भारत इस वर्ष 26 जनवरी को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। एक गणतांत्रिक देश के रूप में यह भारत का सबसे बड़ा उत्सव है। इस दिन वर्ष 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था। इसी अवसर के उपलक्ष्य में हर साल भारत 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाता है। क्या आपको पता है संविधान सभा का अध्यक्ष कौन थे? यहाँ इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
भारत की संविधान सभा का गठन
दूसरे विश्व युद्ध के बाद जुलाई 1945 में इंग्लैंड में एक सरकार बनी। इस नई सरकार ने भारत में संविधान संबंधी नई नीति की घोषणा की और एक संविधान समिति बनाने का निर्णय किया जो भारत में संविधान निर्माण का काम करेगी। इस कार्य के लिए ब्रिटेन के तात्कालीन प्रधानमंत्री एटली ने इस कार्य हेतु तीन मंत्रियों का एक समूह भारत भेजा। इस सभा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. भीमराव आंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जवाहरलाल नेहरू, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि इस सभा के प्रमुख सदस्य थे। अनुसूचित वर्गों से 30 से ज्यादा सदस्य इस सभा के सदस्यों के रूप में चुने गए थे।
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे?
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने अपने तीन मंत्रियों को भारत के संविधान सभा का गठन करने के लिए भारत भेजा था। इस समिति ने सच्चिदानन्द सिन्हा इस सभा के प्रथम सभापति चुना। लेकिन बाद में डॉ राजेन्द्र प्रसाद को सभापति निर्वाचित किया गया।
डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी मिला अहम पद
डॉ. भीमराव अंबेडकर अपने समय के विद्वान महापुरुषों में से एक थे। वे क़ानून के बड़े विद्वान और ज्ञाता थे। वे उस समय देश के बड़े वकीलों में से एक थे। एटली के मंत्री इस बात को जानते थे। उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान सभा की निर्मात्री समिति के अध्यक्ष के रूप में चयनित किया।
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