मैनेजमेंट कंसलटेंट कैसे बनें?

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मैनेजमेंट कंसलटेंट

मैनेजमेंट कंसलटेंट एक ऑर्गनाइजेशन के स्पेसिफिक एरियाज पर ध्यान केंद्रित करने और इसके पूरे परफॉर्मेंस और ऑपरेशन को बेहतर बनाने में सहायता करने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं। आइये इस ब्लॉग के ज़रिए मैनेजमेंट कंसलटेंट के बारे में विस्तार से जाने। 

मैनेजमेंट कंसलटेंट कौन होता है?

मैनेजमेंट कंसलटेंट को स्ट्रेटजी बनाने, लीडरशिप, फाइनेंस, ऑपोनेंट्स और कंपिटीटर्स, ऑर्गनाइजेशन और रीऑर्गनाइजेशन आदि तथा इसी प्रकार के कई अलग अलग डोमेन में इंडस्ट्री काउंसलिंग सेशन, मेंटोरिंग और फंक्शनल एक्सपर्टिज प्रदान करने का रोल दिया जाता है। मैनेजमेंट कंसलटेंट एक ऑर्गनाइजेशन के स्पेसिफिक एरियाज पर ध्यान केंद्रित करने और इसके पूरे परफॉर्मेंस और ऑपरेशन को बेहतर बनाने में सहायता करने के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं। 

बड़ी बड़ी कम्पनियों, संगठनों या सरकारी इकाइयों के लिए मैनेजमेंट कंसल्टेंट अपनी स्किल्स और दिमाग से एक वर्कप्लेस की एफिशिएंसी बढ़ाने का काम किया करते हैं, जिससे एक आर्गेनाइजेशन ज़्यादा कॉम्पिटेटिव बन सके।  एक कंसल्टेंट आर्गेनाइजेशन की संरचना को बदलता है और आर्गेनाइजेशन के प्रॉफिट और वर्क एफिशिएंसी में सुधार लाने के लिए नए नए एक्सपेरिमेंट करता है। मैनेजमेंट कंसल्टेंट को मैनेजमेंट एनालिस्ट भी कहा जाता है। सरल शब्दों में कहें तो कंसल्टेंट का काम सबसे पहले पूरी तरह से आर्गेनाइजेशन की कार्य प्रणाली को देखना और फिर जिन क्षेत्रों में आवश्यकता है वहाँ कार्य की एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए काम करना है।

मैनेजमेंट कंसलटेंट क्यों बनें ?

मैनेजमेंट कंसलटेंट एक बहुत ही आकर्षक जॉब प्रोफइल है। इसे चुनने के लिए कुछ कारण नीचे दिए गए हैं –

  • प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल – मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स को क्लाइंट्स की सबसे मुश्किल प्रोब्लेम्स जैसे मार्किट पेनेट्रेशन स्ट्रेटेजी और एम एंड ए ड्यू डिलिजेंस सॉल्व करने के लिए हायर किया जाता है। प्रॉब्लम सॉल्विंग फ़्रेमवर्क्स जैसे MECE – म्युचूअली एक्सक्लूसिव कलेक्टिवली एक्सहॉस्टिव और 80/ 20 रूल एक मैनेजमेंट कंसलटेंट की दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है। 
  • एक्सपोज़र गेन ( तरह तरह की इंडस्ट्रीज़ के साथ) – एक टिपिकल स्ट्रेटेजी इंगेजमेंट 3 से 4 महीने तक चलता है। एम एंड ए ड्यू डिलिजेंस इससे भी कम समय तक चलता है। किसी भी केस में, मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स किसी भी एक क्लाइंट के साथ हमेशा के लिए नहीं रुकते। इसलिए, कंसल्टिंग तरह- तरह की इंडस्ट्रीज़ के बारे में सीखने के मौके देती है। 
  • लाइफ लॉन्ग लर्निंग मिलने के मौके – चूँकि, कंसल्टेंट्स क्लाइंट्स के साथ कम समय के लिए काम करते हैं, इसलिए कोई दो मैनेजमेंट कंसल्टिंग इंगेजमेंट एक जैसे नहीं होते। अगर आप एक जिज्ञासु इंसान हैं और सीखने का प्रोसेस आपको फैसिनेट करता है, तो आप इस जॉब के लिए फिट बैठेंगे। 
  • 3 सी में मास्टरी (क्लाइंट मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन और कोलैबोरेशन) –  अपने क्लाइंट की ज़रूरतों को समझना ही क्लाइंट मैनेजमेंट का सार है। मैनेजमेंट कंसल्टेंसी में सफल करियर बनाने के लिए एक और ज़रूरी स्किल है डेटा बैक्ड आईडिया प्रेजेंट करना –  जिसका मतलब हुआ एक्सीलेंट कम्युनिकेशन स्किल्स। इस जॉब के ज़रिये आपको लोगों के साथ कोलबोरेट करने के मौके रहेंगे। इससे टीमवर्क की क्षमता बढ़ेगी। 

मैनेजमेंट कंसलटेंट बनने के लिए स्किल्स 

 मैनेजमेंट कंसलटेंट कोर्स के लिए छात्रों के पास जो स्किल्स होनी चाहिए वे निम्न प्रकार से हैं:

  • कम्युनिकेशन स्किल्स 
  • स्ट्रेस मैनेजमेंट
  • रिसोर्स मैनेजमेंट 
  • टाइम मैनेजमेंट
  • बिजनेस स्ट्रेटजी
  • क्रिएटिव थिंकिंग
  • क्रिटिकल थिंकिंग
  • इफेक्टिव कम्युनिकेशन
  • फाइनेंशियल नॉलेज
  • रिस्क टेकिंग एबिलिटी
  • स्मार्ट बिजनेस मैनेजमेंट
  • फीडबैक प्राप्त करना और उन पर एक्शन लेना
  • फ्लेक्सिबिलिटी
  • टेक्निकल स्किल्स 
  • प्रोजेक्ट मैनेजमेंट 

मैनेजमेंट कंसलटेंट का रोल 

मैनेजमेंट कंसलटेंट के कुछ रोल नीचे दिए गए हैं –

  • ऑडिटिंग प्रोसेस 
  • चैलेंज आइडेंटीफाई करना 
  • सोलूशन्स प्रेजेंट करना 
  • फाइनेंस रिव्यु करना 
  • डेटा कलेक्ट करना 
  • डेटा एनालिसिस 
  • लीडरशिप एडवाइस देना 

मैनेजमेंट कंसलटेंट बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

मैनेजमेंट कंसल्टिंग कैसे करें इसके लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड नीचे दी गई है-

  • स्टेप 1: स्कूलिंग कंप्लीट करें: आप अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करें। आप किसी भी स्ट्रीम से जैसे की फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी जैसे विषयों अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। 
  • स्टेप 2: एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी करें: आप अपनी स्कूली शिक्षा पूर्ण होने के बाद बैचलर डिग्री प्राप्त करने के लिए एंट्रेस एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं इंडिया में मुख्य तौर पर CUET, JEE तथा विदेशों के एंट्रेंस एग्जाम भी हैं जैसे SATACT आदि। 
  • स्टेप 3: ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त करें: आप बैचलर डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। यदि आप किसी बीटेक कोर्स में एडमिशन लेते हैं तो आपको 4 वर्ष लगेंगे इसके अलावा किसी अन्य बैचलर डिग्री में 3 वर्ष का समय लगता है। 
  • स्टेप 4: जॉब प्राप्त करें:  बैचलर डिग्री के बाद आप अपनी डिग्री और स्किल्स के आधार पर जॉब के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक जॉब प्राप्त करने के लिए कोशिश करें और जॉब प्राप्त करें जो आपको इस क्षेत्र में काम सीखने में अत्यधिक मदद करेगी क्योंकि जितना आप एक्सपीरियंस से सीखते हैं आप उतने ही उस क्षेत्र में एक्सपर्ट होते जाते हैं। 
  • स्टेप 5: पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त करें: आप अपनी जॉब में बेहतर अवसरों के लिए एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री भी प्राप्त कर सकते हैं। आप मैनेजमेंट कंसलटेंट में MBA  की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि सामान्यत: 2 वर्ष की होती है। 

कंसल्टेंट के पद के लिए चयन आमतौर पर इन्टरव्यू के आधार पर होता है। बहुत कंसल्टिंग फर्म अपने यहाँ कंसल्टेंट के पदों के लिए वेकन्सी आवेदित करते रहते हैं।  सबसे पहले आप इन आर्गेनाईजेशन के कंसल्टेंट जॉब के फॉर्म को भरें। इसके बाद आपको इन्टरव्यू के लिए बुलाया जाएगा जहाँ आपको किसी बिजनेस से सम्बंधित केस स्टडी दी जायेगी और आपको उसके प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए स्ट्रेटेजी बनाने के लिए कहा जा सकता है।  आपका सिलेक्शन आपके द्वारा बनाई गई स्ट्रेटेजी की क्षमता पर निर्भर कर सकता है। मैनेजमेंट कंसल्टेंट की पोज़ीशन के लिए मुख्य रूप से आपकी कार्य कुशलता ही देखी जाती है। 

मैनेजमेंट कंसलटेंट बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज 

मैनेजमेंट कंसलटेंट बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज नीचे दिए गए हैं:

  • BBA
  • MBA in Management Consulting
  • Certificate Courses
  • Diploma
  • Mphil in Management

मैनेजमेंट कंसलटेंट के लिए कुछ पॉपुलर ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्सेज –

  • Consulting Approach to Problem Solving
  • Management Consulting Approach to Problem Solving
  • Management Consulting Essential Training
  • Management Consulting Tools, Techniques and Framework
  • Management Consulting Productivity Hacks

टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज 

मैनेजमेंट कंसल्टिंग कोर्स के लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज नीचे लिस्ट में दी गई है-

टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज 

मैनेजमेंट कंसल्टिंग कोर्स के लिए टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज निम्न प्रकार से हैं:

  • सिंबायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी
  • यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल पंजाब यूनिवर्सिटी
  • एमिटी बिजनेस स्कूल
  • मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च एंड स्टडीज
  • चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी 
  • रॉयल ग्लोबल यूनिवर्सिटी
  • फ्लैम यूनिवर्सिटी
  • के आर मंगलम यूनिवर्सिटी
  • सेज यूनिवर्सिटी
  • रविंद्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी
  • जीआरजी स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज
  • कारुण्य स्कूल ऑफ मैनेजमेंट

योग्यता 

विदेश के शीर्ष विश्वविद्यालयों से मैनेजमेंट कंसल्टिंग का कोर्स करने के लिए, आपको कुछ पात्रता शर्तों को पूरा करना होगा। हालांकि योग्यता मानदंड एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में भिन्न हो सकते हैं, यहां कुछ सामान्य शर्तें दी हैं-

  • आवेदक के बारहवीं में अंक कम से कम 50% से अधिक होने अनिवार्य हैं।
  • आवेदक के बारहवीं कक्षा में फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी या किसी अन्य क्षेत्र में भी बैचलर डिग्री पूर्ण कर सकते है। 
  • मास्टर्स डिग्री कोर्स के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
  • एमबीए मैनेजमेंट कंसलटेंट में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेज के लिए एलिजिबल हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज़ में मास्टर्स के लिए GRE और GMAT स्कोर की आवश्यकता होती है।
  • किसी भी यूनिवर्सिटी में बैचलर डिग्री कोर्स के लिए SAT/ACT की मांग भी की जा सकती है।
  • साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

आवश्यक दस्तावेज़ 

कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

प्रवेश परीक्षा 

अगर आप MBA in Management Consultancy करना चाहते हैं तो आपको मैनेजमेंट प्रवेश परीक्षाओं से गुज़ारना होगा। अलग-अलग कॉलेजों में एडमिशन प्राप्त करने के लिए प्रवेश परीक्षाएं अलग प्रकार की होती है लेकिन कुछ ऐसी सामान्य परीक्षाएं है जो अधिकतर सभी कॉलेज या यूनिवर्सिटीज़ के द्वारा मान्य होती हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

विदेशी प्रवेश परीक्षाएं

भारतीय प्रवेश परीक्षाएं 

  • CAT
  • MAT
  • XAT
  • CMAT

लैंग्वेज रिक्वायरमेंट

अगर आप ग्रेजुएशन (किसी भी स्ट्रीम से) के बाद सीधा इस फील्ड में आना चाहते हैं तो उसके लिए कोई प्रवेश परीक्षा फिलहाल नहीं है। एंट्री लेवल जॉब्स और सर्टिफिकेट डिप्लोमा कोर्स के बाद इस फील्ड में सफलता हासिल की जा सकती है। 

टॉप रिक्रूटर्स 

इस फील्ड के कुछ टॉप रिक्रूटर्स की लिस्ट नीचे दी गयी है –

  • Jio
  • Walmart
  • Vodafone
  • Reliance Brands
  • Aditya Birla group McDonald’s
  • Reliance Retail
  • Bharti Airtel 
  • Bharti Enterprises
  • Fabindia Overseas
  • Pantaloon Retail
  • Aditya Birla Group
  • Shoppers Stop
  • Spencers Retail
  • Future Group
  • Lifestyle International
  • Future Retail

मैनेजमेंट कंसलटेंट की सैलरी 

अगर सैलरी की बात की जाए तो हमारे देश के लिए कंसल्टेंट की जॉब अभी अपने शुरूआती स्टेज में है या यूँ कहें कि यह एक नया प्रोफेशन है। इंडिया में एक कंसल्टेंट की एवरेज सैलरी लगभग आठ लाख (8,00000) रूपए सालाना हुआ करती है। वैसे फेडरल गवर्मेंट और मैनेजमेंट, साइंटिफिक और टेक्नीकल कंसल्टिंग सर्विस में काम करने वाले कंसल्टेंट की मासिक और सालाना आय आमतौर पर ज्यादा होती है।

FAQ

मैनेजमेंट कंसल्टिंग जॉब क्या है?

प्रबंधन सलाहकार कंपनी के अधिकारियों और व्यापारिक लीडर्स  के साथ संगठन की  चुनौतियों की पहचान करने, जानकारी इकट्ठा करने और एनालाइज़ करने और उसके सोल्युशन निकालने और लागू करने के लिए काम करते हैं। 

क्या एमबीए मैनेजमेंट कंसलटेंट का कोर्स डिस्टेंस लर्निंग के द्वारा भी किया जा सकता है?

हां, आप किसी भी भारतीय या विदेशी यूनिवर्सिटी से इस कोर्स की डिस्टेंस लर्निंग द्वारा भी कर सकते हैं।

आशा करते हैं कि आपको मैनेजमेंट कंसलटेंट कैसे बनें ? का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। अगर आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं तो आज ही Leverage Edu एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर कॉल करके 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें।

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