भारत की जानी-मानी सुप्रसिद्ध लेखिका और समाजसेवी ‘अरुंधति रॉय’ (Arundhati Roy) जिन्होंने साहित्य जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उन्हें वर्ष 1977 में प्रकाशित इंग्लिश उपन्यास “द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स” के लिए उन्हें इंटरनेशनल ‘बुकर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था। अरुंधति रॉय अपनी रचनाओं के अलावा गंभीर सामाजिक मुद्दों पर भी अपनी आवाज़ उठाती रहती है। यही वजह है जिसके कारण वह हमेशा खबरों में भी बनी रहती है। आइए अब हम इंटरनेशनल बुकर अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला अरुंधति रॉय का जीवन परिचय (Arundhati Roy Biography in Hindi) और उनकी साहित्यिक उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
मूल नाम | सुज़ेना अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) |
जन्म | 24 नवंबर 1961 |
जन्म स्थान | शिलांग, असम |
माता का नाम | मैरी रॉय |
पिता का नाम | राजीब रॉय |
कार्य | लेखिका |
Arundhati Roy Books | द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स, इलेक्ट्रिक मून, कल्पना का अंत यहाँ, अपार ख़ुशी का घराना आदि। |
सम्मान | वर्ष 1997 – बुकर पुरस्कार से सम्मानित प्रथम भारतीय महिला |
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अरुंधति रॉय का जीवन परिचय – Arundhati Roy Biography in Hindi
अरुंधति रॉय का जन्म 24 नवंबर 1961 को मेघालय राज्य के शिलांग में हुआ था। उनकी माता का नाम ‘मैरी रॉय’ और पिता का नाम ‘राजीब राॅय’ हैं। मात्र 2 वर्ष की आयु में ही उनके माता-पिता अलग हो गए। जिसके बाद, वह अपनी मां और भाई के साथ रहने लगीं थी। उन्होंने अपनी जिंदगी के शुरूआती दिन केरल राज्य में व्यतीत किए थे। कुछ समय वहाँ रहने के बाद अरुंधति रॉय हायर स्टडी के लिए दिल्ली आ गई जहाँ उन्होंने ‘दिल्ली स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर’ से अपनी ग्रेजुएशन की।
अभिनय की दुनिया में रखा कदम
क्या आप जानते हैं कि अरुंधति रॉय ने लेखन से पहले अभिनय की दुनिया में भी कदम रखा था। बता दें कि उन्होंनें ‘नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कारपोरेशन’ (NFDC) की फिल्म “मैसी साहब” में गाँव की लड़की की भूमिका अदा की थी। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1989 में “In Which Annie Gives It Those Ones” के लिए स्क्रीनप्ले लिखा। इसके बाद उन्होंने कई अन्य भारतीय फिल्मों के लिए भी लिखा। वहीं वर्ष 1988 में अरुंधति रॉय को बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए ‘राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
प्रथम इंटरनेशनल बुकर अवॉर्ड विनर
वर्ष 1997 में उनका नॉवेल ‘द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स’ प्रकाशित हुआ, जिसे पाठक वर्ग ने बहुत सराहा और उन्हें रातों-रात सिलेब्रिटी बना दिया। इस उपन्यास के लिए उन्हें एक मिलियन पाउंड्स (करीब 8 करोड़ रुपए) एडवांस में प्राप्त हुए थे। यह नॉवेल बेस्ट सेलिंग था जो 18 से अधिक देशों में बिक चुका था।
वहीं लेखिका अरुंधति रॉय को 45वां ‘‘यूरोपियन एसे प्राइज फॉर लाइफटाइम अचीवमेंट’’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। बता दें कि यह सम्मान उन्हें वर्ष 2021 में प्रकाशित “आज़ादी” नामक निबंध संकलन के फ्रेंच अनुवाद के लिए दिया गया है।
अरुंधति राय की प्रकाशित किताबें
यहाँ अरुंधति राय की सभी प्रकाशित बुक्स की सूची (Arundhati Roy Books) दी जा रही है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
- इन विच एनी गिव्स इट दोज़ वंस
- इलेक्ट्रिक मून
- द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स
- आहत देश
- आज़ादी
- मामूली चीजों का देवता
- एक था डॉक्टर एक था संत
- कल्पना का अंत यहाँ
- न्याय का गणित
- कठघरे का लोकतंत्र
- अपार ख़ुशी का घराना
- भूमकाल: कॉमरेडों के साथ
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ इंटरनेशनल बुकर अवॉर्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला अरुंधति रॉय का जीवन परिचय (Arundhati Roy Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
FAQs
अरुंधति रॉय का जन्म 24 नवंबर 1961 को मेघालय के शिलांग में हुआ था।
अरुंधति रॉय की माता ‘मैरी रॉय’ और पिता का नाम ‘राजीब रॉय’ है।
अरुंधति रॉय को वर्ष 1977 में इंग्लिश उपन्यास “द गॉड ऑफ़ स्मॉल थिंग्स” के लिए इंटरनेशनल ‘बुकर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।
‘मामूली चीजों का देवता’ मशहूर लेखिका अरुंधति रॉय की प्रसिद्ध रचना है।
आशा है कि आपको प्रसिद्ध भारतीय लेखिका अरुंधति रॉय का जीवन परिचय (Arundhati Roy Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।