LLB Full Form in Hindi ‘बैचलर ऑफ लॉ’ (Bachelor of Laws) होती है। हिंदी में इसे ‘विधि स्नातक’ कहा जाता है। एलएलबी (LLB) एक पेशेवर ग्रेजुएट डिग्री है, जो कानून के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए अनिवार्य होती है। भारत में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) इस डिग्री को मान्यता देती है, और इसे पूरा करने के बाद छात्र वकालत (Advocacy) या न्यायिक सेवाओं (Judiciary) में अपना करियर बना सकते हैं। इस ब्लॉग में आप जानेंगे कि LLB Full Form in Hindi क्या होती है, एलएलबी करने के फायदे, करियर विकल्प, योग्यता और प्रवेश प्रक्रिया क्या है।
This Blog Includes:
एलएलबी की फुल फॉर्म (LLB Full Form in Hindi)
- LLB Full Form in English – Bachelor of Laws
- LLB Full Form in Hindi – विधि स्नातक
एलएलबी कोर्स क्या है?
एलएलबी (LLB) कानून की पढ़ाई करने के लिए एक ग्रेजुएट डिग्री होती है। अगर कोई व्यक्ति वकील (Lawyer) बनना चाहता है या कानूनी मामलों में रुचि रखता है, तो उसे एलएलबी करना आवश्यक होता है।
- एलएलबी (LLB) एक पेशेवर विधिक (Law) डिग्री प्रोग्राम है, जिसे भारत में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- एलएलबी करने के बाद छात्र वकालत (Advocacy), न्यायिक सेवाएं (Judiciary), कॉर्पोरेट लॉ (Corporate Law), लीगल कंसल्टेंसी (Legal Consultancy) और सरकारी सेवाओं में करियर बना सकते हैं।
- एलएलबी को दो प्रकारों में किया जाता है – 3 वर्षीय एलएलबी (3-Year LLB Program) और 5 वर्षीय एलएलबी (5-Year Integrated Law Program)।
यह भी पढ़ें : LLB कोर्स की सम्पूर्ण जानकारी
LLB के प्रकार
LLB के प्रकार इस प्रकार हैं:
1. 3 वर्षीय एलएलबी (3-Year LLB Program)
- यह कोर्स केवल ग्रेजुएट छात्रों के लिए होता है।
- किसी भी विषय में स्नातक (Graduation) पूरा करने के बाद इस कोर्स में प्रवेश लिया जा सकता है।
- इसे LLB (Hons.) भी कहा जाता है।
- प्रमुख विश्वविद्यालय जो 3 वर्षीय एलएलबी प्रदान करते हैं:
- दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
- पंजाब विश्वविद्यालय (PU)
2. 5 वर्षीय एकीकृत एलएलबी (5-Year Integrated Law Program)
- यह कोर्स 12वीं पास छात्रों के लिए होता है।
- इसमें कानूनी पढ़ाई (Law Studies) के साथ अन्य विषयों को भी शामिल किया जाता है।
- कुछ प्रमुख एकीकृत एलएलबी कोर्स:
- BA LLB – (बैचलर ऑफ आर्ट्स + बैचलर ऑफ लॉ)
- BBA LLB – (बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन + बैचलर ऑफ लॉ)
- B.Com LLB – (बैचलर ऑफ कॉमर्स + बैचलर ऑफ लॉ)
- प्रमुख विश्वविद्यालय जो 5 वर्षीय एलएलबी प्रदान करते हैं:
- नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज़ (NLUs)
- सिम्बायोसिस लॉ स्कूल (SLS)
- अमिटी लॉ स्कूल
एलएलबी कोर्स के लिए पात्रता
एलएलबी कोर्स के लिए आपको कुछ पात्रता को पूरा करना होता है जो हैं:
- 3 वर्षीय एलएलबी के लिए:
- उम्मीदवार को किसी भी विषय में स्नातक (Graduation) पूरा करना अनिवार्य है।
- न्यूनतम 50% अंकों की आवश्यकता होती है (कुछ विश्वविद्यालयों में यह प्रतिशत अलग हो सकता है)।
- 5 वर्षीय एलएलबी के लिए:
- उम्मीदवार को 12वीं पास (Intermediate) होना अनिवार्य है।
- न्यूनतम 45-50% अंकों की आवश्यकता होती है (आरक्षित वर्ग के लिए छूट उपलब्ध होती है)।
- आयु सीमा:
- बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने एलएलबी में प्रवेश के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं की है।
एलएलबी में प्रवेश प्रक्रिया
एलएलबी कोर्स में प्रवेश लेने के लिए एंट्रेंस एग्जाम (Entrance Exam) देना पड़ता है। भारत में कुछ प्रमुख लॉ एंट्रेंस परीक्षाएं इस प्रकार हैं –
- CLAT (Common Law Admission Test) – 5 वर्षीय LLB के लिए
- AILET (All India Law Entrance Test) – नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के लिए
- LSAT India (Law School Admission Test)
- DU LLB Entrance Exam – दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए
- MH CET Law – महाराष्ट्र राज्य में लॉ एडमिशन के लिए
एलएलबी करने के बाद करियर ऑप्शंस
एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने के बाद निम्नलिखित क्षेत्रों में करियर बनाया जा सकता है –
- वकील (Lawyer/Advocate) – किसी अदालत में वकालत कर सकते हैं।
- न्यायाधीश (Judge) – न्यायिक सेवाओं (Judiciary Exam) में शामिल होकर न्यायाधीश बन सकते हैं।
- कॉर्पोरेट लॉयर (Corporate Lawyer) – कंपनियों के लिए कानूनी सलाहकार के रूप में कार्य कर सकते हैं।
- सरकारी वकील (Public Prosecutor) – सरकार के कानूनी मामलों को संभाल सकते हैं।
- लीगल कंसल्टेंट (Legal Consultant) – विभिन्न संगठनों को कानूनी सलाह दे सकते हैं।
- बैंकिंग और फाइनेंस लॉ (Banking & Finance Lawyer) – वित्तीय संस्थानों के साथ काम कर सकते हैं।
- टीचिंग और रिसर्च (Teaching & Research) – कानून के प्रोफेसर या शोधकर्ता बन सकते हैं।
LLB और LLM में अंतर
आधार | LLB | LLM |
पूरा नाम | बैचलर ऑफ लॉ (Bachelor of Laws) | मास्टर ऑफ लॉ (Master of Laws) |
कोर्स का प्रकार | ग्रेजुएट डिग्री | पोस्ट-ग्रेजुएट डिग्री |
अवधि | 3 साल (Graduation के बाद) या 5 साल (12वीं के बाद) | 1 से 2 साल |
योग्यता | 12वीं पास (5-year LLB) या ग्रेजुएट (3-year LLB) | LLB पूरा होना चाहिए |
उद्देश्य | विधि (Law) की बेसिक पढ़ाई | लॉ में स्पेशलाइजेशन (Specialization in Law) |
करियर ऑप्शन | वकील, लीगल एडवाइजर, जज, कॉर्पोरेट लॉयर | कानूनी रिसर्चर, प्रोफेसर, हाई-लेवल लीगल कंसल्टेंसी |
FAQs
एलएलबी कोर्स दो प्रकार के होते हैं। पहला 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स होता है, जिसे कोई भी छात्र ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद कर सकता है। दूसरा 5 वर्षीय एकीकृत एलएलबी प्रोग्राम होता है, जिसे 12वीं के बाद किया जा सकता है।
एलएलबी कोर्स की फीस अलग-अलग विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के आधार पर भिन्न होती है। यदि कोई छात्र सरकारी कॉलेज में प्रवेश लेता है, तो फीस ₹5,000 से ₹50,000 प्रति वर्ष हो सकती है। वहीं, निजी कॉलेजों में फीस ₹1,00,000 से ₹5,00,000 प्रति वर्ष तक हो सकती है। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (NLUs) और कुछ प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों में यह फीस अधिक होती है।
एलएलबी कोर्स के दौरान लगभग 30 से 40 विषय पढ़ाए जाते हैं। इसमें संवैधानिक कानून, आपराधिक कानून, कॉर्पोरेट कानून, अनुबंध अधिनियम, सिविल प्रक्रिया संहिता, अंतरराष्ट्रीय कानून और पर्यावरण कानून जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल होते हैं। इन विषयों को सेमेस्टर वाइज विभाजित किया जाता है, जिससे छात्रों को कानूनी शिक्षा का गहरा ज्ञान मिल सके।
एलएलबी करने के बाद सैलरी कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे अनुभव, क्षेत्र और किस फील्ड में वकालत की जा रही है। फ्रेशर्स की सैलरी ₹3 लाख से ₹6 लाख प्रति वर्ष के बीच हो सकती है। यदि कोई व्यक्ति सरकारी वकील या पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनता है, तो सैलरी ₹5 लाख से ₹10 लाख प्रति वर्ष हो सकती है। कॉर्पोरेट लॉ में करियर बनाने वाले वकीलों की सैलरी ₹8 लाख से ₹20 लाख प्रति वर्ष हो सकती है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वरिष्ठ वकीलों की सैलरी ₹20 लाख से ₹1 करोड़ या उससे अधिक भी हो सकती है।
बीए या किसी अन्य स्नातक डिग्री (BA, B.Com, B.Sc, BBA) के बाद 3 वर्षीय एलएलबी कोर्स किया जा सकता है। इसके लिए उम्मीदवारों को लॉ प्रवेश परीक्षा देनी होती है। दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU), महाराष्ट्र CET लॉ परीक्षा और LSAT India जैसी विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं के माध्यम से एलएलबी में प्रवेश लिया जा सकता है।
एलएलबी करने के लिए कोई अधिकतम आयु सीमा निर्धारित नहीं है। यदि कोई छात्र 12वीं के बाद 5 वर्षीय एलएलबी करना चाहता है, तो उसकी न्यूनतम आयु 17-18 वर्ष होनी चाहिए। वहीं, ग्रेजुएशन के बाद 3 वर्षीय एलएलबी करने वाले उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 21-22 वर्ष हो सकती है। एलएलबी पूरा करने के बाद, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) द्वारा आयोजित AIBE (All India Bar Examination) परीक्षा पास करने के बाद ही वकालत करने की अनुमति मिलती है।
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LLB Full Form in Hindi यानी बैचलर ऑफ लॉ (Bachelor of Laws), कानून के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए आवश्यक डिग्री है। भारत में वकील बनने के लिए यह अनिवार्य डिग्री होती है, जिसे पूरा करने के बाद विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलते हैं। यदि आप न्यायिक सेवाओं, वकालत, कॉर्पोरेट लॉ या कानूनी सलाहकार के रूप में अपना करियर बनाना चाहते हैं, तो एलएलबी आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
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