एमए कैसे करें?

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एमए

बैचलर ऑफ आर्ट्स की डिग्री के बाद छात्रों की पहली पसन्द एमए की डिग्री होती है। एमए एक पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है, जो न केवल संबंधित क्षेत्र में ज्ञान प्रदान करता है बल्कि यह महत्वपूर्ण सोच विकसित करने में भी मदद करता है। एमए डिग्री प्राप्त करने के बाद आप अपने स्पेशलाइजेशन के आधार पर विभिन्न क्षेत्रों में उच्चतम वेतन पैकेज वाली नौकरियों की तलाश कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम एमए क्या है, एमए स्पेशलाइजेशन, एमए सिलेबस, एमए के बाद टॉप जॉब प्रोफ़ाइल आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानेंगे।

कोर्सएमए
फुल फॉर्ममास्टर ऑफ आर्ट्स
अवधि2 से 3 साल
कोर्स स्तरपोस्टग्रेजुएट/मास्टर्स
योग्यताउम्मीदवार ने आर्ट्स या सम्बंधित स्ट्रीम में बैचलर्स की डिग्री हासिल की हो।
एडमिशन का तरीकामेरिट और प्रवेश परीक्षा द्वारा आधारित
एमए स्पेशलाइजेशन एमए राजनीति शास्त्र, एमए अंग्रेज़ी, एमए हिंदी, एमए हिस्ट्री, एमए फिलोसॉफी, एमए इकोनॉमिक्स आदि।
टॉप यूनिवर्सिटीजऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
एमए के बाद जॉब प्रोफाइल्सटीचर, काउंसलर, जर्नलिस्ट, न्यूज रिपोर्टर, असिस्टेंट प्रोफेसर

एमए क्या है?

एमए का फुल फॉर्म मास्टर ऑफ आर्ट्स होता है, जो आर्ट्स में एक पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम है। बैचलर्स की डिग्री पूरी करने के बाद छात्र एमए कर सकते हैं। यह डिग्री भारत और विदेशों में विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विभिन्न विशेषज्ञताओं में प्रदान की जाती है। यह लगभग 2 से 3 साल के बीच की अवधि का कोर्स है और बैचलर्स डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक लोकप्रिय कोर्स है। यह कोर्स फुल टाइम, पार्ट टाइम या डिस्टेंस लर्निंग मोड के माध्यम से किया जा सकता है। 

एमए क्यों करें?

अपनी बैचलर्स डिग्री के बाद आप एमए क्यों चुनें, इसके कुछ कारण नीचे दिए गए हैं-

  • मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री छात्रों को उनके विषय-विशिष्ट ज्ञान को बढ़ाने में मदद करती है। यह उनके द्वारा चुने गए स्पेशलाइजेशन का गहन ज्ञान प्रदान करता है ।
  • उन्हें अकादमिक सर्कल या व्यावसायिक वातावरण में पेशेवरों द्वारा अतिथि व्याख्यान और सेमिनार में भाग लेने का अवसर भी मिलता है।
  • छात्रों को नए कौशल विकसित करके पूरी प्रक्रिया को सीखने में अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होती है। एमए डिग्री छात्रों में क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स, एनालिटिकल स्किल्स आदि को इंप्रूव करने में मदद करती है।
  • हालांकि छात्र अपनी यूजी डिग्री के साथ एक अच्छी स्थिति प्राप्त कर सकते हैं लेकिन उद्योग क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए, एमए डिग्री एक अच्छा विकल्प है।

एमए के लिए स्किल्स

मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री हासिल करने के इच्छुक उम्मीदवारों को अपनी पसंद के विषय पर केंद्रित होना चाहिए। एक मास्टर डिग्री, बैचलर्स डिग्री की तुलना में अधिक इच्छाशक्ति और दृढ़ता को समर्पित होती है क्योंकि छात्रों को इस विषय में व्यापक रिसर्च करने की आवश्यकता होती है। कुछ प्रमुख कौशल जो एमए कोर्स करने के लिए उम्मीदवारों के पास होने चाहिए, इस प्रकार हैं-

अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्सप्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
मैनेजमेंट स्किल्सएनालिटिकल स्किल्स
अंडर प्रेशर में काम करने की क्षमताबौद्धिक रूप से जिज्ञासु
क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्सटीम वर्क
लीडरशिप स्किल्सलक्ष्य पर केन्द्रित

एमए के टॉप कोर्सेज

एमए प्रोग्राम विभिन्न डोमेन में उपलब्ध हैं। एमए में कुछ लोकप्रिय विशेषज्ञताएं नीचे दी गई हैं-

एमए सिलेबस

एमए कोर्स में पढ़ाए जाने वाले विषय छात्र द्वारा चुने गए विषय के अनुसार भिन्न होते हैं। इसके अलावा एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज के सिलेबस में भी मामूली बदलाव देखा जा सकता है। नीचे कुछ प्रमुख स्पेशलाइजेशन का सिलेबस दिया गया है –

एमए अंग्रेज़ी

इंट्रोडक्शन टू लिंग्विस्टिक्सपोएट्री III (हॉपकिंस टू टेड ह्यूजेस)
पोएट्री I चुएसर टू ब्रेकड्रामा III
ड्रामा Iलिटरेरी क्रिटिसिज्म एंड थ्योरी
प्रोसलिंग्विस्टिक्स एंड इंग्लिश लेंग्वेज
इंडियन लिटरेचर इन इंग्लिश Iफिक्शन II
पोएट्री IIलिटरेरी क्रिटिसिज्म एंड थ्योरी II
ड्रामाइंडियन लिटरेचर इन इंग्लिश II
फिक्शन Iइंडियन लिटरेचर इन ट्रांसलेशन/राइटिंग

एमए इकोनॉमिक्स

सूक्ष्मअर्थशास्त्र विश्लेषणमात्रात्मक विधियां
अंतरराष्ट्रीय व्यापार सांख्यिकी और कंप्यूटर अनुप्रयोगप्राथमिक सांख्यिकी
अंतरराष्ट्रीय वित्तइलेक्टिव- 1
विकास का अर्थशास्त्रअंतरराष्ट्रीय वित्त
भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनी हुई समस्याएंपरिचयात्मक गणितीय अर्थशास्त्र
सार्वजनिक अर्थशास्त्रउद्योग का अर्थशास्त्र
भारतीय/विदेशी अर्थव्यवस्था में मुद्देअर्थशास्त्र में विकास मॉडल
इलेक्टिव- 2सार्वजनिक वित्त

एमए पॉलिटिकल साइंस

कंटेंपरी पॉलिटिकल थ्योरीपॉलिटिकल थिंकिंग साइंस मार्क्स
रिसर्च मेथोडोलॉजीकॉम्प्रेटिव पॉलिटिक्स
वेस्टर्न पॉलिटिकल थॉटपॉलिटिक सोशियोलॉजी
एंसिएंट पॉलिटिकल थॉटथ्योरीज ऑफ इंटरनेशनल रिलेशन
प्रैक्टिकल वर्क/ एक्सरसाइजप्रैक्टिकल वर्क/ एक्सरसाइज
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशनसोशल मूवमेंट्स एंड रिवॉल्यूशंस
इंटरनेशनल पॉलिटिक्सपोस्ट कोल्ड वॉर इंटरनेशनल रिलेशन
पॉलिटिकल फिलोसॉफीथीम्स इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स
डिबेट्स इन पॉलिटिकल थ्योरीइंटरनेशनल पॉलिटिकल इकोनॉमी
प्रैक्टिकल वर्क/ एक्सरसाइजकंप्रेट
पार्टी, इलेक्शन एंड पॉलिटिकल प्रोसेस

एमए सोशियोलॉजी

सामाजिक मानविकीसमूह अंतःक्रिया के सिद्धांत
सामाजिक विज्ञान की पद्धतिसमूह अंतःक्रिया के सिद्धांत
समूह प्रक्रियाएं और गतिशीलतासमाजशास्त्रीय समीक्षा और चिरायु-Voce
शास्त्रीय सामाजिक विचारकआधुनिक समाजशास्त्रीय सिद्धांत
प्रैक्टिकल वर्क/ एक्सरसाइजप्रैक्टिकल वर्क/ एक्सरसाइज
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशनपर्यावरण का समाजशास्त्र
भारत में निरंतरता और परिवर्तनउन्नत समाजशास्त्रीय सिद्धांत
पॉलिटिकल फिलोसॉफीभारत का समाजशास्त्र
सामाजिक सांख्यिकीजनजातीय अर्थव्यवस्था और समाज

एमए के लिए टॉप विश्वविद्यालय

एमए के लिए विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की लिस्ट नीचे दी गई है-

एमए के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय

एमए के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालयों की लिस्ट नीचे दी गई है-

  • हिंदू कॉलेज, दिल्ली
  • प्रेसीडेंसी कॉलेज, चेन्नई
  • लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन, दिल्ली
  • सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता
  • गार्गी कॉलेज, दिल्ली
  • रामजस कॉलेज, दिल्ली
  • चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, चंडीगढ़
  • प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, कोलकाता
  • लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज, कोलकाता
  • उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद

एमए के लिए योग्यता

एमए के लिए योग्यता इस प्रकार है:

  • उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त संस्थान या बोर्ड से अच्छे अंकों के साथ 10+2 उत्तीर्ण होना चाहिए।
  • उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान, यूनिवर्सिटी या फिर कॉलेज से राजनीति शास्त्र या सम्बंधित क्षेत्र में बैचलर्स की डिग्री होनी चाहिए।
  • जो छात्र भारत में इस कोर्स का अध्ययन करना चाहते हैं, उन्हें प्रवेश परीक्षा जैसे OUCET, BHU PET, DUCET, IPU CET, आदि के लिए उपस्थित होना होगा।
  • विदेश में कुछ विश्वविद्यालयों में कहीं GRE स्कोर की मांग की जाती है।
  • विदेशी विश्वविद्यालयों के मामले में, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में IELTS या TOEFL या PTE आदि के टेस्ट स्कोर जरूरी होते हैं।
  • विदेश में इन आवश्यकताओं के अलावा LOR, SOP, सीवी/रिज्यूमे, पोर्टफोलियो आदि की भी आवश्यकता होती है।
  • इसके अलावा, कुछ संस्थानों को अध्ययन के इस क्षेत्र में छात्रों को 1-2 साल के कार्य अनुभव की भी आवश्यकता हो सकती है।

आवेदन प्रक्रिया

एमए के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है-

भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है। 
  • कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की पात्रता मानदंड के बारे में रिसर्च करें। 
  • आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
  • यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
  • ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें। 
  • इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजा, एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।

एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लिकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं। 

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई है–

क्या आप विदेश में पढ़ने के लिए एजुकेशन लोन की तलाश में हैं, तो आज ही Leverage Finance का लाभ उठाएं और अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के आधार पर एजुकेशन लोन पाएं।

एमए के लिए प्रवेश परीक्षा

देश भर में उन सभी छात्रों के लिए विभिन्न प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जो एमए की पढ़ाई करना चाहते हैं। वहीं विदेशों में GRE और अंग्रेज़ी दक्षता के टेस्ट स्कोर जरूरी होते हैं। हमने नीचे एमए के लिए प्रवेश परीक्षाओं को सारणीबद्ध किया है-

OUCETIPU CET
BHU PETJNU EEE
DUCETUPSEE
GRETS EAMCET

एमए करियर स्कोप

एमए डिग्री कोर्स पूरा करने के बाद, आप या तो एमफिल/पीएचडी कोर्स कर सकते हैं या नौकरी का विकल्प भी चुन सकते हैं। जब मास्टर ऑफ आर्ट्स की डिग्री पूरी करने के बाद नौकरी के अवसरों की बात आती है, तो आपके पास कई तरह के विकल्प होते हैं। आपके द्वारा चुनी गई स्पेशलाइजेशन के आधार पर, एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री आपको एक उत्कृष्ट कार्य वातावरण के साथ एक आकर्षक नौकरी में ला सकती है। एमए ग्रेजुएट के लिए कुछ शीर्ष नियोक्ताओं में शामिल हैं:

  • एंबेसी
  • गवर्नमेंट ऑफिस
  • स्कूल
  • लॉ फर्म
  • न्यूज और मीडिया
  • फॉरेन अफेयर्स
  • कंसल्टेंसी

कुछ लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल जो उम्मीदवार अपना एमए कोर्स पूरा करने के बाद अपना सकते हैं, वे नीचे दिए गए हैं:

जॉब प्रोफाइलऔसत सालाना सैलरी INR
टीचर2-5 लाख
एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर2-7 लाख
सोशल वर्कर2-4 लाख
जर्नलिस्ट10-12 लाख
काउंसलर5-10 लाख

FAQs

एमए क्या है?

एमए आर्ट्स में एक पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम है। बैचलर्स की डिग्री पूरी करने के बाद छात्र एमए कर सकते हैं। यह डिग्री भारत और विदेशों में विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में विभिन्न विशेषज्ञताओं में प्रदान की जाती है। यह लगभग 2 से 3 साल के बीच की अवधि का कोर्स है, जो आर्ट्स में बैचलर्स डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक लोकप्रिय कोर्स है।

एमए का फुल फॉर्म क्या है?

एमए का फुल फॉर्म मास्टर ऑफ आर्ट्स होता है।

एमए करने से कौन सी नौकरी मिलती है?

अगर आप भविष्य में अच्छी सैलरी और पोस्ट वाली जॉब करना चाहते हैं तो एमए की डिग्री हासिल करने के बाद आपके पास करियर ऑप्शंस की भरमार है। आप टीचिंग फील्ड के अलावा जर्नलिज्म, एडवर्टाइजिंग जैसे कई क्षेत्रों में अपनी जगह बना सकते हैं।

एमए करने के बाद बीएड कितने साल का होता है?

पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद बीएड कोर्स सिर्फ 1 वर्ष का होता है और आप इसके बाद किसी भी सरकारी तथा निजी शिक्षण संस्थान में एक शिक्षक के तौर पर काम कर सकते हैं।

एमए कितने साल का कोर्स है?

यह लगभग 2 से 3 साल के बीच की अवधि का कोर्स है, जो आर्ट्स में बैचलर्स डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों के लिए यह एक लोकप्रिय कोर्स है।

हम आशा करते हैं कि आपको एमए कोर्सेज की संपूर्ण जानकारी इस ब्लॉग में मिली होगी। यदि आप एमए कोर्सेज विदेश में पढ़ना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें और एक उपयुक्त कोर्स और सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का चयन करने में मार्गदर्शन प्राप्त करें।

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