Amritlal Nagar Biography in Hindi : अमृतलाल नागर हिंदी साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार माने जाते हैं। बता दें कि आर्थिक संकट के चलते अमृतलाल नागर की शिक्षा केवल हाईस्कूल तक ही हुई थी। किंतु स्वाध्याय के द्वारा ही उन्होंने कई भाषाओं का ज्ञान अर्जित किया व इतिहास, पुराण, पुरातत्व, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषयों में भी विशेषज्ञता हासिल की। वहीं इन सभी विषयों की झलक नागर जी के साहित्य में भी देखने को मिलती हैं।
अमृतलाल नागर ने हिंदी साहित्य की गद्य विधाओं में कई अनुपम कृतियों का सृजन किया था। वहीं, हिंदी साहित्य में अपना अतुलनीय योगदान देने के लिए उन्हें ‘पद्म भूषण’, ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘भारत भारती सम्मान’, ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’ व ‘प्रेमचंद सम्मान’ आदि कई पुरस्करों से सम्मानित किया जा चुका हैं।
बता दें कि अमृतलाल नागर की कई रचनाएँ जिनमें ‘नाच्यौ बहुत गोपाल’, ‘मानस का हंस’, ‘बूँद और समुद्र’ (उपन्यास), ‘युगावतार’, ‘उतार चढ़ाव’ (नाटक), ‘वाटिका’, ‘अवशेष’, ‘तुलाराम शास्त्री’, ‘पाँचवाँ दस्ता’ (कहानी-संग्रह) आदि को बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं।
वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अमृतलाल नागर का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम समादृत उपन्यासकार-कथाकार अमृतलाल नागर का जीवन परिचय (Amritlal Nagar Biography in Hindi) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | अमृतलाल नागर (Amritlal Nagar) |
जन्म | 17 अगस्त, 1916 |
जन्म स्थान | गोकुलपुरा गाँव, आगरा जिला, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | राजाराम नागर |
माता का नाम | विद्यावती नागर |
पत्नी का नाम | प्रतिभा |
शिक्षा | हाईस्कूल |
पेशा | लेखक, संपादक |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, नाटक, व्यंग्य, बाल साहित्य, अनुवाद आदि। |
भाषा | हिंदी |
उपन्यास | ‘महाकाल’, ‘बूँद और समुद्र’, ‘शतरंज के मोहरे’, ‘सुहाग के नूपुर’, ‘अमृत और विष’ आदि। |
कहानी-संग्रह | ‘वाटिका’, अवशेष, ‘तुलाराम शास्त्री’, ‘आदमी नहीं! नहीं!’, ‘पाँचवाँ दस्ता’ आदि। |
नाटक | ‘युगावतार’, ‘बात की बात’, ‘चंदन वन’, ‘चक्करदार सीढ़ियाँ और अँधेरा’ आदि। |
व्यंग्य | ‘नवाबी मसनद’, ‘सेठ बाँकेमल’, ‘कृपया दाएँ चलिए’ आदि। |
बाल-साहित्य | ‘नटखट चाची’, ‘निंदिया आ जा’, ‘बजरंगी नौरंगी’, ‘बजरंगी पहलवान’, ‘बाल महाभारत’ आदि। |
संपादन | ‘सुनीति’, ‘सिनेमा समाचार’, ‘अल्लाह दे’, ‘चकल्लस’ आदि। |
पुरस्कार | ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’, ‘भारत भारती सम्मान’, ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’, ‘प्रेमचंद पुरस्कार’ आदि। |
निधन | 23 फरवरी, 1990 |
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आगरा के गोकुलपुरा गाँव में हुआ जन्म – Amritlal Nagar Ka Jivan Parichay
हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के गोकुलपुरा गाँव में एक गुजराती ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘राजाराम नागर’ व माता का नाम ‘विद्यावती नागर’ था।
केवल मैट्रिक तक की पढ़ाई
अमृतलाल नागर की प्रारंभिक शिक्षा आगरा के ही एक विद्यालय से हुई। किंतु आर्थिक परिस्थितियां ठीक न होने के कारण वह मैट्रिक के बाद पढ़ाई नहीं कर सके। इसके बाद उन्होंने स्वाध्याय के द्वारा ही हिंदी, अंग्रेजी, बांग्ला, मराठी और गुजराती आदि भाषाओं का ज्ञान प्राप्त किया। वहीं शिक्षा के प्रति विशेष अनुराग होने के कारण उन्होंने साहित्य, इतिहास, पुराण, पुरातत्व, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान आदि विषयों में भी विशेषज्ञता हासिल की।
बचपन में हुई सगाई
अमृतलाल नागर की सगाई बचपन में हो गई थी। जिसके बाद उनका 31 जनवरी 1932 को सुश्री ‘प्रतिभा’ से विवाह हुआ। अपने दांपत्य जीवन में उनकी चार संतानें हुई जिनके नाम हैं, कुमुंद, शरद, (बेटे) अचला और आरती (बेटी)।
विस्तृत रहा कार्य क्षेत्र
अमृतलाल नागर जब किशोरावस्था में प्रवेश कर रहे थे उसी दौरान उनके पिता का देहांत हो गया था। पिता का साया सर से उठ जाने के कारण परिवार के जीविका की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई थी। आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिए अमृतलाल नागर ने वर्ष 1935 में लखनऊ की एक इंश्योरेंस कंपनी के कार्यालय में डिस्पैचर की नौकरी की। लेकिन अधिकारी से तल्खियां बढ़ने के कारण नौकरी से इस्तीफा दे दिया। नौकरी के साथ साथ अमृत लाल नागर का सहित्य के क्षेत्र भी पर्दापण हो चुका था। उनका पहला कहानी-संग्रह ‘वाटिका’ नाम से वर्ष 1935 में प्रकाशित हुआ था।
वर्ष 1940 में 1947 तक नागर जी ने कोल्हापुर, महाराष्ट्र से प्रकाशित होने वाले पत्र ‘चकल्लस’ का संपादन किया। इसके बाद उन्होंने कुछ वर्षों तक भारतीय फिल्मों में कथा-संवाद लेखन का कार्य किया। बता दें कि भारतीय फिल्मों में डबिंग कला का प्रारंभ उन्होंने ही किया था।
इसके बाद वर्ष 1953 से 1956 तक अमृतलाल नागर ने ‘ऑल इंडिया रेडियो’ (AIR) में ड्रामा प्रोड्यूसर के तौर पर भी कार्य किया। बता दें कि उस समय AIR की सलाहकार मंडल में हिंदी साहित्य के ‘सुमित्रानंदन पंत’, ‘पंडित नरेंद्र शर्मा’ और ‘उदयशंकर भट्ट’ जैसे प्रख्यात साहित्यकार शामिल थे। वहीं भारतीय स्वतंत्रता से पूर्व नए भारत के बदलते परिवेश पर उन्होंने कई कार्यक्रम बनाए। किंतु स्वतंत्र लेखन को प्राथमिकता देने के लिए अमृतलाल नागर ने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और पूर्ण रूप से लेखन कार्य में जुट गए।
अमृतलाल नागर की साहित्यिक रचनाएँ – Amritlal Nagar Ki Rachnaye
अमृतलाल नागर (Amritlal Nagar Biography in Hindi) जी ने आधुनिक हिंदी साहित्य की कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया हैं। इनमें मुख्य रूप से उपन्यास, कहानी, व्यंग्य, बाल साहित्य, अनुवाद और नाटक विधाएँ शामिल हैं। यहाँ अमृतलाल नागर की संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं (Amritlal Nagar Books) के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
उपन्यास – Amritlal Nagar Ke Upanyas
उपन्यास | प्रकाशन |
महाकाल | वर्ष 1947 |
सेठ बांकेमल | वर्ष 1955 |
बूँद और समुंद्र | वर्ष 1956 |
शतरंज के मोहरे | वर्ष 1958 |
सुहाग के नूपुर | वर्ष 1960 |
अमृत और विष | वर्ष 1966 |
सात घूँघट वाला मुखड़ा | वर्ष 1968 |
एकदा नैमिषारण्ये | वर्ष 1968 |
मानस का हंस | वर्ष 1971 |
नाच्यौ बहुत गोपाल | वर्ष 1978 |
खंजन नयन | वर्ष 1981 |
बिखरे तिनके | वर्ष 1982 |
अग्निगर्भा | वर्ष 1983 |
करवट | वर्ष 1985 |
पीढ़ियाँ | वर्ष 1990 |
कहानी-संग्रह
कहानी-संग्रह | प्रकाशन |
वाटिका | वर्ष 1935 |
तुलाराम शास्त्री | वर्ष 1941 |
एटम बम | वर्ष 1956 |
पीपल की परी | वर्ष 1962 |
कालदंड की चोरी | वर्ष 1963 |
मेरी प्रिय कहानियाँ | वर्ष 1970 |
पाँचवाँ दस्ता | वर्ष 1970 |
भारतपुत्र नौरंगीलाल | वर्ष 1971 |
सिकंदर हार गया | वर्ष 1973 |
एक दिल हजार अफ़साने | वर्ष 1986 |
नाटक
नाटक | प्रकाशन |
युगावतार | वर्ष 1956 |
बात की बात | वर्ष 1974 |
चंदन वन | वर्ष 1974 |
चक्करदार सीढ़ियाँ और अँधेरा | वर्ष 1977 |
उतार चढ़ाव | वर्ष 1977 |
नुक्कड़ पार | वर्ष 1981 |
चढ़त न दूजो रंग | वर्ष 1982 |
व्यंग्य
व्यंग्य | प्रकाशन |
नवाबी मसनद | वर्ष 1939 |
सेठ बाँकेमल | वर्ष 1944 |
कृपया दाएँ चलिए | वर्ष 1973 |
हम फिदाए लखनऊ | वर्ष 1973 |
मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ | वर्ष 1985 |
चकल्लस | वर्ष 1986 |
बाल साहित्य
बाल साहित्य | प्रकाशन |
नटखट चाची | वर्ष 1941 |
निंदिया आजा | वर्ष 1950 |
बजरंगी नौरंगी | वर्ष 1969 |
बजरंगी पहलवान | वर्ष 1969 |
इतिहास झरोखे | वर्ष 1970 |
बाल महाभारत | वर्ष 1971 |
बजरंग स्मग्लरों के फंदे में | वर्ष 1972 |
हमारे युग निर्माता | वर्ष 1982 |
छ: युग निर्माता | वर्ष 1982 |
अक्ल बड़ी या भैंस | वर्ष 1982 |
आओ बच्चों नाटक लिखें | वर्ष 1988 |
सतखंडी हवेली का मालिक | वर्ष 1990 |
फूलों की घाटी | वर्ष 1997 |
बाल दिवस की रेल | वर्ष 1997 |
सात भाई चंपा | वर्ष 1998 |
इकलौता लाल | वर्ष 2001 |
साझा | वर्ष 2001 |
सोमू का जन्मदिन | वर्ष 2001 |
शांति निकेतन के संत का बचपन | वर्ष 2001 |
त्रिलोक विजय | वर्ष 2001 |
रेखाचित्र
- नवाबी मसनद – वर्ष 1939
अनुवाद
- बिसाती – वर्ष 1935 मोपासा की कहानियाँ
- प्रेम की प्यास – वर्ष 1937 गुस्ताव फ्लाबेर के उपन्यास ‘मादाम बोवरी’ का संक्षिप भावानुवाद
- काला पुरोहित – वर्ष 1939 आंतोन चेखव की कहानियाँ
- आँखों देखा गदर – वर्ष 1948 विष्णु भट्ट गोडसे की मराठी पुस्तक ‘माझा प्रवास’ का अनुवाद
- दो फक्क्ड़ – वर्ष 1955 कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी के तीन गुजराती नाटक
- सारस्वत – वर्ष 1956 मामा वरेरकर के मराठी नाटक का अनुवाद
संपादन
- सुनीति
- सिनेमा समाचार
- अल्लाह दे
- चकल्लस
- नया साहित्य
- सनीचर
- प्रसाद
पुरस्कार एवं सम्मान
अमृतलाल नागर (Amritlal Nagar Biography in Hindi) को आधुनिक हिंदी साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- पद्म भूषण – (वर्ष 1981 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित)
- साहित्य अकादमी पुरस्कार
- प्रेमचंद पुरस्कार
- भारत भारती सम्मान
- सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार
- अखिल भारतीय वीरसिंह देव पुरस्कार
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार – (उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित)
- नथमल भुवालका पुरस्कार
निधन
अमृतलाल नागर ने हिंदी साहित्य की कई विधाओं में दशकों तक अनेक अनुपम कृतियों का सृजन किया। वहीं ‘मानस के हंस’, ‘नाच्यौ बहुत गोपाल’ उनकी कलजयी कृतियों में से एक मानी जाती हैं। हिंदी साहित्य को समृद्ध करने वाले अमृतलाल नागर का 23 फरवरी 1990 को निधन हो गया। किंतु नागर जी की रचनाओं के लिए उन्हें हिंदी सहित्य जगत में हमेशा याद किया जाता रहेगा।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ समादृत उपन्यासकार-कथाकार अमृतलाल नागर का जीवन परिचय (Amritlal Nagar Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं-
FAQs
अमृतलाल नागर का जन्म 17 अगस्त, 1916 को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के गोकुलपुरा गाँव में हुआ था।
अमृतलाल नागर की माता का नाम विद्यावती नागर व पिता का नाम ‘राजाराम नागर’ था।
अमृतलाल नागर का प्रथम प्रकाशित उपन्यास का नाम महाकाल है, जिसका प्रकाशन वर्ष 1947 में हुआ था।
बता दें कि अमृतलाल नागर को उनके कालजयी उपन्यास ‘अमृत और विष’ के लिए ‘साहित्य अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
अमृतलाल नागर का 23 फरवरी 1990 को निधन हो गया था।
‘बूंद और समुद्र’ उपन्यास का प्रथम प्रकाशन वर्ष 1956 में किताब महल, इलाहाबाद से हुआ था।
शतरंज के मोहरे, अमृतलाल नागर का लोकप्रिय उपन्यास है।
यह अमृतलाल नागर द्वारा रचित उपन्यास है जिसका प्रकाशन वर्ष 1966 में हुआ था।
वर्ष 1981 में प्रकाशित खंजन नयन, उपन्यास महाकवि सूरदास पर आधारित है।
आशा है कि आपको समादृत उपन्यासकार-कथाकार अमृतलाल नागर का जीवन परिचय (Amritlal Nagar Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।