गुरु नानक जयंती, सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। यह दिन हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर-नवंबर में पड़ता है। गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी (वर्तमान में ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। वे एक महान संत, दार्शनिक, और सामाजिक सुधारक थे, जिन्होंने एकता, समानता और प्रेम का संदेश फैलाया। उनकी शिक्षाएँ आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। इस ब्लॉग में हम गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti in Hindi) के महत्व, इतिहास और इस दिन की विशेष परंपराओं के बारे में विस्तार से जानेंगे।
This Blog Includes:
- गुरुनानक देव के बारे में
- 2024 में कब है गुरुनानक देव जयंती?
- गुरुनानक देव जयंती क्यों मनाई जाती है?
- गुरु नानक जयंती का इतिहास
- गुरुनानक देव नाम कैसे अस्तित्व में आया?
- गुरुनानक देव जयंती का महत्व क्या है?
- गुरुनानक देव जयंती का दूसरा नाम क्या है?
- गुरुनानक देव जयंती आयोजन कैसे होता है?
- गुरु नानक देव से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- FAQs
गुरुनानक देव के बारे में
गुरु नानक का जन्म 1469 में लाहौर के पास ननकाना साहिब में मेहता कालू और माता तृप्ता के घर हुआ था। उनके पिता गांव में फसल राजस्व के लिए एक एकाउंटेंट थे। सिख परंपराओं के अनुसार, नानक का बचपन कई घटनाओं से भरा था। सिख परंपरा के अनुसार, नानक एक धन्य या प्रबुद्ध आत्मा थे। नानक को सभी धर्मों के धर्मग्रंथ पढ़ने में रुचि थी। गुरु नानक की शिक्षाएं गुरु ग्रंथ साहिब में पाई जाती हैं, जो सिखों की पवित्र पुस्तक है। उन्होंने एक ईश्वर पर विश्वास और ध्यान करने, मानव जाति की एकता, निस्वार्थ सेवा, सामाजिक न्याय, ईमानदार आचरण और ईमानदार आजीविका की बात की।
2024 में कब है गुरुनानक देव जयंती?
हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, गुरु नानक जयंती का त्यौहार कार्तिक माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2024 में यह शुक्रवार, 15 नवंबर को पड़ेगा। गुरु नानक जयंती के अवसर पर दो दिन पहले से विशेष प्रार्थनाएँ और जुलूस आयोजित किए जाते हैं। गुरूद्वारे में लंगर (सामुदायिक भोजन) और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है
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गुरुनानक देव जयंती क्यों मनाई जाती है?
Guru Nanak Jayanti in Hindi क्यों मनाई जाती है के बारे में यहां बताया जा रहा हैः
- सिख धर्म के अनुयायियों के लिए, गुरु नानक जयंती सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है।
- यह सिख समुदाय को आकार देने और मजबूत करने के लिए है।
- गुरु नानक जयंती सबसे प्रमुख सिख त्योहारों में से एक है जिसे उनके पहले गुरु, गुरु नानक के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है।
- सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक ने सिख समुदाय को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, इसलिए इस दिन उन्हें याद किया जाता है।
- कुछ सिख समुदायों का मानना है कि गुरु नानक का जन्म कार्तिक की पूर्णिमा के दिन हुआ था, इसलिए इस दिन उनकी जयंती मनाई जाती है।
गुरु नानक जयंती का इतिहास
ऐसा माना जाता है कि गुरुर नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 149 को तलवंडी में हुआ था, जो अब ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है, जो पाकिस्तान में स्थित है। लेकिन सिख समुदाय का मानना है कि उनका जन्म कार्तिक मास पूर्णिमा तिथि को हुआ था। उनका जन्म मेहता कालू और माता तृप्ता से हुआ था।
15वीं शताब्दी में गुरु नानक जी को एक आध्यात्मिक नेता के रूप में मान्यता मिली। वह शांति फैलाने में विश्वास करते थे इसलिए उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब जी लिखा जो सिखों का एक पवित्र ग्रंथ है जिसमें 974 श्लोक हैं। उन्होंने सभी को “इक ओंकार” की शिक्षा भी दी, जिसका अर्थ है कि ईश्वर केवल एक है और वह सर्वव्यापी है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस धर्म और जाति से हैं और उन्होंने लोगों को समझाया कि भगवान हर जगह मौजूद हैं। गुरु नानक जी सदैव भेदभाव के ख़िलाफ़ थे।
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गुरुनानक देव नाम कैसे अस्तित्व में आया?
किसी भी बड़े नाम का अस्तित्व या इतिहास काफी कुछ समेटे हुए रहता है। किसान परिवार में 15 अप्रैल 1469 को गुरु नानक देव का जन्म तलवंडी ननकाना साहिब में हुआ था और जानकारी के अनुसार माना जाता है कि गुरु नानक को सिख धर्म के पहले गुरु कहा जाता है। तलवंड़ी ननकाना साहिब से जुड़े होने के कारण ही इन्हें नानक नाम से संबोधित किया जाता है।
गुरुनानक देव जयंती का महत्व क्या है?
गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti in Hindi) को प्रकाश उत्सव कहा जाता है। गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारे में दिवान सजाए जाते हैं और कीर्तन जत्थे और प्रभात फेरी निकाली जाती है। ये दिन सिख समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन को सिख समुदाय के लोग प्रकाश पर्व के रूप में मनाते हैं।
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गुरुनानक देव जयंती का दूसरा नाम क्या है?
गुरुनानक जयंती (Guru Nanak Jayanti in Hindi) को प्रकाश पर्व के नाम से जाना जाता है। इसे गुरु पूरब के नाम से भी जाना जाता है। गुरु नानक जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है।
गुरुनानक देव जयंती आयोजन कैसे होता है?
गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti in Hindi) का आयोजन कैसे होता है के बारे में यहां बताया जा रहा हैः
- गुरुद्वारों को फूलों और लाइटिंग से सजाया जाता है।
- सुबह के समय प्रभात फेरी निकाली जाती है।
- गुरुद्वारों में शबद कीर्तन किया जाता है।
- सिख समुदाय के लोग दान-पुण्य आदि मानव सेवा के कार्य करते हैं।
- एक दिन पहले नगर-कीर्तन नामक जुलूस का आयोजन किया जाता है और इसका नेतृत्व पांच लोग करते हैं।
- गुरु नानक जयंती के 2 दिन पहले ही गुरुद्वारों पर गुरु ग्रंथ साहिब के अखंड पाठ का आयोजन किया जाता है।
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गुरु नानक देव से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
गुरु नानक देव से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैंः
- बचपन के दौरान भी, गुरु नानक देव जी ने पवित्र लोगों की संगति रखी और उन्हें ईश्वर के स्वरूप के बारे में लंबी चर्चाओं में शामिल किया।
- गुरु नानक ने बचपन में जनेऊ नामक पवित्र धागा पहनने से इनकार कर दिया था, उन्होंने कहा था कि इसके बजाय वह अपनी सुरक्षा के लिए अपने दिल में भगवान का सच्चा नाम धारण करेंगे।
- सात साल की उम्र में उनके पिता कालू मेहता ने उन्हें गांव के स्कूल में दाखिला दिलाया।
- जब गुरु नानक देव जी 12 वर्ष के थे तो उनके पिता ने उन्हें 20 रुपये दिए और व्यापार करने के लिए कहा, लेकिन गुरु नानक देव जी ने सारे पैसों से खाना खरीदा और साधु-संतों और गरीबों में बांट दिया।
- गुरु नानक देव ने जिस स्थान पर गरीबों को खाना खिलाया था, उसी स्थान पर एक गुरुद्वारा बनाया गया, इसका नाम ‘सच्चा सौदा‘ रखा गया।
- गुरु नानक देव जी को अपने साथियों बाला और मर्दाना के साथ अपना संदेश फैलाने के लिए पूरे भारत और मध्य पूर्व में यात्रा करने के लिए डाक्यूमेंटेड किया गया था।
- पाकिस्तान में गुरु नानक देव जी को समर्पित ‘पंजा साहिब’ नाम का एक गुरुद्वारा भी है। यह सिख धर्म के सबसे पवित्र स्थानों में से एक है।
- कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी ने 15वीं शताब्दी में सिख धर्म की नींव रखी। जबकि गुरु नानक की शिक्षाएं सिख धर्मग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में पाई जा सकती हैं।
- दुनिया भर में सिख गुरु नानक जयंती को बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं। हालाँकि, यह भारत और पाकिस्तान में सबसे लोकप्रिय रूप से मनाया जाता है।
- गुरु नानक जयंती के लिए उत्सव की शुरुआत गुरु ग्रंथ साहिब जी के भजनों के साथ होती है, जिसके बाद शाम को लंगर और आतिशबाजी होती है।
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FAQs
गुरुनानक जंयती पर सभी गुरुद्वारों में भजन, कीर्तन होता है और प्रभात फेरियां भी निकाली जाती हैं।
गुरुनानक देव जी को नानक, नानक देव जी कहा जाता है।
गुरु नानक देव जी की रचनाएं पट्टी, जपुजी, आसा दी वार, सिद्ध गोसटि आदि हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग Guru Nanak Jayanti in Hindi में आपको गुरु नानक जयंती के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।