सिविल इंजीनियर कैसे बनें?

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अगर कोई सिविल इंजीनियर नहीं होता, तो हमें आधुनिक समाज में चैनल टनल, सीएन टॉवर, एम्पायर स्टेट बिल्डिंग, पनामा कैनाल, गोल्डन गेट ब्रिज, इताइपु डैम आदि शानदार अंतरराष्ट्रीय अजूबे कभी नहीं मिल पाते। सिविल इंजीनियरिंग एक तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है, जो लगातार नए विकास और पानी की कमी, स्थायी ऊर्जा और प्रदूषण जैसी चिंताओं के अनुकूल है। आज के आधुनिक समय की ’बुर्ज ख़लीफ़ा’ से लेकर हज़ारों साल पुरानी ‘द ग्रेट पिरामिड’ सिविल इंजीनियर के मजबूत इतिहास का लोहा मनवाता है। यह इंजीनियरिंग की वह शाखा है जिसने सदियों से रोड, इमारत, बाँध, आदि चीज़ों का निर्माण कर इस विश्व की रचना की है। आइए हम इस लगातार बढ़ते क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर एक नज़र डालें। इस ब्लॉग में हम आपको सिविल इंजीनियर के बारे में बताने जा रहे हैं। 

विषय का नामसिविल इंजीनियर
बैचलर डिग्री की अवधि4 वर्ष
मास्टर डिग्री की अवधि 2 वर्ष
एकेडमिक सेशनसेमेस्टर वाइज 
आवेदन प्रक्रिया मेरिट बेसिस, एंट्रेंस एग्जाम 
टॉप रिक्रूटर्सUnicorn Development Construction, Rama Group, PCC, Shapoorji and Pallonji, Larsen and toubro, Tata construction आदि। 
This Blog Includes:
  1. सिविल इंजीनियर कौन होते हैं?
  2. सिविल इंजीनियर क्यों बनें?
  3. स्किल्स
  4. सिविल इंजीनियर कैसे बनें?
  5. टॉप कोर्सेज
    1. सिविल इंजीनियरिंग में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज
    2. सिविल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज
  6. टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़
  7. टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़
  8. योग्यता
  9. आवेदन प्रक्रिया विदेशी यूनिवर्सिटी के लिए
  10. भारतीय यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन प्रक्रिया 
  11. आवश्यक दस्तावेज़
  12. प्रवेश परीक्षाएं 
    1. विदेशी प्रवेश परीक्षाएं
    2. भारतीय प्रवेश परीक्षाएं 
    3. लैंग्वेज रिक्वायरमेंट
  13. आवश्यक पुस्तकें
  14. सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग का स्कोप
  15. टॉप कंपनीज़
    1. विदेशी कंपनीज़
    2. भारतीय कंपनीज़
  16. जॉब प्रोफाइल और सैलरी पैकेज 
  17. FAQs

सिविल इंजीनियर कौन होते हैं?

एक सिविल इंजीनियर एक प्रोफेशनल व्यक्ति होता है जो सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करता है। सिविल इंजीनियर अपने कार्य क्षेत्र के आस पास के पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए बुनियादी ढांचे की योजना, निर्माण, डिजाइन, रखरखाव और संचालन के कार्यों पर अधिक जोर देता है। बेसिकली सिविल इंजीनियर कंस्ट्रक्शन, डिजाइन और मेंटेनेंस से जुड़े कार्य करते हैं। आप अपने आस पास में क्षेत्र में जहां कहीं भी कोई पुल, सड़क, बांध, एयरपोर्ट, पाइपलाइन, सीवरेज सिस्टम, बिल्डिंग आदि का निर्माण का कार्य देखा होगा वहां सिविल इंजीनियर यह सुनिश्चित करता है, कि काम डिजाइन और प्लान के अनुसार ही हो रहा है।

सिविल इंजीनियर क्यों बनें?

सिविल इंजीनियरिंग करने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि इसी कोर्स को और प्रोफेशन क्यों चुनें, जिसके बारे में नीचे बताया गया है-

  • व्यावहारिक अनुभव: सिविल इंजीनियरिंग डिग्री अक्सर अपने करिकुलम में कार्यस्थल के अध्ययन को शामिल करते हैं, जिससे आपको इंजीनियरिंग में काम करने का अनुभव करने और विषय में प्रैक्टिकल  इनसाइट्स प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इसके अतिरिक्त, आप अपनी कक्षा-आधारित शिक्षा में कई नवीन मॉड्यूल का अध्ययन करेंगे, जो आपको एक सफल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ाने की अनुमति देगा।
  • अध्ययन क्षेत्रों की विविधता: सिविल इंजीनियरिंग कोर्सेज कई प्रकार के मॉड्यूल प्रदान करते हैं, जो विभिन्न प्रकार के विकल्पों और रास्तों की पेशकश करते हैं जिनका आप भविष्य के करियर में अनुसरण कर सकते हैं। एक विशिष्ट सिविल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में, आपको भूमि सर्वेक्षण, हाइड्रोलिक, इंजीनियरिंग भूविज्ञान, निर्माण परियोजना प्रबंधन, गणित और रसायन विज्ञान जैसे विषयों का अध्ययन करने का मौका मिलेगा।
  • पोस्टग्रेजुएट अवसर: एक बार जब आपकी पढ़ाई खत्म हो जाएगी, तो आपके पास बहुत सारे विकल्प उपलब्ध होंगे। योग्य इंजीनियर अक्सर चार्टर्ड (CEng) या निगमित (IEng) इंजीनियर का दर्जा हासिल करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण देते हैं। इसके विपरीत, कुछ ग्रेजुएट्स भूकंप इंजीनियरिंग, समुद्री सिविल इंजीनियरिंग या पर्यावरण इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ ज्ञान विकसित करने के लिए आगे बढ़ते हैं।
  • रोजगार: इंजीनियरिंग की डिग्री में सीखे गए सभी कौशल के साथ, आप नौकरी के बाजार में एक मांग वाले उम्मीदवार बनने की उम्मीद कर सकते हैं। आप किस उद्योग को आगे बढ़ाना चाहते हैं, इस पर निर्भर करते हुए, ग्रेजुएट होने पर आपके पास नौकरी की कई संभावनाएं होने की संभावना है। सिविल इंजीनियरिंग भूमिकाओं अच्छी तरह से भुगतान किया जाता है।
  • नौकरी से संतुष्टि: सिविल इंजीनियरिंग आधुनिक दैनिक जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। अपने काम के माध्यम से, आप समाज की कार्यक्षमता में योगदान देंगे, जिससे लोग सुरक्षित और कुशलता से अपना जीवन व्यतीत कर सकेंगे। साथ ही, आप विज्ञान, गणित और टेक्नोलॉजी के अपने सर्वोत्तम ज्ञान को व्यवहार में लाने में सक्षम होंगे और अपनी रचनाओं को जीवंत होते देखेंगे।
  • मूल्यवान कौशल: सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई आपको कई ट्रांस्फ़ेरेबल स्किल्स प्रदान करेगी, साथ ही आपको इंजीनियरिंग करियर के लिए तैयार करेगी। साथ ही व्यावहारिक संरचनाओं को डिजाइन करना और बनाना सीखना, आप समस्या समाधान के लिए अपने रचनात्मक दृष्टिकोण को बेहतर बनाएंगे और डेटा का विश्लेषण करने की अपनी क्षमता में सुधार करेंगे। संचार और निर्णय लेने का कौशल भी इंजीनियरिंग डिग्री का एक बड़ा हिस्सा है।

स्किल्स

एक प्रोफेशनल सिविल इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स निम्न प्रकार से हैं:

  • क्रिटिकल थिंकिंग
  • टेक्नोलॉजिकल नॉलेज
  • एक्टिव लर्निंग
  • इंटरपर्सनल स्किल्स
  • ऑर्गनाइजेशनल स्किल्स
  • कांप्लेक्स प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
  • मैथमेटिक्स एंड फिजिक्स स्किल्स
  • इनोवेटिव स्किल्स 

सिविल इंजीनियर कैसे बनें?

सिविल इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है-

  1. बैचलर्स डिग्री हासिल करें: भावी सिविल इंजीनियर को सिविल इंजीनियरिंग या सिविल इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी में चार साल की डिग्री प्राप्त करने की आवश्यकता है। चार वर्षों के दौरान, आप सिविल इंजीनियरिंग के बेसिक्स सीखेंगे और कुछ स्पेशलाइजेशन भी हासिल  करेंगे। 
  2. जूनियर सिविल इंजीनियर के रूप में व्यावसायिक अनुभव प्राप्त करें: एक इंजीनियर ट्रेनी या सिविल इंजीनियरिंग इंटर्न के रूप में काम करना अनिवार्य है। ऐसा करने में आमतौर पर चार साल लगते हैं। आवश्यक कार्य अनुभव प्राप्त करने के बाद, आप प्रोफेशनल इंजीनियरिंग एग्जाम दे सकते हैं और PE लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  3. मास्टर्स डिग्री हासिल करें: सिविल इंजीनियर्स के लिए मास्टर्स डिग्री ज़रूरी नहीं है, लेकिन यह आपकी नॉलेज और कमाई की संभावना दोनों को बढ़ा सकती है।
  4. सर्टिफिकेशन प्राप्त करें: सिविल इंजीनियरिंग के कार्यों की जटिलता के कारण आपको कई सेकेंडरी एस्पेक्ट्स सीखने चाहिए। जैसे- कंप्यूटर कौशल और पर्यावरण के अनुकूल परियोजनाएं को डिज़ाइन करने की योग्यता आदि। इस तरह के सर्टिफिकेशन प्राप्त करने से आपको इन एस्पेक्ट्स में अधिक नॉलेज प्राप्त करने में मदद मिल सकती है।

टॉप कोर्सेज

सिविल इंजीनियरिंग में आप निम्न प्रकार के बैचलर तथा मास्टर डिग्री कोर्स कर सकते हैं:

सिविल इंजीनियरिंग में अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज

  • Bachelor in Civil Engineering (Hons)
  • Bachelor in Building Energetics
  • Bachelor of Arts in Architectural Technology and Construction Management
  • Bachelor in Civil and Environmental Engineering
  • Bachelor of Engineering in Civil and Constructional Engineering
  • Bachelor of Engineering in Civil and Infrastructure
  • Bachelor of Engineering Technology (Civil)
  • Bachelor of Technology in Civil Engineering Infrastructural Technology

सिविल इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट कोर्सेज

  • Master of Science in Sustainable Critical Infrastructure
  • Master of Science in Civil Engineering
  • Master in Civil and Structural Engineering
  • Master in Civil and Environmental Engineering
  • Master in Civil and Geological Engineering
  • Master in Civil and Architectural Engineering  
  • Master in Geoenvironmental Engineering
  • Master in Civil and Infrastructure Engineering
  • Master in Civil and Railway Engineering

टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़

सिविल इंजीनियरिंग के कोर्स के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के नाम नीचे दिए गए हैं:

टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़

सिविल इंजीनियरिंग में किसी के लिए कोर्स को करने के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़ के नाम नीचे दिए गए हैं:

  • जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी
  • गलगोटियस यूनिवर्सिटी
  • वीरमाता जीजाबाई टेक्नोलॉजी इंस्टिट्यूट
  • लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी
  • संत लोंगोवाल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी
  • नॉर्थ ईस्टर्न रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
  • वालचंद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग 
  • नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
  • श्री वेंकटेश्वर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी

योग्यता

विदेश के शीर्ष विश्वविद्यालयों से सिविल इंजीनियरिंग का कोर्स करने के लिए, आपको कुछ पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा। हालांकि योग्यता मानदंड एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में भिन्न हो सकते हैं, यहां कुछ सामान्य शर्तें दी हैं:

  • आवेदक के बारहवीं में अंक कम से कम 50% से अधिक होने अनिवार्य हैं।
  • मास्टर्स डिग्री कोर्स के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से सिविल इंजीनियरिंग में  बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
  • मास्टर्स कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेज के लिए एलिजिबल हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज़ में मास्टर्स के लिए GRE और GMAT स्कोर की अवश्यकता होती है।
  • साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
  • किसी भी यूनिवर्सिटी में बैचलर डिग्री कोर्स कर लिए SAT/ACT की मांग भी की जा सकती है।

क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे अंक प्राप्त करना चाहते हैं? आज ही इन टेस्ट की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर रजिस्टर करें और अच्छे अंक प्राप्त करें।

आवेदन प्रक्रिया विदेशी यूनिवर्सिटी के लिए

कैंडिडेट को आवदेन करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया को पूरा करना होगा:

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और मदद के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें।

भारतीय यूनिवर्सिटी के लिए आवेदन प्रक्रिया 

भारतीय यूनिवर्सिटीज़ द्वारा आवेदन प्रक्रिया नीचे मौजूद है-

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़

आपको निम्न आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होगी:

छात्र वीज़ा पाने के लिए भी हमारे Leverage Edu  विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।

प्रवेश परीक्षाएं 

अलग-अलग कॉलेजों में एडमिशन प्राप्त करने के लिए प्रवेश परीक्षाएं अलग प्रकार की होती है लेकिन कुछ ऐसी सामान्य परीक्षाएं है जो अधिकतर सभी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज़ के द्वारा मान्य होती हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं: 

विदेशी प्रवेश परीक्षाएं

भारतीय प्रवेश परीक्षाएं 

  • MCAER CET
  • OUAT ET
  • ICAR AIEEA (PG)
  • CUCET
  • IPU CET 
  • KIITEE BCA
  • LUCSAT BCA
  • BU MAT
  • RUET
  • NMU UG CET
  • GSAT
  • LUCSAT
  • AIMA UGAT

लैंग्वेज रिक्वायरमेंट

आवश्यक पुस्तकें

सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की शीर्ष पुस्तकें यहां दी गई हैं:

पुस्तक का नामलेखक का नामयहां से खरीदें
कंक्रीट टेक्नोलॉजीएम एस शेट्टीयहां से खरीदें
फ्लूइड मैकेनिक्स आरके बंसालीयहां से खरीदें
बैसिक सिविल इंजीनियरिंग एसएस भाविकट्टीयहां से खरीदें
स्ट्रक्चरल एनालिसिस सीएस रेड्डीयहां से खरीदें
बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन एलस्ट्रेटेडफ्रांसिस डीके चिंग यहां से खरीदें

सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग का स्कोप

सिविल इंजीनियरिंग में काफी करियर स्कोप है क्योंकि BE/BTech सिविल इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर दोनों क्षेत्रों में आशाजनक अवसर तलाश सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकारी क्षेत्र में सिविल इंजीनियरिंग की अपार संभावनाएं हैं। आइए जानते हैं इन सरकारी कंपनियों के नाम:

  • ONGC
  • PWD
  • Electricity Board
  • Armed Forces
  • NHAI
  • Indian Railways
  • IOC
  • Town Planning
  • BHEL

इन पब्लिक सेक्टर के आर्गेनाइजेशन में भारतीय रेलवे, ONGC, PWD और BHEL में कई रिक्त पद उपलब्ध हैं और भारत में सिविल इंजीनियरिंग का सबसे अधिक स्कोप प्रदान करती हैं

टॉप कंपनीज़

सिविल इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद नौकरी देने वाली दुनिया की टॉप कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं:

विदेशी कंपनीज़

  • Arup
  • Atkins
  • Vinci
  • Mott McDonald
  • Stantec
  • Balfour Beatty
  • Bechtel
  • Skanska
  • Laing O’Rourke
  • Arcadis

भारतीय कंपनीज़

  • Punj Lloyd, Gurugram
  • Akme Projects Ltd, New Delhi
  • Bridge & Roof Co (India) Limited, Kolkata
  • DLF Limited, Haryana
  • Coastal Projects Pvt Ltd (CPPL), Hyderabad
  • CQRA, Mumbai
  • Gammon Infrastructure Projects Limited (GIPL) , Mumbai
  • Stewarts & Lloyds of India Ltd, Kolkata
  • Arun Excello Group of Companies, Tamil Nadu
  • Conart Engineers Ltd, Mumbai
  • Essar Group, Mumbai

जॉब प्रोफाइल और सैलरी पैकेज 

सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त करने के बाद आप निम्नलिखित जॉब प्राप्त कर सकते हैं तथा Glassdoor.in के अनुसार इनकी एवरेज सैलरी पैकेज भी दिया गया है:

जॉब प्रोफाइल एवरेज सैलरी पैकेज 
सीनियर सिविल इंजीनियरINR 28-30 लाख 
कंस्ट्रक्शन इंजीनियरINR 30-35 लाख 
एनवायरमेंटल इंजीनियरINR 23-27 लाख 
स्ट्रक्चरल इंजीनियरINR 25-28 लाख 
जिओटेक्निकल इंजीनियरINR 29-32 लाख

FAQs

सिविल इंजीनियर मुख्यत: क्या काम करते हैं?

सिविल इंजीनियर का कार्य भौतिक और प्राकृतिक रूप से बने परिवेश में पुल, सड़क, नहरें, बाँध, भवनों, आदि के डिजाइन और निर्माण से जुड़ी है।

क्या सिविल इंजीनियरिंग सरकारी नौकरी के लिए अच्छी है? 

हां, सरकारी क्षेत्रों में नौकरी पाने के लिए सिविल इंजीनियरिंग एक बहुत अच्छा करियर विकल्प है।

इंजीनियरिंग में कौन कौन से कोर्स होते हैं?

इंजीनियरिंग के मुख्य कोर्सेज इस प्रकार हैं:
1. मैकेनिकल इंजीनियरिंग
2. सिविल इंजीनियरिंग
3. ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग
4. पैकेजिंग टेक्नोलॉजी
5. इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
6. इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग
7. एप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रुमेंटेशन
8. कंप्यूटर इंजीनियरिंग
9.इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी
10. माइनिंग इंजीनियरिंग
11.मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग

सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स कोर्स कितने साल का होता है?

सिविल इंजीनियरिंग में बैचलर्स कोर्स 4 साल का होता है।

उम्मीद है कि सिविल इंजीनियर के संदर्भ में हमारा यह ब्लॉग आपको पसंद आया होगा। यदि आप भी किसी विदेशी यूनिवर्सिटी में कोई सिविल इंजीनियरिंग डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं तो आज ही आज ही 1800 572 000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu  के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। वे एक उचित मार्गदर्शन के साथ आवेदन प्रक्रिया में भी आपकी मदद करेंगे।

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