गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी शब्द की उत्पत्ति प्राचीन ग्रीक शब्द गैस्ट्रोज़ (उदर), एन्ट्रोंस (आँत) एवं लोगोज़ (शास्त्र) से हुई है। मुख्यतः यह पोषण नली से लेकर गुदाद्वार तक के सारे अंगों और उनके रोगों पर केन्द्रित है। इसके विशेषज्ञ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट कहलाते हैं। जंक फ़ूड के बढ़ते प्रचलन के चलते केवल बुजुर्गो में ही नहीं बच्चों में भी जठरांत्र (गैस्ट्रोइंटेस्टिनल) संबंधी अंगों के रोगों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अंगों की समस्याओं में वृद्धि ने गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की मांग में वृद्धि की है। विभिन्न युवा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में अपना करियर बनाने की इच्छा रखते हैं। यदि आप भी उनमें से एक हैं और इस क्षेत्र संबंधी सारी जानकारी चाहते हैं, तो आइए आगे इस ब्लॉग में विस्तार से जानते हैं गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के बारे में।
कोर्स | गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी मीनिंग इन हिंदी |
अवधि | 3 वर्ष |
योग्यता | एमबीबीएस की डिग्री आवश्यक |
एंट्रेंस एग्जाम | अनिवार्य |
कोर्स फीस (INR) | भारत: 1-8 लाख विदेश: 25-35 लाख |
This Blog Includes:
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट किन्हें कहते हैं?
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के काम क्या-क्या रहते हैं?
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स की लिस्ट
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के लिए दुनिया के टॉप विश्वविद्यालय
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए फीस
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी कोर्सेज के लिए योग्यताएं
- आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में करियर
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की सैलरी
- FAQs
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट किन्हें कहते हैं?
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट का अर्थ है जो पाचन तंत्र की स्थितियों और बीमारियों के इलाज में विशेषज्ञ होते हैं। गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट भी डॉक्टर होते हैं। इनमें पेट, आंतों, कोलोन, अग्न्याशय, अन्नप्रणाली, पित्ताशय, पित्त नलिकाओं और लिवर के विकार शामिल होते हैं। यद्यपि गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अंगों से संबंधित अधिकांश समस्याओं का इलाज करने के लिए उपयुक्त हैं, फिर भी आप अपनी रूचि के अनुसार भी एक या अधिक क्षेत्रों में उप-विशेषज्ञता चुन सकते हैं जैसे- पित्त नलिकाओं का उपचार, यकृत की समस्याएं और अग्न्याशय को प्रभावित करने वाली कठिनाइयाँ।
चूंकि जठरांत्र संबंधी अंगों के रोगों का निदान (डायग्नोसिस) करना और बहुत तेजी से फैलने से रोकना काफी कठिन होता है, इसलिए गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को अच्छी तरह से योग्य होना चाहिए और इन अंगों से संबंधित बीमारियों के सभी नवीनतम प्रचलित कारणों और उपचार का ज्ञान होना चाहिए।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के काम क्या-क्या रहते हैं?
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं:
- मरीजों से मिलना और उनका आकलन करना।
- बृहदान्त्र (कोलोन) और पाचन तंत्र के भीतर देखने के लिए कॉलोनोस्कोपी और एंडोस्कोपी करना।
- एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके परीक्षण करना।
- सर्जरी के लिए मरीजों को रेफर करना और सर्जरी के बाद उनका इलाज जारी रखना।
- इरिटेबल आंत्र सिंड्रोम, कोलाइटिस, गैस्ट्रिटिस, बवासीर (पाइल्स), क्रोहन रोग, लैक्टोज इनटोलरेंस, हार्टबर्न, गैस्ट्रोएसोफेजियल रिफ्लक्स डिसीज, अल्सर, सीलिएक डिसीज, पित्ताशय की बीमारी और कुछ कैंसर जैसी स्थितियों के लिए रोगियों का इलाज करना।
- कागजी कार्रवाई और रोगी रिकॉर्ड भरने जैसे प्रशासनिक कार्यों को पूरा करना।
- चिकित्सा कर्मचारियों के साथ बैठक करना और व्यावसायिक निर्णयों में योगदान देना।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक स्किल्स की लिस्ट
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट आमतौर पर पाचन तंत्र के कार्य और संरचना के जानकार होते हैं। ऐसे कई कौशल हैं, जो एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट में होनी चाहिए। आइए कुछ प्रमुख कौशल के बारे में नीचे जानते हैं–
पारस्परिक स्किल्स
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट आमतौर पर एक दिन में एक दर्जन से अधिक रोगियों से मिलते हैं। उन्हें मिलनसार, और देखभाल करने वाला होना चाहिए। उन्हें अपना व्यवहार शांत रखना चाहिए, जिससे मरीजों को उनके साथ संवेदनशील स्वास्थ्य जानकारी साझा करने में सहजता महसूस हो।
संचार
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को साधारण भाषा में कॉम्प्लेक्स बीमारियों और उपचारों का स्पष्ट रूप से वर्णन करने में सक्षम होना चाहिए जो रोगी समझ सकते हैं। उन्हें नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों के साथ भी प्रभावी ढंग से संवाद करना आना चाहिए। एक कुशल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट में एक बेहतरीन संचार कौशल का होना बहुत ही आवश्यक है।
सहानुभूति
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को यह समझने में सक्षम होना चाहिए कि उनके मरीज क्या अनुभव करते हैं और उनके मुद्दों की पहचान करते हैं। उन्हें अपने मरीजों के साथ सहानुभूति की भावना रखनी चाहिए।
समस्या समाधान करने की कुशलता
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट को मरीजों के लक्षणों का आकलन करना चाहिए, चलाने के लिए उपयुक्त परीक्षण चुनना चाहिए, उन परीक्षण परिणामों की व्याख्या करनी चाहिए और फिर सर्वोत्तम उपचार योजनाओं का निर्धारण करना चाहिए। उनमें लगातार विभिन्न गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं को हल करने का कौशल होना चाहिए।
नेतृत्व
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट चिकित्सा कर्मचारियों की एक टीम का नेतृत्व करते हैं और व्यावसायिक निर्णयों में योगदान करते हैं जो उनके अभ्यास को प्रभावित करते हैं। अतः एक विशेष नेतृत्व कौशल उनमें होना चाहिए।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवार नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बन सकते हैं–
स्टेप–1: MBBS की डिग्री हासिल करें
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के इच्छुक छात्रों के लिए पहला स्टेप MBBS की डिग्री हासिल करना है। यह साढ़े 5 साल (इंटर्नशिप सहित) का कोर्स होता है। भारत में MBBS कोर्स के लिए NEET की परीक्षा क्लियर करना ज़रुरी है। विदेश में मेडिकल प्रवेश परीक्षा जैसे MCAT, UKCAT, BMAT, GAMSAT क्लियर करके MBBS कोर्स का चयन कर सकते हैं।
स्टेप–2: मास्टर्स की डिग्री हासिल करें
अगला स्टेप गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी में MD, MS, DNB और MCh जैसे पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज को पूरा करना है जो आमतौर पर 3 से 4 वर्षों के होते हैं। MD या MS के बाद DNB या MCh के लिए विचार करना चाहिए। इन सब कोर्सेज में 1 या 2 वर्षों की इंटर्नशिप शामिल होती हैं।
स्टेप–3: कार्य–अनुभव प्राप्त करें
आपको एक अनुभवी डॉक्टर के अधीन प्रशिक्षण में दो से तीन साल बिताने होंगे। आप आंतरिक चिकित्सा विशिष्टताओं के माध्यम से अतिरिक्त शिक्षा ग्रहण करेंगे। यदि आप भारत में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने की योजना बना रहे हैं, तो आप अपनी आवश्यक शिक्षा प्राप्त करने के बाद सर्टिफिकेट प्राप्त करके अस्पतालों में काम कर सकते हैं।
स्टेप–4: सर्टिफिकेट प्राप्त करें
सबसे आखरी स्टेप में छात्रों को अपने देश के मेडिकल सर्टिफिकेट बोर्ड के लिए संबंधित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी। उदाहरण के लिए, अमेरिका में USMLE के बाद आप एक प्रमाणित गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बन सकते हैं। भारत में छात्र मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में सर्टिफिकेट हासिल कर सकते हैं। सर्टिफिकेशन के बाद आप अपनी रुचि और आपकी प्रोफाइल से मैच करते किसी भी प्रमाणित हॉस्पिटल में नौकरी कर सकते हैं या फिर अपने स्वयं के क्लिनिक की भी शुरुआत कर सकते हैं।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी में अपना करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए कुछ टॉप गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी कोर्सेज की लिस्ट नीचे दी गई है–
बैचलर्स कोर्सेज | 1. MBBS (Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery) |
मास्टर्स कोर्सेज | 1. Master of Surgery in Gastroenterology (MS) 2. Doctor of Medicine in Gastroenterology (MD) 3. Postgraduate Diploma in Gastroenterology |
डॉक्टरेट कोर्सेज | 1. DNB in Gastroenterology 2. MCh in Gastroenterology |
आप AI Course Finder की मदद से भी अपनी रुचि के अनुसार कोर्सेज और यूनिवर्सिटीज का चयन कर सकते हैं।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के लिए दुनिया के टॉप विश्वविद्यालय
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के लिए विश्व की कुछ टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट नीचे दी गई है-
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो
- यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन
- यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
- ड्यूक यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया
- येल यूनिवर्सिटी
- इंपीरियल कॉलेज लंदन
- यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन
- यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग
- नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी
- कैंब्रिज यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन
- यूनिवर्सिटी ऑफ अलस्टा
- अमोरी यूनिवर्सिटी
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गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी कोर्सेज के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट नीचे दी गई है–
- AIIMS दिल्ली
- क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज
- कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज
- मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज
- सेंट जॉन मेडिकल कॉलेज
- आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज
- ग्रांट मेडिकल कॉलेज
- इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
- MS रमैया मेडिकल कॉलेज
- जवाहर इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए फीस
कोर्सेज और यूनिवर्सिटी के हिसाब से फीस अलग–अलग हो सकती है। यूनिवर्सिटी या कॉलेज का प्राइवेट और सरकारी होना भी फीस पर प्रभाव डालता है। प्राइवेट कॉलेजों की फीस सरकारी कॉलेजों की तुलना में अधिक होती है। भारत में MBBS कोर्स के लिए औसत वार्षिक फीस INR 25 हजार-5 लाख के बीच हो सकती है। वहीं विदेशों में MBBS की फीस औसत INR 25-42 लाख के बीच हो सकती है। MD, MS और विभिन्न पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज की वार्षिक फीस भारत में INR 1 से 8 लाख और विदेशों में INR 25-35 लाख के बीच हो सकती है।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी कोर्सेज के लिए योग्यताएं
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी कोर्सेज के लिए सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कुछ सामान्य आवश्यकताएं होती हैं जिन्हें पूरा करके ही छात्रों अपने चुने हुए कोर्स के लिए पात्र होते हैं। कोर्सेज के आधार पर कुछ सामान्य आवश्यकताएं इस प्रकार हैं:
अंडरग्रेजुएट कोर्सेज के लिए योग्यता
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी में बैचलर्स डिग्री के रूप में छात्रों के पास MBBS की डिग्री जरूरी है, अन्य जानकारी इस प्रकार है:
- MBBS के लिए ज़रुरी है कि छात्र ने अपनी 12th की पढ़ाई PCB (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) से पूरी की हो।
- छात्र ने 12वीं कक्षा अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी या कॉलेज द्वारा प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक के साथ उत्तीण की हो।
- भारत में MBBS कोर्स करने के इच्छुक छात्रों को NEET UG की परीक्षा क्लियर करने की ज़रूरत होती है। कई विश्वविद्यालय या कॉलेज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं, जिनमें आवश्यक अंकों को प्राप्त करके ही छात्रों उस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में MBBS कोर्स करने के लिए सक्षम होंगे।
- विदेश में MBBS के लिए प्रवेश परीक्षा जैसे NEET, MCAT (ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा के लिए), UKCAT, BMAT, GAMSAT (UK के लिए) आदि के स्कोर जरूरी होते हैं।
- विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए IELTS/ TOEFL/ PTE टेस्ट अंक ज़रूरी होते हैं।
- विदेश विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR और CV/Resume जैसे दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है।
पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज के लिए योग्यता
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी में पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज की लिस्ट नीचे दी गई है-
- गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी में MS / MD / और PG कोर्सेज के लिए इच्छुक छात्रों के पास MBBS की डिग्री होनी चाहिए।
- छात्र ने MBBS अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी या कॉलेज द्वारा प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम अंक के साथ पास किया हो।
- साथ ही उन्हें PG लेवल की प्रवेश परीक्षाओं को अच्छे अंकों के साथ क्लियर करने की ज़रूरत होती है।
- कुछ भारतीय और विदेशी विश्वविद्यालयों में किसी मान्यता प्राप्त अस्पताल में एक साल की इंटर्नशिप के साथ MBBS के बाद दो साल के कार्य अनुभव की भी मांग की जाती हैं।
- विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए IELTS/ TOEFL/ PTE टेस्ट स्कोर्स ज़रूरी होते हैं।
- विदेश विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR और CV/Resume जैसे दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है।
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आवेदन प्रक्रिया
विभिन्न गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी कोर्सेज के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–
भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- UK विश्वविद्यालयों को छोड़कर, किसी भी देश की यूनिवर्सिटी में अप्लाई करने के लिए सबसे पहले विश्वविद्यालय के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण करें। UK में अंडरग्रेजुएट कोर्सेस लिए UCAS में आवेदन करना होगा, वहीं ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए यूनिवर्सिटी की वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में पंजीकरण करने के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता,NEET, MCAT, UKCAT, BMAT, GAMSAT, IELTS, TOEFL आदि जैसे जरूरी टेस्ट अंक और SOP, LOR, CV/Resume के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। SOP लिखने और एप्लीकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई है–
- आधिकारिक शैक्षणिक टेप
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS, TOEFL NEET, MCAT, UKCAT, BMAT, GAMSAT या आवश्यक परीक्षण स्कोर
- Professional/Academic LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
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गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में करियर
जल और वायु जैसे दूषित प्राकृतिक संसाधनों का बढ़ता उपयोग, अस्वच्छ और जंक फूड का सेवन हाल के दिनों में जठरांत्र संबंधी अंगों से संबंधित रोगों से पीड़ित रोगियों के बढ़ते मामलों का मुख्य कारण है। ये समस्याएं अस्वच्छ रहने की स्थिति और आसपास की गंदगी के कारण ग्रामीण और स्लम क्षेत्र में बड़ी होती जा रही हैं। शहरीकरण की प्रवृत्ति और छोटे क्षेत्र में बढ़ती आबादी के चलते ये समस्याएं आने वाले समय में बढ़ने वाली हैं। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अंगों की समस्याओं में वृद्धि विशेष रूप से हाल के दिनों में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की मांग में वृद्धि हुई है। इस प्रकार युवा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के लिए न केवल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सरकारी औषधालयों और अस्पतालों में बल्कि बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों में भी रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं। इसके अलावा, उद्यमी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट अपना गैस्ट्रो क्लिनिक भी खोल सकते हैं। अतः इस क्षेत्र में अच्छे करियर की संभावनाएं हैं।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की सैलरी
एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट का वेतन कई कारकों जैसे हॉस्पिटल, पेशेवर और शैक्षणिक अनुभव, रचनात्मक ज्ञान, आवश्यक स्किल्स, स्थान आदि से निर्धारित होता है। अपनी सैलरी के अलावा, वे सरकारी आवास और स्वीकार्य अन्य अनुलाभों के भी हकदार होते हैं। हालांकि, कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करने वाले अनुभवी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की सैलरी काफी ज्यादा होती हैं। वहीं निजी चिकित्सक अपने स्वयं के क्लीनिक में काम करके बहुत पैसा कमा सकते हैं। Payscale के अनुसार देशों के आधार पर गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट का औसत वेतन इस प्रकार है–
जॉब लेवल | भारत में वेतन (INR) | UK में वार्षिक वेतन (INR) | USA में वेतन (INR) |
प्रारंभिक | 6-8 लाख | 30-60 लाख | 60-70 लाख |
मिड लेवल | 8-12 लाख | 60-80 लाख | 70 लाख-1 करोड़ |
सीनियर लेवल | 12-20 लाख | 80-90.50 लाख | 1-2.63 करोड़ |
FAQs
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉक्टर होते हैं, जो पाचन तंत्र की स्थितियों और बीमारियों के इलाज में विशेषज्ञ होते हैं। इनमें पेट, आंतों, कोलोन, अग्न्याशय, अन्नप्रणाली, पित्ताशय, पित्त नलिकाओं और यकृत के विकार शामिल होते हैं।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट आपके गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) ट्रैक्ट और लीवर में समस्याओं के निदान और उपचार के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक हैं। वहीं एक गैस्ट्रोलॉजिस्ट एक चिकित्सक है जो स्टमक रिसर्च, इसकी संरचना, कार्यों और बीमारियों में विशेषज्ञता प्राप्त करता है।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट बनने के लिए आपको इस क्षेत्र में आवश्यक शिक्षा ग्रहण करना आवश्यक है। अपना 10+2 पूरा करने के बाद आपको MBBS कोर्स करना होगा। इसके बाद विशेषज्ञता के लिए गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी में MS या MD कोर्स करना होगा। इसके बाद आप अपने जहां काम करना चाहते हैं वहां के मेडिकल बोर्ड से आवश्यक सर्टिफिकेट प्राप्त करके एक स्वतंत्र गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के रूप में कार्य कर सकते हैं।
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं–
1. विभिन्न गैस्ट्रोएंट्रोकाइनल रोगों का ईलाज करना।
2. मरीजों से मिलना और उनका आकलन करना।
3. बृहदान्त्र और पाचन तंत्र के भीतर देखने के लिए कॉलोनोस्कोपी और एंडोस्कोपी करना।
4. एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड का उपयोग करके परीक्षण करना।
5. सर्जरी के लिए मरीजों को रेफर करना और सर्जरी के बाद उनका इलाज जारी रखना।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल अंगों की समस्याओं में वृद्धि विशेष रूप से हाल के दिनों में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट की मांग में वृद्धि हुई है। इस प्रकार युवा गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट के लिए न केवल ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सरकारी औषधालयों और अस्पतालों में बल्कि बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों में भी रोजगार के पर्याप्त अवसर हैं। इसके अलावा, उद्यमी गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट अपना गैस्ट्रो क्लिनिक भी खोल सकते हैं। अतः इस प्रकार गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट एक अच्छा करियर विकल्प है।
हम आशा करते हैं कि आपको गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट संबंधित सारी जानकारी इस ब्लॉग में मिली होगी। यदि आप गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी की पढ़ाई विदेश से करना चाहते हैं तो आप आज ही हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से सलाह ले सकते हैं, वे आपको एक उचित मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करने के लिए हमें 1800 572 000 पर कॉल करें।