। फिर उन्हें वर्ष 1962 में फिल्म ‘घराना’ (Gharana) में लिखें गीत ‘हुस्नवाले तेरा जवां नहीं’ के लिए दोबारा सर्वश्रेष्ठ गीतकार का ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ प्रदान किया गया था।

यह भी पढ़ें – शकील बदायूनी के चुनिंदा शेर, शायरी और ग़ज़ल

शकील बदायुनी का निधन

शकील बदायुनी का मुंबई में 53 वर्ष की आयु में 20 अप्रैल, 1970 को निधन हो गया था। किंतु आज भी उनके सदाबहार गीतों को सुना और गुनगुनाया जाता है। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी का जीवन परिचय (Shakeel Badayuni Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही है। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेलाला लाजपत रायसरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा
कुँवर नारायणनामवर सिंहनागार्जुन
मलिक मुहम्मद जायसीकर्पूरी ठाकुर केएम करियप्पा
अब्राहम लिंकनरामकृष्ण परमहंसफ़ैज़ अहमद फ़ैज़
अवतार सिंह संधू ‘पाश’ बाबा आमटेमोरारजी देसाई 
डॉ. जाकिर हुसैनराही मासूम रज़ा रमाबाई अंबेडकर
चौधरी चरण सिंहपीवी नरसिम्हा रावरवींद्रनाथ टैगोर 
आचार्य चतुरसेन शास्त्री मिर्ज़ा ग़ालिब कस्तूरबा गांधी
भवानी प्रसाद मिश्रसोहनलाल द्विवेदी उदय प्रकाश

FAQs 

शकील बदायूंनी का मूल नाम क्या था?

उनका मूल नाम ‘शकील अहमद’ था। 

शकील बदायूंनी का जन्म कहा हुआ था?

शकील बदायुनी का जन्म 3 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में हुआ था। 

शकील बदायूंनी की पत्नी का क्या नाम था?

उनकी पत्नी का नाम ‘सलमा’ था।

 शकील बदायूंनी को पहला फिल्मफेयर पुरस्कार कब मिला था?

 वर्ष 1961 में उन्हें  फिल्म ‘चौदहवीं का चाँद’ में गीत “चौदहवीं का चांद हो या आफताब हो” के लिए सर्वश्रेष्ठ गीतकार का ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ मिला था।

शकील बदायूंनी का निधन कब हुआ था?

शकील बदायुनी का मुंबई में 53 वर्ष की आयु में 20 अप्रैल, 1970 को निधन हो गया था। 

आशा है कि आपको मशहूर शायर और गीतकार शकील बदायूंनी का जीवन परिचय (Shakeel Badayuni Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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