भारतीय संविधान एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है जो हमारे देश के शासन की नींव रखता है और अपने नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को निर्धारित करता है, साथ ही सरकार की संरचना और शक्तियों को भी परिभाषित करता है। भारतीय संविधान, जिसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। इसी कारण भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस मनाया जाता है। भारत सरकार अधिनियम 1935 को भारत के संविधान का मूल आधार माना जाता है जिसकेजिसके बारे में स्टूडेंट्स से कई बार प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछ लिया जाता है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम भारत का संविधान कितने पेज का है? इसके बारे में जानेंगे।
इतनी है भारत के संविधान के पृष्ठों की संख्या
आपको बता दें कि भारत का संविधान 251 पेज का है। जब हमारे संविधान की रचना हुई थी तब इसमें 395 अनुच्छेद या धाराएं, 22 भाग और 8 अनुसूचियां मौजूद थी। बाद में, इसे समझने में आसान बनाने के लिए कुछ बदलाव किए गए। जिसके परिणामस्वरूप वर्तमान में भारतीय संविधान में 448 अनुच्छेद, 22 भाग और 12 अनुसूचियाँ हैं।
भारत का यह संविधान किसने लिखा?
डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान का जनक कहा जाता है क्योंकि वह संविधान सभा की ड्राफ्टिंग सभा के अध्यक्ष थे। हालाँकि, संविधान को भौतिक रूप से अपने हाथ से लिखने वाले वास्तविक व्यक्ति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे। लेकिन बाबासाहेब अंबेडकर ने “दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान” भारतीय संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार किया था।
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आशा है कि आपको इस ब्लॉग में भारत का संविधान कितने पेज का है? इसके बारे जानकारी मिल गयी होगी। इसी तरह ट्रेंडिंग इवेंट से संबंधित अन्य ब्लॉग्सपढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।