Poems on Holi in Hindi को पढ़कर आपको होली का उत्सव बनाती कविताएं पढ़ने को मिल जाएंगी। भारत को पर्वों की जननी कहा जाता है, यहाँ हर नई ऋतु के आगमन पर एक पर्व मनाया जाता है। भारत के साहित्यकारों और कवियों ने साहित्य के सौंदर्य के माध्यम से भारतीय पर्वों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया है। भारत की महान कवि परंपरा ने पर्वों को खुशियों के आगमन के रूप में देखा है, जिनकी कविताओं ने समाज में सकारात्मकता का संचार किया है। इस पोस्ट के माध्यम से आप Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) पढ़कर होली का उत्सव अच्छे से मना पाएंगे। Holi Poetry in Hindi विद्यार्थियों के जीवन में सकारात्मक भूमिका निभा सकती हैं, जिसकी अनुभूति करने के लिए विद्यार्थियों को यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना चाहिए।
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Poems on Holi in Hindi
हिंदी साहित्य में होली मनाने के लिए आपको Poems on Holi in Hindi अवश्य पढ़नी चाहिए। इस ब्लॉग में स्वलिखित होली की प्रेरणादायक कविता के साथ-साथ, होली पर छोटी सी कविता कुछ इस प्रकार हैं;
रंगों की बौछार
Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। होली की कविताओं में से एक होली की प्रेरणादायक कविता “रंगों की बौछार” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
खुशियों के रंगों को एक-दूसरे के लगाएं चेहरों पर छाई उदासी को जड़ से मिटाएं बेबाकी के साथ सब मिलकर जश्न मनाएं होली के पवित्र त्योहार को यादगार बनाएं आशाओं के इस पर्व पर सपनों को सजाएं सपनों को पूरा करने से पहले आओ पंख फैलाएं बचपन के दौर में चलो फिर से लौट जाएं पिचकारियों में पानी भर झूमें-नाचें, गाएं रंगों की बौछार का फिर से लुफ्त उठाएं आपसी मतभेद को आओ प्रेम से भुलाएं
-मयंक विश्नोई
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि होली में रंगों की बौछार का महिमामंडन करते हैं। कविता के माध्यम से कवि समाज को प्रेरित करते हैं कि एक-दूसरे को कुछ इस तरह रंग लगाएं कि चेहरों की हर उदासी को आप मिटा सकें। कविता के माध्यम से कवि होली के पर्व को आशाओं का पर्व कहकर संबोधित करते हैं, जिसमें वह समाज को खुले मन से होली का उत्सव मानाने और आपसी भाईचारे को बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।
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रंग बरस रहे हैं
Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। होली की कविताओं में से एक होली की प्रेरणादायक कविता “रंग बरस रहे हैं” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
नयन सुख की आस में लंबें समय से तरस रहे हैं आशाओं की अंगड़ाई से होली पर रंग बरस रहे हैं उमंग में उत्सव देखकर होलिका दहन कर गीत खुशियों के गाए जा रहें हैं जयकारें धर्म की जय के लगाए जा रहे हैं होली की आहट से हर कली चहक रहे हैं रंगों की खुशबू से शहर की हर गली महक रहे हैं ऋतुओं का बदलना ही उत्सव के समान है होली के रंगों की भी अपनी अलग पहचान है निराशाओं के छाती पर आशाएं चढ़ रही हैं बाजारों में भी होली की चहल-पहल बढ़ रही है भीगने को इनमें कई बार तरस रहे हैं हर्षोल्लास के साथ हम पर होली के रंग बरस रहे हैं
-मयंक विश्नोई
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि होली के रंगों की उस बरसात के बारे में बताते हैं जो सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार करती है। कविता में कवि कहते हैं कि आँखें पूरे साल भर रंगों की बरसात का इंतज़ार करती हैं, जो आशाओं की अंगड़ाई लेने के बाद होती है। कविता के माध्यम से कवि होली के इतिहास पर प्रकाश डालने का सफल प्रयास करते हैं। यह कविता होली के उमंग की भावना को दर्शाने का कार्य करती है, जो मानव को खुश रहने के लिए प्रेरित करती है।
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होली के उत्सव में
Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। होली की कविताओं में से एक होली की प्रेरणादायक कविता “होली के उत्सव में” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
खुशियों के रंगों में रंग जाए ये संसार होली के उत्सव में हो रंगों की बौछार दुखी ना हो कोई कहीं भी जग में अबकी बार अपमान ना हो किसी का, सबका हो सत्कार चुनौतियों से ना घबराएं कोई कहीं इस बार जीवन में हर सुख-दुख को करें मिलकर स्वीकार गमों की आहट को कर दें सब मिलकर इंकार उमंग के आगमन से हो प्रफुल्लित होली का ये त्योहार सुखद लम्हों का आपके हो जाए विस्तार नवीन ऊर्जाओं का संचार करे रंगों की बौछार
-मयंक विश्नोई
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि होली के उत्सव में क्या होता है अथवा इसकी अनुभूति कैसी है, यह बताने का प्रयास करते हैं। कविता की भाषा को सरल व स्पष्ट रखकर कवि ने होली पर होने वाली रंगों की बौछार को मानव के सत्कार के लिए आवश्यक बताया है। कवि के अनुसार यह पर्व चुनौतियों से घबराए बिना सुख-दुःख दोनों प्रकार की भावना को स्वीकार करना सिखाता है। कविता के माध्यम से कवि ने यह बताने का प्रयत्न किया है कि यह पर्व जीवन में नई ऊर्जाओं की बौछार करता है।
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रंगों का मिलन
Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। होली की कविताओं में से एक होली पर छोटी सी कविता “रंगों का मिलन” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
साल-भर बाद आता है ऐसा पल जब होता है रंगों का मिलन मिटा दिए जाते है मतभेद गलतियों को माफ़ कर दिया जाता है नहीं रहते किसी में मनभेद ग़लतफ़हमियों को साफ़ कर दिया जाता है गुलाल के रंगों में रंग जाता है तन और मन होली के महोत्सव में जब होता है रंगों का मिलन
-मयंक विश्नोई
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने होली के लिए किए जाने वाले इंतज़ार के बाद होने वाले रंगों के मिलन के बारे में बताया गया है। यह एक छोटी कविता है जिसका उद्देश्य मानव जीवन पर अहम भूमिका निभाने वाले होली के पर्व के महोत्सव के बारे में बताना है। इस कविता के माध्यम से कवि ने होली के महोत्सव को रंगों के मिलन का मुख्य कारण बताया है।
प्रकृति का पर्व
Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। होली की कविताओं (Holi Poetry in Hindi) में से एक होली पर छोटी सी कविता “प्रकृति का पर्व” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
संस्कृति की धरोहर है संस्कारों की विरासत है प्रकृति का पर्व है होली हमारा गर्व है इससे जुड़ी बचपन की यादें है ये जवानी की जिम्मेदारी भी खुशियों के पैमाने पर तय है बुढ़ापे तक इसकी भागीदारी भी यह प्रकृति का पर्व है होली हमारा गर्व है होली प्रतीक न्याय की जय का है इतिहास अन्याय के अंत का है यह खुशियों की पहचान है यही धर्म का जयगान है यह प्रकृति का पर्व है होली हमारा गर्व है
-मयंक विश्नोई
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने होली को प्रकृति का पर्व बताया है। कविता में कवि होली को संस्कृति की धरोहर, संस्कारों की विरासत कहने के साथ-साथ, होली को एक ऐसा पर्व बताया है जिस पर हमें गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। इस कविता में होली को अन्याय का अंत करने वाला तथा न्याय की जय का पर्व माना है। कवि ने कविता में होली के माध्यम से जीवन के हर पड़ाव को दिखाने का प्रयास किया है, जिसमें हर उम्र पर इसकी अलग भूमिका होती है। कवि ने होली को खुशियों की पहचान तथा धर्म के जयगान के रूप में भी बताने का प्रयास किया है।
होली पर कवियों की कविताएं
साहित्यिक रिसर्च और स्टडी के आधार पर होली पर कवियों की कविताएं (Poems on Holi in Hindi) यहां दी जा रही हैंः
होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर लो होली है तो आज मित्र को पलकों में धर लो भूल शूल से भरे वर्ष के वैर-विरोधों को होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो... -हरिवंश राय बच्चन। केशर की, कलि की पिचकारी पात-पात की गात संवारी राग-पराग-कपोल किए हैं लाल-गुलाल अमोल लिए हैं तरू-तरू के तन खोल दिए हैं आरती जोत-उदोत उतारी गन्ध-पवन की धूप धवारी। -सूर्यकांत त्रिपाठी निराला। जो कुछ होनी थी, सब होली! धूल उड़ी या रंग उड़ा है, हाथ रही अब कोरी झोली। आंखों में सरसों फूली है, सजी टेसुओं की है टोली। पीली पड़ी अपत, भारत-भू, फिर भी नहीं तनिक तू डोली। -मैथिलीशरण गुप्त। रस रंग भरे मन में होली , जीवन में प्रेम भरे होली। मुस्कान रचे सब अधरन पर, मिल जुल कर सब खेलें होली। गले लगें सब मन मीत बने, रंगों से मन का गीत लिखें। जीवन में मधुर संगीत भरें , भूले बिसरों को याद करें। जो संग में थे पिछली होली, रस रंग भरे मन में होली। -रीता ठाकुर।
होली पर छोटी कविताएं (Short Poem on Holi in Hindi)
होली पर छोटी कविताएं (Short Poem on Holi in Hindi) यहां बताई जा रही हैंः
आई-आई रे होली, खेलो फाग बीच बरसाने में।
पीली-पीली गुरनारी
रंग भर पिचकारी
देखो मुख पे है मारी
भीगी अंगिया है सारी
आई-आई रे होली आई
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी तो होरी बरजोरी रे रसिया
उड़त अबीर गुलाल कुमकुमा
केशर की पिचकारी रे रसिया।
रंग-रंगीली आई होली
खुशियों को अपने संग लाई होली।
सभी को अपने रंग में रंगने को
अपनों को संग लाई होली।
बुराइयों को मिटाने को,
अच्छाई की लौ जलाने आई होली।
होली पर आधारित अन्य ब्लॉग्स
आशा है कि Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) के माध्यम से आप Holi Poetry in Hindi पर आधारित होली की प्रेरणादायक कविता को पढ़ पाएं होंगे। यह रचनाएं आपको सदा प्रेरित करेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।