आज के इस युग में हर एक फील्ड में हमें इंजीनियर की ज़रूरत होती है क्योंकि किसी भी टेक्निकल चीज की खामियों को ठीक कर देते हैं। जैसे किसी इमारत बनाने के लिए सिविल इंजीनियर की जरूरत होती है। गाड़ियों को बनाने और ठीक करने के लिए मैकेनिकल इंजीनियर की ज़रूरत होती है। वैसे ही हवाई जहाज के किसी पार्ट्स में आई कमी को एयरोनॉटिकल इंजीनियर ठीक करता है। aeronautical engineer kaise bane और इसके लिए क्या योग्यता होनी चाहिए, कहाँ से इसकी पढ़ाई करनी चाहिए इन सभी बातों की चर्चा आज हम अपने ब्लॉग में करेंगे। चलिए विस्तार से जानते हैं कि aeronautical engineer kaise bane।
कोर्स का नाम | Aeronautical engineering |
कोर्स लेवल | अंडरग्रेजुएट |
कोर्स अवधि | 4 वर्ष |
योग्यता | साइंस स्ट्रीम से न्यूनतम 60%-70% अंकों के साथ 10+2 और 3 साल के इंजीनियरिंग डिप्लोमा करने के बाद टॉप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कॉलेज/यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए AME CET परीक्षा देनी होगी। |
परीक्षा के प्रकार | सेमेस्टर के हिसाब से |
कोर्स फीस | INR 8-15 लाख |
एडमिशन प्रक्रिया | प्रवेश परीक्षा के आधार पर |
टॉप रिक्रूटर्स | -DRDO -ISRO -Boeing -Lockheed Martin -Airbus -Hindustan Aeronautical Ltd (HAL) -National Aeronautical Lab (NAL) |
औसत शुरूआती सैलरी | INR 5-6 लाख |
जॉब प्रोफाइल्स | -एयरोस्पेस इंजीनियर -डिज़ाइन इंजीनियर -सिस्टम सेफ्टी मैनेजमेंट इंजीनियर |
This Blog Includes:
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्या है?
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अंतर
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्यों करें?
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के फायदे
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए स्किल्स
- एयरोनॉटिकल इंजीनियर के कार्य
- एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का सिलेबस
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए कोर्सेज
- विदेशों में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
- भारत में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
- योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- प्रवेश परीक्षाएं
- करियर स्कोप
- टॉप रिक्रूटर्स
- सैलरी
- FAQs
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्या है?
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग में ऐसी फील्ड है, जिसमें एयरक्राफ्ट को ऑपरेट करना, उसकी डिजाइनिंग औरडेवलपमेंट शामिल हैं। यह कोर्स नए प्रोफेशनल्स को कमर्शियल या मिलिट्री एयरक्राफ्ट, मिसाइल्स और स्पेसक्राफ्ट के कंस्ट्रक्शन, डिजाइनिंग, टेस्टिंग और एनालिसिस में ट्रेनिंग देता है। इसके अलावा एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में कमर्शियल एविएशन, डिफेंस सिस्टम्स और स्पेस एक्सप्लोरेशन में रिसर्च करना भी शामिल है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अंतर
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग दोनों ही अलग अलग फील्ड है लेकिन इन दोनों ही फील्ड का काम लगभग मिलता जुलता है। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग उन वायुयानों के डिजाइन और विकास के लिए है जो पृथ्वी के वायुमंडल के भीतर उड़ान भरते हैं, जबकि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग उड़ान भरने वाले सभी हवाई जहाजों के साथ-साथ पृथ्वी के बाहर के वातावरण का भी अध्ययन कराती है। इस प्रकार इसमें मिसाइल्स, रॉकेट्स, सैटेलाइट्स, स्पेसक्राफ्ट, स्पेस स्टेशन आदि का अध्ययन शामिल है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्यों करें?
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग व्यक्तियों के लिए लगातार बढ़ते उद्योग में काम कर एक्सपीरियंस प्राप्त करने का मौका देता है। Boeing और Airbus जैसी विमान बनाने वाली कंपनियों से लेकर ऑटोमोबाइल, रक्षा और परामर्श क्षेत्रों में भी विकल्प तलाशे जा सकते हैं। इस प्रकार यह एक बहुमुखी लेकिन युवाओं के लिए आकर्षक कैरियर मार्ग बना रहा है। नीचे कुछ कारण बताये गए हैं, जो आपको यह जानने में मदद करेंगे की एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग क्यों करनी चाहिए-
- एरोनॉटिक्स और एयरोस्पेस आपको रिसर्च, डिज़ाइन और एयरक्राफ्ट के रख-रखाव से जुड़े रोजगार के बड़े अवसर प्रदान करते हैं।
- एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का चयन करना देश के एरोनॉटिक्स और एयरोस्पेस के विकास में योगदान दे सकता है।
- एरोनॉटिक्स एक चैलेंजिंग और क्रिटिकल प्रोफेशन है, जिसमें हाई-लेवल कमिटमेंट और कड़ी मेहनत की आवश्यकता होती है। प्रतिष्ठित और बड़े संगठन आपको आकर्षित सैलरी पैकेज प्रदान करते हैं। एयरोनॉटिकल इंजीनियर की औसत सालाना आय INR 5 लाख से शुरू होकर INR 10-12 लाख तक होती है।
- एयरोनॉटिकल इंजीनियर के द्वारा आपको दुनिया भर में यात्रा करने का अवसर मिल सकता है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के फायदे
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग आज सिर्फ विमान डिज़ाइन करने, उनके रखरखाव के तकनीकी विषयों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वर्तमान में एविएशन लॉ और रेगुलेशन, सप्लाई चैन, ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट, बिहेवियरल साइकोलॉजी जैसे क्षेत्रों से भी जुड़ा हुआ है। यह व्यक्तियों को इस इंडस्ट्री में बढ़ते रोजगार में काम करके अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए स्किल्स
aeronautical engineer kaise bane जानने के साथ-साथ यह जानना भी आवश्यक है कि इसके लिए किन-किन स्किल्स का होना आवश्यक है-
- समस्या को सुलझाना
- त्वरित निर्णय लेना
- जटिल अन्वेषण
- विशेषज्ञ गणितीय योग्यता
- समय प्रबंधन
- कंप्यूटर टूल्स
- मौखिक और लिखित संचार कौशल
- एकाधिक भाषाएँ [पसंदीदा]
- नेतृत्व
- टीम वर्क
- सहयोग
एयरोनॉटिकल इंजीनियर के कार्य
एयरोनॉटिकल इंजीनियर, एयरक्राफ्ट के साथ काम करते हैं। एयरोनॉटिकल इंजीनियर का मुख्य काम होता है एयरक्राफ्ट और प्रोपल्शन सिस्टम्स को डिज़ाइन करना और एयरक्राफ्ट व कंस्ट्रक्शन मटीरियल के एयरोडायनामिक प्रदर्शन की पढ़ाई करना। वे धरती के वातावरण के अंदर फ्लाइट की थ्योरी, टेक्नोलॉजी का काम करते हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
एयरोनॉटिकल इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है-
- स्टेप 1: आवश्यक शिक्षा पूरी करें: आपको किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से एयरोनॉटिकल या एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में चार साल की डिग्री हासिल करनी चाहिए। इन डिग्रियों में गणित, विज्ञान और भौतिकी के कोर्सेज शामिल हैं। आप प्रैक्टिकल लैब्स में भी भाग लेंगे जो वायुगतिकीय सिद्धांतों का परीक्षण करते हैं और इंजीनियरिंग के यांत्रिक पक्ष को समझने के लिए आवश्यक तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करते हैं। यदि आप एक निश्चित प्रकार की इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल करना चाहते हैं, तो अपनी मास्टर डिग्री हासिल करने पर विचार करें।
- स्टेप 2: FE उत्तीर्ण करें: ग्रेजुएशन के बाद, आपको इंजीनियर बनने के लिए फंडामेंटल इंजीनियरिंग परीक्षा देनी होगी और पास करनी होगी। FE आपको तब तक एक इंजीनियर के रूप में काम करने की अनुमति देता है जब तक कि आप PE लेने के लिए पर्याप्त अनुभव अर्जित नहीं कर लेते।
- स्टेप 3: अनुभव प्राप्त करें: PE के लिए क्वालीफाई करने के लिए, आपको इंजीनियरिंग सेटिंग में अनुभव की आवश्यकता होगी। एक नियोक्ता खोजें जो आपको प्रशिक्षित करने और निर्देश देने के लिए तैयार है जब तक कि आप पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त नहीं कर लेते।
- स्टेप 4: PE हासिल करें: क्षेत्र में कम से कम चार वर्षों तक काम करने के बाद, आप एक लाइसेंस प्राप्त इंजीनियर बनने के लिए प्रोफेशनल इंजीनियरिंग परीक्षा दे सकते हैं।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का सिलेबस
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाए जाने वाले विषय इस प्रकार हैं:
सेमेस्टर I | सेमेस्टर II |
कम्युनिकेटिव इंग्लिश | बेसिक्स ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग |
गणित I | मटीरियल साइंस |
फिजिक्स I | फिजिक्स 2 |
केमिस्ट्री | थर्मोडायनामिक्स |
सिविल इंजीनियरिंग बेसिक्स | एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग |
बेसिक्स ऑफ मैकेनिक्स | प्रैक्टिकल लैब |
प्रैक्टिकल लैब | – |
सेमेस्टर III | सेमेस्टर IV |
गणित III | प्रोपल्शन सिस्टम |
एयरक्राफ्ट परफॉरमेंस | फंडामेंटल्स ऑफ गैस टरबाइन इंजन |
एयरक्राफ्ट स्ट्रक्चर I | एयरक्राफ्ट स्ट्रक्चर 2 |
बॉडी डिज़ाइन 1 | बॉडी डिज़ाइन 2 |
प्रिंसिपल्स ऑफ एरोडायनामिक्स | ड्राफ्ट तकनीकें |
बीम्स एंड ट्रस | टर्निंग परफॉरमेंस स्टडी |
प्रैक्टिकल लैब | प्रैक्टिकल लैब |
सेमेस्टर V | सेमेस्टर VI |
एक्सपेरिमेंटल स्ट्रेस एनालिसिस | प्रोफेशनल एथिक्स |
एयरक्राफ्ट स्टेबिलिटी एंड कण्ट्रोल | प्रिंसिपल्स ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस और इंजीनियरिंग |
कण्ट्रोल ऑफ एयरक्राफ्ट | मैनेजमेंट साइंस |
मेंटेनेंस ऑफ एयरक्राफ्ट | मेंटेनेंस ऑफ एयरक्राफ्ट 2 |
मिसाइल प्रोपल्शन | टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट |
एडवांस्ड प्रोपल्शन तकनीकें | प्रैक्टिकल लैब |
इलेक्टिव 1 | इलेक्टिव 2 |
प्रैक्टिकल लैब | – |
सेमेस्टर VII | सेमेस्टर VIII |
इमरजेंसी ऑपरेशन्स | एयर ट्रैफिक कंट्रोल |
सेफ्टी ऑफ ऑपरेशन्स | GPS टेक्नोलॉजी |
इलेक्टिव विषय 3 | इलेक्टिव 4 |
ग्लोबल एविएशन सेक्टर | पर्सनेल मैनेजमेंट |
प्रोजेक्ट | प्रोजेक्ट |
प्रैक्टिकल लैब | प्रैक्टिकल लैब |
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए कोर्सेज
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में अंडरग्रेजुएट और डिप्लोमा लेवल के सभी कोर्स इसमें करियर बनाने वाले युवाओं की पसंद होते हैं। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कोर्सेज की लिस्ट नीचे दी गई है-
- Bachelor’s in Aeronautical Engineering
- BEng Aerospace Engineering
- BSc Aeronautics
- BTech in Avionics
- BE/BTech in Aeronautical Engineering
- BE in Aircraft Engineering
- Diploma in Aeronautical Engineering
- MEng in Aeronautical Management
- Master’s in Aerospace Engineering
- Master’s in Aeronautical and Aerospace Engineering
- MTech in Space Engineering and Rocketry
- PhD in Aeronautical and Automobile Engineering
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विदेशों में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
अमेरिका में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कॉलेजों ने न केवल कैरियर की संभावनाओं के मामले में बल्कि कोर्सेज, प्रसिद्ध फैकल्टीज के मामले में भी खुद को पहले स्थान पर पहुंचा दिया है। लेकिन यूके, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे स्थानों में यह उभरती हुई इंडस्ट्री के रूप में है, जिसे टाइम्स हायर एजुकेशन ने भी मान्यता दी है। नीचे दी गई लिस्ट में कुछ विदेशों के कुछ टॉप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की यूनिवर्सिटीज शामिल हैं-
यूनिवर्सिटी का नाम | देश | कोर्सेज |
कैलिफोर्निया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी [कैलटेक] | यूएसए | 1. PhD in Aeronautics 2. MSc in Aeronautics |
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी | यूएसए | 1. BSc in Aeronautics & Astronautics 2. MSc in Aeronautics & Astronautics 3. PhD in Aeronautics & Astronautics |
मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी [एमआईटी] | यूएसए | 1. BSc in Aerospace Engineering 2. Doctor of Science in Aeronautics & Astronautics 3. PhD in Aeronautics & Astronautics |
प्रिंसटन विश्वविद्यालय | यूएसए | 1. Bachelor of Science in Engineering in Mechanical & Aerospace Engineering 2. Master of Science in Mechanical & Aerospace Engineering 3. PhD in Mechanical & Aerospace Engineering |
इंपीरियल कॉलेज लंदन | यूके | 1. MSc Advanced Aeronautical Engineering 2. MSc Advanced Computational Methods for Aeronautics, Flow Management & Fluid-Structure Interaction 3. MEng Aeronautical Engineering (Hons) |
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन | यूके | 1. PG Certificate Defence Systems Engineering 2. MSc Space Science & Technology: Space Technology |
टोरोन्टो विश्वविद्यालय | कनाडा | 1. Master of Applied Science in Aerospace Science & Engineering 2. MEng in Aerospace Science & Engineering 3. PhD in Aerospace Science & Engineering |
मिशिगन यूनिवर्सिटी | यूएसए | 1. BSE in Aerospace Engineering 2. MSE in Aerospace Engineering 3. PhD in Aerospace Engineering |
मेलबर्न विश्वविद्यालय | ऑस्ट्रेलिया | Master of Engineering [MEchanical with Aerospace] |
जॉर्जिया इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी | यूएसए | 1. BSc in Aerospace Engineering 2. MSc in Aerospace Engineering 3. PhD in Aerospace Engineering |
सिडनी विश्वविद्यालय | ऑस्ट्रेलिया | 1. Bachelor of Engineering [Aeronautical]-Hons 2. Master of Professional Engineering [Aerospace] |
डेल्ट यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी | नीदरलैंड | 1. BSc in Aerospace Engineering 2. MSc in Aerospace Engineering |
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भारत में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज
भारत में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराने वाले टॉप कॉलेजों की लिस्ट इस प्रकार है-
इंस्टीट्यूट का नाम | स्थान | औसत सालाना फीस (INR) |
PEC यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी | चंडीगढ़ | INR 1.02 लाख |
SRM यूनिवर्सिटी | चेन्नई | INR 2 लाख |
NIT | नई दिल्ली | INR 1.04 लाख |
जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल विश्वविद्यालय | काकीनाडा | INR 1.20 लाख |
IIT | खड़गपुर | INR 2.20 लाख |
सत्यबामा विश्वविद्यालय | चेन्नई | INR 1.85 लाख |
योग्यता
एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में यदि आप कैरियर बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए आप 12वीं पीसीएम के साथ कम से कम 50% अंको से पास हों। इसके लिए आप बीटेक इन एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, डिप्लोमा इन एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे कोर्स कर आप इस फील्ड में कैरियर बना सकते हैं।
- आप अगर बैचलर डिग्री कोर्स में आवेदन करना चाहते हैं उसके लिए आपको 10+2 (विज्ञान विषय से), न्यूनतम 50% अंकों के साथ उत्तीर्ण करना ज़रूरी है।
- अगर आप मास्टर्स के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको चार वर्षीय बैचलर डिग्री पूरी करनी होगी।
- अगर आप पीएचडी के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको संबंधित विषयों में मास्टर डिग्री से उतरी होना ज़रूरी है।
- भारत में पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए आपको UGC NET, TIFR, JRF-GATE या राज्य स्तरीय प्रवेश परीक्षा पास करने होंगे।
- भारत में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए आपको JEE Mains, JEE Advanced जैसे प्रवेश परीक्षा पास करने होंगे। विदेश में बैचलर्स डिग्री कोर्सेज के लिए SAT और ACT की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।
- एक अच्छे IELTS/TOEFL अंक अंग्रेज़ी कुशलता के रुप में होना आवश्यक है।
- विदेश में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग के मास्टर डिग्री प्रोग्राम में दाखिला लेने के लिए आपके पास एक अच्छा GMAT/GRE स्कोर होना चाहिए।
- विदेश में कुछ विश्वविद्यालय मास्टर डिग्री के लिए 2 वर्ष के कार्य अनुभव की भी मांग करती है, जिसका समय विश्वविद्यालय के लिए अलग अलग भी हो सकता है ।
- विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियोभी जमा करने की जरूरत होती है।
आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finderकी सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसेSOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसेIELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Liveकक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजाऔर छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
प्रवेश परीक्षाएं
यहां उन सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रवेश परीक्षाओं की सूची दी गई है जिनका उपयोग भारत और विदेशों के विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग डिग्री के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए करते हैं–
SAT (विदेश में बैचलर्स के लिए) | GRE (विदेश में मास्टर्स के लिए) |
JEE Mains | JEE Advanced |
AICET | IMU CET |
MERI Entrance Exam | – |
करियर स्कोप
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद नीचे करियर स्कोप दिया गया है-
- रिसर्च असिस्टेंट
- लेक्चरर/प्रोफेसर
- एयरक्राफ्ट तकनीशियन
- एयरोस्पेस मेडिसिन एक्सपर्ट
- ऐरक्रैश इन्वेस्टीगेशन एक्सपर्ट
- एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियर
- टेक्निकल अफसर
- एयरक्राफ्ट डिज़ाइन इंजीनियर
- QA इंजीनियर
- एयरवर्दीनेस इंजीनियर
- एरोडायनमिस्ट
- स्ट्रक्चर एंड मटीरियल इंजीनियर
- एकॉस्टिक एक्सपर्ट्स
- स्ट्रेस एनालिस्ट
टॉप रिक्रूटर्स
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करने के बाद टॉप रिक्रूटर्स के नाम इस प्रकार हैं:
- Hindustan Aeronautical Ltd (HAL)
- National Aeronautical Lab (NAL)
- Hindustan Aeronautics
- Government of India, Department of Space, Indian Space Research Organisation
- Brahmos Aerospace
- Indian Air Force
- Defense Research and Development Laboratory
- Aeronautical Development Establishment
- DRDO
- ISRO
- Boeing
- Lockheed Martin
- Airbus
- General Dynamics
- Northrop Grumman
- SpaceX
- Blue Origin
- Reaction engines
- Flight clubs
- TATA Advanced Systems
- Mahindra Aerospace
- Taneja Aerospace
सैलरी
Aeronautical engineer kaise bane जानने के बाद नीचे सैलरी की टेबल नीचे दी गई है-
लेवल | औसत सालाना सैलरी (INR) |
एंट्री लेवल | 30,000–35,000 |
मिड लेवल | 60,000–70,000 |
टॉप लेवल | 5–6 लाख |
FAQs
साइंस स्ट्रीम से 10+2 और 3 साल के इंजीनियरिंग डिप्लोमा करने के बाद टॉप एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग कॉलेज/यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने के लिए AME CET परीक्षा देनी होगी।
जी हाँ, आप बिना JEE के भी एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन ले सकते हैं।
अगर कोई एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग करना चाहता है तो उसे AME CET 2022 परीक्षा देनी होगी।
एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग को कठिन माना जाता है, लेकिन लगातार कड़े परिश्रम के साथ कोई भी इस क्षेत्र में महारत हासिल कर सकता है।
उम्मीद है कि आपको Aeronautical engineer kaise bane इसके लिए सही जानकारी मिल गई होगी। अगर आप विदेश में जाकर एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग का कोर्स करना चाहते हैं, तो आज ही Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 1800 572 000 पर कॉल करके 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें।