Difference Between Democracy And Republic: भारत को एक लोकतांत्रिक गणतांत्रिक देश के रूप में जाना जाता है। किसी भी देश में अगर सत्ता का विस्तार होता है, तो उसकी सीमाएं भी होती हैं और यह जनता पर निर्भर करता है कि वे किसे चुनना चाहती हैं इसलिए जनता को निर्णय-निर्माता कहा जाता हैं। वहीं सरकार के दो स्वरूपों में लोकतंत्र और गणतंत्र शामिल है। लेकिन क्या आप लोग यह जानते हैं कि लोकतंत्र और गणतंत्र में अंतर (Gantantra Aur Loktantra Me Antar) क्या होता है? अगर नहीं तो इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देंगे।
लोकतंत्र क्या है? – What is Democracy
लोकतंत्र यानी डेमोक्रेसी (Democracy) एक ऐसी शासन व्यवस्था है जहां जनता कानून बनाने के लिए अपने प्रतिनिधियों को चुनती हैं। लोकतंत्र का अर्थ है कि यह जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता की सरकार है। इसमें सत्ता का स्रोत जनता होती है। यह सरकार का एक रूप है जहां आम जनता का अधिकार होता है। लोकतंत्र में शासन का प्रमुख जनता द्वारा चुना जाता है और शासनाध्यक्ष का चुनाव होता है। उदाहरण के लिए, भारत में आम चुनावों के द्वारा विधायक, सांसद व नेता चुने जाते हैं, जो जनता की इच्छा के आधार पर कार्य करते हैं।
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गणतंत्र क्या है? – What Is Republic
गणतंत्र (Republic) का अर्थ सत्ता का वह प्रकार है जहाँ देश को एक सार्वजनिक मामला माना जाता है। गणतंत्र भी एक प्रकार की लोकतांत्रिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था में शासन का अधिकार जनता के प्रतिनिधियों के पास होता है, और वे पदों पर चुनाव द्वारा आते हैं। गणतंत्र की विशेषता यह है कि इसमें सत्ता का हस्तांतरण या बदलाव चुनावों के माध्यम से होता है, न कि वंशानुगत तरीके से।
लोकतंत्र और गणतंत्र में अंतर – Difference Between Democracy And Republic
नीचे दी गई टेबल में लोकतंत्र और गणतंत्र में अंतर (Gantantra Aur Loktantra Me Antar) के बारे में बताया गया है:-
लोकतंत्र | गणतंत्र |
लोकतंत्र में जनता के पास शक्ति होती है। | गणतंत्रात्मक सरकार में सत्ता व्यक्तिगत नागरिकों के पास होती है। |
लोकतांत्रिक व्यवस्था में कानून बहुमत द्वारा बनाए जाते हैं। | गणतंत्रात्मक प्रणाली में कानून जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा बनाए जाते हैं। |
लोकतांत्रिक व्यवस्था में, बहुमत के पास यह अधिकार है कि वह मौजूदा अधिकारों को खत्म कर सके। | गणतंत्रात्मक प्रणाली में बहुमत की इच्छा को ओवरराइड नहीं किया जा सकता क्योंकि संविधान उन अधिकारों की रक्षा करता है। |
लोकतंत्र के प्रमुख 3 प्रकार हैं, इसमें पहला- प्रत्यक्ष लोकतंत्र, दूसरा- प्रतिनिधि लोकतंत्र और तीसरा- संवैधानिक लोकतंत्र। | गणतंत्र मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं- संवैधानिक गणतंत्र, संसदीय गणतंत्र, राष्ट्रपति गणराज्य, संघीय गणराज्य और धार्मिक गणराज्य। |
एक देश में 1 से अधिक प्रकार के लोकतंत्र हो सकते हैं। | वहीं एक देश में 1 से अधिक प्रकार के गणतंत्र भी हो सकते हैं। |
लोकतंत्र में सरकार पर कोई प्रतिबंध नहीं होता। | गणतंत्र में सरकार पर प्रतिबंध होता है। |
लोकतंत्र मुख्य रूप से जनता की इच्छा पर केंद्रित होता है। | गणतांत्रिक देश मुख्यतः संविधान पर केंद्रित होता है। |
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आशा है कि आपको इस ब्लॉग में लोकतंत्र और गणतंत्र में अंतर (Gantantra Aur Loktantra Me Antar) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही ट्रेंडिंग इवेंट्स और सामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।