अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता और अहिंसा के दर्शन और रणनीति के अग्रदूत महात्मा गांधी का जन्मदिन है। यह दिवस महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर मनाया जाता है। 2004 में, ईरानी नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी ने अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का विचार प्रस्तावित किया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 15 जून, 2007 को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस की स्थापना के लिए प्रस्ताव अपनाया। तब से पूरा देश इस दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाता है। इस ब्लाॅग में Antarrashtriy Ahinsa Divas Kab Manaya Jata Hai और इसके बारे में विस्तार से बताया गया है।
आयोजन | अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस |
शुरुआत | 15 जून 2007 |
स्थापना किसने की | संयुक्त राष्ट्र |
तारीख | 2 अक्टूबर 2024 |
उद्देश्य | अहिंसा का संदेश प्रसारित करना और सांस्कृतिक शांति बनाए रखना। |
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस क्या है?
हर वर्ष 2 अक्टूबर को यह विशेष दिन मानव जीवन में अहिंसा के महत्व को समझाने के लिए मनाया जाता है। अहिंसा के सिद्धांत को सामाजिक या राजनीतिक परिवर्तन देखने के लिए अहिंसक प्रतिरोध के रूप में भी जाना जाता है। स्वतंत्रता के दौरान, महात्मा गांधी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में, ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए भारत के लोगों द्वारा सामाजिक संघर्ष के इस रूप को अपनाया गया था। भारतीय स्वतंत्रता के अलावा, सामाजिक न्याय के अभियानों में दुनिया भर में अहिंसक विरोध का पालन किया जाता है। यह दिन गांधीजी के कार्यों के सम्मान में और स्वतंत्रता के लिए उनके अहिंसक विरोध को श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है।
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अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का महत्व क्या है?
इस दिन का मुख्य महत्व लोगों को शांतिपूर्ण प्रतिरोध के बारे में शिक्षित करना है। इसका दृष्टिकोण संघर्षों को हल करना और हिंसा के खिलाफ मानवाधिकारों के महत्व को फैलाना है। हिंसा एक वैश्विक मुद्दा है, इसलिए यह दिन लोगों को नैतिक मूल्यों के बारे में प्रेरित करने और सामाजिक और राजनीतिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अहिंसक तरीकों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस क्यों मनाया जाता हैं?
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2007 में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस की शुरुआत की गई थी। गांधीजी ने भारत देश को स्वतंत्रता दिलाने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था। उनके अहिंसा के संदेश ने दुनिया भर में नागरिक अधिकारों और सामाजिक परिवर्तन अभियानों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य किया। 1930 के प्रसिद्ध नमक मार्च के दौरान भी गांधीजी के विचार थे न्यायपूर्ण साधन न्यायपूर्ण अंत की ओर ले जाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर 10 लाइन्स
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस (Antarrashtriy Ahinsa Divas) पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः
- अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाता है इस दिन महात्मा गांधी की जयंती होती है।
- अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस महात्मा गांधी के शांति के सिद्धांतों और वैश्विक सद्भाव को बढ़ाता है।
- यह दिवस गांधीजी के दर्शन और अहिंसा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
- भारत ने अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस को मनाने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र महासभा में पेश किया गया था। बाद में इसे सर्वसम्मति से अपनाया गया।
- शैक्षणिक संस्थानों की तरफ से छात्रों को अहिंसा के सिद्धांतों के बारे में शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- इस दिन छात्रों को अपने जीवन और समुदायों में शांति और सद्भाव अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- गांधीजी से कई बड़े विदेशी नेताओं ने प्रेरणा ली थी जिनमें मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला शामिल हैं।
- स्वतंत्रता के दौरान, महात्मा गांधी के नेतृत्व में, ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ने के लिए भारत के लोगों द्वारा सामाजिक संघर्ष के अहिंसक रूप को अपनाया गया था।
- अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस सबसे पहले वर्ष 2007 में मनाया गया था।
FAQs
हिंसा को न कहें अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को मनाया जाता है, जो भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता और अहिंसा के दर्शन और रणनीति के अग्रदूत महात्मा गांधी का जन्मदिन है।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का महत्व लोगों को शांतिपूर्ण प्रतिरोध के बारे में शिक्षित करना है। यह दिन हमें बताता है कि अहिंसा व्यक्तियों और समुदायों को बिना किसी हिंसा का सहारा लिए अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए खड़े होने का अधिकार देती है।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन पर मनाया जाता है। इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव A/RES/61/271 के अनुसार, 15 जून 2007 को इसकी शुरुआत हुई थी।
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