Mahatma Gandhi Ashram: जानिए महात्मा गांधी आश्रम के बारे में

1 minute read
महात्मा गांधी आश्रम

भारत की आज़ादी में हर भारतवासी के पुरखों ने अपना-अपना मुख्य योगदान दिया है, जिसके परिणामस्वरूप हम सभी आज़ाद हैं। भारत में आज़ादी की लड़ाई को अहिंसा के माध्यम से लड़ने वाले महात्मा गाँधी जी थे, जिनके अहिंसा के विचार आज भी युवाओं को प्रेरित करते हैं। Mahatma Gandhi Ashram के इस ब्लॉग में युवाओं को महात्मा गांधी आश्रम से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी। गाँधी जयंती हो या फिर गाँधी जी का शहीद दिवस दोनों ही अवसर पर विद्यार्थियों से गाँधी जी के जीवन और महात्मा गांधी आश्रम से जुड़े प्रश्नों को प्रतियोगिता के माध्यम से पूछ लिया जाता है। महात्मा गांधी आश्रम भारत के विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं, लेकिन सबसे प्रमुख और प्रसिद्ध आश्रम की उपाधि साबरमती और सेवाग्राम के आश्रम को प्राप्त हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप Mahatma Gandhi Ashram के बारे में अंत तक पढ़ सकते हैं, साथ ही इस ब्लॉग के माध्यम से आपको महात्मा गांधी आश्रम से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। 

महात्मा गांधी आश्रम के नाम

Mahatma Gandhi Ashram के बारे में जानकर विद्यार्थी ऐतिहासिक धरोहर की जानकारी को पाकर अपने सामान्य ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं। महात्मा गांधी आश्रम के बारे में जानने के लिए आप निम्नलिखित बिंदुओं को पढ़ सकते हैं;

  • साबरमती आश्रम: साबरमती आश्रम, गुजरात के अहमदाबाद में स्थित था। यह आश्रम महात्मा गांधी के स्वतंत्रता संग्राम के केंद्रीय स्थलों में से एक था और उनके विचारों की प्रमुख धारा को प्रतिष्ठित किया।
  • सेवाग्राम आश्रम: सेवाग्राम आश्रम महात्मा गांधी के गुजरात के पोरबंदर शहर के पास स्थित था। यह भी एक महत्वपूर्ण स्थल था, जहाँ पर महात्मा गांधी ने अपने जीवन के आखिरी दिनों को गुजराया और आश्रम के अंदर गुजराती संत वल्लभभाई पटेल के साथ मिलकर खड़ा व्यापार और अन्य स्वतंत्रता संग्राम की योजनाएँ बनाई।

इन आश्रमों में महात्मा गांधी और उनके अनुयायियों ने सत्याग्रह, स्वदेशी आंदोलन, नमक सत्याग्रह, और अन्य स्वतंत्रता संग्राम के लिए योजनाएँ बनाई और कार्रवाई की। ये आश्रम आज भी महात्मा गांधी के आदर्शों को जीवंत रखने के रूप में महत्वपूर्ण स्थल हैं और पर्यटकों के लिए खुले हैं, जहाँ वे उनके जीवन और योगदान के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

साबरमती आश्रम

महात्मा गांधी आश्रम की सूची में साबरमती आश्रम का एक मुख्य स्थान है, साबरमती आश्रम की स्थापना 25 मई, 1915 को अहमदाबाद के कोचरब क्षेत्र में हुई। इस आश्रम को सत्याग्रह आश्रम के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि यह आश्रम उन लाखों-करोड़ों सत्याग्रहियों को प्रेरित करता रहा है, जिनका लक्ष्य अहिंसा मार्ग पर चलकर भारत को विजय बनाना था। साबरमती नदी के किनारे स्थित साबरमती आश्रम को हरिजन आश्रम भी कहा जाता है।

सेवाग्राम आश्रम

12 मार्च 1930 को महात्मा गाँधी ने साबरमती आश्रम को छोड़कर दांडी यात्रा पर जाने का निर्णय लिया, साथ ही उन्होंने आज़ादी न मिलने तक साबरमती आश्रम में ना आने का प्रण लिया। इतिहास पर प्रकाश डाला जाए तो हम पाएंगे कि वर्ष 1934 में देश के जाने माने व्यवसायी जमनालाल बजाज जी ने गांधी जी के समक्ष वर्धा आने का प्रस्ताव रखा। जमनालाल बजाज के बुलाने पर महात्मा गांधी वर्धा आए, वर्धा आने के बाद लगभग डेढ़ साल तक गाँधी जी वर्धा के मगनवाड़ी में रहे। वर्ष 1936 में महात्मा गाँधी ने सेवाग्राम आश्रम की स्थापना की।

सम्बंधित आर्टिकल्स 

जानिए करो या मरो का नारा किसने दियामहात्मा गांधी पर स्पीच 
महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु कौन थेजानिये क्या है महात्मा गांधी की बेटी का नाम?
महात्मा गांधी के बेटे का नामजानिए महात्मा गांधी के पिता का नाम
जानिए गांधी जी की पत्नी का नाममहात्मा गांधी के 10 अनमोल विचार
गांधी जी के प्रमुख नारे बापू से जुड़े कुछ अविश्वसनीय तथ्य 

FAQs 

साबरमती आश्रम की स्थापना तिथि क्या है?

साबरमती आश्रम की स्थापना तिथि 25 मई 1915 है। 

साबरमती आश्रम किस राज्य में है?

साबरमती आश्रम भारत के गुजरात राज्य में है। 

साबरमती आश्रम को स्थानांतरित कब किया गया?

7 जून, 1917 को आश्रम को साबरमती नदी के किनारे वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया।

वर्धा आश्रम कहाँ है?

वर्धा आश्रम महाराष्ट्र के वर्धा जिले में एक गाँव में है, जिसको पूर्व में शेगाँव के नाम से जाना जाता था।

वर्धा आश्रम की स्थापना किसने की?

वर्धा आश्रम यानि कि सेवाग्राम आश्रम की स्थापना महात्मा गांधी द्वारा की गई।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Mahatma Gandhi Ashram से संबंधित पूरी जानकारी मिल गई होगी। आशा है कि इस ब्लॉग में महात्मा गांधी आश्रम की जानकारी को पढ़कर आपका सामान्य ज्ञान बढ़ा होगा। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*