Beating Retreat Ceremony in Hindi 2025: बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी क्या है और जानें सदियों पुरानी इस परंपरा का इतिहास

1 minute read
Beating Retreat Ceremony in Hindi (बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी)

Beating Retreat Ceremony in Hindi 2025: बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी हर साल 29 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह का भव्य समापन करती है और इसे लेकर उत्साह भरपूर रहता है। यह परंपरा-समृद्ध कार्यक्रम नई दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित होता है जो भारत के सशस्त्र बलों की शक्ति और संगीत की अद्भुत कला को दर्शाता है। यह शाम के समय सैनिकों की वापसी का प्रतीक है और इसमें सैन्य बैंड, सांस्कृतिक समरसता, और देशभक्ति की भावना का अनोखा संगम देखने को मिलता है। UPSC और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से यह भारतीय परंपराओं, रक्षा प्रोटोकॉल, और राष्ट्रीय आयोजनों से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों को समझने का अवसर प्रदान करता है। इस ब्लॉग में आपको बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony in Hindi) के हर पहलू की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।

बीटिंग रिट्रीट समारोहमुख्य बिंदुविवरण
1तारीख और स्थान29 जनवरी, विजय चौक, नई दिल्ली।
2उद्देश्यगणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन।
3मुख्य प्रतिभागीभारतीय सेना, नौसेना, और वायुसेना के बैंड।
4संगीत प्रदर्शनदेशभक्ति धुनें और पारंपरिक संगीत का प्रदर्शन।
5राष्ट्रीय ध्वज का उतरनासूर्यास्त के समय राष्ट्रीय ध्वज का विधिवत उतरना।
6महत्वपरंपरा, सैन्य अनुशासन और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक।
7रोशनी का प्रदर्शनराष्ट्रपति भवन और आसपास के क्षेत्रों की भव्य सजावट।
8UPSC दृष्टिकोणभारतीय परंपरा, सांस्कृतिक धरोहर, और रक्षा संबंधी अनुष्ठानों की समझ के लिए महत्वपूर्ण।

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony in Hindi)

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony in Hindi) हर साल 29 जनवरी को नई दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित की जाती है। यह भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के भव्य समापन का प्रतीक है। इसकी परंपरा 17वीं शताब्दी में शुरू हुई थी और इसे सूर्यास्त के समय सैनिकों के लौटने का प्रतीक माना जाता है।

इस आयोजन में भारतीय सेना, नौसेना, और वायु सेना के बैंड देशभक्ति की धुनों के साथ संगीतमय प्रदर्शन करते हैं। समारोह का समापन राष्ट्रीय ध्वज को विधिवत नीचे उतारने और राष्ट्रपति भवन की भव्य रोशनी के साथ होता है। छात्रों और नागरिकों के लिए, यह आयोजन भारत की सैन्य परंपराओं, सांस्कृतिक धरोहर और अनुशासन को उजागर करता है, जो इसे राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक बनाता है।

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का इतिहास क्या है? (Beating Retreat Ceremony in Hindi)

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी की उत्पत्ति 17वीं शताब्दी की सैन्य परंपराओं में हुई, जब युद्ध के समाप्ति का संकेत देने के लिए ड्रम और बिगुल बजाए जाते थे, और सैनिक सूर्यास्त के समय शिविर में लौटते थे। यह परंपरा ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में शुरू हुई और औपचारिक रूप से अपनाई गई।

स्वतंत्रता के बाद, इस समारोह को गणतंत्र दिवस के समापन के रूप में शामिल किया गया। भारत में पहली बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी 1950 के दशक में भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स के नेतृत्व में आयोजित की गई। वर्तमान में, यह विजय चौक पर एक भव्य आयोजन बन गया है, जिसमें सैन्य बैंड पारंपरिक धुनों और देशभक्ति के गीतों का प्रदर्शन करते हैं। यह भारत के सशस्त्र बलों के अनुशासन, परंपरा और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है।

यूपीएससी दृष्टिकोण से
यह समारोह भारत की सैन्य परंपराओं, रक्षा प्रोटोकॉल, और राष्ट्रीय आयोजनों को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह देश के ऐतिहासिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा में सशस्त्र बलों की भूमिका, और आधुनिक भारत में औपचारिक परंपराओं की निरंतरता को उजागर करता है। 2022 में, भजन “एबाइड विद मी” को हटाकर भारतीय मूल की धुनों को शामिल करना इस समारोह में भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है।

यह भी पढ़ें- Republic Day in Hindi: गणतंत्र दिवस- भारत का गणतंत्र और जानें इसका इतिहास

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी कब होती है? (Beating Retreat Ceremony in Hindi)

बीटिंग रिट्रीट समारोह हर साल 29 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तीन दिन बाद नई दिल्ली के विजय चौक पर होता है। यह सैन्य बैंड, देशभक्ति की धुनों और भव्यता के साथ गणतंत्र दिवस समारोह के औपचारिक समापन का प्रतीक है।

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी क्यों होती है? (Beating Retreat Ceremony in Hindi)

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी भारत में गणतंत्र दिवस समारोह के औपचारिक समापन को चिह्नित करने के लिए आयोजित की जाती है। यह सूर्यास्त के समय सैनिकों के शिविर में लौटने की ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है, जो दिनभर की सैन्य गतिविधियों के अंत को दर्शाता है।

यह कार्यक्रम भारतीय सशस्त्र बलों की अनुशासन, एकता और सांस्कृतिक समृद्धि को शानदार सैन्य बैंड प्रदर्शनों के माध्यम से उजागर करता है। साथ ही, यह भारत के ऐतिहासिक और औपचारिक मूल्यों का प्रतीक है, जो देश की गौरवशाली विरासत और सैन्य उत्कृष्टता का उत्सव मनाते हुए नागरिकों के बीच देशभक्ति और गर्व की भावना को प्रबल करता है।

यह भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को कितने तोपों की सलामी दी जाती हैं?

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी का महत्व क्या है? (Significance of Beating Retreat Ceremony in Hindi)

बीटिंग रिट्रीट समारोह का महत्व  (Significance of Beating Retreat Ceremony in Hindi) इस प्रकार है:

  • सांस्कृतिक विरासत: यह समारोह 17वीं शताब्दी से चली आ रही भारत की समृद्ध सैन्य परंपराओं और औपचारिक प्रथाओं का प्रतीक है।
  • राष्ट्रीय एकता: भारतीय सशस्त्र बलों के अनुशासन, सद्भाव और एकता को प्रदर्शित करता है।
  • गणतंत्र दिवस समापन: यह भव्यता और गरिमा के साथ गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन करता है।
  • प्रतीकात्मक परंपरा: सूर्यास्त के समय सैनिकों की वापसी का प्रतीक, जो सैन्य कर्तव्यों के बाद शांति और संतुलन पर जोर देता है।
  • देशभक्ति का प्रसार: यह भारत के सशस्त्र बलों के प्रति राष्ट्रीय गौरव और सम्मान की भावना को बढ़ावा देता है।
  • रोशनी का समारोह: राष्ट्रपति भवन और उत्तर व दक्षिण ब्लॉक की भव्य रोशनी के माध्यम से भारत की स्थापत्य कला और सुंदरता को दर्शाता है।
  • यूपीएससी प्रासंगिकता: यह भारतीय परंपराओं, रक्षा प्रोटोकॉल, और सांस्कृतिक धरोहर जैसे विषयों को समझने के लिए यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है।

बीटिंग रिट्रीट से कौन सी धुन निकाल दी जाती है?

1950 से भारत के बीटिंग रिट्रीट समारोह में पारंपरिक रूप से बजाए जाने वाले भजन एबाइड विद मी को 2022 में हटा दिया गया। इस बदलाव का उद्देश्य ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के समारोह को अधिक भारतीय पहचान देना था।

भजन एबाइड विद मी की जगह देशभक्ति गीत ऐ मेरे वतन के लोगों को शामिल किया गया, जिसे कवि प्रदीप ने 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों के बलिदान का सम्मान करने के लिए लिखा था। हालांकि हर वर्ष समारोह में बजाई जाने वाली धुनों में बदलाव हो सकता है, लेकिन यह कदम भारतीय संस्कृति और देशभक्ति को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास के रूप में देखा गया।

यह भी पढ़ें – Poem on Republic Day in Hindi : पढ़िए गणतंत्रता दिवस का महिमामंडन करती उन कविताओं को, जो आपको देशप्रेम की भावना में ओत-प्रोत कर देंगी

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी पर 10 लाइन (10 Lines on Beating Retreat Ceremony in Hindi)

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी पर 10 लाइन (10 Lines on Beating Retreat Ceremony in Hindi) इस प्रकार हैं:

  1. बीटिंग रिट्रीट समारोह हर साल 29 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के अवसर पर आयोजित किया जाता है।
  2. यह नई दिल्ली के विजय चौक पर राष्ट्रपति भवन की भव्य पृष्ठभूमि में आयोजित होता है।
  3. भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य बैंड इसमें देशभक्ति धुनें और पारंपरिक रचनाओं का प्रदर्शन करते हैं।
  4. कार्यक्रम की खासियत समकालिक ढोल बजाने और संगीत के माध्यम से सांस्कृतिक विविधता को दर्शाना है।
  5. सूर्यास्त के समय राष्ट्रीय ध्वज को औपचारिक रूप से नीचे उतारने की रस्म होती है, जो सैन्य कर्तव्य के अंत का प्रतीक है।
  6. यह समारोह भारतीय सशस्त्र बलों के अनुशासन, एकता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।
  7. राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक की रोशनी इस आयोजन की दृश्य भव्यता को बढ़ाती है।
  8. भारत के राष्ट्रपति, जो सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं, इस समारोह की अध्यक्षता करते हैं।
  9. इस परंपरा की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी, जो 17वीं सदी की सैन्य प्रथाओं से प्रेरित है।
  10. यह आयोजन भारत की सैन्य परंपराओं और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है, जो नागरिकों में देशभक्ति की भावना को प्रबल करता है।

यह भी पढ़ें – Republic Day Quiz in Hindi – जानिए गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ प्रश्न 

बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी से जुड़े तथ्य (Facts Related to Beating Retreat Ceremony in Hindi) इस प्रकार हैं-

  • बीटिंग रिट्रीट समारोह की उत्पत्ति 17वीं शताब्दी के यूरोप में हुई थी, जब सैन्य बल दिन की गतिविधियों के अंत का संकेत देने के लिए शाम के समय रिट्रीट कॉल का उपयोग करते थे।
  • इस प्रथा को अंग्रेजों ने भारत में औपनिवेशिक शासन के दौरान सैन्य अभियानों के अंत को चिह्नित करने के लिए अपनाया।
  • भारत में पहली बीटिंग रिट्रीट समारोह गणतंत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में 1950 में हुआ था।
  • बीटिंग रिट्रीट समारोह गणतंत्र दिवस के तीन दिन बाद 29 जनवरी को प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
  • भारत में यह राष्ट्रपति भवन के सामने नई दिल्ली में विजय चौक पर आयोजित किया जाता है।
  • भारत के राष्ट्रपति सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में इस समारोह की अध्यक्षता करते हैं।
  • समारोह में भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य बैंड द्वारा प्रदर्शन किया जाता है।
  • कार्यक्रम के दौरान बैंड देशभक्ति के गीतों और सैन्य धुनों का मिश्रण बजाते हैं और इसमें सारे जहाँ से अच्छा और ऐ मेरे वतन के लोगों शामिल हैं।
  • समारोह में बैंड द्वारा समन्वित आंदोलनों और मार्चिंग के साथ सशस्त्र बलों के अनुशासन, परिशुद्धता और एकता को प्रदर्शित किया जाता है।
  • सूर्यास्त के समय एक औपचारिक समारोह में राष्ट्रीय ध्वज को उतारा जाता है जो दिन के सैन्य कर्तव्य के अंत का प्रतीक है।
  • समारोह के बाद राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को रोशन किया जाता है जो कार्यक्रम की दृश्य भव्यता को बढ़ाता है।
  • समारोह सूर्यास्त के समय सेना के पीछे हटने का प्रतीक है जो शांति, अनुशासन और सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान का प्रतिनिधित्व करता है।
  • 2022 में भारत सरकार ने इस समारोह से एबाइड विद मी भजन को हटा दिया और इसे ऐ मेरे वतन के लोगों से बदल दिया जो भारतीय मूल की धुनों पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है।
  • मूल रूप से ब्रिटिश सैन्य परंपरा के रूप में शुरू की गई बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी को स्वतंत्रता के बाद भारत की सैन्य और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाने के लिए अपनाया गया था।
  • बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी राष्ट्रीय गौरव, एकता और देशभक्ति को बढ़ावा देने में बहुत महत्व रखती है जो भारत की अपनी सशस्त्र सेनाओं के प्रति श्रद्धा और अनुशासन और सम्मान के मूल्यों को दर्शाती है।

FAQs

भारत में पहली बार बीटिंग रिट्रीट समारोह कब आयोजित किया गया था?

भारत में बीटिंग रिट्रीट समारोह पहली बार 1950 के दशक की शुरुआत में आयोजित किया गया था। इसे भारतीय सेना के मेजर रॉबर्ट्स के मार्गदर्शन में सैन्य परंपरा के साथ गणतंत्र दिवस समारोह के अंत का प्रतीक बनाने के लिए शुरू किया गया था।

बीटिंग रिट्रीट समारोह क्यों आयोजित किया जाता है?

गणतंत्र दिवस समारोह के औपचारिक समापन के लिए बीटिंग रिट्रीट समारोह आयोजित किया जाता है। यह सूर्यास्त के समय सैनिकों की वापसी का प्रतीक है, भारत की सैन्य परंपराओं को उजागर करता है, और सैन्य बैंड और औपचारिक भव्यता द्वारा समन्वित प्रदर्शन के माध्यम से देशभक्ति को बढ़ावा देता है।

बीटिंग रिट्रीट समारोह हर साल कहां आयोजित किया जाता है?

बीटिंग रिट्रीट समारोह हर साल नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के पास विजय चौक पर आयोजित किया जाता है। यह प्रतिष्ठित स्थान इस आयोजन के लिए एक राजसी पृष्ठभूमि प्रदान करता है, जिसमें सैन्य बैंड और रोशनी वाली इमारतें इसकी भव्यता को बढ़ाती हैं।

बीटिंग रिट्रीट समारोह क्या है? 

बीटिंग रिट्रीट समारोह एक सैन्य परंपरा है जो गणतंत्र दिवस के उत्सव के अंत का प्रतीक है। इसमें सैन्य बैंड द्वारा प्रदर्शन, राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतारा जाना और प्रमुख इमारतों को रोशन करना शामिल है, जो अनुशासन और भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।

बीटिंग रिट्रीट समारोह की अध्यक्षता कौन करता है?

भारत के राष्ट्रपति सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में बीटिंग रिट्रीट समारोह की अध्यक्षता करते हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री और अन्य अधिकारियों सहित गणमान्य व्यक्ति शामिल होते हैं, जो राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक है।

बीटिंग द रिट्रीट का क्या मतलब है?

बीटिंग द रिट्रीट एक सैन्य परंपरा है, जिसमें सैनिक सूर्यास्त के समय अपने शिविर में वापस लौटकर दिन की गतिविधियों के अंत का संकेत देते हैं। यह शांति का प्रतीक है और दिन के लिए सैन्य कर्तव्यों के औपचारिक समापन को चिह्नित करता है।

बीटिंग द रिट्रीट क्या है?

बीटिंग द रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह के समापन के लिए आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम है। इसमें सैन्य बैंड देशभक्ति की धुनें बजाते हैं, जिसके बाद राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतारा जाता है, जो सैनिकों के पीछे हटने और भारत की सैन्य परंपराओं का सम्मान करने का प्रतीक है।

बीटिंग द रिट्रीट किस समय शुरू होती है?

बीटिंग द रिट्रीट आम तौर पर 29 जनवरी को शाम 5:00 बजे शुरू होती है, सूर्यास्त से ठीक पहले। यह समारोह नई दिल्ली के विजय चौक पर आयोजित किया जाता है और लगभग 45 मिनट तक चलता है, जिसका समापन राष्ट्रीय ध्वज को नीचे उतारने के साथ होता है।

संबंधित ब्लाॅग्स

26 जनवरी 2025 को कौन सा गणतंत्र दिवस है?Bharat Gantantra Kab Bana – भारत गणतंत्र कब बना?
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान कौन सा पुरस्कार प्रदान किया जाता है? जानिए पूरी लिस्टभारतीय गणतंत्र दिवस की परेड की दूरी कितनी होती है?
गणतंत्र दिवस पर सुविचार लिखकर दें बधाई जिनसे जगती है देशभक्ति की अलखइस साल कौन सा गणतंत्र दिवस है, जानें यहां
गणतंत्र दिवस 2025 के मुख्य अतिथि होंगे येगणतंत्र दिवस का महत्व क्या है और साथ ही जानिए इस दिन क्या है खास
गणतंत्र दिवस पर छोटी सी कविता जिसमें मिलेगा देशप्रेम का भाव72वें गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि की पूरी लिस्ट, जानें यहां
इस साल कौन सा गणतंत्र दिवस है, जानें यहां26 जनवरी 1950 को पहला गणतंत्र दिवस समारोह कहां आयोजित किया गया था?
गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति को कितने तोपों की सलामी दी जाती हैं?गणतंत्र दिवस पर भाषण कैसे दें, जानें यहां
26 जनवरी और 15 अगस्त क्यों मनाया जाता है, जानें यहांDifference Between Democracy and Republic in Hindi : जानिए लोकतंत्र और गणतंत्र में अंतर
26 जनवरी को झंडा कितने बजे फहराया जाता है, जानें यहांध्वजारोहण और ध्वज फहराने में क्या अंतर है, जानें यहां

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी (Beating Retreat Ceremony in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*