बीएएमएस कोर्स: एडमिशन, सिलेबस, औसत फीस, करियर और जॉब अवसर

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बीएएमएस कोर्स

बीएएमएस (Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery) एक ग्रेजुएशन कोर्स है, जिसमें आयुर्वेदिक इलाज और सर्जरी की पढ़ाई कराई जाती है। यह उन छात्रों के लिए अच्छा विकल्प है जो डॉक्टर बनना चाहते हैं और मरीजों का इलाज नेचुरल तरीकों, हर्बल मेडिसिन और आयुर्वेदिक थैरेपी से करना चाहते हैं। इस कोर्स में छात्र एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, आयुर्वेदिक दवाइयाँ और क्लीनिकल ट्रेनिंग सीखते हैं। बीएएमएस करने के बाद आप सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों, हेल्थ सेंटर, रिसर्च संस्थानों में काम कर सकते हैं या फिर अपनी क्लिनिक भी खोल सकते हैं। इस गाइड में हम आपको बताएंगे कि बीएएमएस कोर्स में एडमिशन कैसे लें, सिलेबस क्या होता है, फीस कितनी होती है और आगे करियर व जॉब के क्या-क्या मौके मिलते हैं।

बीएएमएस कोर्स क्या है और इसे क्यों करें?

बीएएमएस कोर्स में आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिन दोनों की पढ़ाई होती है। इस कोर्स का उद्देश्य सिर्फ बीमारी को ठीक करना नहीं बल्कि मरीज की पूरी सेहत और जीवनशैली को बेहतर बनाना है। बीएएमएस उन छात्रों के लिए अच्छा विकल्प है जो डॉक्टर बनना चाहते हैं और साथ ही नेचुरल इलाज से लोगों की मदद करना चाहते हैं। इसे चुनने का फायदा यह है कि कोर्स पूरा करने के बाद आप सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में काम कर सकते हैं, रिसर्च या दवा कंपनियों से जुड़ सकते हैं और चाहें तो अपनी क्लिनिक भी खोल सकते हैं। आजकल लोग साइड-इफेक्ट फ्री और नेचुरल ट्रीटमेंट को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, इसलिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की मांग लगातार बढ़ रही है। यही वजह है कि बीएएमएस एक अच्छा और सुरक्षित करियर विकल्प माना जाता है।

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बीएएमएस कोर्स में एडमिशन की पात्रता

बीएएमएस कोर्स करने के लिए आपको कुछ नियम और शर्तें पूरी करनी पड़ती हैं। नीचे हमने जरूरी जानकारी जैसे शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा और एडमिशन प्रक्रिया को बताया है: 

शैक्षणिक योग्यता

बीएएमएस में एडमिशन लेने के लिए आपको 12वीं साइंस स्ट्रीम से पास होना चाहिए। आपके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) विषय होने जरूरी हैं।

  • जनरल कैटेगरी के लिए कम से कम 50% अंक होने चाहिए।
  • OBC/SC/ST छात्रों के लिए 12वीं PCB में लगभग 45% अंक आवश्यक होते हैं (राज्य/संस्थान के अनुसार थोड़ा अंतर हो सकता है), जबकि NEET-UG में क्वालिफाइंग कट-ऑफ प्रतिशताइल 40 होता है।
  • कई कॉलेज इंग्लिश को भी जरूरी मानते हैं।

न्यूनतम आयु सीमा

इस कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 17 साल होनी चाहिए और अधिकतम आयु सीमा नहीं है, क्योंकि NEET-UG में वर्तमान में अप्पर ऐज लिमिट समाप्त कर दी गई है, इसलिए BAMS या संबंधित मेडिकल/पैरामेडिकल कोर्स में किसी भी वर्ग के लिए उम्र की सीमा या छूट लागू नहीं होती।

प्रवेश प्रक्रिया (NEET आदि)

बीएएमएस में दाखिला लेने के लिए NEET-UG एग्जाम देना जरूरी है। इस एग्जाम में आपका स्कोर और रैंक देखकर कॉलेज अलॉट किया जाता है। इसके बाद स्टेट या ऑल इंडिया लेवल की काउंसलिंग होती है। काउंसलिंग के बाद ही आपको कॉलेज में सीट मिलती है।

बीएएमएस कोर्स की अवधि और फीस

BAMS कोर्स का उद्देश्य छात्रों को आयुर्वेद और हेल्थ साइंस की सही जानकारी देना है। यह कोर्स आमतौर पर कुल 5½ साल का होता है, जिसमें 4½ साल की शैक्षणिक पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। NCISM के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार शैक्षणिक वर्षों की संरचना अपडेटेड मॉडल पर आधारित है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी के हिसाब से फीस अलग होती है। सरकारी कॉलेजों में यह सामान्यतः ₹10,000 से ₹40,000 प्रति वर्ष होती है, जबकि कुछ प्राइवेट कॉलेजों में ₹3 लाख से ₹7 लाख प्रति वर्ष तक हो सकती है।

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BAMS कोर्स का सिलेबस 

BAMS पाठ्यक्रम सभी विश्वविद्यालयों में लगभग समान है और इसे केंद्रीय आयुर्वेदिक परिषद द्वारा निर्धारित किया गया है। यहाँ प्रथम वर्ष से चौथे वर्ष तक के मुख्य विषयों को सरल भाषा में बताया गया है:

वर्षमुख्य विषयविवरण
1पदार्थ विज्ञानआयुर्वेद की मूल बातें, सिद्धांत और दार्शनिक पृष्ठभूमि का परिचय।
आयुर्वेद इतिहासआयुर्वेद का इतिहास, इसके विभिन्न संप्रदाय और परीक्षण के तरीके।
संस्कृतआयुर्वेदिक पुस्तकें अक्सर संस्कृत में होती हैं, इसलिए भाषा सीखना जरूरी है।
क्रिया शरीरशरीर क्रिया विज्ञान के आयुर्वेदिक सिद्धांत और अंगों के कार्य।
आधुनिक शरीर क्रिया विज्ञानशरीर की विभिन्न प्रणालियों जैसे श्वसन, तंत्रिका, जठरांत्र की जानकारी।
रचना शरीरशरीर रचना विज्ञान, भ्रूण विज्ञान और मानव शरीर की संरचना।
2द्रव्यगुण विज्ञानविभिन्न औषधियों, फार्माकोलॉजी और उनकी विशेषताओं का अध्ययन।
रोग निदानविभिन्न रोगों, संक्रमणों और परजीवियों की पहचान और कारण।
रसशास्त्रऔषधि बनाने की पद्धतियाँ और उपकरणों का परिचय।
भैषज्य कल्पनाऔषधियों का निर्माण, भंडारण और उपकरणों का प्रयोग।
3अगदतंत्रविष और विषाक्तता के समय किए जाने वाले उपचार।
स्वस्थवृत्तशारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य, जीवनशैली।
योगआसनों और मुद्राओं के लाभ और उनके सिद्धांत।
निसर्गोपचारमिट्टी चिकित्सा, जल चिकित्सा, सूर्य स्नान आदि।
प्रैक्टिकलयोग, मौखिक परीक्षा, जर्नल कार्य आदि में प्रैक्टिकल अनुभव।
प्रसूति तंत्रगर्भावस्था, मासिक धर्म, महिला स्वास्थ्य।
स्त्री रोगमहिलाओं के रोग, जैसे बांझपन, रजोनिवृत्ति।
कौमारभृत्य परिचयबाल चिकित्सा और बाल स्वास्थ्य की शुरुआत।
बालरोगबच्चों में सामान्य रोग, जैसे खसरा, चिकनपॉक्स, टाइफाइड।
कायाचिकित्सानींद, एलर्जी, अल्जाइमर और अन्य विकारों का प्रबंधन।
पंचकर्मरोगों से बचाव, स्वास्थ्य बनाए रखना, सावधानियाँ।
व्यावहारिक/नैदानिक प्रशिक्षणक्लिनिकल पोस्टिंग, प्रायोगिक और मौखिक परीक्षा।
शल्य तंत्रसर्जरी, एनेस्थीसिया और आधुनिक उपकरणों का प्रयोग।
नेत्र रोगआंखों की जांच, सामान्य दृष्टि विकार और उपकरण।
शिरा-कर्ण-नासा-मुख रोगसिर, कान, नाक और मुंह के रोग।
अनुसंधान क्रियाविधमेडिकल सांख्यिकी और शोध प्रक्रिया की जानकारी।

बीएएमएस में शीर्ष स्नातक कॉलेज का चयन कैसे करें?

बीएएमएस पढ़ाई के लिए सही कॉलेज चुनना बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इससे आपके करियर का सीधा असर पड़ता है। कॉलेज चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें:

  • कॉलेज NCISM (National Commission for Indian System of Medicine) से मान्यता प्राप्त हो।
  • कॉलेज का प्लेसमेंट रिकॉर्ड और पुराने छात्रों का फीडबैक देखें।
  • फीस और हॉस्टल जैसी सुविधाओं की तुलना करें।
  • कोशिश करें कि ऐसे कॉलेज का चुनाव करें जहां से आपको इंटर्नशिप और क्लिनिकल एक्सपोज़र अच्छे से मिले।

बीएएमएस कोर्स पूरा करने के बाद करियर के अवसर

बीएएमएस कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के सामने स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक क्षेत्र में कई करियर के अवसर खुल जाते हैं। छात्र सरकारी अस्पतालों, प्राइवेट क्लीनिक और हॉस्पिटल, रिसर्च लैब्स, फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री और उच्च शिक्षा/शोध (MSc, PhD) जैसी जगहों पर काम कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ छात्र अपना प्राइवेट प्रैक्टिस या आयुर्वेदिक क्लिनिक भी खोल सकते हैं। नीचे दी गई टेबल में प्रमुख करियर विकल्पों और उनकी औसत सैलरी का विवरण दिया गया है:

क्षेत्रनौकरी की भूमिकाएँअनुमानित सैलरी (प्रति वर्ष)
सरकारी सेक्टरआयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर, सरकारी अस्पताल डॉक्टर, रिसर्च ऑफिसर₹4 – 6 लाख
प्राइवेट सेक्टरक्लिनिक/हॉस्पिटल डॉक्टर, वेलनेस सेंटर कंसल्टेंट, हेल्थकेयर मैनेजर₹3 – 8 लाख
रिसर्च और उच्च शिक्षा (MD/MS)PG कोर्स (MD/MS), लेक्चरर/प्रोफेसर, रिसर्चर₹5 – 10 लाख
स्व-रोज़गार (Self-Practice)खुद का क्लिनिक/आयुर्वेदिक फार्मेसी खोलना₹6 – 12 लाख (अनुभव और प्रैक्टिस पर निर्भर)

FAQs

क्या बीएएमएस छात्रों निजी प्रैक्टिस खोल सकते हैं?

बीएएमएस पूरा करने के बाद छात्र अपना क्लिनिक या आयुर्वेदिक क्लिनिक खोल सकते हैं। शुरुआत में अनुभव और स्थानीय लाइसेंस की जरूरत होती है, लेकिन सही मार्केटिंग और विशेषज्ञता से सफल प्रैक्टिस बन सकती है।

क्या बीएएमएस करने के बाद आगे एमएस या पीएचडी किया जा सकता है?

हाँ, बीएएमएस पूरा करने के बाद छात्र MD (Ayurveda), MSc, PhD या स्पेशलाइजेशन कोर्स कर सकते हैं।

मैं 16 साल का हूँ, क्या मैं बीएएमएस में एडमिशन ले सकता हूँ?

बीएएमएस में न्यूनतम आयु 17 साल है। यदि आपकी उम्र 17 साल से कम है, तो आप अभी एडमिशन नहीं ले सकते। आप अगले वर्ष NEET पास करके आवेदन कर सकते हैं।

क्या बीएएमएस के बाद विदेश में नौकरी मिल सकती है?

हाँ, लेकिन इसके लिए उस देश की मेडिकल अथॉरिटी की शर्तें और लाइसेंसिंग एग्ज़ाम पास करना जरूरी होता है।

क्या मैं PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) लेकर भी बीएएमएस कर सकता हूँ?

नहीं, बीएएमएस में प्रवेश के लिए बायोलॉजी अनिवार्य है। PCM वाले छात्रों को अधिकांश कॉलेज प्रवेश नहीं देते।

हमें आशा है कि आप इस लेख के माध्यम से बीएएमएस कोर्स की जानकारी प्राप्त कर पाए होंगे। अन्य कोर्स से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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