Poems on Holi in Hindi 2025: रंगों के उत्सव को शब्दों में बयां करती लोकप्रिय कविताएं

1 minute read
Poems on Holi in Hindi

Poems on Holi in Hindi: होली, रंगों का उत्सव है जिसे हर सनातन धर्म के उपासकों द्वारा प्रत्येक वर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस त्योहार पर हृदय की भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए भारतीय साहित्य में होली पर असंख्य कविताएँ लिखी गई हैं, जिनमें प्रेम, उल्लास, भक्ति, और समाज के विभिन्न रंगों को उकेरा गया है। बता दें कि सूरदास से लेकर बिहारी, कबीर से लेकर रसखान तक, हरिवंश राय बच्चन से लेकर निराला तक लगभग हर कवि ने होली के रंगों को अपनी कविताओं में जीवंत किया है।

हिंदी साहित्य के कवियों द्वारा इस पर्व पर कहीं राधा-कृष्ण के रंगों की छटा बिखरती है, तो कहीं फागुन की मस्ती में डूबी जनमानस की अभिव्यक्ति की झलक दिखाई पड़ती है। यह कहना अनुचित नहीं होगा कि आधुनिक कवियों ने भी इस उत्सव को अपने शब्दों से सजाया है, जहां होली सिर्फ रंगों का नहीं, बल्कि प्रेम, दोस्ती, भाईचारे और समरसता का संदेश देती है। इसलिए इस लेख में आपके लिए होली पर कविताएं (Poems on Holi in Hindi) दी गई हैं, जो इस पर्व के उत्सव को दोगुना कर देंगी। होली पर कविता (Holi Par Kavita) पढ़ने के लिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।

होली पर कविताएं – Poems on Holi in Hindi

होली पर कविताएं (Poems on Holi in Hindi) पढ़कर आप इस पर्व का महत्व जान पाएंगे। यहाँ आपके लिए होली पर कविताएं (Poems on Holi in Hindi) दी गई हैं, जो निम्नलिखित हैं –

रंगों की बौछार

खुशियों के रंगों को एक-दूसरे के लगाएं 
चेहरों पर छाई उदासी को जड़ से मिटाएं 

बेबाकी के साथ सब मिलकर जश्न मनाएं
होली के पवित्र त्योहार को यादगार बनाएं

आशाओं के इस पर्व पर सपनों को सजाएं
सपनों को पूरा करने से पहले आओ पंख फैलाएं

बचपन के दौर में चलो फिर से लौट जाएं
पिचकारियों में पानी भर झूमें-नाचें, गाएं

रंगों की बौछार का फिर से लुफ्त उठाएं
आपसी मतभेद को आओ प्रेम से भुलाएं

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि होली में रंगों की बौछार का महिमामंडन करते हैं। कविता के माध्यम से कवि समाज को प्रेरित करते हैं कि एक-दूसरे को कुछ इस तरह रंग लगाएं कि चेहरों की हर उदासी को आप मिटा सकें। कविता के माध्यम से कवि होली के पर्व को आशाओं का पर्व कहकर संबोधित करते हैं, जिसमें वह समाज को खुले मन से होली का उत्सव मानाने और आपसी भाईचारे को बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं।

यह भी पढ़ें : खुशियों के रंग में रंगने वाले पर्व होली को मानाने के तरीके भिन्न पर उद्देश्य सबका एक

रंग बरस रहे हैं

Poems on Holi in Hindi 2024
नयन सुख की आस में लंबें समय से तरस रहे हैं
आशाओं की अंगड़ाई से होली पर रंग बरस रहे हैं

उमंग में उत्सव देखकर
होलिका दहन कर
गीत खुशियों के गाए जा रहें हैं
जयकारें धर्म की जय के लगाए जा रहे हैं
होली की आहट से हर कली चहक रहे हैं
रंगों की खुशबू से शहर की हर गली महक रहे हैं

ऋतुओं का बदलना ही उत्सव के समान है
होली के रंगों की भी अपनी अलग पहचान है
निराशाओं के छाती पर आशाएं चढ़ रही हैं
बाजारों में भी होली की चहल-पहल बढ़ रही है
भीगने को इनमें कई बार तरस रहे हैं
हर्षोल्लास के साथ हम पर होली के रंग बरस रहे हैं

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि होली के रंगों की उस बरसात के बारे में बताते हैं जो सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार करती है। कविता में कवि कहते हैं कि आँखें पूरे साल भर रंगों की बरसात का इंतज़ार करती हैं, जो आशाओं की अंगड़ाई लेने के बाद होती है। कविता के माध्यम से कवि होली के इतिहास पर प्रकाश डालने का सफल प्रयास करते हैं। यह कविता होली के उमंग की भावना को दर्शाने का कार्य करती है, जो मानव को खुश रहने के लिए प्रेरित करती है।

यह भी पढ़ें : होली में घर की साज- सज्जा : आपके त्यौहार के लिए डेकोरेशन आईडियाज़

होली के उत्सव में

Poems on Holi in Hindi 2024
खुशियों के रंगों में रंग जाए ये संसार
होली के उत्सव में हो रंगों की बौछार

दुखी ना हो कोई कहीं भी जग में अबकी बार
अपमान ना हो किसी का, सबका हो सत्कार

चुनौतियों से ना घबराएं कोई कहीं इस बार
जीवन में हर सुख-दुख को करें मिलकर स्वीकार

गमों की आहट को कर दें सब मिलकर इंकार
उमंग के आगमन से हो प्रफुल्लित होली का ये त्योहार

सुखद लम्हों का आपके हो जाए विस्तार
नवीन ऊर्जाओं का संचार करे रंगों की बौछार

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि होली के उत्सव में क्या होता है अथवा इसकी अनुभूति कैसी है, यह बताने का प्रयास करते हैं। कविता की भाषा को सरल व स्पष्ट रखकर कवि ने होली पर होने वाली रंगों की बौछार को मानव के सत्कार के लिए आवश्यक बताया है। कवि के अनुसार यह पर्व चुनौतियों से घबराए बिना सुख-दुःख दोनों प्रकार की भावना को स्वीकार करना सिखाता है। कविता के माध्यम से कवि ने यह बताने का प्रयत्न किया है कि यह पर्व जीवन में नई ऊर्जाओं की बौछार करता है।

यह भी पढ़ें : होली के त्योहार में बनाएं जाने वाले प्रसिद्ध पकवान

रंगों का मिलन

साल-भर बाद आता है ऐसा पल
जब होता है रंगों का मिलन

मिटा दिए जाते है मतभेद
गलतियों को माफ़ कर दिया जाता है
नहीं रहते किसी में मनभेद
ग़लतफ़हमियों को साफ़ कर दिया जाता है

गुलाल के रंगों में
रंग जाता है तन और मन
होली के महोत्सव में
जब होता है रंगों का मिलन

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने होली के लिए किए जाने वाले इंतज़ार के बाद होने वाले रंगों के मिलन के बारे में बताया गया है। यह एक छोटी कविता है जिसका उद्देश्य मानव जीवन पर अहम भूमिका निभाने वाले होली के पर्व के महोत्सव के बारे में बताना है। इस कविता के माध्यम से कवि ने होली के महोत्सव को रंगों के मिलन का मुख्य कारण बताया है।

प्रकृति का पर्व

Poems on Holi in Hindi (होली पर कविताएं) आपको साहित्य से परिचित करवाएंगी। होली की कविताओं (Holi Poetry in Hindi) में से एक होली पर छोटी सी कविता “प्रकृति का पर्व” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:

संस्कृति की धरोहर है
संस्कारों की विरासत है
प्रकृति का पर्व है
होली हमारा गर्व है

इससे जुड़ी बचपन की यादें है
ये जवानी की जिम्मेदारी भी
खुशियों के पैमाने पर तय है
बुढ़ापे तक इसकी भागीदारी भी
यह प्रकृति का पर्व है
होली हमारा गर्व है

होली प्रतीक न्याय की जय का है
इतिहास अन्याय के अंत का है
यह खुशियों की पहचान है
यही धर्म का जयगान है
यह प्रकृति का पर्व है
होली हमारा गर्व है

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने होली को प्रकृति का पर्व बताया है। कविता में कवि होली को संस्कृति की धरोहर, संस्कारों की विरासत कहने के साथ-साथ, होली को एक ऐसा पर्व बताया है जिस पर हमें गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। इस कविता में होली को अन्याय का अंत करने वाला तथा न्याय की जय का पर्व माना है। कवि ने कविता में होली के माध्यम से जीवन के हर पड़ाव को दिखाने का प्रयास किया है, जिसमें हर उम्र पर इसकी अलग भूमिका होती है। कवि ने होली को खुशियों की पहचान तथा धर्म के जयगान के रूप में भी बताने का प्रयास किया है।

यह भी पढ़ें – रंगों के त्योहार पर पढ़ें ये शानदार उद्धरण और शुभकामनाएं

होली पर कविता – Holi Par Kavita

होली पर कविता (Holi Par Kavita) के माध्यम से आप इस पर्व का महत्व जान पाएंगे, साथ ही इनकी कुछ विशेष पंक्तियों को अपने शुभचिंतकों के साथ भी साझा कर पाएंगे। होली पर कविता (Holi Par Kavita) निम्नलिखित हैं –

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है

तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।
देखी मैंने बहुत दिनों तक
दुनिया की रंगीनी,
किंतु रही कोरी की कोरी
मेरी चादर झीनी,
तन के तार छूए बहुतों ने
मन का तार न भीगा,
तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।
अंबर ने ओढ़ी है तन पर
चादर नीली-नीली,
हरित धरित्री के आँगन में
सरसों पीली-पीली,
सिंदूरी मंजरियों से है
अंबा शीश सजाए,
रोलीमय संध्या ऊषा की चोली है।
तुम अपने रँग में रँग लो तो होली है।

-हरिवंशराय बच्चन

नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे

नयनों के डोरे लाल-गुलाल भरे, खेली होली!
जागी रात सेज प्रिय पति सँग रति सनेह-रँग घोली,
दीपित दीप, कंज छवि मंजु-मंजु हँस खोली-
मली मुख-चुम्बन-रोली।

प्रिय-कर-कठिन-उरोज-परस कस कसक मसक गई चोली,
एक-वसन रह गई मन्द हँस अधर-दशन अनबोली-
कली-सी काँटे की तोली।

मधु-ऋतु-रात,मधुर अधरों की पी मधु सुध-बुध खोली,
खुले अलक, मुँद गए पलक-दल, श्रम-सुख की हद हो ली-
बनी रति की छवि भोली।

बीती रात सुखद बातों में प्रात पवन प्रिय डोली,
उठी सँभाल बाल, मुख-लट,पट, दीप बुझा, हँस बोली
रही यह एक ठिठोली।

-सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

आई होली! आई होली!!

आई होली, आई होली।
रंग-बिरंगी आई होली।

मुन्नी आओ, चुन्नी आओ,
रंग भरी पिचकारी लाओ,
मिल-जुल कर खेलेंगे होली।
रंग-बिरंगी आई होली।।

मठरी खाओ, गुँझिया खाओ,
पीला-लाल गुलाल उड़ाओ,
मस्ती लेकर आई होली।
रंग-बिरंगी आई होली।।

रंगों की बौछार कहीं है,
ठण्डे जल की धार कहीं है,
भीग रही टोली की टोली।
रंग-बिरंगी आई होली।।

परसों विद्यालय जाना है,
होम-वर्क भी जँचवाना है,
मेहनत से पढ़ना हमजोली।
रंग-बिरंगी आई होली।।

-रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’

केशर की कलि की पिचकारी

केशर की, कलि की पिचकारीः
पात-पात की गात सँवारी।

राग-पराग-कपोल किए हैं,
लाल-गुलाल अमोल लिए हैं
तरू-तरू के तन खोल दिए हैं,
आरती जोत-उदोत उतारी-
गन्ध-पवन की धूप धवारी।

गाए खग-कुल-कण्ठ गीत शत,
संग मृदंग तरंग-तीर-हत
भजन-मनोरंजन-रत अविरत,
राग-राग को फलित किया री-
विकल-अंग कल गगन विहारी।

-सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में

गले मुझको लगा लो ऐ दिलदार होली में
बुझे दिल की लगी भी तो ऐ यार होली में

नहीं ये है गुलाले-सुर्ख उड़ता हर जगह प्यारे
ये आशिक की है उमड़ी आहें आतिशबार होली में

गुलाबी गाल पर कुछ रंग मुझको भी जमाने दो
मनाने दो मुझे भी जानेमन त्योहार होली में

है रंगत जाफ़रानी रुख अबीरी कुमकुम कुछ है
बने हो ख़ुद ही होली तुम ऐ दिलदार होली में

रस गर जामे-मय गैरों को देते हो तो मुझको भी
नशीली आँख दिखाकर करो सरशार होली में

-भारतेंदु हरिश्चंद्र

होली पर हिंदी कविता – Hindi Kavita on Holi

यहाँ आपके लिए होली पर हिंदी कविता (Hindi Kavita on Holi) दी गई हैं, जिन्हें आप अपने दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं। Hindi Kavita on Holi इस प्रकार हैं –

होली पर कविताएं
आई-आई रे होली, खेलो फाग बीच बरसाने में।
पीली-पीली गुरनारी
रंग भर पिचकारी
देखो मुख पे है मारी
भीगी अंगिया है सारी
आई-आई रे होली आई
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी तो होरी बरजोरी रे रसिया
उड़त अबीर गुलाल कुमकुमा
केशर की पिचकारी रे रसिया।

रंग-रंगीली आई होली
खुशियों को अपने संग लाई होली।
सभी को अपने रंग में रंगने को
अपनों को संग लाई होली।
बुराइयों को मिटाने को,
अच्छाई की लौ जलाने आई होली।

होली

यह मिट्टी की चतुराई है,
रूप अलग औ’ रंग अलग,
भाव, विचार, तरंग अलग हैं,
ढाल अलग है ढंग अलग,

आजादी है जिसको चाहो आज उसे वर लो।
होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर को!

निकट हुए तो बनो निकटतर
और निकटतम भी जाओ,
रूढ़ि-रीति के और नीति के
शासन से मत घबराओ,

आज नहीं बरजेगा कोई, मनचाही कर लो।
होली है तो आज मित्र को पलकों में धर लो!

प्रेम चिरंतन मूल जगत का,
वैर-घृणा भूलें क्षण की,
भूल-चूक लेनी-देनी में
सदा सफलता जीवन की,

जो हो गया बिराना उसको फिर अपना कर लो।
होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो!

होली है तो आज अपरिचित से परिचय कर लो,
होली है तो आज मित्र को पलकों में धर लो,
भूल शूल से भरे वर्ष के वैर-विरोधों को,
होली है तो आज शत्रु को बाहों में भर लो!

-हरिवंशराय बच्चन

मार दी तुझे पिचकारी

मार दी तुझे पिचकारी,
कौन री, रँगी छबि यारी ?

फूल -सी देह,-द्युति सारी,
हल्की तूल-सी सँवारी,
रेणुओं-मली सुकुमारी,
कौन री, रँगी छबि वारी ?

मुसका दी, आभा ला दी,
उर-उर में गूँज उठा दी,
फिर रही लाज की मारी,
मौन री रँगी छबि प्यारी।

-सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला"

होली पर आधारित अन्य ब्लॉग्स

Holi Quiz in HindiHoli Essay in Hindi
होलिका दहन से जुड़ी कुछ अनोखी कविताएं और गज़लPoems on Holi in Hindi
Holika Dahan Wishes in Hindiआखिर क्यों मनाया जाता है होली का त्यौहार 
Traditional Holi Food in HindiHoli Speech in Hindi
Holi Shayari in Hindiलट्ठमार होली
पत्थर मार होलीफूलों की होली
Rajasthan Ki HoliMathura Ki Holi 
अंगारों की होलीपुष्कर की होली
Holi Games in HindiHappy Holi Wishes in Hindi
Holi Songs in HindiHoli Kab Hai
Quotes on Holi in HindiHolika Dahan Story in Hindi
Holi Wishes in HindiHolika Dahan in Hindi
Holi ke Pakwanहोली को मानाने के तरीके
Holi kyu manate haiHoli Decoration Ideas for School
होली के त्योहार में बनाएं जाने वाले प्रसिद्ध पकवानहोली पर निबंध 
Holi Decoration Ideaहोली के रंग और उनके अद्भुत प्रभाव कविताओं के माध्यम से
होली को मनाने के तरीके होली का इतिहास
होली सेफ्टी टिप्स होली की शुभकामनाएं
होली की कहानी होली क्यों मनाते हैं
होली के उत्साह पर आधारित प्रेरक विचार‘होली’ पर भाषण
Holi Facts in Hindi

आशा है कि आपको इस लेख में दी गई होली पर कविताएं (Poems on Holi in Hindi) पसंद आई होंगी। साथ ही आशा है कि होली पर कविता (Holi Par Kavita) अपने मित्रों के साथ साझा करके आप इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मना पाए होंगे। इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*