क्या आपने कभी Dialysis का नाम सुना है? जरूर सुना होगा लेकिन Dialysis Kya Hai ये आपके दिमाग में आया होगा। डायलिसिस किडनी की तरह के कार्यों को करने के लिए उपयोग में लाई जाने वाली उपचार प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया गुर्दे की विफलता वाले मरीज में रक्त को साफ और शुद्ध करने के लिए उपयोग में लाई जाती है। डायलिसिस (Dialysis) घर और अस्पताल दोनों जगह में से कही भी उपयोग में लाई जा सकती हैं, परन्तु इसका प्रयोग अस्पताल में डॉक्टर की देख-रेख में किया जाना सुरक्षित होता है। यह प्रक्रिया किडनी की विफलता वाले मरीज को जीवित रखने, उसके स्वास्थ्य में सुधार करने और विषाक्त तरल पदार्थ को शरीर से बाहर निकलने के लिए आवश्यक होती है। चलिए जानते हैं Dialysis Kya Hai के बारे में।
The Blog Includes:
- Dialysis Kya Hai
- डायलिसिस के प्रकार
- Career Scope in Dialysis Technology
- 12वीं के बाद बने ब्लड बैंक टेकनीशियन
- Dialysis Technology Courses
- Career Profile in Dialysis Technology
- Dialysis Technician Salary
- Best College For Dialysis Technology
- डायलिसिस से सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
- डायलिसिस के बाद इन बातों का रखें ख्याल
Dialysis Kya Hai
जब किसी व्यक्ति की किडनी अपना कार्य सही से और सुचारु रूप से नहीं कर पाती है तो उस समय उस व्यक्ति को डायलिसिस की जरूरत होती है और यह प्रक्रिया तब तक कि जाती है जब तक उस व्यक्ति की किडनी अपना कार्य वापस सुचारु रूप से ना शुरू कर दें। यह प्रक्रिया शरीर से अपशिस्ट पदार्थ के साथ-साथ अतिरिक्त पानी को भी हटा देती है और साथ ही उन्हें हमारे शरीर में जमा होने से भी रोकती है। यह हमारे रक्त में सोडियम, बाईकार्बोनेट और पोटेशियम जैसे कुछ केमिकल्स ऑप्टीमल लेवल के भीतर रखना सुनिश्चित करती है और साथ ही साथ ब्लड प्रेसर को भी नियंत्रित करने में मदद करती है।
क्या आप जानते है की एक स्वस्थ व्यक्ति की किडनी करीब 1500 लीटर ब्लड को साफ़ करने में सहायक होती है यदि हमारी किडनी अपना कार्य सही से नहीं करेगी तो हमारे ब्लड में बहुत सारे अपशिष्ट पदार्थ जमा हो जायेंगे जो की हमारे लिए नुकसानदायक होते है इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं जो की जानलेवा भी साबित हो सकती है। मूत्र के जरिये हम हमारे शरीर से कई सारे अपशिष्ट पदार्थो को बाहर निकालते है और अगर हमारी किडनी सही से कार्य नहीं करेगी तो हमारे शरीर में मूत्र का निर्माण सही से नहीं हो पायेगा जिसके कारण हमारे शरीर में कई व्यर्थ पदार्थ जमा हो जायेंगे और इसके कारण हमें थकान, सूजन, उलटी और साँस से संबंधी जैसी कई परेशानी हो सकती है।
डायलिसिस के प्रकार
Dialysis Kya Hai यह जानने के बाद जाने इनके प्रकार जो इस प्रकार है। डायलिसिस के दो मुख्य प्रकार होते हैं-
हेमोडायलिसिस (Hemodialysis) – यह डायलिसिस का सबसे आम प्रकार है। यह प्रक्रिया रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को हटाने के लिए कृत्रिम किडनी (Hemodialyzer) का उपयोग करती है। हेमोडायलिसिस (Hemodialysis) प्रक्रिया के तहत रक्त को शरीर से बाहर निकालकर, कृत्रिम किडनी के माध्यम से फ़िल्टर किया जाता है। और फिर फ़िल्टर किए गए रक्त को डायलिसिस मशीन (Dialysis Machine) की मदद से शरीर में वापस कर दिया जाता है। हेमोडायलिसिस (Hemodialysis) उपचार तीन से पांच घंटे तक किया जाता है और एक सप्ताह में तीन बार दुहराया जाता है।
पेरिटोनियल डायलिसिस (Peritoneal Dialysis) – पेरिटोनियल डायलिसिस (Peritoneal Dialysis) प्रक्रिया में रक्त को शरीर के अंदर ही साफ किया जाता है। इस प्रक्रिया में रक्त से अपशिष्ट पदार्थ को अवशोषित करने के लिए पेट में एक विशेष प्रकार का द्रव डाला जाता है, जो पेट की गुहा में छोटी वाहिकाओं के माध्यम से गति करता है। यह तरल पदार्थ, रक्त से अपशिष्ट को अवशोषित कर सूख जाता है। पेरिटोनियल डायलिसिस प्रक्रिया को आम तौर पर घर पर अपनाया जा सकता है।
Career Scope in Dialysis Technology
डायलिसिस टेक्नोलॉजी पैरामेडिकल से जुड़ा कोर्स है, इसलिए इस सेक्टर में कैरियर के अवसर भी ज्यादा हैं। इस सेक्टर में आप विभिन्न हॉस्पिटल और नर्सिंग होम, डायलिसिस सेंटर में जॉब तलाश सकते हैं। चूंकि आज के समय मे हॉस्पिटल्स की कमी नही है, इसलिए आपको job के लिए ज्यादा भटकना नही पड़ेगा।
12वीं के बाद बने ब्लड बैंक टेकनीशियन
बदलते परिवेश के कारण वर्तमान समय मे शुद्द जल एक बड़ी चुनौती बन चुका है। जिसकी वजह से किडनी रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जब किडनी में प्रॉब्लम हो जाती है तो रक्त शुद्धिकरण की प्रक्रिया सही से नही हो पाती है। ऐसे में किडनी रोगियों को क्रत्रिम रूप से हॉस्पिटल जाकर खून शुद्धिकरण की प्रक्रिया अपनाते हैं। आजकल तो लगभग हर हॉस्पिटल में डायलिसिस यूनिट होती हैं, इसलिए जॉब भी इस क्षेत्र में आसानी से मिल जाती है।
Dialysis Technology Courses
- बीएससी इन डायलिसिस थेरेपी
- बीएससी इन रेनल डायलिसिस
- बीएससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी
- डिप्लोमा इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी
- सर्टिफिकेट इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी
- एमएससी इन डायलिसिस टेक्नोलॉजी
Career Profile in Dialysis Technology
- डायलिसिस एग्जेक्युटिव
- डायलिसिस टेक्नीशियन
- लैब एक्सपर्ट
- मेडिकल अटेंडेंट
- थेरेपेटिक असिस्टेंस
- ट्रेनर
Dialysis Technician Salary
अगर आप ट्रेनर के तौर पर डायलिसिस टेक्नीशियन कैरियर की शुरुआत करते हैं तो आपको सिर्फ स्टाइपेंड मिल सकता है, वो भी जरूरी नही। एक डायलिसिस टेक्नीशियन की शुरुआती सैलरी 10 से 15 हजार के बीच होती है, जोकि अनुभव के साथ बढ़ती रहती है।
Best College For Dialysis Technology
- आल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, दिल्ली
- जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, पुडुचेरी
- बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी
- गवर्नमेंट किलपौक मेडिकल कॉलेज (GKMC), चेन्नई
- संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट मेडिकल कॉलेज
- जामिया हमदर्द यूनिवर्सिटी, दिल्ली
- क्रिचिश्यन मेडिकल कॉलेज, वेलोर
- टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस
- गुरु गोविंदसिंह मेडिकल कॉलेज, पंजाब
- एसआरएम यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- मणिपाल यूनिवर्सिटी
- दयानंद मेडिकल कॉलेज, लुधियाना
डायलिसिस से सुरक्षित रहने के लिए क्या करें?
डायलिसिस (Dialysis) उपचार में मरीज को मदद करनी चाहिए, उपचार के दौरान हिलना-डुलना नहीं चाहिए। डॉक्टर द्वारा मशीन में रक्त प्रवाह करने के लिए शल्य चिकित्सा से ट्यूब को धमनियों से जोड़ा जाता है अतः मरीज को धैर्य का परिचय देना चाहिए।
- Dialysis – डायलिसिस उपचार के दौरान आरामदायक कपड़े पहनना चाहिए।
- डायलिसिस (dialysis) के बाद मरीज को पर्याप्त मात्रा में आराम करना चाहिए।
- डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का भली भांति पालन करना चाहिए।
- डॉक्टर की सलाह से एक निश्चित आहार योजना अपनानी चाहिए।
- उपचार बाद किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न होने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।
- निर्जलीकरण से बचने के लिए उचित तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
- इबप्रोफेन (ibuprofen) और डिक्लोफेनाक (diclofenac) समेत किसी भी एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (anti-inflammatory drugs) लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
- शराब और धूम्रपान का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सोडियम, फॉस्फोरस और प्रोटीन की मात्रा में कमी वाले आहार का सेवन करना चाहिए।
डायलिसिस के बाद इन बातों का रखें ख्याल
- मरीज को हमेसा अपने खाने पीने का ख्याल रखना चाहिए तथा अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए की किन-किन प्रोटीन का सेवन करना है और कितनी मात्रा में नमक और तरल पदार्थ का सेवन करना है।
- मरीज को शराब व धूम्रपान के सेवन से दूर रहना चाहिए इसके सेवन से किडनी की समस्या हो जाती है।
- डायलिसिस के दौरान मरीज के जिस जगह पर चीरा लगाया है वहां पर लालिमा, सूजन या मवाद जैसी कुछ समस्या है तो तुरंत डॉक्टर को दिखावें।
- मरीज को यह ख्याल रखना चाहिए की कैथेटर को ढंकने वाली पट्टी सूखी और साफ है ना।
- डायलिसिस के दौरान उपचार करने वाले व्यक्ति को अपने हाथ अच्छे से धोना चाहिए।
आशा करते हैं कि Dialysis Kya Hai का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। हमारे Leverage Edu में आपको ऐसे कई प्रकार के ब्लॉग मिलेंगे जहां आप अलग-अलग विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।