Micro Small and Medium Sized Enterprises Day in Hindi: प्रत्येक वर्ष 27 जून को विश्वभर में “सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस” (Micro, Small and Medium-sized Enterprises Day) को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य न केवल इन उद्यमों के महत्व को उजागर करना है, बल्कि दुनिया को यह भी बताना है कि ये संस्थान किसी भी देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति के आधार स्तंभ होते हैं। भारत सरकार और संयुक्त राष्ट्र (UN) दोनों ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को रोजगार सृजन, नवाचार और समावेशी विकास के मुख्य स्रोत के रूप में स्वीकार किया है। इसलिए इस लेख में आपके लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम दिवस (Micro Small and Medium Sized Enterprises Day in Hindi) के बारे में बताया गया है। MSMEs के बारे में विस्तृत जानकारी पाने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़ें।
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एमएसएमई दिवस के बारे में : Micro Small and Medium Sized Enterprises Day in Hindi
हर साल 27 जून को दुनियाभर में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग दिवस (MSME डे) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य है सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) द्वारा वैश्विक आर्थिक विकास में किये गए महत्वपूर्ण योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिवस को 2017 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था। ऐसे में अब हर साल इस दिवस को मनाने के लिए दुनियाभर में सरकारें, एजेंसियां, एनजीओ आदि द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
एमएसएमई (MSME) क्या है?
MSME यानी माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज। इसका हिंदी अर्थ है सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग। इसके अंतर्गत वे उद्योग आते हैं जो बहुत ही छोटे-छोटे या बीच के स्तर के हैं। ये उद्योग स्थानीय और क्षेत्रीय स्तर पर शुरू किए जाते हैं। इन उद्योगों को शुरू करने के लिए बहुत अधिक लोगों की या श्रमिकों की आवश्यकता नहीं होती है। एमएसएमई को अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है। यह किसी भी देश के लिए महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
एमएसएमई की नई परिभषा (2020)
MSME की 2020 के अनुसार नई परिभाषा नीचे दी गई है:
सूक्ष्म उद्योग : जिन उद्योगों में 1 करोड़ तक का निवेश और 5 करोड़ तक का टर्नओवर होता है उन्हें सूक्ष्म उद्योगों के अंतर्गत रखा जाता है।
लघु उद्योग : इसके अंतर्गत 10 करोड़ तक के निवेश और 50 करोड़ रूपए तक के टर्नओवर वाले उद्योग आते हैं।
मध्यम उद्योग : 30 करोड़ रूपए तक का निवेश और 100 करोड़ तक के टर्नओवर वाले उद्योगों को मध्यम उद्योगों के अंतर्गत रखा गया है।
एमएसएमई दिवस का इतिहास क्या है?
इस दिवस को मनाने की शुरुआत 2017 में हुई थी। दुनियाभर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के महत्व को मान्यता देने के लिए अप्रैल 2017 में संयुक्त राष्ट्र (United Nation) ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक प्रस्ताव पारित किया जिसके माध्यम से हर साल 27 जून को एमएसएमई दिवस के रूप में मनाये जाने की घोषणा की थी। तब से लेकर हर साल यह दिवस दुनियाभर के विभिन्न देशों में मनाया जा रहा है।
एमएसएमई दिवस का महत्व क्या है?
आपको बता दें कि दुनियाभर के साथ साथ भारत में भी MSME ने बेहद अहम भूमिका निभाई है। वर्तमान में भारत में 6 करोड़ से भी ज्यादा MSME सक्रिय है। यह देश की प्रगति में योगदान महत्वपूर्ण दे रहे हैं। ऐसे में एमएसएमई दिवस को मनाये जाने के महत्व यहाँ दिए गए हैं :
- यह दिवस एमएसएमई की भूमिका और योगदान को उजागर करने का अवसर प्रदान करता है। सक्रिय रूप से देश की प्रगति में योगदान दे रहे हैं।
- यह दिवस एमएसएमई के बीच नेटवर्किंग और सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करते हैं।
एमएसएमई दिवस कैसे मनाएं?
विश्व एमएसएमई दिवस को दुनियाभर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जाता है जिनमें वेबिनार, सेमीनार, कार्यशालाएं, सम्मेलन, पुरस्कार समारोह आदि शामिल है। भारत देश की बात करें तो, इस विशेष अवसर पर सरकार एमएसएमई को बढ़ावा देने और उनका समर्थन करने के लिए विभिन्न पहलों की घोषणा करती है। इसके अलावा आप सोशल मीडिया पर #MSMEDAY का यूज़ करके जागरूकता फैला सकते हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था में एमएसएमई का योगदान
भारत में 6.3 करोड़ से अधिक MSMEs सक्रिय हैं, जो देश के GDP का लगभग 30% योगदान देते हैं और भारत के कुल निर्यात में 48% हिस्सेदारी रखते हैं। यही नहीं, यह क्षेत्र लगभग 11 करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार देता है, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आजीविका का प्रमुख स्रोत है। देश की अर्थव्यवस्था में MSMEs के अमूल्य योगदान को जानने के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें :-
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ये उद्यम समूह भारत की वित्तीय आधार विकास के लिए अहम हैं जिससे अर्थव्यवस्था में वृद्धि होती है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करते हैं, गरीबी कम करने में मदद करते हैं और इसी के साथ ही महिलाओं और युवाओ को सशक्त बनाते हैं।
- इन उद्यमों के माध्यम से न केवल अधिक रोजगार उत्पन्न होता है, बल्कि इन उद्यमों के माध्यम से भारत आत्मनिर्भर बन रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में इन्हें विकसित करने के लिए सरकार भी निरंतर प्रयास कर रही है।
- MSME के उद्यम नॉलेज और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्रदान करते हैं।
- सरकार ने MSMEs को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ और पोर्टल जैसे – उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल, सीजीटीएमएसई योजना और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आदि लॉन्च किए हैं। इनकी मदद से देश का आर्थिक विकास हो रहा है, साथ ही प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि देखी गई है।
- बता दें कि उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल (Udyam Portal) पर कोई भी नागरिक अपना उद्यम ऑनलाइन पंजीकरण कर सकता है। इसके साथ ही सीजीटीएमएसई योजना (Credit Guarantee Fund Trust for Micro and Small Enterprises) के अंतर्गत बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराया जाता है, जिससे आपके उद्यम में वृद्धि हो।
- इसके साथ ही भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) को भी लॉन्च किया है, जिससे स्टार्टअप्स और छोटे उद्यमियों को किफायती दर पर ऋण मिलता है। यह स्कीम भी देश के विकास में एक अहम भूमिका निभा रही है।
FAQs
हर साल 27 जून को विश्वभर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यम (Micro Small and Medium Sized Enterprises Day in Hindi) दिवस मनाया जाता है।
MSME का फुलफॉर्म है माइक्रो-स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME).
इन उद्यमों को मनाने और उनके महत्व को पहचानने, उनके योगदान पर प्रकाश डालने और उनके विकास और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए हर साल 27 जून को एमएसएमई दिवस मनाया जाता है।
MSME क्षेत्र भारत की GDP में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देता है और यह देश का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदाता क्षेत्र भी है।
MSME का वर्गीकरण दो आधारों पर किया जाता है – निवेश (Plant and Machinery या Equipment में) और वार्षिक टर्नओवर।
भारत सरकार ने MSME मंत्रालय की स्थापना वर्ष 2007 में की थी, ताकि छोटे और मध्यम उद्यमों को संगठित तरीके से समर्थन दिया जा सके।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, मुद्रा योजना, क्रेडिट गारंटी योजना, और क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम जैसी कई योजनाएं MSME के लिए चलाई जा रही हैं।
इस दिवस का उद्देश्य समाज और सरकार को MSME क्षेत्र के योगदान के प्रति जागरूक करना और उद्यमियों को प्रेरित करना है।
इस दिवस से छात्रों को उद्यमिता, आत्मनिर्भरता, नवाचार और स्थानीय संसाधनों के सदुपयोग की प्रेरणा मिलती है।
उद्यम पंजीकरण पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरकर कोई भी व्यवसायी MSME के अंतर्गत पंजीकरण कर सकता है। यह प्रक्रिया निशुल्क और सरल है।
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